पंचांग 05 फरवरी 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज श्री वसंत पंचमी, श्री पंचमी, सरस्वती पूजन, वागेश्वरी जयन्ती है। वसंत पंचमी को अलग अलग नामों से जाना जाता है। वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा होती है, इस वजह से इस दिन को सरस्वती पूजा के नाम से भी जानते हैं। मां सरस्वती का दूसरा नाम वागीश्वरी भी है, इसमें वसंत पंचमी को वागीश्वरी जयंती भी कहा जाता है। वसंत पंचमी का एक नाम श्रीपंचमी भी है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः माघ़,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः पंचमी रात्रि 03.47 तक,
वारः शनिवार
नक्षत्रः उत्तराभाद्रपद सांय 04.09 तक है।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
योगः सिद्ध सांय काल 05.41 तक,
करणः बव,
सूर्य राशिः मकर, चंद्र राशिः मीन,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 07.11, सूर्यास्तः 05.59 बजे।