पंचांग, 26 मई 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज रात्रि 24.39 से पंचक समाप्त हो रहे हैं।
विक्रमी संवत्ः 2079
शक संवत्ः 1944
मासः ज्येष्ठ़
पक्षः कृष्ण
तिथिः एकादशी प्रातः 10.55 तक है
वारः गुरूवार
नक्षत्रः रेवती रात्रि 12.39 तक है
योगः आयुष्मान रात्रि 10.14 तक
करणः बालव
विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक
सूर्य राशिः वृष, चंद्र राशिः मीन
सूर्योदयः 05.29, सूर्यास्तः 07.07 बजे।