Friday, September 12

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 11 अप्रैल 2025

नोटः आज शिव दमनोत्सव है। हिंदू धर्म में भगवान शिव को त्रिदेवों में गिना जाता है। भगवान शिव को कोई रुद्र, कोई भोलेनाथ के नाम से पुकारता है। माना जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों की भक्ति मात्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं,और अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देते है। शिव को उनके शिवलिंग और सरल स्वभाव के कारण ही भोलेनाथ कहा जाता है। वहीं अपने सरल स्वभाव से परे भगवान शिव अपने ‘रौद्र रूप’ और ‘क्रोध’ के लिए भी जाने जाते हैं।

विक्रमी सवत्ः 2082, 

शक संवत्ः 1947, 

मासः चैत्ऱ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः चतुर्दशी रात्रि काल 03.22 तक है, 

वारः शुकवार। 

नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें ।

नक्षत्रः उत्तराफाल्गुनी अपराहन् काल 03.10 तक है, 

योग  ध्र्रुव़ सांय काल 07.45 तक है, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः कन्या, 

राहू कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,

सूर्योदयः 06.04, सूर्यास्तः 06.41 बजे।