Saturday, December 7

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 20 मार्च 2024

आमलकी एकादशी

नोटः आमलकी एकादशी व्रत है। हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। आमलकी यानी आंवला को शास्त्रों में उसी प्रकार श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है जैसा नदियों में गंगा को प्राप्त है और देवों में भगवान विष्णु को। आंवले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहती है। हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाता है।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः फाल्गुन, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः एकादशी रात्रि काल 02.23 तक है, 

वारः बुधवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें। सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः कर्क, 

नक्षत्रः पुष्य रात्रि काल 10.38 तक है, 

योगः अतिगण्ड़ सांयः काल 05.00 तक, 

करणः वणिज, 

सूर्योदयः 06.28, सूर्यास्तः 06.29 बजे।

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.28, सूर्यास्तः 06.29 बजे।