सपा और अपना दल (के) में ठनी रार के बीच आया एक और उम्मीदवार!
समाजवादी पार्टी में टिकट के लिए ओवरफ्लो है। अखिलेश यादव सपा और अपना दल के गठबंधन के निर्णय के फैसले पर असहजता का जवाब देंगे। हमारे लिए सबसे बड़ा सवाल हमारे मुद्दों की बात है। अपना दल के पंकज निरंजन ने कहा कि पार्टी के द्वारा घोषित 7 सीटों के अलावा भी अन्य सीटों पर हमारी पूरी तैयारी थी। गठबंधन परिवार में असहजता होने पर भी हम त्याग के लिए तैयार हैं। सूत्रों का कहना है कि अपना दल और समाजवादी पार्टी के बीच प्रयागराज और वाराणसी सीट को लेकर विवाद हुआ है। इस विवाद के बाद अपना दल ने समाजवादी पार्टी को अपनी सीटें लौटा दीं है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, लखनऊ(ब्यूरो) :
उत्तर प्रदेश में जारी विधानसभा चुनाव के बीच अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और कृष्णा पटेल की अपना दल (कमेरावादी) के बीच एक सीट को लेकर सियासी खींचतान देखे को मिल रही है। उत्तर प्रदेश की घोरावल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी और अपना दल (के) के बीच दरार पैदा हो गई है। क्योंकि इस सीट पर न केवल दोनों ने अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं, बल्कि एक और शख्स ने पर्चा खरीदकर हलचल तेज कर दी है।
समाजवादी पार्टी और कृष्णा पटेल की अगुवाई वाले अपना दल (कमेरावादी) के बीच चुनावी गठजोड़ में दरार आ गई है। सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच हुई शनिवार की शाम को हुई बातचीत बेनतीजा रही। इस बातचीत के बाद अद (कमेरावादी) के नेता दूसरे विकल्पों पर भी विचार करने लगे हैं। हालांकि उनकी उम्मीदें अभी सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर टिकी हैं।
अपना दल (कमेरावादी) के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता गगन प्रकाश यादव ने बताया है कि शनिवार की शाम को सपा की तरफ से बातचीत के लिए अधिकृत एमएलसी ठा. उदयवीर सिंह और अद (कमेरावादी) के राष्ट्रीय महासचिव पंकज निरंजन के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत हुई। जिसमें सपा नेता सीटों के बंटवारे को लेकर पूर्व में हुई बातों से पीछे हट गए। गगन प्रकाश का कहना है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
सपा द्वारा दो दिन पूर्व जारी प्रत्याशियों की सूची में प्रयागराज (पश्चिम) से प्रत्याशी की घोषणा कर दिए जाने के बाद से ही बात बिगड़ने लगी थी। अद (कमेरावादी) ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए सपा द्वारा दी गई सभी सीटों को वापस कर दिए जाने की बात कही थी।
पूर्वांचल व बुंदेलखंड में कुर्मी बिरादरी में पैठ है अद (कमेरावादी) की
अद (कमेरावादी) का संगठनात्मक ढांचा पूर्वांचल और बुंदेलखंड में है। वाराणसी और प्रयागराज मंडल में पार्टी के पास ठीकठाक जनाधार है। ऐसी स्थिति में गठबंधन टूटने की स्थिति में इन क्षेत्रों में सपा को कुर्मी मतों को अपने साथ जोड़े रखने में दिक्कतें आ सकती हैं।
बता दें कि बीते 29 जनवरी को अद (कमेरावादी) ने प्रेसवार्ता कर गठबंधन के तहत सात सीटें मिल जाने और कुछ अन्य सीटों के बाद में मिलने की जानकारी दी थी। इन सात सीटों में वाराणसी जिले की पिंडरा और रोहनिया, जौनपुर जिले की मड़ियाहूं, मिर्जापुर जिले की मड़िहान, सोनभद्र जिले की घोरावल, प्रतापगढ़ जिले की सदर सीट तथा प्रयागराज जिले की शहर पश्चिम सीट शामिल थी।