22 सितंबर को ‘वर्ल्ड कार फ्री डे’ के उपलक्ष में लोगों को पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए किया जायेगा प्रेरित-उपायुक्त विनय प्रताप सिंह

  • पुलिस विभाग द्वारा जिला में 21 व 22 सितंबर को विशेष अभियान चला कर लोगों से कार पूलिंग की की जायेगी अपील-उपायुक्त
  • सभी कर्मचारियों को 22 सितंबर को पैदल, साईकिल, सावर्जनिक परिवहन अथवा कार पूलिंग द्वारा ही कार्यालय आने का किया गया है अनुरोध-उपायुक्त

पंचकूला, 20 सितंबर:

 उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि 22 सितंबर को ‘वर्ल्ड कार फ्री डे’ के उपलक्ष में लोगों को पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए प्रेरित किया जायेगा। इस दिशा में पुलिस विभाग द्वारा जिला में 21 व 22 सितंबर को विशेष अभियान चला कर लोगों से कार पूलिंग की अपील की जायेगी, ताकि ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने के साथ-साथ वातावरण प्रूदषण को भी रोका जा सके। 

विनय प्रताप सिंह आज यहां लघु सचिवालय के सभागार में जिला सड़क सुरक्षा समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर एसडीएम कालका श्री राकेश संधु व जिला परिवहन अधिकारी-कम-आरटीओ श्री अमरेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे। 

विनय प्रताप सिंह ने कहा कि दो दिन चलने वाले इस विशेष अभियान के तहत यदि कोई भी व्यक्ति अकेला कार चलाते पाया जाता है तो पुलिस द्वारा ऐसे व्यक्ति से कार पूलिंग  की अपील की जायेगी ताकि वाहनों का कम से उपयोग हो और पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि जिला में स्थित जिला स्तर के सभी कार्यालय अध्यक्षों के माध्यम से सभी कर्मचारियों को आग्रह किया गया है कि वे 22 सितंबर 2021 को ‘वर्ल्ड कार फ्री डे’  के दिन पैदल, साईकिल, सावर्जनिक परिवहन अथवा कार पूलिंग द्वारा ही कार्यालय में आएं ताकि आम जन को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया जा सके। 

उपायुक्त ने बताया कि इसके अलावा रोड सेफ्टी वालंटियर्स द्वारा ट्रैफिक पुलिस व नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिल कर विशेष रोड सेफ्टी ऑडिट किया जायेगा और शहर में पैदल यात्री पथ (पैडेस्ट्रयन लेन) व साईकल पथ (साईकिल लेन) में किसी भी तरीके व अतिक्रमण व अवरोध को हटाया जायेगा। 

बैठक में विनय प्रताप सिंह ने बताया कि रोड सेफ्टी वालंटियर्स को नवीनतम यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए शीघ्र ही रेडक्रास सोसायटी के माध्यम से एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जायेगा, जिसमें ट्रैफिक पुलिस के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जायेगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत ऐसे रोड सेफ्टी वालंटियर्स ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से स्कूल व कॉलेजों में कैंप आयोजित कर विद्यार्थियों को यातायात नियमों के बारे में जागरूक करेंगे। उन्होंने कहा कि सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत पुलिस, हरियाणा रोडवेज़, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ रोड सेफ्टी वालंटियर्स भी स्कूलों में स्कूली वाहनों के निरीक्षण में अपना सहयोग दें। 

विनय प्रताप सिंह ने हरियाणा रोडवेज के महाप्रबंधक को निर्देश दिये कि वे स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से ड्राईवर्स व कंडक्टर्स के लिए स्वास्थ्य कैंप का आयोजन करें। उन्होंने कहा कि कैंप के दौरान बस चालकों की दृष्टि की जांच करने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाये कि वे वाहन चलाने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ने वाले गांव महेशपुर में सर्विस लेन पर लगने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या का संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे सड़क पर अवैध तरीके से पार्क होने वाले वाहनों का चालान करें ताकि यातायात प्रभावित न हो और लोगों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। इसके अलावा उन्होंने पुलिस को इस दिशा में नजदीकी पार्किंग में गाड़ियों की पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये। 

विनय प्रताप सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा समिति की बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न विभागों में सामंजस्य स्थापित करते हुए सड़क सुरक्षा के साथ-साथ यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाना है।  उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे बैठक में दिये गए निर्देश व रोड सेफ्टी वालंटियर्स के सुझावों पर तत्परता से काम करते हुए समिति की अगली बैठक में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। 

बैठक में पुलिस, नगर निगम, लोक निर्माण, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, रोडवेज़, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ रोड सेफ्टी वालंटियर्स उपस्थित थे।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया

प्रयागराज:

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि का सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया। महंत नरेन्द्र ‍गिरि का यहां बाघंबरी अखाड़े में निधन हुआ। हालांकि मौत के कारणों का अभी खुलासा नहीं हुआ है। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक महंत नरेन्द्र गिरि की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। पुलिस घटनास्‍थल पर पहुंच गई है। पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने कहा कि नरेन्द्र गिरि की मौत के पीछे साजिश हो सकती है। इस बीच, यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।

प्रयागराज से बड़ी खबर आ रही है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी का निधन हो गया है। यहां के बाघंबरी मठ में ही उनकी मौत हो गई है। फिलहाल मृत्यु के कारणों पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है। अधिकारी संदिग्ध मौत बता रहे हैं। मठ पर आवाजाही रोक दी गई है। आला अधिकारी मठ पहुंच रहे हैं। अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि उन्होंने आत्महत्या की है। संदिग्ध परिस्थितियों को देखते हुए प्रशासन पोस्टमार्टम के बारे में विचार कर रहा है। मठ पर फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड को भी बुलाया गया है। 

नरेंद्र गिरी अपने बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहे हैं। कल सुबह ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने उनसे मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि वह लगातार तनाव में रह रहे थे। अपने शिष्य आनंद गिरी से उनका पुराना विवाद भी चल रहा था। पिछले दिनों उन्होंने आनंद गिरी को मठ से अलग कर दिया था। हालांकि बाद में सुलह हो गई थी।

नरेंद्र गिरी के निधन की खबर आते ही संत समाज के साथ ही राजनीतिक दलों में भी शोक की लहर दौड़ गई है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने शोक जताते हुए लिखा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य संत महंत नरेंद्र गिरी जी महाराज के देवलोकगमन की दुःखद सूचना मिली। सनातन धर्म के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले पूज्य स्वामीजी द्वारा समाज के कल्याण में दिए योगदान को सदैव याद किया जाएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।

शिष्य आनंद गिरि से विवादों के कारण भी यह चर्चा में रहे
इससे पहले भी यह विवादों में रहे हैं। इनके शिष्य आनंद गिरि से विवादों के कारण भी यह चर्चा में रहे थे। यह विवाद संपत्ति को लेकर था जिस बाद में एक आला अधिकारी के माध्यम से सुलझा लिया गया था। पुलिस के आला अधिकारी हर तरह से मामले की जांच करने का आश्वासन दे रहे हैं।

फर्जी अकाउंट से कई विवादित ट्विट किए गए थे
अभी कुछ हफ्ते पहले ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नाम से बने फर्जी अकाउंट से कई विवादित ट्विट किए गए थे। इसे लेकर नरेंद्र गिरी ने काफी आश्चर्य जताया था और उन्होंने दारागंज थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया था। 

Chander Mukhi 1

Congress Trying to Mislead People to Garner Votes, says Chander Mukhi Sharma

Chandigarh – 20 september :

Chairman Election Campaign Committee Aam Aadmi Party Chandigarh. Chander Mukhi Sharma lashed out on Pawan Bansal today, by stating his actions to mislead people of Chandigarh.

“Congress party and its leader have completely failed when they were in power at centre and Chandigarh MC but now use misleading comments and crocodile tears to garner the votes in upcoming elections,” says Chander Mukhi Sharma.

Former central minister Pawan Bansal addressed an election programme in Chandigarh and called upon people of the city to elect congress to power. While addressing the party workers and public, he quoted, “We are well aware of the problems faced by the residents”.

Talking about Pawan Bansal’s tenure as a minister and an MP of the Chandigarh, Mr. Chander Mukhi Sharma said, “Pawan Bansal has completely failed in solving the problems of the co-operative societies when in power but now using false propaganda to peddle lies”. 

“Another issue which has been pending since 2009 is the internal maintenance of the societies. They are managing their internal roads, street lights, water supply & sanitation but Pawan Bansal did nothing in-spite of being a minister at that time. In every election he has contested, he promised all these things but fulfilled nothing,” Mr. Sharma added.

In the same event, Chandigarh Congress president Subhash Chawala claimed that they have formed a team to chalk out the problems faced by the society residents and they will make a plan to solve them accordingly.

Expressing concern over Chawla’s comment, the AAP leader said that it shows how the president is unaware of the problems of city residents when he’s been a mayor of Chandigarh. Instead of making committee for this task, he should ask Pawan Bansal to whom people have given multiple representations about issues and he’s already promised to solve them during the MP elections.

International World Bamboo Day Celebration 2021

Chandigarh September 20, 2021

DST-Centre for Policy Research (CPR) at Punjab University, Chandigarh in collaboration with World Bamboo Organization, USA successfully organized a virtual webinar for the celebration of International World Bamboo Day 2021 on September 18 (Saturday). The theme of the webinar was Scope of Skill Development and Entrepreneurship in Bamboo Sector.

Eminent speakers from various national and international organizations shared their thoughts and approach towards proliferating bamboo for sustainable development and consumption in India. Susanne Lucas, the Executive Director, World Bamboo Organization (WBO), USA shared a special message on the bamboo and role of WBO to promote it worldwide.

The prominent experts and speakers for the event were Mr. Sanjeev Karpe, Founder, Director, Konkan, Bamboo and Cane Development Centre, Maharashtra, Dr. Merdelyn, Vice Chancellor, Research and Extension, University of Philippines, Dr. Ajit SIngh Naosekpam, Consultant, South East Asia, Bamcore, Chandigarh; Dr. Santosh Oinam, Scientific Officer, DST-CPR at PU; Dr. Natasha Saini, Assistant Professor, Abhilashi Group of Institutions, Mandi, H.P.; Dr. Harjit Kaur Bajwa, Assistant Professor, Chandigarh University, Mohali. The speakers showcased various technologies, applications and utility of Bamboo. They also deliberated upon the issues on policy perspective in India and emphasized that India can be a leader in the global market. They also deliberated that in coming future, if farmers in India will focus on growing bamboo and commercializing it worldwide, they can contribute to address the economic challenges being faced by Indian farmers. According to Prof. Nirmala Chongtham, the World Bamboo Ambassador from India and Coordinator of DST-CPR at PU, Chandigarh, an agreement has been signed between the WBO and Vietnam government on 18th September to hold the 4th World Bamboo Workshop in Vietnam in 2022.

Research Scholar of Department of Environment Studies, PU, won First prize

Chandigarh September 20, 2021

Nitasha Vig

Nitasha Vig, Ph.D. Research Scholar of Department of Environment Studies, Panjab University, Chandigarh, won First prize for her research paper in Virtual National Conference on Emerging Trends to Heal the Earth and Environment (ETHEE), held on 18th September 2021.  Nitasha Vig presented paper on “Evaluation of heavy metal pollution in groundwater and associated health risk in the proximity of a Coal Thermal Power Plant”. The co-authors of this study also include Dr. Suman Mor, Department of Environment Studies, Panjab University Chandigarh and Dr. Ravindra Khaiwal, Department of Community Medicine and School of Public Health, PGIMER, Chandigarh.  The jury members appreciated the work presented by Nitasha as it included robust statistical analysis and interpretation. She examined the extent and spread of heavy metal pollution in groundwater near a coal power plant. Arsenic and lead pollution were associated with identifiable human health risks, if used for drinking purposes.

Dr. Suman Mor, Chairperson, Department of Environment Studies, Panjab University Chandigarh, congratulated Nitasha for the prize. This conference was jointly organized by saving the Environment (STE), Kolkata and School of Interdisciplinary and Department of Trans-Disciplinary Studies, Indira Gandhi National Open University (IGNOU).

AWARDS TO VOLUNTEERS OF NSS-PU

Chandigarh September 20, 2021

Mohd. Amzad
Ms. Ritika Verma

It is a matter of great pride and honour for Panjab University that two volunteers of NSS-PU, Ms. Ritika Verma of Department of Anthropology, PU and Mohd. Amzad of Post Graduate Govt. College, Sector -11 are to be awarded in virtual ceremony on 24th September, 2021 by Ministry of Youth Affairs and Sports, Government of India.                 

Prof. Ashwani Koul, Programme Coordinator congratulated both the volunteers for the great accomplishment and appreciated them for outstanding performance. Prof. Koul further asked all volunteers to aspire more in life so as to reach these milestones and motivated them to contribute more in dealing with various societal and ecological issues. NSS team of Panjab University is always at forefront and consistently contributing significantly to society in all possible ways.

कॉंग्रेस के पहले दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी 100 दिनों के लिए किसकी कुर्सी संभालेंगे ?

आजादी के बाद से राज्य पर शासन करने वाले 15 मुख्यमंत्रियों में से कोई भी दलित समाज से नहीं हुआ है। 1966 में राज्य के बंटवारे से पहले पंजाब के तीन मुख्यमंत्री हिंदू मूल के थे। उसके बाद से लगभग सभी मुख्यमंत्री (ज्ञानी जेल सिंह को छोड़कर) जट सिख समुदाय से हुए हैं। जो राज्य की आबादी का 19 फीसदी ही है. 1972 से 1977 तक राज्य के सीएम रहे ज्ञानी जैल सिंह ओबीसी समुदाय के रामगढ़िया समूह से ताल्लुक रखते थे।

चरणजीत सिंह चन्नी आज पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री बने। इंका कार्यकाल आने वाले 100 दिनों का होगा।

चंडीगढ़:

पंजाब का सियासी तूफान अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा। चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही सुनील जहद के एक ट्वीट ने हलचल मचा दी है जिसमें जकड़ ने पंजाब मामलों के कांग्रेस प्रभारी को शाब्दिक लताड़ लगाई है। ट्वीट के अनुसार रावत ने म्ख्यमंत्री शपथ से पहले ही मानों च्नावोन की घोषणा कर दी है और मुख्यमंत्री के इतर सिद्धू का महिमा मंडन किया है, जो कि न केवल अंचित है अपितु मुख्यमंत्री कि गरिमा को घटाने वाला भी है।

खूब बात यह है की चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के पीछे केवल सिद्धू -कैप्टन की आपसी कलह है।

कॉंग्रेस पार्टी दावा कर रही है कि उन्होने पंजाब को पहला दलित मुख्यमंत्री दिया है। यह बात अलग है कि यह पद मात्र 100 दिनों के लिए ही है। कॉंग्रेस इसे आगामी चुनावों में शियाद/बसपा, आआपा और भाजपा पर अपनी विजय बता रहे हैं। लेकिन वह इन तीनों दलों कि तरह यह बताने में असमर्थ रहे हैं कि चन्नी ह आगामी चुनावों में पार्टी का चेहरा होंगे। यह पूछने पर कि चुनावों में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा। यहाँ पर कॉंग्रेस मौन हैं।

शपथा समारोह में राहुल गांधी के आने की बात काही जा रही थी। 20 मिनट बाद भी राहुल गांधी की अनुपस्थिति में ही समारोह आरंभ हुआ। और शपथ ग्रहण पूरा होने त राहुल गांधी नहीं पहुंचे थे। बाद में सरकारी वक्तव्य में देरी का कारण महिंद्रा के बदले सोनी के नाम की कवायद को बताया गया। जो भी हो जब राहुल गांधी पहुंचे तब तक नए मुख्य मंत्री अपने दोनों उपमुख्य मंत्रियों के साथ सभागार से बाहर आ चुके थे। राहुल चरते प्लेन से आने के पश्चात भी देर से आए।

आज के इस शपथ समारोह से कैप्टन अमरीनद्र सिंह ने दूरी बनाए राखी। सोनिया गांधी द्वारा कैप्टन का इस्तीफा मांगा जाना कैप्टन को स्पष्ट संकेत था कि अब काँग्रेस में कैप्टन मान्य नहीं हैं। कैप्टन ने भी विधाया दल कि बैठक का बहिष्कार किया। महामहिम गवर्नर को त्यागपत्र सौंपने ए बाद कैप्टन ने पत्रकारों ओ संबोधित कराते हुए आहा था कि वह कॉंग्रेस पार्टी के शीर्ष परिवार से आहत हैं। अत: न्होने कॉंग्रेस पार्टी कि अंदरूनी कलह को विराम देने की कोशिश की।

कैप्टन के त्यागपत्र से सिद्धू का कद पार्टी के भीतर बढ़ गया। कल त श्जिंदर सिंह का नाम म्ख्यमंत्री के तौर पर सामने आ रहा था। सुख्जिंदर सिंह सिद्धू समर्थक उन 40 विधायकों में से थे जिनहोने कैप्टन के खिलाफ अविश्वास जताया था, और उन्हे कल तक उन्हे सिद्धू और शीर्ष परिवार द्वारा मुख्यमंत्री पद की कुर्सी बतौर इनाम दी जा रही थी। लेकिन कल ही उन्होने पुन: कैप्टन में आस्था जाता दी और न्हे अपना राजनाइत्क गुरु तक कह डाला। नतीजा कल ही मुख्यमंत्री के तौर पर चरणजीत चन्नी का नाम आगे ला दिया गया। दलील यह दी गाय की चन्नी दलित हैं।

पंजाब कॉंग्रेस में सिद्धू के बढ़ते कद के कारण ब्रह्म महिंद्रा कैप्टन के बेहद करीबी माने जाने वाले नेता को शपथ समारोह से एन पहले ओपी सोनी के साथ बादल दिया गया। यह भी आलाकमान द्वारा अमरेन्द्र सिंह को दिया गया दूसरा झटका है।

अब चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री के साथ ओपी सोनी और सुख्जिंदर सिंह ने उप मुख्यमंत्री की शपथ ली है। पंजाब में अब सिद्धू समर्थकों की बल्ले बल्ले है।

panchang

पंचांग, 20 सितंबर 2021

पूर्णिमा श्राद्ध को श्राद्धि पूर्णिमा तथा प्रोष्ठपदी पूर्णिमा श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। इस बार श्राद्ध पूर्णिमा सोमवार 20 सितंबर को है। 21 सितंबर को श्राद्ध के दिन शुरू होंगे। पूर्णिमा श्राद्ध भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि को किया जाता है। यह ध्यान देना आवश्यक है कि पूर्णिमा तिथि पर मृत्यु प्राप्त करने वालों के लिए महालय श्राद्ध भी अमावस्या श्राद्ध तिथि पर किया जाता है। भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध पितृ पक्ष से एक दिन पहले पड़ता है, यह पितृ पक्ष का भाग नहीं है। सामान्यत: पितृ पक्ष, भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध के अगले दिन से आरंभ होता है। भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध, जैसे कि पितृ पक्ष श्राद्ध, पार्वण श्राद्ध होते हैं। इन श्राद्धों को सम्पन्न करने के लिए कुतुप, रोहिण आदि मुहूर्त शुभ मुहूर्त माने गए हैं। अपराह्न काल समाप्त होने तक श्राद्ध संबंधी अनुष्ठान सम्पन्न कर लेने चाहिए। श्राद्ध के अंत में तर्पण किया जाता है।

यह भी पढ़ें : कल से पितृ पक्ष होगा आरंभ जानें कौन-सी तिथि को किसका श्राद्ध करने का महत्व है

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः भाद्रपद़, 

पक्षःशुक्ल पक्ष, 

तिथिः पूर्णिमा अरूणोदय काल 05.25 तक है। 

वारः सोमवार, 

नक्षत्रः पूर्वाभाद्रपद रात्रि 04.02 तक हैं, 

योगः शूल अपराहन् काल 03.23 तक, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः कन्या चंद्र राशिः कुम्भ, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.12, सूर्यास्तः 06.16 बजे।

नोटः आज भाद्रपद पूर्णिमा, श्री सत्यनारायण व्रत व पूर्णिमा का श्राद्ध है। प्रोष्ठपदी-महालय श्राद्ध प्रारम्भ।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही, शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

कल से पितृ पक्ष होगा आरंभ जानें कौन-सी तिथि को किसका श्राद्ध करने का महत्व है

पूर्णिमा श्राद्ध को श्राद्धि पूर्णिमा तथा प्रोष्ठपदी पूर्णिमा श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। इस बार श्राद्ध पूर्णिमा सोमवार 20 सितंबर को है। 21 सितंबर को श्राद्ध के दिन शुरू होंगे। पूर्णिमा श्राद्ध भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि को किया जाता है। यह ध्यान देना आवश्यक है कि पूर्णिमा तिथि पर मृत्यु प्राप्त करने वालों के लिए महालय श्राद्ध भी अमावस्या श्राद्ध तिथि पर किया जाता है। भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध पितृ पक्ष से एक दिन पहले पड़ता है, यह पितृ पक्ष का भाग नहीं है। सामान्यत: पितृ पक्ष, भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध के अगले दिन से आरंभ होता है। भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध, जैसे कि पितृ पक्ष श्राद्ध, पार्वण श्राद्ध होते हैं। इन श्राद्धों को सम्पन्न करने के लिए कुतुप, रोहिण आदि मुहूर्त शुभ मुहूर्त माने गए हैं। अपराह्न काल समाप्त होने तक श्राद्ध संबंधी अनुष्ठान सम्पन्न कर लेने चाहिए। श्राद्ध के अंत में तर्पण किया जाता है।

धर्म/संस्कृति डेस्क, चंडीगढ़ :

आइए जानते हैं कौन-सी तिथि को किसका श्राद्ध करने का महत्व है। 

आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक पूरे 16 दिनों तक पूर्वजों का तर्पण किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज किसी न किसी रूप में परिजनों के आसपास विचरणकरते रहते हैं। अत: इन तिथियों पर उनका श्राद्ध कर्म करना आवश्यक हो जाता है।

पूर्णिमा श्राद्धपूर्णिमा को मृत्यु प्राप्त जातकों का श्राद्ध केवल भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा अथवा आश्विन कृष्ण अमावस्या को किया जाता है। इसे प्रोष्ठपदी पूर्णिमा भी कहा जाता हैं। 

पहला श्राद्धजिस भी व्यक्ति की मृत्यु प्रतिपदा तिथि (शुक्ल पक्ष/ कृष्ण पक्ष) के दिन होती है उनका श्राद्ध इसी दिन किया जाता है। प्रतिपदा श्राद्ध पर नाना-नानी के परिवार में कोई श्राद्ध करने वाला नहीं हो और मृत्यु की तिथि ज्ञात न हो तो उनका श्राद्ध प्रतिपदा को किया जाता है।

दूसरा श्राद्ध द्वि‍तीया श्राद्ध में जिस भी व्यक्ति की मृत्यु द्वितीय तिथि (शुक्ल/कृष्ण पक्ष) के दिन होती है, उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है।

तीसरा श्राद्ध जिस भी व्यक्ति की मृत्यु तृतीया तिथि के दिन होती है उनका श्राद्ध तृतीया के किया जाता है। इसे महाभरणी भी कहते हैं।

चौथा श्राद्ध शुक्ल/कृष्ण पक्ष दोनों में से किसी भी चतुर्थी तिथि को जिस भी व्यक्ति की मृत्यु होती है, उनका श्राद्ध चतुर्थ तिथि के दिन किया जाता है।

पांचवां श्राद्ध जिनकी मृत्यु अविवाहित स्थिति में हुई है उनके लिए पंचमी तिथि का श्राद्ध किया जाता है। यह कुंवारों को समर्पित श्राद्ध है।

छठा श्राद्ध षष्ठी तिथि पर जिस भी व्यक्ति की मृत्यु इस दिन होती है उनका श्राद्ध इसी दिन किया जाता है। इसे छठ श्राद्ध भी कहते हैं।

सातवां श्राद्धशुक्ल या कृष्ण किसी भी पक्ष की सप्तमी तिथि को जिस भी व्यक्ति की मृत्यु होती है, उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है।

आठवां श्राद्धयदि निधन पूर्णिमा तिथि को हुई हो तो उनका श्राद्ध अष्टमी, द्वादशी या पितृमोक्ष अमावस्या को किया जा सकता है।

नवमी श्राद्धयदि माता की मृत्यु हो गई हो तो उनका श्राद्ध मृत्यु तिथि को न कर नवमी तिथि को करना चाहिए। नवमी के दिन श्राद्ध करने से जातक के सभी कष्ट दूर होते हैं। जिन महिलाओं की मृत्यु की तिथि मालूम न हो, उनका भी श्राद्ध नवमी को किया जाता है।

दशमी श्राद्धदशमी तिथि को जिस भी व्यक्ति की मृत्यु हुई हो, उनका श्राद्ध महालय की दसवीं तिथि के इसी दिन किया जाता है।

एकादशी श्राद्धएकादशी तिथि को संन्यास लेने वाले व्य‍‍‍क्तियों का श्राद्ध करने की परंपरा है।

द्वादशी श्राद्धजिनके पिता संन्यासी हो गए हो उनका श्राद्ध द्वादशी तिथि को किया जाना चाहिए। यही कारण है कि इस तिथि को ‘संन्यासी श्राद्ध’ के नाम से भी जाना जाता है।
त्रयोदशी श्राद्धश्राद्ध महालय के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को बच्चों का श्राद्ध किया जाता है।

चतुर्दशी श्राद्धजिनकी मृत्यु अकाल हुई हो या जल में डूबने, शस्त्रों के आघात या विषपान करने से हुई हो, उनका चतुर्दशी की तिथि में श्राद्ध किया जाना चाहिए।

अमावस्या श्राद्धसर्वपितृ अमावस्या पर ज्ञात-अज्ञात सभी पितरों का श्राद्ध करने की परंपरा है। इसे पितृविसर्जनी अमावस्या, महालय समापन आदि नामों से जाना जाता है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन जी पहुँचे सेक्टर 8 महालक्ष्मी ज्वैलरी की दुकान पर ओर पुलिस प्रशासन से की हमलावरो को जल्द ही पकड़ने की माँग

पंचकुला:

पंचकूला सेक्टर 8 में महालक्ष्मी ज्वैलर के अंदर दिनदहाड़े तीन युवकों ने तेजधार हथियार से किया हमला मालिक के सिर पर
ओर हमलावर आटो में भाग निकले
*पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन जी ने कहा भारतीय जनता पार्टी व जजपा  की सरकार पुरी तरह फेल हो चुकी है पचकुलां व पुरे हरियाणा में गुंडागर्दी का राज है हमलावरो को जल्द नहीं पकड़ा तो सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करेंगे*
चन्द्रमोहन जी साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशी शर्मा, पूर्व पार्षद दलवीर बालमिकी , कांग्रेस पार्षद पद की उम्मीदवार रहीं प्रियंका हुड्डा,