Saturday, May 17

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 01 जनवरी 2025

नोटः आज से जनवरी मास ई. सन् प्रारम्भ हो रहा है। जब से दुनिया शुरू हुई तभी से समय का गणित चला आ रहा है। इसे हिंदू धर्म और ज्योतिष में काल गणना कहा जाता है। इसके कैलकुलेशन के हिसाब से आज से दुनिया का 1 अरब 97 करोड़ 29 लाख 40 हजार125वां साल शुरू हो चुका है। इसे हम आज हिंदू नववर्ष के तौर पर मना रहे हैं।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः पौष़ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः द्वितीया रात्रि काल 02.25 तक है, 

वारः बुधवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः उत्तराषाढ़ा रात्रि काल 11.46 तक है, 

योग व्याघात सांय काल 05.06 तक है, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः धनु, चन्द्र राशिः मकर,

राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,

सूर्योदयः 07.18, सूर्यास्तः 05.32 बजे।