पंचांग, 23 मई 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
विक्रमी संवत्ः 2079
शक संवत्ः 1944
मासः ज्येष्ठ़
पक्षः कृष्ण
तिथिः अष्टमी प्रातः 11.35 तक है
वारः सोमवार
नक्षत्रः शतभिषा रात्रि 10.22 तक है
योगः वैधृति रात्रि 01.05 तक
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
करणः कौलव
सूर्य राशिः वृष चंद्र राशिः कुम्भ
, सूर्योदयः 05.30 सूर्यास्तः 07.06 बजे।
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक