सूरतगढ़:अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के बाद पार्षद रोहिताश धानक पर मुकदमा – बड़ी रिपोर्ट

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ – 27 अक्टूबर :

             नगर पालिका सूरतगढ़ के कॉन्ग्रेस बाहुल्य बोर्ड में अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा उपाध्यक्ष सलीम कुरेशी पर आपराधिक मामले दर्ज होने के बाद अब पार्षद रोहिताश पर भी कूट रचित दस्तावेज के आधार पर पार्षद का  चुनाव लड़ने के आरोप में सूरतगढ़ सिटी थाने में प्रकरण दर्ज हुआ है।

             यह प्रकरण अदालत के आदेश के बाद 21 अक्टूबर 2022 को दर्ज हुआ लेकिन इसका विस्फोट रामरमी दिवस के दिन 26 अक्टूबर को हुआ जब जनता को यह मालूम पड़ा।

             रोहिताश पर गंभीर आरोप हैं। सूरतगढ़ नगरपालिका बोर्ड के 2019 में हुए चुनाव में वार्ड नंबर 45 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित था। रोहिताश पर आरोप है कि उसने अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तैयार करवाया और इसके आधार पर चुनाव लड़ा।

             यह प्रमाण पत्र तहसीलदार सादुल शहर के डिजिटल हस्ताक्षर से 31 जुलाई 2014 को जारी होना प्रमाणित है।

             इस जाति प्रमाण पत्र जो डिजिटल है उस पर यह नियम  लिखा हुआ है कि कियोस्क द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर यह प्रमाण पत्र जारी किया गया है।  संबंधित दस्तावेज जारी करने वाले अधिकारी के कार्यालय में निरीक्षण और परीक्षण के लिए मौजूद रहेंगे, लेकिन मुकदमा करने वाले कमलेश मीणा का आरोप है कि वहां पर दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। 

             प्रमाण पत्र पर यह भी लिखा गया वह की ईमित्रा  गवर्नमेंट इन पर ऑनलाइन वेरिफिकेशन सेक्शन में इसका सत्यापन किया जा सकता है। यह भी लिखा हुआ है कि किसी प्रकार का कोई विवाद होने पर प्रमाण पत्र खारिज किया जा सकेगा।

            रोहिताश पुत्र नेकी राम निवासी वार्ड नंबर 9 पुराना और नया वार्ड नंबर 45 पर आरोप है कि वह अनुसूचित जाति धानक का है और उसने चुनाव लड़ने के लिए यह फर्जी दस्तावेज तैयार करवाया। यह भी आरोप है कि रोहिताश ने यह सब जानते बुझते हुए किया। षड्यंत्र रच कर किया और कूटरचित प्रमाण पत्र से चुनाव लड़ा। रोहिताश पर इसलिए भारतीय दंड संहिता की धारा 420 467 468 120 बी में यह मुकदमा दर्ज हुआ है।

              रोहिताश ने अनुसूचित जाति का होने का प्रमाण दे कर के सेठ रामदयाल राठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ते हुए 2 वर्ष तक सन् -93-94 और 94-95 में  छात्रवृत्ति भी प्राप्त की थी। उक्त छात्रवृत्ति बिना प्रमाण पत्र के नहीं दी जाती।स्पष्ट है कि सेठ रामदयाल राठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में रोहिताश ने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र पेश किया था।

            पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद में  शिकायत कर्ता कमलेश मीणा निवासी वार्ड नंबर 2 के बयान भी 26 अक्टूबर को दर्ज कर लिए हैं।

              अब आगे की जांच के अंदर यह खुलासा होगा। पुलिस नियमानुसार जांच को आगे बढ़ाने पर सादुलशहर तहसीलदार के कार्यालय से दस्तावेज प्राप्त करेगी वहां पर दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने पर रोहिताश पर गिरफ्तारी का संकट रहेगा। रोहिताश से पूछताछ की जाएगी कि इसने यह दस्तावेज कहां से बनवाया था। यह बात रोहिताश ही बता सकता है। हो सकता है कि यह e-mitra सूरतगढ़ का हो। यह आगे सब कुछ अनुसंधान का विषय है। फर्जी दस्तावेज बनाने में अभी तो रोहिताश का ही नाम है लेकिन अनुसंधान में हो सकता है कूट रचना करने में सहयोगी रहे अन्य लोग भी मुकदमे में पकड़े जा सकते हैं। 

  • यहां विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि नगर पालिका में किसी न किसी पार्षद पर नित्य नए आरोप लगते रहते हैं। जनता का काम नहीं हो रहा लेकिन भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं।
  • नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा पर आरोप है कि उन्होंने सीवरेज का एक करोड़ 48 लाख रुपए का भुगतान फर्जी तरीके से कर दिया और सरकारी कोष को हानि पहुंचाई। ओमप्रकाश कालवा पर सिटी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। 
  • इसके बाद में उपाध्यक्ष सलीम कुरेशी एक प्लॉट के बिकवाने के  चक्कर में फंस गए। उन पर आरोप है कि उन्होंने ₹6 लाख खुद ने लिए और ₹7 लाख अन्य व्यक्ति को दिलाए। जो प्लॉट बेचा गया था वह नगरपालिका की संपत्ति था। नगरपालिका ने अवैध निर्माण मानते हुए 17 अक्टूबर 2022 को तोड़ भी दिया। 
  • पार्षद रोहिताश तीसरा व्यक्ति है जिस पर मुकदमा हुआ है नगर पालिका में उठापटक आरोप-प्रत्यारोप के चलते हुए यह मुकदमे हुए हैं।

आशंका है कि पालिकाध्यक्ष के आसपास रहने वाले अन्य पार्षदों पर भी गलती होते ही मुकदमा दर्ज की कार्यवाही होगी सभी पर निगाहें है रखी जा रही है ऐसा राजनीति में माना जा रहा है।