2019 वृश्चिक राशि का वार्षिक भविष्यफल
इस राशि के जातको के लिए नववर्ष कई पहुओं को सुधारने वाला साबित होगा। अचल सम्पत्ति व भू-जायदाद का लाभ होगा। कैरियर व व्यावसाय के संबंधित क्षेत्रों में इच्छित प्रगति होगी। यद्यपि शनि की साढे़साती का प्रभाव इस राशि के जातकों को शुरू के दिनों में छोटी-छोटी परेशानियां भी दे सकता है। कार्य व व्यापार हेतु अधिक भागदौड़ का क्रम बढ़ सकता है। तद्पश्चात् राशि स्वामी मंगल के गोचर प्रभाव वश वर्ष के मध्य भाग में इस राशि के जातकों को सामाजिक जीवन व कार्य क्षेत्र में प्रतिष्ठा का लाभ होगा। जून के मध्य भाग से उत्तेजना का क्रम अधिक तीव्र हो सकता है। इस वर्ष के अंतिम चरण में जातकों के धन, बल, विवेक की वृद्धि होगी। सेहत संदर्भों में सुधार और पदोन्नति प्राप्ति होगी।
उपायः-इस राशि के जातको को स्वकल्याण हेतु हनुमान प्रभु की, भगवती दुर्गा व सीताराम प्रभु की अर्चना करना व करवाना चाहिए तथा गुरू व ब्राह्ममणों को दान श्रद्धा व विश्वास के साथ देना चाहिए।
2019 में वृश्चिक राशि के लिए ग्रह स्थितियां इस प्रकार रहेंगी
सूर्यः इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी से तृतीय भाव में, 13 फरवरी को चतुर्थ भाव में, 14 मार्च को पंचम भाव में, 14 अप्रैल को षष्ठ भाव में, 15 मई दारा भाव, 15 जून को अष्टम भाव में, 16 जुलाई को धर्म भाव में, 17 अगस्त को कर्म भाव में, 17 सितम्बर को आय भाव में, 17 अक्टूबर को व्यय भाव में, 16 नवम्बर को प्रथम भाव में, 16 दिसम्बर को द्वितीय भाव में संचरण करेगा।
चंद्रः चंद्र की गोचरीय तीव्रता होने के कारण सवा दो नक्षत्रों अर्थात् एक राशि का गोचरीय क्रम लगभग ढ़ाई दिनों में पूर्ण हो जाता है। अतएव चंद्रमा इसी तीव्रता क्रम से राशि चक्र में वर्ष पर्यन्त मेष से मीन पर्यन्त गोचर करेगा।
मंगलः मंगल इस वर्ष 05 फरवरी को षष्ठ भाव में, 22 मार्च को दारा भाव में, 07 मई को अष्टम भाव में, 22 जून को धर्म भाव में, 08 अगस्त को कर्म भाव में, 25 सितम्बर को आय भाव में, 10 नवम्बर को व्यय भाव में, 25 दिसम्बर को प्रथम भाव में संचरण करेंगे।
बुधः 01 जनवरी को द्वितीय भाव में, 20 जनवरी को तृतीय भाव में, 07 फरवरी को चतुर्थ भाव में, 25 फरवरी को पंचम भाव, 03 मई को षष्ठ भाव में, 18 मई को दारा भाव में, 01 जून को अष्टम भाव में, 20 जून को धर्म भाव में, 26 अगस्त को कर्म भाव में, 10 सितम्बर को आय भाव में 29 सितम्बर को व्यय भाव में, 23 अक्टूबर को प्रथम भाव 25 दिसम्बर को द्वितीय भाव में संचरण करेंगे।
गुरूः इस वर्ष गुरू प्रथम भाव में गोचर करते हुए 29 मार्च को द्वितीय भाव 22 अप्रैल को प्रथम भाव में 04 नवम्बर को द्वितीय भाव में संचरण करेंगे।
शुक्रः शुक्र 01 जनवरी को प्रथम भाव में, 29 जनवरी द्वितीय भाव में, 24 फरवरी को तृतीय भाव में 21 मार्च को चतुर्थ भाव में, 15 अप्रैल को पंचम भाव में, 10 मई को षष्ठ भाव में, 04 जून को दारा भाव में, 28 जून को अष्टम भाव में, 23 जुलाई को धर्म भाव में, 16 अगस्त को कर्म भाव में, 09 सितम्बर को आय भाव में, 03 अक्टूबर को व्यय भाव में, 28 अक्टूबर को प्रथम भाव में 21 नवम्बर को द्वितीय भाव में 15 दिसम्बर को तृतीय भाव में संचरण करेंगे।
शनिः शनि वर्ष पर्यन्त द्वितीय भाव में गोचर करेंगे।
राहुः राहु इस वर्ष 06 मार्च तक धर्म भाव इसके पश्चात् अष्टम भाव में संचरण करेगा।
केतुः केतु इस वर्ष 06 मार्च तक तृतीय भाव में इसके पश्चात् द्वितीय भाव में संचरण करेगा।
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