पंचांग 19 मार्च 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज होला मेला (श्री आनन्दपुर व पांओटा साहिब) तथा वसंत उत्सव है। ध्वजरोरण धुलैण्डी है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः चैत्ऱ,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः प्रतिपदा, प्रातः 11.38 तक है,
वारः शनिवार।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः हस्त रात्रि 11.38 तक है,
योगः वृद्धि रात्रि काल 09.00 तक,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः मीन, चंद्र राशिः कन्या,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 06.31, सूर्यास्तः 06.28 बजे।