पंचांग 16 फरवरी 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज माघ पूर्णिमा, माघस्नान समाप्त, श्री ललिता जयन्ती है। श्री गुरू रविदास जयन्ती है। माता ललिता को समर्पित यह ललिता जयंती हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस दिन पूरे विधि-विधान से मां ललिता की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार माता ललिता को दस महाविद्याओं में तीसरी महाविद्या माना जाता है। ललिता जयंती पूरे विधि-विधान से किया जाए तो माता ललिता प्रसन्न होती हैं और जातक को जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः माघ़,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः पूर्णिमा रात्रि 10.27 तक है,
वारः बुधवार,
नक्षत्रः आश्लेषा अपराहन् 03.14 तक है।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
योगः शोभन रात्रि काल 08.43 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः कुम्भ चंद्र राशिः कर्क,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 07.03, सूर्यास्तः 06.08 बजे।