पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 12 दिसंबर 2024
नोटः आज अखण्ड़ द्वादशी व्रत तथा सर्वार्थ सिद्धि योग हैं।

अखण्ड़ द्वादशी व्रत : धार्मिक मान्यता है कि अखंड द्वादशी व्रत को करने से भगवान विष्णु का प्रसन्न होते हैं। क्योंकि यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है। इस शुभ दिन पर व्रत करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही परिवार में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग : जब किसी खास दिन कोई विशेष नक्षत्र पड़ता है, तब सर्वार्थ सिद्धि योग बनता है। यह वार और नक्षत्र के मेल से बनता है। सर्वार्थ सिद्धि योग को बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान सभी ग्रह शुभ स्थिति में होते हैं और व्यक्ति को सफलता मिलने में मदद करते हैं। इसलिए, इस योग में कोई भी शुभ काम करना चाहिए।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः मार्गशीर्ष़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वादशी रात्रि काल 10.27 तक है,
वारः गुरूवार।
नोटः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः अश्विनी प्रातः काल 09.53 तक है,
योग परिघ अपराहन् काल 03.23 तक है,
करणः बव,
सूर्य राशिः वृश्चिक, चन्द्र राशिः मेष,
राहू कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.09, सूर्यास्तः 05.21 बजे।