पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 07 दिसंबर 2024
नोटः आज श्री चम्पा षष्ठी व्रत एवं पूजन (महाराष्ट्र) तथा मित्र सप्तमी है।
चंपा षष्ठी का व्रत : यह व्रत भगवान कार्तिकेय के लिए रखा जाता है। चंपा षष्ठी को स्कंद षष्ठी के नाम से जाना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, चंपा षष्ठी व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन रखा जाता है। भगवान कार्तिकेय जी को चंपा पुष्प बेहद प्रिय है। इसलिए इसे चंपा षष्ठी कहा जाता है। स्कंद षष्ठी व्रत मुख्य रूप से दक्षिण भारत के राज्यों में लोकप्रिय है। भगवान कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र हैं।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः मार्गशीर्ष़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः षष्ठी प्रातः काल 11.07 तक है,
वारः शनिवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः धनिष्ठा सांय काल 04.51 तक है,
योग व्याघात प्रातः काल 08.42 तक है,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः वृश्चिक, चन्द्र राशिः कुम्भ,
राहू कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 07.05, सूर्यास्तः 05.20 बजे।