प्रशासन गो वंश के प्रति संवेदनहीन

प्रशासन गो वंश के प्रति संवेदनहीन , नहीं की जा रही  जांच

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 28अक्टूबर :

तीन वर्ष पूर्व यानि वर्ष  2020 में 27/28 अक्तूबर को हुई लगभग 75 गायों की मृत्यु को प्रशासन और मनसा देवी श्राइन बोर्ड ने गंभीरता से नहीं लिया,  शायद इसीलिए इस मामले में पुलिस जांच की जरूरत नहीं समझी गई । प्रशासन द्वारा गठित 3 सदस्य जांच समिति की रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया है कि हरे चारे में हाइड्रोजन सायनाइड पाई गई। गायों की मृत्यु हुई किसी बीमारी से नहीं बल्कि जहर से हुई है।

मनसा देवी गोधाम में इतनी तादाद में पशुओं का मरना कोई साधारण बात नहीं मृत पशुओं की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फूड प्वाइजनिंग की पुष्टि हुई इस मुद्दे पर पीएफ़ए की अध्यक्ष मेनका गांधी ने उपायुक्त पंचकूला को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवाने और जांच करने के इसके अतिरिक्त मनसा देवी श्राइन बोर्ड को भी मामले में उचित कदम उठाने के लिए सिफारिश की।

निशू सिंगल( मुख्य अधिकारी जिला परिषद) , राजकुमार( अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पंचकूला), डॉ॰अनिल बनवाला (पशुपालन एवं डेयरी ) की रिपोर्ट के अनुसार पानी चारा रोटी आदि के नमूने लिए गए थे जिन में से चारे में HNC पाया गया ।

रिपोर्ट के अनुसार यह चारा गाँव घडूनां (मोहाली) जगतार सिंह, गाँव जंडपुर (मोहाली )के हरबंस सिंह, खुड्डा लहौरा (चंडीगढ़ )के कुलवंत सिंह और गुरमीत सिंह द्वारा सप्लाई किया जाता है। यह जहरीला पदार्थ भले ही लापरवाही के चलते पशु खुराक में आ गया हो लेकिन कानून आपराधिक मामला दर्ज़ होना जरूरी है। इसी मामले में दुर्गा शक्ति गोरक्षा संगठन के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष देवराज शर्मा ने मुख्यमंत्री हरियाणा और उपायुक्त पंचकूला से अपील की है के चारा सप्लायर्स और ट्रस्ट के सदस्यों पर अपराधिक प्राथमिकी दर्ज कर जांच करवाई जाए और बेजुबान पशुओं इस दर्दनाक मृत्यु के दोषियों पर उचित कार्यवाही की जाए।
इस बाबत जब इस संवाददाता ने उपायुक्त सुशील सारवान से संपर्क करने की कोशिश की तो अन्य प्रशसानिक व्यस्तताओं के चलते वह बात करने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।
आपको बता दें इस गौशाला के सदस्य क्षेत्र के जाने-माने सामाजिक और राजनैतिक व्यक्तित्व है, जिनमें शहर के वर्तमान प्रथम नागरिक भी हैं ।
कुछ स्वरों का कहना है इस मामले में उचित कार्यवाही न होने के पीछे राजनीतिक लीपापोती भी हो सकती।

भगवान बाल्मीकि की जयंती पर अवकाश घोषित होना चाहिए : देवेंदर सिंह    

संसार को सर्वप्रथम प्रभु राम के अस्तित्व से अवगत करने वाले भगवान बाल्मीकि की जयंती पर अवकाश घोषित होना चाहिए : देवेंदर सिंह    

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 28 अक्टूबर :

सप्तसिंधु डॉ. बीआर अंबेडकर स्टडी सर्कल, चण्डीगढ़ के अध्यक्ष देवेंदर सिंह ने आज रामंदरबार फेज-2 में भगवान बाल्मीकि जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह में भगवान बाल्मीकि जी की प्रतिमा पर पुष्पमालाएं अर्पित कर उनकी वंदना की व उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भगवान बाल्मीकि ने रामायण ग्रन्थ की रचना कर संसार को सर्वप्रथम प्रभु राम के अस्तित्व एवं लीलाओं से अवगत कराया था। उन्होंने आगे कहा कि भगवान बाल्मीकि के इस इतने महत्वपूर्ण कार्य के बाद ही श्रीरामचरित मानस की रचना हो पाई व देश-दुनिया में भगवान राम को समर्पित तीन बड़े त्यौहार राम नवमी, दशहरा एवं दीवाली मनाए जाते हैं तथा इन दिनों देशभर में अवकाश भी रहता है परन्तु रामायण ग्रन्थ के रचयिता की जयंती पर अवकाश का कोई प्रावधान नहीं है जोकि बड़े अफ़सोस की बात है। उन्होंने कहा कि वह इस बाबत विभिन्न मंचों से आवाज़ उठाएंगे व सरकार का ध्यान इस और दिला कर छुट्टी घोषित करवाएंगे। 

भगवान की लीलाओं को तर्क छोड़कर भक्ति व विश्वास से सुनना चाहिए : आचार्य श्री हरि जी महाराज

कथा व्यास ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन संगीतमय भजनों द्वारा किया

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 28 अक्टूबर :

श्री राधा माधव सेवा ट्रस्ट, सैक्टर-51 द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा व्यास आचार्य श्री हरि जी महाराज ने आज के प्रवचनों में बताया कि इस धरा धाम पर जब-जब असुरों के अत्याचार बढ़ते हैं, तब-तब प्रभु अवतार लेकर भक्तों को उनके संताप से मुक्त करते हैं। भगवान की लीलाओं को भक्ति व विश्वास से सुनना चाहिए। इसमें तर्क का कोई स्थान नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के अनेक कारणों को सुनाया। उन्होंने कहा कि भगवान की घोषणा है कि जो भी भक्त सब कुछ त्याग कर उनका भजन करते हैं, प्रभु उनकी रक्षा उसी प्रकार करते हैं, जैसे मां अपने बच्चे की रक्षा करती हैं। कथा व्यास ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन संगीतमय भजनों द्वारा किया। कथा उपरान्त आरती कर फल, मक्खन-मिश्री का प्रसाद वितरित किया गया। 

अब भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी के गठन पर टिकी निगाहें

अब भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी के गठन पर टिकी निगाहें , कार्यकर्ताओं – नेताओं में बैचेनी

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 28 अक्टूबर :

बीजेपी चंडीगढ़ के नए अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा की ताजपेशी के बद अब सभी की निगाह नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन पर केंद्रित हो गई है। अभी तक पिछले अध्यक्ष अरुण सूद की ओर से मार्च 2020 में गठित प्रदेश कार्यकारिणी और तमाम प्रकोष्ठ ही अस्तित्व में चल रहे हैं। प्रदेश कार्यकारिणी के गठन का अधिकार अध्यक्ष के हाथों में होता है। जाहिर है कार्यकारिणी में जगह बनाने के लिए नेताओं और कार्यकर्ता जुगात लड़ाने में जुटे हुए हैं। पिछले दिनों सूद के बदले जाने के बाद ही उनके समर्थकों में बैचेनी बढ़ी हुई है। अटकले हैं कि नए अध्यक्ष कार्यकारिणी में बदलाव कर सकते हैं। अब यह नए अध्यक्ष के विवेक पर पूरी तरह से निर्भर करेगा कि वह पिछली कार्यकारिणी में थोड़ा बहुत फेरदबल कर दें या फिर पूरी ही कार्यकारिणी में बदलाव कर दें। वहीं, कार्यकताओं में  खलबली का आलम यह है कि कार्यकर्ता अपना नंबर लगाने के  लिए पार्टी ऑफिस में चक्कर लगाते फिर रहे हैंं। सूत्र बताते हैं कि मल्होत्रा ने फेरबदल की दिशा में पार्टी ऑफिस से जुड़े तंत्र में बदलाव कर आगे के संकेत दे दिए हैं। जाहिर है नए अध्यक्ष के तेवर से विशेषकर सूद समर्थकों में चिंता में आ गए हैं।

सूद के कार्यकाल के दौरान जिलाध्यक्ष से लेकर मंडल अध्यक्ष की तैनाती गई थी, अब देखने वाली बात यह होगी कि मल्होत्रा पूरानी टीम पर ही भरोसा जताते हैं या फिर पूरी टीम की बदल देते हैं।

मेयर चुनाव से लेकर लोक सभा चुनाव के लिए कम समय, कार्यकारिणी का गठन को लेकर स्थिति जल्द स्पष्ट करनी होगी 

वहीं, जनवरी में पहले मेयर चुनाव और उसके बाद लोक सभा चुनाव के लिए थोड़ा ही समय बचा है, ऐसे में प्रदेश कार्यकारिणी के गठन को लेकर स्थिति भी जल्द स्पष्ट करना जरूरी बना हुआ है। प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के बाद ही आगामी चुनावों को लेकर रणनीति तैयार हो सकेगी।

अपने करीबियों को कार्यकारिणी में जगह दिलाने के लिए बड़े नेता कर रहे लॉबिंग 

वहीं, कहा जा रहा है कि अपने  करीबियों को कार्यकारिणी में जगह दिलाने के लिए बड़े नेता लॉबिंग कर रहे हैं। माना जा रहा है किे कार्यकारिणी में किन किन को जगह मिलेगी यह भी संघ से ही तय होगा। शहर में इस वक्त
सांसद किरण खेर, पूर्व सांसद सत्यपाल जैन से लेकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और हिमाचल के सह-प्रभारी संजय टंडन से लेकर सूद का गुट सक्रिय है। अटकलें है कि सभी अपने करीबियों को कार्यकारिणी में जगह दिलाने के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं। देखने वाली बात यह होगी कि इस पूरी कवायद में किस नेता का सिक्का चल पता है। कार्यकारिणी के गठन के बाद पहले ही कई खेमों में बंटी पार्टी में प्रतिक्रिया के तौर पर रूठों को मनाए जाने की खासी मशक्त करनी पड़ सकती है।

अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन का परिवार मिलन कार्यक्रम सम्पन्न

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 28 अक्टूबर :

अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्य अतिथि श्रीमती नीरा बैथवल एवं सचिव रूप अग्रवाल के कोलकाता से चण्डीगढ़ पधारने पर संस्था की चण्डीगढ़ सृजन शाखा द्वारा राजस्थान भवन, सेक्टर 33, चण्डीगढ़ में मारवाड़ी परिवार मिलन प्रोग्राम आयोजित किया गया। अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की चण्डीगढ़ सृजन शाखा की अध्यक्ष प्रेमलता शाह की अध्यक्षता में कार्यक्रम की शुरुआत सचिव प्रभात गुप्ता ने गणेश वंदना से की। मारवाड़ी महिला समाज की बीना रावत, सुशील गुप्ता, संतोष गुप्ता, ने स्वागत गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया। तदुपरांत लता खंडेलवाल, काजल, रेनू रावत आदि व अन्य ने राजस्थानी डांस व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि नीरा बैथवल ने अपने उद्बोधन में कहा कि सभी मारवाड़ी महिला समाज को भी बढ़-चढ़कर कर समाज सेवा के कार्यों में भाग लेना चाहिए जिसमें जरूरतमंद लड़कियों को शिक्षा, शादी, या रोजगार में मदद करना और पर्यावरण संरक्षण इत्यादि कार्यक्रम शामिल हैं। कार्यक्रम में रश्मि ने एंकरिंग की। इस अवसर पर मारवाड़ी महिला समाज से ज्योति अग्रवाल  संतोष रावत, शीला गुप्ता, गीता, सीमा, अनीता, अंजू गर्ग, संगीता, वंदना,मधु रावत, एवं माहेश्वरी परिवार, खंडेलवाल परिवार के सदस्य सम्मिलित हुए।

लिंग्याज विद्यापीठ में मृत्युपूर्व घोषणा की प्रासंगिकता और स्वीकार्यता पर राष्ट्रीय वेबिनार हुआ आयोजित

मौत की आशंका से वही मानवीय भावनाएं पैदा होती हैं जो शपथ के तहत कर्तव्यनिष्ठ और निर्दाेष व्यक्ति में होती हैः दुर्गेन्द्र सिंह राजपूत

संदीप सैंडी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़–28अक्टूबर :

लिंग्याज विद्यापीठ डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ लॉ की ओर से भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के तहत मृत्युपूर्व घोषणा की प्रासंगिकता और स्वीकार्यता पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया। हेड ऑफ द स्कूल प्रोफेसर (डॉ.) मोनिका रस्तोगी ने बताया कि यह कार्यक्रम यूनिवर्सिटी चांसलर डॉ. पिचेश्वर गड्ढे, और प्रो चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) एम.के. सोनी के दिशा निर्देशन में करवाया गया कार्यक्रम संयोजिका मोहिनी तनेजा ने बताया कि इस मौके पर आईआईएमटी कॉलेज ऑफ लॉ, ग्रेटर नोएडा के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट दुर्गेन्द्र सिंह राजपूत मुख्यवक्ता के रूप में उपस्थित रहे। जिन्होंने मृत्युपूर्व घोषणा की अवधारणा और उन्हें रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि मृत्यु पूर्व दिए गए बयान को इस आधार पर साक्ष्य के रूप में स्वीकार किया जाता है कि मौत की आशंका से वही मानवीय भावनाएं पैदा होती हैं जो शपथ के तहत कर्तव्यनिष्ठ और निर्दाेष व्यक्ति में होती हैं। उन्होंने बताया कि यह एक बयान है जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु से पहले के अंतिम शब्द शामिल होते हैं जिन्हें सत्य माना जाता है, और यह किसी भी उद्देश्य या द्वेष से प्रेरित नहीं होता है। इसलिए मृत्यु पूर्व बयान आवश्यकता के सिद्धांत पर साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य है क्योंकि इसमें निर्माता के जीवित रहने की बहुत कम उम्मीद होती है, और यदि विश्वसनीय पाया जाता है, तो यह निश्चित रूप से सजा का आधार बन सकता है। इस वेबिनार में देश के विभिन्न राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, बिहार, हिमाचल प्रदेश और पंजाब से करीब 139 प्रतिभागियों ने इसमें भाग लिया। राष्ट्रीय स्तर पर हुए वेबिनार की सफलता पर रेजिस्ट्रार प्रेम कुमार सलवान और एकेडमिक डीन प्रोफ़ेसर (डॉ.) सीमा बुशरा ने विभाग के सभी स्टाफ सदस्यों को बधाई दी और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम करवाते रहने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में स्वेक्षा, विवेक, शिवेंद्र, शिल्पा, रूचि और डॉ. सुरेश नगर का योगदान महत्वपूर्ण रहा। 

शरद पूर्णिमा पर फाउंडेशन ने लगाया भंडारा

संसार का सबसे बड़ा दान अन्नदान : अमिताभ रूंगटा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 28 अक्टूबर :

सार में सबसे बड़ा दान अन्न दान होता है। अन्न से ही यह संसार बना है और अन्न से इसका पालन पोषण हो रहा है। अन्न से शरीर और आत्मा दोनों की ही संतुष्टि होती हैं। इसलिए अन्न दान सभी प्रकार के दानों से उत्तम है। यह बात समाजसेवी व श्री श्याम करुणा फाउंडेशन के संचालक अमिताभ रूंगटा ने फाउंडेशन के 83 वे भंडारे के आयोजन पर कही।

फाउंडेशन द्वारा यहां शरद पूर्णिमा के उपलक्ष पर  भंडारा लगाया गया, साथ ही लोगों को अन्न दान करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। 
रूंगटा ने बताया कि भंडारा आयोजित करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और साथ ही इससे गरीब व जरूरतमंद लोगों की सहायता भी होती है।

इस भंडारे में अमिताभ रुंगटा के साथ अनुपमा रूंगटा, चैतन्य रूंगटा, प्रगति रूंगटा, दीपाली रूंगटा, अभिषेक सैनी , सुरेश जांगरा, निधि संधु, अजय सेन, सोनम, सुशांत ,गणेश, राजू, अमर, सुनील, सीमा अवदेश व अन्य उपस्थित थे, जिन्होंने भंडारे में बढ़ चढ़ कर अपना सहयोग दिया।

मलेरकोटला राज महल की जर्जर हालत को ठीक कर इसे भव्य म्यूजियम का रूप दें पंजाब सरकार : वीरेश शांडिल्य    

  • छोटे साहिबजादों को बचाने के लिए हाँ का नारा लगाने वाले राज परिवार की बेगम को वीरेश शांडिल्य ने दिया कंधा व अंतिम विदाई
  • शेर मुहम्मद परिवार ने छोटे साहिबजादों के लिए हाँ का नारा लगा दिया था भाईचारे व इंसानियत का संदेश : शांडिल्य

डेमोक्रेटिक फ्रंट, अम्बाला  – 28 अक्टूबर :

देश-विदेश में भाईचारे के संदेश के साथ सनातन को मजबूत कर रहे विश्व हिन्दू तख्त के अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख एवं एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य मलेरकोटला के राज महल में पहुंचे जहाँ उन्होंने दश्मेश गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों की शहादत के दौरान हाँ का नारा बुलंद करने वाले मलेरकोटला के नवाब के वंश की आखिरी बेगम मुनव्वर-उन-निसा के निधन के बाद उनके अंतिम दर्शन किए और उन्हें कंधा देकर अंतिम विदाई दी l वह करीब 102 साल की थी । उल्लेखनीय है कि बेगम मुनव्वर उल निसा मलेरकोटला के नवाब शेर मोहम्मद खान के वंश से थीं, जिन्होंने सरहिंद के सूबेदार का कड़ा विरोध किया और दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों की कुर्बानी ने देने के लिए मजबूत आवाज उठाई थी। इस लिए मलेरकोटला के नवाब और उनके वंशज इतिहास में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं । वीरेश शांडिल्य ने कहा शेर मुहम्मद खान ने सन 1705 में छोटे साहिबजादों के लिए हाँ का नारा लगाकर उन्हें दीवारों में ना चुनवाने की मांग जालिम वाजिद खान को की थी जिससे शेर मुहम्मद खान ने इंसानियत एवं भाईचारे का संदेश दिया था । उन्होंने कहा आज उस परिवार के आखरी वंश बेगम मुनव्वर निशा के अंतिम दर्शन कर वह अपने आप को सौभाग्यशाली महसूस कर रहे है । इस मौके पर शांडिल्य के साथ राष्ट्रीय महासचिव बिट्टू जट्ट, राष्ट्रीय सचिव मनीष पासी, एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य, अंकुर जख्मी, राम तीर्थ जैन,मोहम्मद जामिल मौजूद रहे । 

वीरेश शांडिल्य ने कहा उन्हें मलेरकोटला का राज महल की जर्जर हालत देखकर दुःख हुआ । शांडिल्य ने याद दिलाया कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कुछ वर्ष पहले मुनव्वर निशा मिली थी तो उन्होंने कहा था कि जब वह आखरी साँस लें तो वह चाहती है कि उनका राज महल पहले की तरह चमकता रहे और इसी कड़ी में उन्होंने राज महल को पंजाब सरकार को देख-रेख के लिए दे दिया था पर राज महल की हालत दयनीय है । वीरेश शांडिल्य ने विश्व हिन्दू तख्त एवं एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया की ओर से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को मलेरकोटला राज महल की दयनीय हालत को ठीक कर उसे म्यूजियम का रूप देने की मांग की ताकि युवा पीढ़ी इस परिवार के इतिहास को पढ़कर भाईचारा मजबूत करने के प्रति आगे आ सकें l शांडिल्य ने राज महल में राज परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और बेगम मुनव्वर निशा के भांजे टोंक के नवाब अजीज-उल-हक़ को सांत्वना दी और कहा कि वह सदैव उस परिवार के साथ खड़े है । वीरेश शांडिल्य ने बेगम को सुपुर्द-ए-ख़ाक होने के बाद मलेरकोटला के गुरुद्वारा साहिब हाँ का नारा में गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन किए और छोटे साहिबजादों को याद किया । गुरुद्वारा में पहुँचने पर कमेटी ने शांडिल्य को सिरोपा देकर सम्मानित किया ।

सर्वसमाज के लिए पूजनीय है भगवान श्री वाल्मीकि जी : श्याम सुंदर बतरा

सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 28  अक्टूबर :

कोर्डिनेटर जिला काँग्रेस कमेटी एवं पूर्व चेयरमैन जिला परिषद यमुनानगर श्याम सुन्दर बतरा ने सभी प्रदेश वासियों व जिला यमुनानगर वासियों को अपनी तरफ से राष्ट्रीय महासचिव कुमारी सैलजा व काँग्रेस पार्टी की ओर से महर्षि वाल्मीकि जयन्ती की बधाई दी और कहा सामाजिक समानता और सदभावना के उनके उच्च विचार समाज को आज भी दिशा देने का काम कर रहे हैं । उन्होंने  भगवान वाल्मीकि जयन्ती पर कोटि कोटि नमन करते हुए सभी जिलावासियों को बधाई देते हुए कहा कि संस्कृत में आदि महाकाव्य रामायण की रचना करने वाले भगवान वाल्मीकि युगों युगों तक हमारी सभ्यता और संस्कृति की तरह हमारी सांस्कृतिक धरोहर बने रहेंगें । महर्षि वाल्मीकि जी के जन्मोत्सव पर जिले भर में जगह जगह धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किये गए । 

जिले में अलग अलग जगह बतरा ने वाल्मीकि जयन्ती के विभिन्न कार्यक्रमों में हाजरी लगाई। वाल्मीकि जयन्ती के नगर कीर्तन का कोर्डिनेटर जिला काँग्रेस एवं पूर्व चेयरमैन जिला परिषद यमुनानगर श्याम सुन्दर बतरा ने भगत सिंह चौन्क रेलवे स्टेशन रोड पर स्वागत किया । बतरा और उनके साथियों नरेश वाल्मीकि ,जीवनराम वाल्मीकि ने शोभा यात्रा की संगत का दूध और खीर का लंगर लगाकर स्वागत किया गया । शोभा यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने ढोल और डी जे के साथ हिस्सा लिया। बतरा को वाल्मीकि समाज द्वारा मौके पर सम्मानित किया गया । बतरा ने कहा मैं समस्त वाल्मीकि समाज का धन्यवाद करता हूँ । 

इस मौके पर नरेश वाल्मीकि चुन्ना भट्टी , जीवन राम वाल्मीकि , पूर्व सरपंच महिंदर पाल , पूर्व सरपंच गुरदीप सिंह , पंकज शुक्ला , रिंकू मालिमाजरा , युवा काँग्रेस नेता आकाश बतरा , राकेश , प्रवीन , संदीप,दसाती राम , अमन सौदागर ,राजेश काम्बोज , मोहन लाल , रमेश वाल्मीकि , सोमपाल , रविंदर सरपंच , राकेश वाल्मीकि , विशाल , पवन ,रोहित , शुभम , केतन , वीरू आदि मौजूद रहे।

पर्यावरण को समर्पित संगीतमय कार्यक्रम संगम की तैयारियाँ पूरी

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 28 अक्टूबर :

जय मधुसूदन जयश्रीकृष्ण फाउंडेशन, एस. एस. जैन सभा, मोहाली, रीतिका परफ़ॉर्मिंग आर्ट्स सोसाइटी, चण्डीगढ़ तथा महावीर इंटरनेशनल मोहाली केन्द्र के पारस्परिक सहयोग से पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के जागरूकता हेतु चलाए जा रहे संगीतमय कार्यक्रम “संगम” की तैयारी को लेकर जैन स्थानक फ़ेस-6 के सभागार में बैठक संपन्न हुई और कार्यक्रम की तैयारी को अन्तिम रूपरेखा दी गई।कार्यक्रम के संयोजक श्री प्रभुनाथ शाही ने बताया कि पर्यावरण जनजागरूकता अभियान के तहत संगीत और कविता के माध्यम से भी पर्यावरण संरक्षण और संवर्द्धन का संदेश जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है।एस. एस. जैन सभा, मोहाली के प्रधान श्री अशोक जी जैन ने बताया कि कार्यक्रम की तैयारियों की व्यवस्था पूरी हो चुकी है, इसमें आगंतुकों को भोजन के साथ-साथ सप्रेम पौधा भेंट किया जाएगा।संगीतमय कार्यक्रम के संचालक और रीतिका सोसाइटी के प्रवक्ता डॉ अमित गंगानी ने जानकारी दी कि वाद्य संगीत पर्यावरण को बचाने का एक सफल उपक्रम है और संगीत के माध्यम से ही पर्यावरण को बचाने का पूर्ण सहयोग करेंगे।एस. एस. जैन सभा, मोहाली के सचिव श्री सुरेश जी जैन ने सभी को आग्रह किया कि सभी जन पर्यावरण को बचाने हेतु आगे आकर अपना कर्त्तव्य पूरा करें और जैन समाज शुरू से ही इस दिशा में अग्रसर है।