Saturday, March 15

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, पंचांग, 11 मार्च 2025 मार्च 2025

नोटः आज भौम प्रदोष व्रत है। तथा आज सर्वार्थ सिद्धि योग हैं।

सर्वार्थ सिद्धि योग : सर्वार्थसिद्धि योग ऐसा योग है, जिसमें यदि किसी कार्य का आरंभ किया जाए तो उससे विशेष लाभ मिलता है। जब कोई विशेष मुहूर्त नहीं मिलता तब इस योग के साथ में शुभ,लाभ,अमृत की चौघड़िया के समावेश में कार्य करने से सभी प्रकार के कार्यो में सफलता मिलती है। यह योग सोमवार, शुक्रवार को हों तो वस्त्र, आभूषण जैसी वस्तुएं खरीदना चाहिए।

हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष तिथि का व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत की तिथि जब मंगलवार को आती है, तब उसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। भौम प्रदोष व्रत में कथा सुनना व कहना बहुत पुण्यदायी माना जाता है और इस कथा से पूजा भी पूरी होती है। मान्यता है कि भौम प्रदोष व्रत की कथा सुनने व कहने से देवों के देव महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

विक्रमी सवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः फाल्गुऩ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः द्वादशी प्रातः काल 08.15 तक है, 

वारः मंगलवार।

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः आश्लेषा रात्रि काल 02.16 तक है, 

योग अतिगण्ड़ दोपहर काल 01.18 तक है, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः कुम्भ, चन्द्र राशिः कर्क,

राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,

सूर्योदयः 06.39, सूर्यास्तः 06.23 बजे।