सोनिया गांधी काँग्रेस की अन्तरिम अध्यक्ष नियुक्त
कितना भी गिन लो ढाक के 3 पात। जग हँसाई का पात्र बनी कॉंग्रेस ने फिर से अपनी नीति और नीयत साफ कर दी है। पिछले ढाई महीने से कांग्रेस को अपने अध्यक्ष पद के लिए चेहरे की तलाश थी, लेकिन शनिवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया. इसके बाद सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है. मज़ेदार बात यह है की सोनिया राहुल ने इस बैठक में भाग तक नहीं लिया था। बस इस बैठा में प्रियंका वाड्रा रहीं थीं जो अपनी बात रख रहीं थीं। गांधी परिवार से इतर कॉंग्रेस अध्यक्ष की खोज के लिए पिछले कई दिनों से जद्द-ओ-जहद चल रही थी। कांग्रेस ने फैसला लिया है कि जब तक पार्टी को नया अध्यक्ष नहीं मिल जाता, तब तक वह इस पद पर बनी रहेंगी. या यूं कहें कि जब तक राहुल गांधी नहीं मान जाते तब तक सोनिया पुन: कॉंग्रेस कि कमान संभालेंगी
नई दिल्ली: आखिरकार लंबी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस ने अपने अंतरिम अध्यक्ष की खोज पूरी कर ली. सोनिया गांधी को कांग्रेस का नया अंतरिम अध्यक्ष चुना गया है. पिछले ढाई महीने से कांग्रेस को अपने अध्यक्ष पद के लिए चेहरे की तलाश थी, लेकिन शनिवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया. इसके बाद सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, सोनिया गांधी हमारी नई अध्यक्ष होंगी. इससे पहले राहुल गांधी का इस्तीफा कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया. इसके बाद सर्व सम्मति से सोनिया गांधी को अध्यक्ष चुन लिया गया. कांग्रेस ने फैसला लिया है कि जब तक पार्टी को नया अध्यक्ष नहीं मिल जाता, तब तक वह इस पद पर बनी रहेंगी.
कांग्रेस कार्यकारिणी (सीडब्ल्यूसी) की शनिवार की शाम दोबारा हुई बैठक में पार्टी ने सोनिया गांधी को अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया. इसके बाद निवर्तमान कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के इस्तीफे पर प्रस्ताव पारित हुआ. इससे पहले सोनिया गांधी ने 1998 से लेकर 2017 तक कांग्रेस की कमान संभाली थी, जिसके बाद राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था.
राहुल गांधी ने कहा था गांधी परिवार से नहीं होगा अध्यक्ष
राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए कहा था कि इस बार पार्टी का अध्यक्ष नेहरू गांधी परिवार से नहीं होगा. उन्होंने इस रेस से प्रियंका गांधी को भी बाहर कर दिया था. इसके बाद करीब ढाई महीने तक लगातार कांग्रेस अध्यक्ष पद की खोज होती रही, लेकिन अंत में ये खोज सोनिया गांधी पर खत्म हुई.
कांग्रेस ने सर्वसम्मति से 3 प्रस्ताव पारित किए. कांग्रेस मीटिंग में राहुल गांधी ने पार्टी का पक्ष रखा. राहुल गांधी ने गरीब, किसान, अल्पसंख्यकों की आवाज उठाई. वह उनकी आवाज बने. राहुल ने कांग्रेस को नई दिशा दी. वह समाज के हर गरीब के लिए आवाज बने. उम्मीद की नई किरण बनकर उभरे.
इससे पहले जब कांग्रेस की मीटिंग चल रही थी, तभी राहुल गांधी मीटिंग छोड़कर आए और उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, जम्मू-कश्मीर में हालात खराब हैं. वहां पर लोग मारे जा रहे हैं. हमें CWC की मीटिंग रोककर यहां आना पड़ा. इस मामले में प्रधानमंत्री को सामने आकर साफ साफ जवाब देना चाहिए.
राहुल गांधी ने कहा, कश्मीर में हालात बहुत खराब हैं. किसी को कोई आजादी नहीं है. ऐसे में खुद प्रधानमंत्री को सामने आकर पूरी सच्चाई रखनी चाहिए.
सुबह हुई CWC की बैठक में नेताओं के पांच समूह बनाए गए थे, जिन्होंने देश भर के नेताओं की राय जानी. अब इन पांच समूहों की रिपोर्ट CWC में रखी जाएगी. ये भी कहा जा रहा है कि सभी समितियों ने अपनी रिपोर्ट में राहुल गांधी का ही नाम लिया है.
राहुल से की थी इस्तीफा वापस लेने की अपील
इससे पहले राहुल गांधी के उत्तराधिकारी का फैसला करने के लिए शनिवार को हुई कांग्रेस कार्यकारिणी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दौरान राहुल गांधी से इस्तीफे के उनके फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की गई. सीडब्ल्यूसी की ओर से कहा गया कि उनके इस्तीफे पर अंतिम फैसला होना अभी बाकी है. बैठक के बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मीडियाकर्मियों से कहा, “सीडब्ल्यूसी ने सर्वसम्मति से राहुल गांधी से पार्टी का नेतृत्व करने की अपील की है. क्योंकि वह इस समय शीर्ष पद के लिए सबसे बेहतर व्यक्ति हैं. क्योंकि भाजपा की सरकार लोगों के अधिकारों को कमजोर करते हुए लोकतंत्र पर हमले कर रही है.”
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