कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने साल 2019 में केंद्र में सत्ता परिवर्तन का दावा किया है।


 नवजीवन अखबार 1919 में महात्मा गांधी ने शुरु किया था।

राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी को हराएंगे और उसे उसकी जगह दिखाएंगे।


चुनाव में बीजेपी को हराना हमारा अंतिम लक्ष्य नहीं है। हमारा अंतिम लक्ष्य किसानों के संकट और रोजगार के संकट को हल करना है। ये शब्द राहुल गांधी ने आज मोहाली में कहे।

राहुल गांधी तीन राज्यों के चुनावों को लेकर आए एग्जिट पोल को लेकर खासे उत्साहित है। उनका कहना है कि चुनाव परिणाम से जो संदेश निकलेगा वह पूरे देश तक पहुंचेगा। वहीं, राहुल ने कहा है कि सदी कोई भी हो किसानों के बिना ये देश आगे नहीं बढ़ सकता है। राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री बोझ मानते हैं।

बीजेपी के विजन में किसान शामिल नहीं हैं। किसानों के बिना, यह देश प्रगति नहीं कर सकता है।’कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि हम जल्द से जल्द बीजेपी और मोदी सरकार को दिल्ली से हटाने जा रहे हैं। राहुल गांधी ने पंजाब के मोहाली में ये बात कही। कांग्रेस अध्यक्ष आज पंजाब में नवजीवन अखबार के रीलॉन्च कार्यक्रम में पहुंचे हैं। इसी मौके पर एक बार फिर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, ‘देशभर में प्रत्येक संस्थान पर हमला किया जा रहा है और कांग्रेस और विपक्ष इन हमलों के खिलाफ है। 2019 में हम दिल्ली से बीजेपी सरकार को हटाने के बाद ही रुकेंगे। जल्दी से जल्दी बीजेपी और मोदी जी की सरकार को हम दिल्ली से हटाने जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट को स्वतंत्र रूप से काम करने की इजाजत नहीं है, राजनीतिक लाभ के लिए सेना का इस्तेमाल किया जाता है। यह सब 2019 में बंद कर दिया जाएगा।’

इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी उपस्थिति रहे। महात्मा गांधी के 150वीं जन्म जयंती के साल के मौके पर नवजीवन को री-लॉन्च किया गया है। राहुल ने यहां एक बार फिर मीडिया की स्वतंत्रता पर बात की। उन्होंने कहा कि मीडिया को बड़े लोगों ने कैप्चर कर रखा है। मीडिया की स्वतंत्रता खत्म हो गई है और ये भारत ही नहीं दुनियाभर में हो रहा है। उन्होंने कहा कि अखबारों से किसान और बेरोजगारी जैसे मुद्दे गायब हैं। रोजगार और किसानों के मुद्दे को हल करना होगा।

राहुल ने कहा, ‘प्रेस के लोगों को निडर होकर सच को सामने रखना चाहिए। चाहे वो कांग्रेस के बारे में ही क्यों न हो, क्योंकि हम आरएसएस नहीं हैं। हम आलोचनाओं को भी स्वीकारते हैं।

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