Panchang

पंचांग 18 मार्च 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज फाल्गुन पूर्णिमा, हालिका पर्व है। होलाष्टक समाप्त तथा श्री चैतन्य महप्रभु जयंती है। हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को ‘चैतन्य महाप्रभु की जयंती’मनाई जाती है। इस साल यह जयंती आज यानी 18 मार्च दिन शुक्रवार को है। चैतन्य महाप्रभु को एक महान आध्यात्मिक महापुरुष माना जाता है। वे भगवान श्री कृष्ण के परम् भक्त थे। बंगाल के नादिया में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे ‘चैतन्य महाप्रभु’ ईश्वर की भक्ति में पाखंड और अंधविश्वास के घोर विरोधी थे। चैतन्य महाप्रभु के जन्म से पहले उनके माता-पिता को 8 बेटियां हुई थीं, लेकिन उनमें से कोई जीवित नहीं रहा । चैतन्य महाप्रभु अपने माता-पिता की 9वीं संतान थे। चैतन्य महाप्रभु का जन्म 18 फरवरी 1486 में हुआ था।

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः फाल्गुऩ, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः पूर्णिमा, दोपहरः 12.48 तक है, 

वारः शुक्रवार।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः उत्तरा फाल्गुनी रात्रि 12.18 तक है, 

योगः अतिगंड, रात्रि काल 11.14 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः मीन,  चंद्र राशिः कन्या, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.32,  सूर्यास्तः 06.27 बजे।