दोफाङ नजर आ रहा है वाल्मीकि समाज????

विनोद कुमार तुषावर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 19 सितम्बर

            आने वालीं 09 अक्तूबर को वाल्मिकी जयंती की तैयारियों को लेकर भारत का सबसे बङा समाज वाल्मीकि समाज अब खुलेआम दोफाङ नजर आ रहा है,पिछले कुछ दिनों पहले डोर टू डोर गारबेज कलेकशन सोसायटी की ओर से वाल्मीकि शौभा यात्रा के चेयरमैन रोहताश पप्पी को नियुक्त किया गया है,जिसे लेकर अब पूरी तरह से वाल्मीकि समुदाय दोफाङ नजर आ रहा है,पिछले कई दिनों से पूरे शहर में वाल्मिकी शौभा यात्रा को लेकर जगह जगह मंदिर के प्रधान बनाने की प्रकिया चल रही है जो लगभग पूरी होने वालीं है।

                अब भारतीय वाल्मिकी धर्म समाज भावाधस भी अपनी अलग से शौभा यात्रा निकालने का ऐलान कर चुकी है,सफाई कर्मचारी युनियन के पूर्व प्रधान श्याम लाल घावरी को भावाधस ने अपनी शोभायात्रा का चेयरमैन घोषित किया जा चुका है,इन सबके बीच दरअसल वाल्मीकि समुदाय असमंजस की स्थिति में नजर आ रहा है??? वे समझ ही नहीं पा रहें कि किसके साथ जाएँ किसके साथ ना जाएँ,असल में यह लङाई समाज में अपनी पैठ बनाना है,समाज के दो धङे आमने सामने नजर आ रहें हैं???? एक ऐसा तबका भी है जो राजनीति से ऊपर उठकर भगवान् वालमिकी शौभा यात्रा को सफल बनाकर दिल्ली हाईकमान तक अपनी जय जयकार करवाना चाहतें है ।

                  इनके सबके बीच सामाजिक कार्यकर्ता एवं आरटीआइ एक्टीविस्ट विनोद कुमार तुषावर ने इन दोनों धङो को कटघङे में खङा करतें हुए उनसे यह सवाल किया है कि वाल्मीकि समुदाय प्रत्येक वर्ष भगवान् वालमिकी जयंती का आयोजन करता है, जो कोई भी मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचता है वह लाखों रुपये चंदा देकर जाता है आज तक 30 वर्षो में भगवान् वालमिकी मंदिर की चारदिवारी भी नहीं करवाई जा सकी है ,उनके इस सवाल खङा करनें को लेकर दोनों धङो ने चुप्पी साध ली है,खैर अब तो यह जगजाहिर हो ही चुका है कि भगवान् वालमिकी शौभा यात्रा इस बार भी राजनीतिक पार्टी का शिकार होंने जा रही है???