कर्णाटक की इन्दिरा कैंटीन का नाम अन्नपूर्ण कैंटीन करने की मांग

पिछले हफ्ते भारतीय खेलों के सर्वोच्च पुरस्कार का नाम राजीव गांधी खेल रत्न से हटाकर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया गया। इसके बाद अब कर्नाटक में चलाई जा रही इंदिरा कैंटीन का नाम बदलने की मांग जोर पकड़ने लगी है। कर्नाटक बीजेपी के नेता ने राज्य के मुख्यमंत्री बी.एस. बोम्मई से इंदिरा कैंटीन का नाम बदलकर अन्नपूर्णाश्वरी रखने की मांग की तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने इसे प्रतिशोध की राजनीति करार दिया। इंदिरा कैंटीन कर्नाटक सरकार द्वारा संचालित एक खाद्य सब्सिडी कार्यक्रम है।

बंगलोर/नयी दिल्ली(ब्यूरो) :

06 अगस्त 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि अब इस पुरस्कार को भारत के हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर दिया जाएगा। हालाँकि जहाँ एक ओर पूरे देश में इस फैसले का स्वागत किया गया वहीं इस पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। ताजा मामला कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता सिद्धारमैया का है जिन्होंने एक और योजना का नाम बदले जाने की संभावना पर भाजपा पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया है।

दरअसल, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने 07 अगस्त 2021 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस बोम्मई को ट्विटर पर टैग करते हुए यह माँग की थी कि कर्नाटक में चलने वाली ‘इंदिरा कैंटीन’ के नाम को बदलकर ‘अन्नपूर्णेश्वरी कैंटीन’ किया जाए। रवि ने अपने ट्वीट में आगे लिखा था कि इसका कोई कारण नहीं दिखता कि कर्नाटक के लोग खाना खाते समय आपातकाल के उन काले दिनों को याद करें।

रवि की इस माँग पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि इंदिरा कैंटीन के नाम को बदलने की बात करना कुछ और नहीं बल्कि भाजपा द्वारा की जा रही प्रतिशोध की राजनीति है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के नेतृत्व के नाम पर कई कार्यक्रम हैं ऐसे में क्या कभी उन्होंने इन नामों को बदलने की कोशिश की? सिद्धारमैया ने कहा कि खेल रत्न में राजीव गाँधी का नाम था, ऐसे में वह (भाजपा) इसे क्यों बदलना चाहते थे? साथ ही उन्होंने पीएम मोदी से इस मुद्दे पर जवाब माँगा है।

वहीं दूसरी ओर शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस मुद्दे पर कहा कि राजीव गाँधी के द्वारा दिए गए बलिदान का अपमान किए बिना भी मेजर ध्यानचंद को सम्मान दिया जा सकता था। शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखते हुए राउत ने कहा कि राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड किया जाना एक ‘राजनैतिक दाँव’ है न कि लोगों की इच्छा के अनुरूप लिया गया फैसला।

ज्ञात हो कि केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार (6 अगस्त 2021) को खेल रत्न पुरस्कार मेजर ध्यानचंद के नाम पर दिए जाने का फैसला किया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा था, “मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखने के लिए देशभर से नागरिकों का अनुरोध मिले हैं। मैं उनके विचारों के लिए उनका धन्यवाद करता हूँ। उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा! जय हिंद!”