- सर्वेआईपीएसओएस की रिसर्च में सामने आया की प्रीमियम लिकर स्टोर्स के बढऩे से खरीददारों के बर्ताव में बदलाव आ रहा है
- प्रीमियमीकरण के चलते महिलाएं लिकर स्टोर में पहले से ज्यादा संख्या में जा रही हैं
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ – अगस्त 22 :
इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइंस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) ने वैश्विक रिसर्च एजेंसी आईपीएसओएस से एक मार्केट सर्वे कराया जिससे की खरीददारों के अनुभव और आला दर्जे के प्रीमियम शराब स्टोर के प्रति दृष्टिकोण की समीक्षा की जा सके। इस सर्वे में दिलचस्प बातें सामने आईं जो लोगों के शराब खरीदने के बदलते अनुभव के बारे में हैं और यह भी पता लगा की देश के प्रमुख क्षेत्रों में प्रीमियमीकरण में इजाफा हो रहा है।
प्रीमियमीकरण के चलते महिलाएं लिकर स्टोर में पहले से ज्यादा संख्या में जा रही हैं। सर्वे में पता लगा की सामान्य स्टोर के आंगतुकों में महिलाओं की तादाद जहां 2 प्रतिशत है वहीं प्रीमियम स्टोर में यह आंकड़ा 10 प्रतिशत है और वहां जाकर अपना पसंदीदा ब्रांड खरीदती हैं। प्रीमियम स्टोर में जो सुविधा एवं सुरक्षा होती है उसकी वजह से यह वृद्धि हो रही है, महिलाएं खुद को स्वतंत्र अनुभव करती हैं और प्रीमियम ब्रांड्स का जायजा लेते हुए खरीददारी करती हैं।
सुरक्षित व आमंत्रित करता परिवेश पुरुषों व महिलाओं को प्रोत्साहित करता है कि वे प्रीमियम स्टोर में ज्यादा वक्त व्यतीत करें और शॉपिंग का आनंद लें। सर्वे में पता लगा की प्रीमियम स्टोर में 23 प्रतिशत पुरुष किसी के साथ आते हैं और 63 प्रतिशत अकेले, जबकि आम स्टोर पर 27 प्रतिशत पुरुष किसी के साथ व 72 प्रतिशत अकेले आते हैं। दूसरी तरफ, बेहतर परिवेश की वजह से प्रीमियम लिकर स्टोर में 63 प्रतिशत महिलाएं अकेली आती हैं जबकि केवल 37 प्रतिशत किसी के साथ आती हैं। 43 प्रतिशत आगंतुक समूह में आते हैं और लिकर स्टोर में विभिन्न उत्पादों का जायजा एवं अनुभव लेते हैं।
आम शराब स्टोर से अलग प्रीमियम स्टोर ग्राहकों को खूबसूरती से डिजाइन किए गए आउटलेट के भीतर प्रवेश करने देते हैं और वे शैल्फ में रखी शराबों से परिचित होते हुए अपना पसंदीदा पेय खरीद लेते हैं। रिसर्च में पता लगा की 31 से 40 वर्षीय आयु वर्ग के लोग सबसे अधिक प्रयोगशील हैं और यह ब्राउजिग़ ट्रैंड भी उन्हीं की वजह से बढ़ रहा है। 54 प्रतिशत ग्राहक उत्पादों के बारे में पूछताछ करते हैं। समूह में आने वाले ग्राहक ज्यादा ऐक्सप्लोर करते हैं (43 प्रतिशत), अकेले आने वालों के मामले में यह आंकड़ा 29 प्रतिशत है।
यह सर्वे इशारा करता है की जिन ड्रिंक्स में लोग अधिक दिलचस्पी रखते हैं वे हैं- बीयर और रम। नॉन-पीक ऑवर्स में इन्हीं की सबसे अधिक ब्राउजिंग और बातचीत हुई है। सामान्य स्टोर्स के मुकाबले प्रीमियम स्टोर्स में 35 प्रतिशत अधिक खरीददार रिटेलर से बातचीत करते हैं।
प्रीमियम स्टोर बड़ी तादाद में हाई-क्वालिटी और तलाशे जाने वाले उत्पाद पेश करते हैं, इसलिए कोई हैरानी की बात नहीं की सर्वे में पाया की प्रीमियम स्टोर में व्हिस्की (18 प्रतिशत) और बीयर (34 प्रतिशत) की खरीद अधिक होती है, बनिस्बत आम स्टोर के (व्हिस्की 5 प्रतिशत और बीयर 18 प्रतिशत)। आंकड़ों से पता चलता है की प्रीमियम स्टोर पर खरीद में दोगुनी वृद्धि हो रही है, एक खरीद पर महिला ग्राहकों का औसत रु. 702 है तो पुरुषों का रु. 468 है।
जनसांख्यिकीय रुझानों से प्रीमियम लिकर स्टोर्स के बारे में दिलचस्प जानकारियां निकल कर आई हैं। प्रीमियम स्टोर्स पर आने वाले 19 प्रतिशत ग्राहक 41 वर्ष से अधिक आयु के और 14 प्रतिशत 50 वर्ष से ज्यादा के होते हैं। इसकी तुलना में आम स्टोर्स पर 16 प्रतिशत ग्राहक 41 वर्ष एवं 4 प्रतिशत ग्राहक 50 वर्ष से अधिक उम्र के होते हैं। यही रुझान दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, लखनऊ व बैंगलोर में है जहां आम स्टोर के मुकाबले प्रीमियम स्टोर में 40 वर्ष के अधिक उम्र के लोग ज्यादा जाते हैं। इससे संकेत मिलता है की प्रीमियम लिकर स्टोर परिपक्व व सम्पन्न खरीददारों को आकर्षित कर रहे हैं, ऐसे उपभोक्ता ब्रांडों का विश्लेषण कर सकते हैं और शराब खरीदने से पहले जानकारी लेकर फैसला करते हैं।
इस सर्वे के बारे में आईएसडब्ल्यूएआई की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीता कपूर ने कहा, ’’एल्कोहॉलिक बेवरेजिस इंडस्ट्री में प्रीमियम लिकर स्टोर्स के कारण ब्राउजिंग और प्रीमियमीकरण का रुझान आगे बढ़ रहा है और इससे ढ्ढस्ङ्ख्रढ्ढ के संदेश कम पिएं, बेहतर पिएं को बल मिलता है। इस सर्वे से यह साबित होता है की महिलाओं एवं अधिक उम्र के समूहों समेत अब ज्यादा खरीददार प्रीमियम स्टोर्स को तरजीह दे रहे हैं जिसकी वजह है अच्छा अनुभव, दृष्टिकोण, नैविगेशन की आसानी व सुरक्षा। सप्ताह के दिनों एवं नॉन-पीक ऑवर्स में ब्राउज़िंग अधिक होती है क्योंकि ग्राहक आराम से जायज़ा लेकर खरीददारी करते हैं। अनुमान है की भारत में 2018 में शराब का सेवन करने वालों की संख्या जो 29.3 करोड़ थी वह 2030 तक बढ़ कर 38.6 करोड़ हो जाएगी। प्रीमियम स्टोर्स पर ज्यादा व बेहतर वैरायटी तथा प्रयोगशीलता हेतु गुंजाइश व लिकर स्टोर्स के प्रीमियमीकरण के साथ इस क्षेत्र में आगे भी दिलचस्प रुझान आते रहेंगे।’’