पंजाब की नयी कृषि नीति 31 मार्च तक तैयार होगी : कुलदीप सिंह धालीवाल

  • नयी नीति पंजाब की भौगोलिक स्थिति, मिट्टी की सेहत, फसलों और पानी को प्रमुख्य रख कर होगी तैयार
  • कुदरती कृषि के लिए अलग नीति बनाने का भी किया ऐलान
  • पंजाब की फसलों, पानी और मिट्टी और वातावरण को केंद्र में रख कर अलग-अलग कान्फ्ऱेंसें करने का किया ऐलान

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : 

पंजाब सरकार कृषि की व्यवस्था में सुधार करने के लिए लगातार यत्न कर रही है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुये 31 मार्च, 2023 तक राज्य की नयी कृषि नीति तैयार की जायेगी। यह जानकारी देते हुये पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि नयी कृषि नीति पंजाब की भौगोलिक स्थिति, मिट्टी की सेहत, फसलों और पानी की उपलब्धता को मुख्य रख कर तैयार की जायेगी, जिसके लिए प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिकों, माहिरों और किसान जत्थेबंदियों के साथ सलाह मशवरे किये जा रहे हैं।  

 धालीवाल ने आज पंजाब राज किसान और कृषि श्रमिक आयोग की तरफ से ‘पंजाब का कृषि विकास माडल – कुछ नीतिगत मुद्दे’ विषय पर करवाई गई किसान गोष्ठी के दौरान संबोधन करते हुये कहा कि पिछली सरकारों के ग़ैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण और गलत नीतियों के कारण पंजाब का शुद्ध पानी, शुद्ध हवा और वातावरण और सेहतमंद उपजाऊ भूमि अब दूषित पानी, ज़हरीली हवा और ग़ैर- उपजाऊ भूमि में बदल रही है, जिसको साफ़ नीति और नीयत से बदलने की ज़रूरत है।

कुदरती कृषि के लिए अलग नीति बनाने का ऐलान करते हुये कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि में खादों, रासायनों, नदीन नाशकों और कीटनाशकों के हद से अधिक प्रयोग के कारण लोगों को सेहत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब को पहले वाली स्थिति में लाने के लिए कुदरती कृषि के अपनी आबो-हवा अनुसार काम करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि कृषि सिर्फ़ कृषि नहीं, यह जीवन के साथ जुड़ा हुआ मुद्दा है। उन्होंने कोआपरेटिव प्रणाली को आबाद करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये कहा कि कृषि को ज़रूरत मुताबिक करने की ज़रूरत है।

कृषि मंत्री ने कृषि में आयी असुरक्षा को दूर करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये कहा कि राज्य सरकार कृषि को बचाने की दिशा में सबके सहयोग के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कृषि करने के लिए बड़ी मशीनें खरीदने की जगह छोटी मशीनों का सुयोग्य प्रयोग करना चाहिए, जिससे किसानों की आर्थिकता में भी सुधार होगा। पंजाब की फसलों, पानी और मिट्टी और वातावरण को केंद्र में रख कर अलग-अलग कान्फ्ऱेंसें करने का किया ऐलान करते हुये उन्होंने कहा राज्य सरकार कि कृषि माहिरों और कृषि वैज्ञानिकों और तजुर्बेकार लोगों की मदद से कृषि क्षेत्र को मज़बूत करने का हर संभव यत्न करेगी।

इस कान्फ्ऱेंस के मौके पर कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना के उप-कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल, पंजाब राज किसान और कृषि श्रमिक आयोग के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह, कृषि विभाग के डायरैक्टर डॉ. गुरविन्दर सिंह, डॉ. दविन्दर शर्मा, डॉ. गुरकंवल सिंह, प्रोफ़ैसर बावा सिंह, प्रिंसिपल सुच्चा सिंह, डॉ. कुलदीप सिंह आदि के इलावा श्रमिक किसान यूनियन के नेता स. रविन्द्र सिंह और स. राजिन्दर सिंह, दीप सिंह वाला आदि ने भी संबोधन किया। इस मौके पर कृषि विभाग के सचिव अरशदीप सिंह थिंद के इलावा विभाग के सीनियर अधिकारी भी उपस्थित थे।