- हरियाणा में 2 लोकसभा सीटों पर वैश्य समाज के प्रतिनिधियों को टिकट दें सभी दल: अशोक बुवानीवाला
- हरियाणा में हैं कुल 10 लोकसभा सीट
- सक्रिय भागीदारी को बढ़ाने के लिए 10 मार्च को अंबाला में स्वाभिमान सम्मेलन
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 06 मार्च :
अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने सभी राजनीतिक दलों से मांग की है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में सभी दल हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से दो सीटों पर वैश्य समाज के प्रतिनिधियों को टिकट दें। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद और करनाल सीट पर वैश्य समाज का मजबूत दावा है।
अशोक बुवानीवाला ने कहा कि हरियाणा में राज्यसभा के चुनावों में भी वैश्य समाज की अनदेखी की गई थी, जिस कारण हरियाणा में अब लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर समाज के लोगों को टिकट मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में इसकी शुरुआत कर दी है। अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हरियाणा के बहुत से समाज से जुड़े लोग बहुराष्ट्रीय कंपनियों में ऊंचे पदों पर कार्यरत हैं। समाज के लोग न केवल देश, बल्कि विदेश में भी अपना प्रभाव रखते हैं। ऐसे में वैश्य समाज के लोगों को राजनीति में संपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करना सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों का कर्तव्य बनता है।
अशोक बुवानीवाला ने कहा कि अग्रवाल वैश्य समाज राजनीति में अपनी सक्रिय भागीदारी को बढ़ाने के लिए 10 मार्च को अंबाला में स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, जिसमें राज्य में दो लोकसभा सीटों और 16 विधानसभा सीटों पर प्रमुख रूप से चुनाव लडऩे का बिगुल बजाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैश्य समाज का वर्तमान में बिल्कुल स्पष्ट एजेंडा है कि जो राजनीतिक दल उसे उसका हक देगा वह चुनाव में उसके साथ खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा समेत सभी राजनीतिक दलों को अब वैश्य समाज की अनदेखी करना बंद करना होगा।
अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि हरियाणा में फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, करनाल सीटों पर वैश्य समाज का वोट बैंक अच्छा खासा है। समाज यहां पर किसी भी दल की जीत और हार को सुनिश्चित करने का काम करता है। ऐसे में इन तीन सीटों में से दो सीटों पर समाज के लोगों को टिकट देकर उसे राजनीति में आगे लाने का काम सभी राजनीतिक दलों को करना चाहिए।
अशोक बुवानीवाला ने कहा कि आजादी के आंदोलन से लेकर अतुल्य भारत तक वैश्य समाज का योगदान सभी जातियों के लिए समान रूप से रहा है। आजादी के आंदोलन में समाज के लोगों ने बढ़-चढक़र भाग लिया। आज भी जब हम अतुल्य भारत या विकसित भारत की बात करते हैं तो उसमें सबसे ज्यादा योगदान वैश्य समाज के लोग करते हैं। ऐसे में राजनीति में टिकटों के आवंटन में समाज के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व मिलना ही चाहिए, ताकि समाज राजनीति में आगे आकर भारत को विकसित भारत और भारत को एक बार फिर विश्व गुरु का दर्जा दिलाने में अपना योगदान और ज्यादा कर सके।