“मंगला” ने मासिक धर्म के प्रति महिलाओं को जागरूक किया
आज दिनाँक 28 मई को अंतराष्ट्रीय मासिक धर्म स्वच्छता दिवस की पर अंकित धारीवाल मेमोरियल ट्रस्ट के अधीन किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम !! मंगला !! के अधीन ब्रेक दी टैबू -चुप्पी तोड़ो # सार्वजनिक परिचर्चा का आयोजन सेक्टर 49 चंडीगढ़ के निम्न आय श्रेणी आवास परिसर में किया गया जिस में mrs पंजॉब ब्यूटी कांटेस्ट की विजेता गुरलीन कौर पुरी विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुई ।
इस कार्यक्रम में 125 महिलाओं व युवतियों ने हिस्सा लिया और ट्रस्ट के सदस्यों ने महिलाओं को जागरूक किया व सेनेटरी पैड्स बांट कर महिलाओं को स्वच्छता मिशन से जोड़ा ।पोस्टर व स्लोगन के माध्यम से मासिक धर्म प्रक्रिया से जुड़ी भ्रांतियों पर चर्चा कर उन्हें ज्ञान दिया गया ।कार्यक्रम की संचालक मंगला परियोजना की समन्वयक व अंकित धारीवाल मेमोरियल ट्रस्ट की महासचिव अधिवक्ता रिम्पल सोही ने बताया कि हम अन्तराष्ट्रीय वाश यूनाइटेड द्वारा चलाये जा रहे विश्व स्तरीय कैमपेन का हिस्सा है और आज हम किशोरी स्वास्थ्य पर चर्चा करने के लिए यहां इक्कट्ठे हुए है ।
आज भी 99 प्रतिशत महिलाएं पारंपरिक समय से स्थापित गैर जरूरी धारणाओं व अवैज्ञानिक विश्वास से जुड़ी हुई है और यही अभयास करती है ।जो आने वाली पीढ़ी के लिए हानिकारक है ।मासिक धर्म एक जैविक प्रक्रिया है जिसके लिए शर्म का अनुभव नही करना चाहिए ।और आज भी युवतियां गंदी व हानिकारक प्रबंधन का अभ्यास कर रही है ।इस विषय को सदियों इतना गुप्त रखा गया है कि कभी खुल कर चर्चा नही हुई ।
मंगला की सरंक्षक श्रीमती नीलम खोखा ने कहा कि महिलाओं की की प्रजनन क्षमता ही उसका सबसे सामाजिक सम्मान होता है किंतु स्त्री के ही प्रजनन सेहत के बारे में इतनी निजता व वर्जनाएं है कि युवतियां अपनी सेहत संबंधी समस्या भी नही कह पाती है ।मासिक धर्म को गंदा कह कर गंदे कपड़ो से ही महीने का प्रबंध किया जाता है ।आज जरूरत है उन युवतियों व माओं तक पंहुचने की जिन्हें वैज्ञानिक तौर पर जागरुक करने की जरूरत है और मंगला कार्यक्रम में इन सभी पहलुओं को छुआ जाएगा।आज के कार्यक्रम में महिलाओं ने शर्म और हिचक को तजते हुए अपने पहले मासिक धर्म का अनुभव सांझा किया कि किस प्रकार के ज्ञान के अभाव में उन्होंने बहुत बचकानी हरकते की थी और हंसी का पात्र बनी ।अधिकतर महिलाओं ने प्रथम रज दर्शन को चोट समझा और रोना धोना शुरू किया ।आज के जागरुकता कार्य्रकम में सुनीता धारीवाल में मासिक धर्म की जैविक प्रक्रिया व उसकी वैज्ञानिक समझ पर बात की ।वहीं सोनिमा सत्य से हाथ धोने और अंतः वस्त्र की साफ सफाई व रिम्पल ने पर्यावरण को किस तरह साफ रखना है और भ्रांतियों से दूर रहना है बताया ।आज के कार्यक्रम की मुख्य संयोजक अधिवक्ता मीनाक्षी चौधरी ने महिलाओं व प्रशिक्षकों का स्वागत किया और बताया कि वे कालोनी में इस प्रकार के कार्यक्रम करती रहेंगी जिस से महिलाओं को लाभ हो सके ।उन्होंने तृसट के सभी सदस्यों का स्वागत किया ।कार्यक्रम का मंच संचालन …ने किया
कार्यक्रम में मंजली सहारन
, ,पायल ,मुस्कान , वर्मा , महिलाओं ने भाग लिया ।महिलाओं ने पोस्टर दिखाते हुए स्वच्छ्ता व सेहत जरुरी का संदेश दिया ।
श्रीमती सुनीता धारीवाल ने भी बताया कि संस्था द्वारा अब तक 15 हजार युवतियों को इस कार्यक्रम के जोड़ा गया है ।और इस वर्ष में भी 10 हजार युवतियों तक पंहुचने का लक्ष्य है
गुरमीत कौर सोही ने भी महिलाओं की समस्याओं पर अपने विचार रखते हुए समाधानों की चर्चा की
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