पंचांग, 08 अगस्त 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 08  अगस्त 2024

नोटः वरद चतुर्थी व्रत एवं दूर्वा गणपति व्रत है।

वरद चतुर्थी व्रत : हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार पौष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी या वरद चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। यह चतुर्थी आज यानी 08 अगस्त 2024, गुरुवार को मनाई जा रही है। इस दिन विधि-विधान से श्री गणेश की पूजा करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं।

दूर्वा गणपति व्रत : यह व्रत श्री गणेश को प्रसन्न करने तथा उनकी कृपा पाने के लिए रखा जाता है। चूंकि चतुर्थी श्री गणेश की तिथि होने के कारण इस दिन व्रत-उपवास करके उनका पूजन करने से वे अपने भक्तों पर प्रसन्न होते है।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः श्रावण़ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः चतुर्थी रात्रि काल 12.37 तक है, 

वारः गुरूवार।

नोटः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः उत्तराफाल्गुनी रात्रि काल 11.34 तक, 

योग शिव़ दोपहर काल 12.39 तक है,

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः कर्क, चन्द्र राशिः कन्या,

राहू कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,

सूर्योदयः 05.51, सूर्यास्तः 07.03 बजे।