Saturday, December 21

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 12 अक्टूबर 2024

नोटः आज श्री महानवमी (बलिदान एवं होम हेतु) तथा विजय दशमी (दशहरा) पर्व है। आज से नवरात्रि समाप्त हो रहे हैं। तथा अपराजिता पूजन एवं शमीवृक्ष पूजन है। एवं आयुध पूजन है। एवं सीमोल्लघंन है। तथा सरस्वती विसर्जन तथा शुक्र वृश्चिक में।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः आश्विनी़ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः नवमी प्रातः काल 10.59 तक है, 

वारः शनिवार।  

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

नक्षत्रः श्रवण रात्रि काल 04.28 तक है, योग वैधृति़ रात्रिः काल 12.22 तक है,  

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः मकर,

 राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,

सूर्योदयः 06.24, सूर्यास्तः 05.50 बजे।