पीजीआई प्रोफेसर के खिलाफ चलेगा यौन शोषण का मामला

चंडीगढ़:

पीजीआई में तैनात एक प्रोफेसर के खिलाफ यौन शोषण का मामला चलेगा। इसकी मंजूरी शनिवार को केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने दे दी है। ज्ञात रहे पिछले दिनों एक रिसर्च स्कॉलर ने प्रोफेसर पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था, जिसके बाद पीजीआइ ने मामले में कार्रवाई के लिए कमेटी गठित की थी। कमेटी ने प्रो. गौतम को दोषी माना और अपनी रिपोर्ट गवर्निंग बॉडी को भेज दी थी। अब गवर्निंग बॉडी ने यौनशोषण मामले में कार्रवाई को मंजूरी दे दी है।

यह प्रोफेसर पीजीआइ के माइक्रोबायोलॉजी डिपाटमेंट में कार्यरत है। मीटिंग में रिसर्च में प्लेगियारिज्म (रिसर्च वर्क चोरी करना) करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का फैसला लिया गया है। ऐसे डॉक्टरों पर दो साल तक रिसर्च करने पर रोक लगाने के अलावा उन्हें नौकरी से हटाया जा सकता है। पीजीआइ गवर्निंग बॉडी के इस फैसले के बाद पीजीआइ में प्लेगियारिज्म के मामले में फंसे डॉक्टर अब मुसीबत में पड़ सकते हैं।

पीजीआई से कई मुद्दों पर हुई चर्चा
पीजीआई के संबंध में हुई इस बैठक में कई अहम मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। फैसला लिया गया कि जिन डॉक्टर के खिलाफ रिसर्च में धोखाधड़ी का मामला सही पाया जाएगा उन पर एक से दो साल तक रिसर्च पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाएगी। साथ ही ऐसे डॉक्टर रिसर्च गाइड भी नहीं बन सकेंगे। आरोपित डॉक्टरों को भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा। कमेटी ने आरोपित डॉक्टर के 3 से 4 इंक्रीमेंट रोकने का फैसला लिया है। शोध चोरी का मामला अत्यधिक गंभीर होने पर आरोपित डॉक्टर को नौकरी से भी निकाला जा सकता है।

पीजीआई में होंगे नए डाक्टर भर्ती
पीजीआई की गवर्निंग बॉडी बैठक में नए डॉक्टर की भर्ती का मामला भी आया। जानकारी अनुसार बैठक में पीजीआइ के लिए 12 नए डॉक्टर की नियुक्ति को स्वीकृति दे दी गई है। गौरतलब है कि पीजीआइ में मरीजों के बढ़ते बोझ और डॉक्टरों की रिटायरमेंट के कारण डॉक्टर की कमी तेजी से बढ़ रही है। पीजीआइ ने कुछ समय पहले 35 फैकल्टी के लिए इंटरव्यू किए थे। जिसमें से कमेटी ने 12 डॉक्टर की नियुक्ति की मंजूरी दी है। कमेटी ने रायबरेली एम्स के लिए भी 4 डॉक्टर की नियुक्ति को मंजूर कर लिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में गवर्निंग बॉडी के करीब 15 लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें पीजीआइ डायरेक्टर प्रो. जगतराम और यूटी प्रशासक के सलाहकार परिमल राय भी मौजूद थे।

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