आआपा सांसद संजय सिंह के खिलाफ देशद्रोह की प्राथमिकी दर्ज़
सर्वे में यह सवाल पूछा गया था कि क्या योगी सरकार में सिर्फ ठाकुर समाज के लोगों के काम हो रहे हैं? हां या न में जवाब देना था. आम आदमी पार्टी के अनुसार, 63 फीसदी ने ‘हां’ में जबकि सिर्फ 28 फीसदी लोगों ने ‘न’ में जवाब दिया है. ये ध्यान देने वाली बात है कि सर्वे में यह नहीं पूछा गया था कि योगी सरकार जातिवादी है या नहीं, बल्कि सवाल ये था कि क्या योगी सरकार में ठाकुर समाज के लोगों के ही काम हो रहे हैं?
लखनऊ, उप्र (ब्यूरो):
उत्तर प्रदेश में जातिगत आधार सर्वे कराने को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में राजद्रोह की धारा जोड़ने के बाद लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली पुलिस ने उन्हें 20 सितंबर (रविवार) को 11 बजे हाजिर होने का नोटिस भेजा है.
दरअसल, जाति के आधार पर लोगों को की गई फोन कॉल्स को लेकर हजरतगंज कोतवाली में संजय सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई थी. लखनऊ पुलिस के अनुसार, गुरुवार को आआपा सांसद संजय सिंह के नई दिल्ली के नार्थ एवेन्यू स्थित आवास के पते पर नोटिस सर्व करा दिया गया है. अगर वे उपस्थित नहीं होते हैं तो पुलिस दंडात्मक कार्रवाई करेगी.
जातिगत सर्वे का है मामला
पिछले दिनों लखनऊ समेत कई जिलों में लोगों को फोन कॉल करके जातिगत सर्वे कराया गया था, जिससे हड़कंप मच गया था. बाद में संजय सिंह ने अपनी पार्टी की तरफ से सर्वे कराने की जिम्मेदारी ली थी. शासन के आदेश पर संजय सिंह के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. अब इसी मामले में गुरुवार को राजद्रोह की धारा के साथ 41ए जोड़कर समन जारी किया गया है, जिसमें पुलिस ने संजय सिंह को 20 सितंबर को पेशी पर बुलाया है.
पिछले दिनों जारी किए थे आंकड़े
बता दें पिछले दिनों यूपी प्रभारी संजय सिंह ने जातिगत सर्वे के नतीजे जारी किए थे. उन्होंने बताया कि 68 हजार लोगों को फोन करके ये सर्वे किया गया था. सर्वे के नतीजों में यह दावा किया गया है कि 63 फीसदी लोगों ने यह माना है कि योगी सरकार जातिवादी है, जबकि 28 फीसदी लोग ऐसा नहीं मानते हैं. 9 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी कोई राय जाहिर नहीं की है.
पुलिस के दबाव में बंद हुआ सर्वे
आम आदमी पार्टी के दिल्ली के तिमारपुर से विधायक दिलीप पांडेय ने बताया था कि सर्वे अब बन्द किया जा चुका है, क्योंकि यूपी पुलिस ने एजेंसी के लोगों की धर पकड़ शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि यूपी के लगभग हर हिस्से में लोगों को फोन किये गये हैं, जिससे कोई भी क्षेत्र छूटे नहीं. उन्होंने कहा कि यदि पुलिस ने इसे रोका न होता तो वे इसे और भी बड़े स्केल पर करना चाह रहे थे.
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