जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव-2021 का दूसरा दिन

  • श्रीमदभगवद् गीता पर आधारित संगोष्ठी का किया गया आयोजन
  • संगोष्ठी में वक्ताओं ने श्रीमदभगवद् गीता तथा भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाओं के बारे में व्याख्यान किया व विभिन्न विषयों में गीता के महत्व की दी जानकारी

पंचकूला, 13 दिसंबर :

पंचकूला के सेक्टर 1 स्थित जैनेन्द्र गुरुकुल स्कूल में आयोजित जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव के दूसरे दिन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेक्टर 1 के तत्वावधान में श्रीमदभगवद् गीता पर आधारित संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमे हिंदी व संस्कृत के विद्वानों ने गीता तथा भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाओं के बारे में व्याख्यान किया व विभिन्न विषयों में गीता के महत्व की जानकारी दी।

कार्यक्रम का शुभारंभ परंपरागत दीप प्रज्वल्लन से हुआ। संगोष्ठी के पश्चात उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने संगोष्ठी में आये डॉक्टर राजीव रंजन, श्री राम दिया शास्त्री, श्री प्रकाश तथा श्री जितेंद्र को सम्मानित किया। संगोष्ठी का संचालन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पत्रकारिता एवं संचार विभाग के सहायक प्रोफेसर डाॅ. अनिल कुमार पाण्डेय द्वारा किया गया।
इस अवसर पर डॉक्टर राजीव रंजन ने कहा कि कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को  गीता का दिव्य संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि हम उस महान देश के वासी हैं जिस देश में गंगा , यमुना और सरस्वती बहती हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि ये नदियों भगवान श्री राम और श्री कृष्ण जी के  जन्म की साक्षी बनी है। उन्होंने कहा कि एक ओर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हैं तो दूसरी ओर सभी तरह की कलाओं में निपुण श्री कृष्ण हैं । इस अवसर पर उन्होंने श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गीता उपदेश के बारे में विस्तार से बताया तथा गीता के मार्ग का अनुसरण करने का आह्वान किया।

संगोष्ठी में श्री राम दिया ने गीता मंत्रोच्चारण से अपना संबोधन शुरू करते हुए सभी को गीतामय कर दिया। उन्होंने कहा कि हमें गीता में श्री कृष्ण के द्वारा निःस्वार्थ भाव से अपना कर्म करने और फल की इच्छा न करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि  हमें श्रीमदभगवद् गीता के माध्यम से श्री कृष्ण द्वारा दिये संदेश का अनुसरण करते हुए दूसरों की भलाई कर लिए कार्य करने चाहिए और बदले में किसी  चीज की इच्छा नही करनी चाहिए।

इस अवसर पर राजकीय महाविद्यालय सेक्टर 1 से जितेंद्र ने  विद्यार्थी जीवन में गीता के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गीता के कुछ श्लोकों की सहायता से ही हम अपनी बुद्धि को स्थिर रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि विद्याथी जीवन में स्थिर बुद्धि का बहुत महत्व है और गीता का मार्ग का अनुसरण करते हुए हम अपने जीवन का लक्ष्य के बारे में जान सकते हैं और उसे प्राप्त भी कर सकते हैं।

कुरूक्षेत्र से आये प्रकाश ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि गीता हमें लोकोपकार का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि गीता जयंती न केवल कुरूक्षेत्र और पंचकूला में बल्कि हर  जिला में और जहां-जहां श्रीमदभगवद् गीता का अनुसरण करने वाले रहते हैं, वहां गीता महोत्सव आयोजित कर इस पर्व को मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पवित्र ग्रंथ गीता की भारत में ही नही अपितु विदेशों में भी बहुत मान्यता है। अरस्तु का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि अरस्तु ने सिकंदर से कहा था कि जब वो भारत जाए तो वह उनके लिए श्रीमदभगवद् गीता ले कर आये और एक विद्वान को भी लेकर आये जो गीता के बारे में उन्हें ज्ञान दे सके।

इस अवसर पर एसडीएम श्रीमती ऋचा राठी, महाविद्यालय के अध्यापक तथा काफी संख्या में स्कूलों व महाविद्यालय के छात्र भी उपस्थित थे।