इस साल सुरक्षा बलों की सबसे बड़ी कामयाबी हिज्बुल मुजाहिदीन के ऑपरेशन चीफ रहे रियाज नायकू के सफाए को माना जा रहा है. जनवरी से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने व्यापक अभियान चलाकर आतंकी संगठनों की कमर तोड़ दी है.

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले का त्राल अब हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों से पूरी तरह मुक्त हो गया है। त्राल में सक्रिय हिजबुल के अंतिम तीन आतंकी भी शुक्रवार (जून 26, 2020) की सुबह मारे गए।

कश्मीर में बीते तीन दशकों से जारी आतंकी हिसा के दौर में यह पहला मौका है, जब त्राल हिजबुल के आतंकियों से पूरी तरह खाली हो गया है। घाटी में आतंकी हिसा को नया रुख देने वाला हिजबुल का पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी और अलकायदा से जुड़े अंसार गजवा उल हिंद का कमांडर जाकिर मूसा त्राल का ही रहने वाला था।

पुलिस की ओर से यह ऐलान शुक्रवार सुबह दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में त्राल के चेवा उलार इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन स्थानीय आतंकियों के मारे जाने के बाद किया गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दावा किया कि यह एक बड़ी उपलब्धि है कि दशकों के बाद क्षेत्र में हिज्बुल मुजाहिद्दीन की कोई उपस्थिति नहीं है।

कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने शुक्रवार को कहा, ‘‘आज के सफल अभियान के बाद, त्राल क्षेत्र में अब हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों की मौजूदगी नहीं है। यह 1989 के बाद पहली बार हुआ है।’’ उन्होंने कहा,” त्राल जिसे कभी आतंकवाद का हॉट बेड माना जाता था, वहाँ अब आधा दर्जन से अधिक स्थानीय आतंकवादी सक्रिय हैं, लेकिन हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन से कोई नहीं बचा है।”

बता दें कि कश्मीर में आतंकवाद फैलने के बाद यहाँ हिजबुल मुजाहिदीन का दबदबा था। घाटी में उसके कई हजार कैडर थे। 

गौरतलब है कि गुरुवार (जून 25, 2020) शाम को त्राल स्थित अवंतिपोरा इलाके में 2-3 आतंकियों के होने की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर एसओजी और सीआरपीएफ की टीम ने अभियान शुरू किया।

इस बीच एक मकान में छिपे आतंकियों ने जवानों पर गोलीबारी कर दी। मुठभेड़ पूरी रात चली और सुबह जाकर सेना को सफलता मिली। इस मुठभेड़ में सेना ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। सेना ने तीनों आतंकियों के पास से हथियार भी बरामद किए थे।

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