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पंचांग, 30 अप्रैल 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज वैशाख अमावस, शनिवारी अमावस है। मेला पिंजौर (हरियाणा)। सूर्य ग्रहण देर रात 12:15 बजे से शुरु होगा और अगली सुबह 04:07 बजे समाप्त हो जाएगा।  आज वैशाख अमावस्या है, ऐसे में सुबह नदी स्नान और दान करने का महत्व है। इस दिन पितरों की पूजा करने, श्राद्ध, तर्पण एवं पिंडदान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।  वैशाख अमावस्या पर दान करने से पुण्य फल प्राप्त होता ह।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः वैशाख़, 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः अमावस  25.58 तक है, 

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः अश्विनी रात्रि 08.13 तक है, 

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

योगः प्रीति अपराहन् 03.19 तक, 

करणः चतुष्पद, 

सूर्य राशिः मेष,  चंद्र राशिः मेष, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 05.45,  सूर्यास्तः 06.52 बजे।