लोक सभा में नागालैंड में हुई हत्याओं पर गृह मंत्री का ब्यान

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मामले को उठाते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जवाब देने की मांग की और संबंधित घटना की पूरी जानकारी मांगी।  विपक्ष के नेता खड़गे ने कहा- हम मांग करते हैं कि संसद के दोनों सदनों में केन्द्रीय गृह मंत्री घटना में बारे में विस्तृत जानकारी दें। ऐसी हम उम्मीद करते हैं। यह एक बेहद ही संवेदनशील मुद्दा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्हें अवश्य यह जवाब देना चाहिए कि क्यों ऐसा हुआ है।  सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह इस मुद्दे पर बयान देंगे। उन्होंने इसे काफी गंभीर मुद्दा बताया। राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

नयी दिल्ली(ब्यूरो), 06 दिसंबर :

गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को संसद के दोनों सदनों में नगालैंड की घटना पर बयान दे रहे हैं। उक्त घटना में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 आम नागरिक मारे गए थे। संसदीय सूत्रों ने बताया कि शाह पहले लोकसभा में और फिर राज्यसभा में बयान दे सकते हैं।

नागालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 13 नागरिकों की मौत और उसके बाद हुई हिंसा में एक सैनिक की मौत के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार (6 दिसंबर, 2021) को संसद में बयान दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना को नागालैंड के मोन जिले के तिजीत क्षेत्र में तिरुगाँव के पास उग्रवादियों की आवाजाही की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर सेना के 21 पैराकमांडो के एक दस्ते ने 4 दिसंबर, 2021 की शाम को संदिग्ध क्षेत्र में घात लगाया।

केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि जहाँ भारतीय सेना मौजूद थी, उसी स्थान पर एक वाहन गुजरा। वाहन को रुकने का इशारा किया गया, लेकिन वो गाड़ी उस जगह से तेजी से निकलने का प्रयास करने लगी। अमित शाह ने बताया कि इस आशंका पर कि वाहन में संदिग्ध विद्रोही जा रहे थे, उस पर गोली चलाई गई और उसमें सवार 8 व्यक्तियों में से 6 की मौत हो गई। अमित शाह ने माना कि बाद में ये ‘गलत पहचान’ का मामला पाया गया और जो दो लोग घायल हुए थे, उन्हें सेना द्वारा ही इलाज हेतु नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया।

अमित शाह ने संसद को बताया, “इस घटना का समाचार मिलने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने सेना की टुकड़ी को घेर लिया, दो वाहनों को जला दिया और उन पर हमला किया। इसके परिणामस्वरूप सुरक्षा बल के एक जवान की मृत्यु हो गई। कई अन्य जवान घायल हो गए। अपनी सुरक्षा में एवं भीड़ को तितर-बितर करने के लिए जवानों को गोली चलानी पड़ी, जिसमें 7 अन्य नागरिकों की मौत हो गई कुछ कुछ अन्य घायल हो गए। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने स्थिति को सामान्य करने के प्रयास किए हैं।”

केंद्रीय गृह मंत्री ने जानकारी दी थी स्थिति अभी भी तनावपूर्ण ही है, लेकिन नियंत्रण में बनी हुई है। उन्होंने बताया कि नागालैंड के पुलिस महानिदेशक और वहाँ के आयुक्त ने घटना के अगले घटनास्थल का दौरा किया। अमित शाह ने तिजीत पुलिस थाने में इस घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है और मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इसे ‘राज्य अपराध पुलिस स्टेशन’ को जाँच के लिए सौंप दिया गया है। साथ ही एक विशेष SIT का भी गठन किया गया है, जिसे निर्देश दिया गया है कि वो एक महीने के भीतर जाँच पूरी करे।

उन्होंने बताया, “उपरोक्त घटना के अगले दिन शाम को लगभग 250 लोगों की उद्वेलित भीड़ ने मोन शहर में ‘असम राइफल्स’ की कंपनी ऑपेरेटिंग बेस ने तोड़फोड़ की और दफ्तर में आग लगा दी, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए ‘असम राइफल्स’ को गोली चलानी पड़ी। इस कारण एक और नागरिक की मृत्यु हो गई और एक घायल हो गए। प्रभावित क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। सेना के 3 कोर मुख्यालय द्वारा एक प्रेस व्यक्तव्य जारी किया गया है।”

बता दें कि इस प्रेस वक्तव्य में भारतीय सेना ने निर्दोष नागरिकों की मौत को लेकर अत्यधिक दुःख व्यक्त किया था। अमित शाह ने इसका जिक्र करते हुए कहा कि सेना इसके कारणों की जाँच उच्च-स्तर पर की जा रही है और कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी। अमित शाह ने बताया कि वो लगातार नागालैंड की सरकार से संपर्क में हैं और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तुरंत पूर्वोत्तर के सचिव को कोहिमा भेजा, जहाँ उन्होंने वहाँ के नेताओं-अधिकारियों के साथ बैठक की।