पंचांग 08 फरवरी 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज भीष्माष्टमी है। महाभारत युद्ध में बाणों की शैय्या पर 58 दिन तक लेटे रहने के बाद पितामह भीष्म ने माघ शुक्ल अष्टमी के दिन अपनी देह त्यागी थी। इसलिए इस अष्टमी को भीष्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। भीष्माष्टमी 8 फरवरी 2022 को आ रही है। भीष्माष्टमी पितामह भीष्म के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन उनके निमित्त श्राद्ध-तर्पण आदि किए जाते हैं। इस दिन एकोदिष्ट श्राद्ध भी किया जाता है, अर्थात् जिनके पिता नहीं हैं वो एकोदिष्ट श्राद्ध करते हैं। वैसे कहा जाता है इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए सभी को एकोदिष्ट श्राद्ध करना चाहिए।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः माघ़,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः अष्टमी (तिथि की वृद्धि है जो कि बुधवार को प्रातः 08.31 तक है),
वारः मंगलवार।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः भरणी रात्रि 09.27 तक है,
योगः शुक्ल सांय काल 05.05 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः मकर, चंद्र राशिः मेष,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 07.09, सूर्यास्तः 06.02 बजे।