अनर्गल आरोप लगाना समाज में‌ प्रतिष्ठित व्यक्ति के चरित्र हनन के सामान : राठौड़

 कानून सम्मत कार्यवाही करने के सभी प्रकार के विकल्प  सामने खुले  हैं‌

‘पुरनूर’ कोरल, चंडीगढ़/जयपुर :

राजस्थान क्षेत्रीय कार्यवाह  हनुमान सिंह राठौड़ द्वारा जारी  प्रेस विज्ञप्ति मे ए सी बी द्वारा दर्ज प्रकरण और मडिया में‌ आये समाचार जिसमें‌ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक  निम्बाराम  के नाम के ज़िक्र हिने की कड़ी निंदा की  है।

 इसके सम्बन्ध में उन्होंने कहा है कि बी वी जी इंडिया लिमिटेड कंपनी के प्रतिनिधि श् निम्बा राम  के पास प्रताप गौरव केंद्र, उदयपुर में अपने सी एस आर फण्ड द्वा रा सहयोग करने का प्रस्ताव लेकर आये थे |  निम्बा राम  ने

उनसे आग्रह किया था कि वे इस केंद्र का स्वयं‌ दौरा करें‌ और वहां‌ की आवश्यकताओं‌ को समझ कर यदि उचित लगे तो इसमें‌ सहयोग देने का तय करें‌ | प्रताप गौरव केंद्र एक राष्ट्रीय तीर्थ है तथा इसका महत्व इसे देखने पर ही ध्यान में‌ आता है कि देश का गौरव बढ़ा ने के लिए कितनी बड़ी परियोजना पर समाज बंधुओं‌ के सहयोग से काम कर रहे हैं‌ |

 कंपनी के प्रतिनिधियों‌ से इस केंद्र पर जा कर देखने का आग्रह कि या था | कंपनी के प्रति नि धि यों‌ ने दौ रे की ति थि तय की कि न्तु वहां‌ पर गये ही नहीं‌ अतः‌ सी एस आर फण्ड से कि सी राशि या अन्य कि सी भी रूप में‌ सहा यता का प्रश्न ही नहीं‌ उठता |

इसी वर्ष 20 अप्रेल को  निम्बा राम  से कंपनी के प्रतिनिधियों‌ की भेंट या बातचीत हुई वह सामान्य सामाजिक शिष्टाचार के नाते ही थी | क्षेत्र प्रचारक निम्बा राम से समाज क्षेत्र के बहुत से लोग स्वाभाविक ही मिलने आते हैं‌ | उनकी इस सामान्य शिष्टाचार भेंट को राष्ट्रीय स्वयंसेयं सेवक संघ में‌ उनकी भूमिका से जोड़ना निंदनीय है | अलग-अलग समय और सन्दर्भों‌ में‌ की गयी बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग कर, उन्हें‌ जोड़कर राजनीतिक कारणों‌ से उसके अन्य अर्थ लगाए जा रहें‌ हैं‌ | ये तथ्यों‌ से विपरीत हैं‌ और सिर्फ सनसनी फ़ैलाने के लिए जारी किये गए हैं‌ | कानून का पालन करने वाले एक जिम्मेदार नागरिक के नाते निम्बा राम हर तरह की जाँच में‌ सहयोग करने के लिए तैयार हैं‌ |

राजनीतिक निहित स्वार्थों‌ ने तथ्यों‌ को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है,जबकि इस मामले में‌ किसी प्रकार की राशि का कोई आदान प्रदान नहीं‌ हुआ है | इसलिए इसे भ्रष्टा चार से जोड़कर अनर्गल आरोप लगाना समाज में‌ प्रतिष्ठित व्यक्ति के चरित्र हनन के सामान है | वैचारिक द्वेष एवं‌ दुर्भावना से लगाए जा रहे इन झूठे आरोपों‌ एवं‌ लांछनों‌ का  खंडन करते हुए कहा कि   कानून सम्मत कार्यवाही करने के सभी प्रकार के विकल्प उनके सामने खुले हुए हैं‌|