नगराधीश गौरव गुप्ता ने किया पत्रकारों के लिए दो दिवसीय कोविड-19 पत्रकार टीकाकरण कैंप का शुभारंभ

– कैंप में मीडिया कर्मियों ने लिया बढचढ कर भाग, पहले दिन 125 से अधिक ने वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई

सतीश बंसल सिरसा, 22 जून:
नगराधीश गौरव गुप्ता ने कहा कि कोरोना संकट अभी पूरी तरह से टला नहीं है, इसलिए जिलावासी कोरोना बचाव के सभी प्रभावी उपायों की नियमित रुप से पालना करें। कोविड नियमों की पालना के साथ-साथ टीकाकरण जरूर करवाएं। वैक्सीन संक्रमण से बचाव के लिए बेहद जरूरी है। जिला में अबतक तीन लाख से अधिक लाभार्थियों को वैक्सीन का टीका लगाया जा चुका है।
नगराधीश मंगलवार को स्थानीय संयुक्त निदेशक (कपास) कृषि तथा किसान कल्याण विभाग सिरसा कार्यालय में मीडिया कर्मियों के लिए आयोजित टीकाकरण कैंप का शुभारंभ करने उपरांत पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। नगराधीश ने टीकाकरण प्रक्रिया की जानकारी लेते हुए वैक्सीनेशन करवा रहे लाभार्थियों को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र वर्मा, एआईपीआरओ संजय बिढलान, लेखाकार मक्खन सिंह भी मौजूद थे। कैंप में मीडिया बंधुओं ने टीकाकरण कैंप में बढचढ कर भाग लिया, कैंप के पहले दिन 125 से अधिक पत्रकारों ने वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई।
नगराधीश ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसी के तहत पत्रकारों के लिए विशेष रुप से वैक्सीनेशन कैंप का आयोजन किया गया है। इससे पहले गत माह 20 व 21 मई को वैक्सीनेशन कैंप का आयोजन कर पत्रकारों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई थी। इसी कड़ी में मंगलवार को दूसरी डोज के लिए दो दिवसीय वैक्सीनेशन कैंप लगाया गया है। उन्होंने सभी पत्रकारों से अपील करते हुए कहा कि वे आगे आकर अपना वैक्सीनेशन जरूर करवाएं ताकि दूसरेे नागरिक भी प्रेरित होकर वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं।
उन्होंने कहा कि मीडिया कर्मियों ने कोरोना काल में फ्रंट लाइन वर्कर की भूमिका निभाते हुए आमजन को संक्रमण से बचने के लिए जागरूक करने का काम किया है। इन विपरीत परिस्थितियों में मीडिया ही एक ऐसा माध्यम है, जो लोगों तक शासन एवं प्रशासन का संदेश जनता तक पंहुचाकर सही मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने पत्रकारों से आह्वान किया कि वे लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के प्रचार-प्रसार में पूर्ण सहयोग करें ताकि आमजन वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि हिदायतों की पालना व बचाव उपायों को गंभीरता से अपना कर नागरिक कोरोना संक्रमण से बच सकते है। सभी लोगों को मास्क का प्रयोग करना चाहिए, दो गज की दूरी बना कर रखें तथा समय-समय पर हाथों को सैनिटाइज करते रहें, स्वयं व दूसरों की सुरक्षा के लिए ये नियम अपनाना बहुत जरूरी है।

जिला परिषद के पिछड़ा वर्ग के लिए वार्डों का आरक्षण लॉटरी के माध्यम से किया

सतीश बंसल सिरसा, 22 जून:
हरियाणा सरकार की हिदायत अनुसार मंगलवार को स्थानीय लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में उपायुक्त अनीश यादव की उपस्थिति में जिला परिषद के पिछड़ा वर्ग के लिए वार्डों का आरक्षण लॉटरी (ड्रा)के माध्यम से किया गया। इसमें वार्ड नंबर सात व आठ पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किए गए। वार्ड नंबर सात पिछड़ा वर्ग (क) (महिला) के लिए आरक्षित किया गया है तथा वार्ड नंबर आठ पिछड़ा वर्ग (क) के लिए आरक्षित किया गया है। वार्ड नंबर सात व आठ का आरक्षण ड्रा के माध्यम से किया गया है। इस दौरान सीईओ जिला परिषद राजेश कुमार, डीडीपीओ रवि कुमार, एडीए कनक बुलबुल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जिला परिषद के कुल 24 वार्ड हैं जिसमें से आठ वार्ड अनुसूचित जाति के लिए पहले से ही आरक्षित है।  इनमें वार्ड नंबर दो, 15, 20 व 24 वार्ड अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हैं, इसके अलावा वार्ड नंबर एक, तीन, 16 व 22 वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। वार्ड नंबर चार सामान्य के लिए आरक्षित है। वार्ड नंबर पांच महिला के लिए आरक्षित है। वार्ड नंबर 10, 12, 14, 18, 21 सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं तथा वार्ड नंबर नौ, 11, 13, 17, 19 व 23 महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। वार्डों का आरक्षण ऑड-इवन फार्मूला के आधार पर किया गया है।

हरियाणा सरकार जनता के टैक्स की कमाई का अखबारों में झूठे विज्ञापन देकर अपनी झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास का प्रयास कर रही है : चन्द्र मोहन

पंचकूला 22 जून:

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार जनता के टैक्स की कमाई का अखबारों में झूठे विज्ञापन देकर अपनी झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास का प्रयास कर रही है और इसका औचित्य आम लोगों की समझ से परे है।

                                 ‌    चन्द्र मोहन ने कहा कि सबको मुफ्त टीकाकरण के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करने की क्या आवश्यकता आन पड़ी है कि इसके लिए अखबारों में इतने बड़े-बड़े विज्ञापन देकर झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि मुफ्त टीकाकरण के लिए पहले ही वर्ष 2021-22 के बजट में 35000 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। फिर इसका  औचित्य समझ में नहीं आ रहा है, जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार तो, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा एक टैलीफोन करके भी किया जा सकता है। जनता के गाढ़े खून पसीने की कमाई को अपने निजी स्वार्थ को पूरा करने और अपनी फोटो चमकाने के लिए लाखों रुपए खर्च विज्ञापन पर खर्च करके मुख्यमंत्री जी  क्या सिद्ध करना चाहते हैं।

                ‌                     उन्होंने सवाल किया कि कोविड की इस महामारी में प्रदेश के लोग दवाइयों, आक्सीजन, रेमडेसिवर और ब्लैक फंगस के कारण मरते रहे, सरकार को उनकी सुध लेने के समय ही नहीं मिला इस कारण समय से पहले अनेक अभागे लोग , इलाज के अभाव में मौत के मुंह में समा गए। उन परिवारों के लिए सरकार की संवेदनाएं कहां चली गई उनको सांत्वना देने के लिए मुख्यमंत्री ने क्या किया ‌। मुख्यमंत्री ने उन किसानों के बारे में एक शब्द भी संवेदना का नहीं कहा, जो अपने बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए पिछले 7 महीने से शान्ति पूर्ण आन्दोलन कर रहे हैं और अब तक 500 से अधिक किसान अकाल ही मौत का शिकार हो गए।

                  ‌                      चन्द्र मोहन ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई है और कोविड की पहली और दूसरी लहर में जिस प्रकार से सरकार की अकर्मण्यता और असंवेदनहीनता तथा असफलता उजागर हुई है उससे सरकार ने कोई भी सबक नहीं सीखा है। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हरियाणा सरकार को इसके बारे में अग्रिम रुप से तैयार रहना चाहिए ताकि लोगों को इसकी विभीषिका से बचाया जा सके।

                  ‌                      उन्होंने  मुख्यमंत्री से मांग की है कि  अखबारों में विज्ञापन सरकार को इस बारे जारी करना चाहिए कि पिछले दो सालों में कोविड के कारण कितने लोगों का रोजगार चला गया और प्रदेश में बेरोजगारी कितनी बढ़ी है तथा बेरोजगारी के ‌हिसाब से हरियाणा प्रदेश देश में ,राज्यों की श्रेणी में कहां पर खड़ा हुआ है। प्रदेश में बेरोजगारी के बारे में एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए ताकि लोगों को सच्चाई का पता चल सके। उन्होंने कहा कि लोगों का पैसा  विज्ञापन पर खर्चने की अपेक्षा हरियाणा सरकार को पट्रोल और डीजल पर वैट की दरों में कटौती करके आम आदमी को राहत पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए।

                             ‌                    चन्द्र मोहन ने कहा कि देश में मुफ्त टीकाकरण का फैसला प्रधानमंत्री जी ने राज्य सरकारों  और अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी के दबाव में आकर लिया है। आज भी राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि कोरोना से मौत से पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिले और सरकार तीसरी लहर से पहले अपनी गलतियां सुधारने का प्रयास करें। वैसे भी मुफ्त टीकाकरण करके कोई अहसान नहीं किया जा रहा है। लोगों के जीवन की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। अमेरिका सहित विश्व के अनेक देशों ने अपने देश के लोगों की सुरक्षा के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया हुआ है।  लेकिन देश में केवल 75 प्रतिशत लोगों का  मुफ्त टीकाकरण होगा, जबकि 25 प्रतिशत लोगों को टीका पैसे में मिलेगा और इस टीके के लिए 900 रुपए से लेकर 1400 रुपए की राशि अदा करनी होगी। 

             ‌                        उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी के शासन काल में वर्ष 2011 में एक दिन में सारे देश में 17 करोड़  बच्चों को मुफ्त पोलियो का टीका या डोज दी गई थी, लेकिन केन्द्र या हरियाणा सरकार ने तो उस समय प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करने के लिए कोई विज्ञापन नहीं दिया गया था और कल सारे देश में एक दिन में केवल 86 लाख कोविड   रोकने के लिए टीके लगाए गए हैं।

                ‌                  चन्द्र मोहन ने मुख्यमंत्री से विनम्र अनुरोध किया है कि जनता के टैक्स के पैसे का, अपनी, छवि को चमकाने के लिए दुरुपयोग न करें अन्यथा उन गरीबों के श्राप से बच नहीं सकते हो, जिनका रोजगार चला गया और अब वे मंहगाई की मार झेलने के लिए विवश और लाचार हैं सबसे पहले उनकी सुध ली जाए ताकि उनकी वेदना और पीड़ा को कुछ हद तक कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज भी देश में पट्रोल के मूल्य में 28 पैसे और डीजल के दामों में 26 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।   

Police Files, Chandirgarh – 22 June

‘Purnoor’ Korel, CHANDIGARH – 22.06.2021

One arrested under NDPS Act

Chandigarh Police arrested Sagar R/o # 192, DMC, Sector-38W, Chandigarh (Age 20 years) and recovered 6 gm heroin from his possession near T-Point, Sports Complex, Sector-38W, Chandigarh on 21.06.2021. A case FIR No. 79, U/S 21 NDPS Act has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Action against illicit liquor

Chandigarh Police arrested Mohan Singh R/o # 4238, Sector-56 Chandigarh and recovered 30 quarters of country made liquor from his possession near Cremation Ground, Maloya, Chandigarh on 21.06.2021. A case FIR No. 80, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. Later, he bailed out. Investigation of the case is in progress.

Accident

A case FIR No. 48, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-03, Chandigarh on the complaint of Harjinder Singh R/o VPO Jhandiana Garbi, Distt. Moga, (PB) who alleged that unknown driver of Fortuner car No. PB-10W-3000 hit complainant’s car No. PB10EX4621 at Press Light Point, Chandigarh on 20-06-2021. Complainant got injured and admitted to GMSH-16, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

A case FIR No. 46, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-49, Chandigarh on the complaint Amit Yadav R/o # 1964, Sector-52, Chandigarh who alleged that unknown driver of Honda City car No. CH01-AX-3458 sped away after hitting complainant’s M/Cycle No. CH04-H-7897 near Small Chowk, Progressive Society, Sector-50, Chandigarh on 21-06-2021. Complainant got injured and admitted in GMCH-32, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

          Manish Kumar Gupta R/o # 117/C, SBP Homes-2, Chhajju Majra, Sector-126 SAS Nagar, (PB) reported that unknown person stole away complainant’s Activa Scooter No. PB65S-8079 parked near BSNL, Sector-17, Chandigarh on 17.06.2021. A case FIR No. 90, U/S 379 IPC has been registered in PS-17, Chandigarh. Investigation of the case is in progress. 

Quarrel

Sanjay Gupta R/o # 2004/2, EWS Colony, Maloya, Chandigarh reported that Raj Kumar, Dinesh, Pappu, Bedi, Lalit assaulted complainant at Colony No. 4, Chandigarh on 16.06.2021. Complainant got injured and admitted in GMCH-32, Chandigarh. A case FIR No. 99, U/S 323, 341, 325, 34 IPC has been registered in PS-Ind. Area, Chandigarh. Later three persons Raj Kumar Yadav R/o # 635/2, EWS Colony, Maloya, Chandigarh Dinesh Yadav R/o Jhuggi No. 12/E, Colony No. 04, Chandigarh & Pappu R/o Jhuggi No. 272/B, Colony No. 04, Chandigarh have been arrested in this case. Investigation of the case is in progress.

Theft

A lady resident of Sector 42/B, Chandigarh reported that unknown person stole away purse containing gold ornaments, pen drive, credit & debit cards, cash Rs. 3000/-, locker keys & documents from her house on the night intervening 17/18-03-2021. A case FIR No. 112, U/S 380 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Pardeep Kumar R/o # 173, Village-Attawa, Sector-42, Chandigarh reported that unknown person stole the battery of his Auto No. PB65-AX-0883 while parked near Dispensary, Village Attawa, Sector 42, Chandigarh on 10.05.2021. A case FIR No. 113, U/S 379 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Anmol Khosla, Manager, Tresskin Salon, SCO No. 497-498, Sector 35C, Chandigarh reported that unknown person stole away battery of Generator from the roof of SCO No. 497-498, Sector 35C, Chandigarh on 18.06.2021. A case FIR No. 114, U/S 379 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

मुख्यमंत्री द्वारा मोरनी की पहाड़ियों में पंचकर्मा कल्याण केंद्र और नेचर ट्रेलस का उद्घाटन किया गया

पंचकूला, 22 जून:

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता व वन मंत्री कंवर पाल की उपस्थिति में मोरनी की पहाड़ियों में पंचकर्मा कल्याण केंद्र और  नेचर ट्रेलस का उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्होंने नक्षत्र वाटिका, नवग्रह वाटिका और राशि वन जिसे सामूहिक रूप से अंतरिक्ष वन कहा जाता है की आधारशिला भी रखी।
श्री मनोहर लाल प्रदेश के लोगों को स्वस्थ, प्रदूषण और तनाव मुक्त जीवन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि वृक्षों के साथ रहकर व प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाकर रहने से मनुष्य की मनोदशा में सकारात्मक बदलाव आता है, मानव स्वस्थ रहता है तथा तनाव से राहत मिलती है।
पंचकर्मा आयुर्वेद की सबसे प्रसिद्ध विषहरण प्रक्रिया है जो औषधीय तेलों की सहायता से यौवन को बरकरार रखती है। औषधीय तेल मालिश और हर्बल उपचार की इस विशेष उपचार पद्धति का हमारे वैदिक शास्त्रों में उल्लेख मिलता है, और चरकसंहिता के अनुसार भारत में सदियों से यह प्रयोग में लाया जाता है।
शिवालिक की हरी-भरी पहाड़ियों की गोद में शांत वातावरण में थापली एक सुरम्य स्थान है। थापली नेचर कैंप के सामने हरी-भरी सीढ़ीनुमा खेती इस स्थान की सुंदरता में चार चाँद लगा देती है। सूर्यास्त का समय थापली में एक मनोरम दृश्य उत्पन्न करता है जिससे आम लोग अभी तक अनभिज्ञ हैं। पंचकर्म मानव शरीर को गहन रूप से विषहरण चिकित्सा प्रदान करते हैं, इसमें मानव शरीर की शुद्धि या दोष उन्मूलन के लिए पांच तरीके शामिल हैं। इनमें वात, पित्त, कफ आदि तीन दोषों को संतुलित करने वाले वमन (इमिसिष थेरेपी या उल्टी करना), विरेचन (शुद्धिकरण), आस्थापन/निरूहम, अनुवासन बस्ती (तेल एनीमा) और नस्य आदि शामिल है।
वन चिकित्सा की तरह पंचकर्म प्रकृति चिकित्सा का भी कोई दुष्प्रभाव नहीं होता इसलिए यह बहुत लोकप्रिय हो रही है। इसी को मध्य-नजर रखते हुए विशाल हरे-भरे वृक्षों की गोद में थापली नेचर कैंप के अंदर पंचकर्म वेलनेस सैंटर की स्थापना की गई है।
इस केंद्र की अनोखी विशेषता यह है कि इसकी दीवारों का रंग प्राकृतिक परिवेश में घुल-मिल जाता है तथा इसमें प्राकृतिक या पर्यावरण सहयोगी झोंपड़ियां आगुंतकों को   प्राकृतिक वातावरण का एहसास करवाती है। इस केन्द्र में महिलाओं व पुरूषों के लिए अलग अलग वाॅशरूम व उपचार एवं स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध है। सुरमय शान्त वातावरण में स्थित यह केन्द्र मुख्यमन्त्री श्री मनोहर लाल की तरफ से एक अनूठा उपहार है। इस केन्द्र का संचालन वन विभाग और आयुष विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।
वन विभाग हरियाणा ने मोरनी की मनोरम पहाड़ियों में प्रकृति पर्यटन की संभावना को तलाशा है और ग्यारह नेचर ट्रेल्स विकसित किए हैं। ये नेचर ट्रेल्स इस्तेमाल के लिए तैयार है। ऐसे छोटे गांव और बस्तियों की पहचान की गई जहां आगन्तुक ग्रामिणों के साथ बातचित कर सकते हैं व उनके स्थानीय संस्कृति व परम्पराओं के बारे में जान सकते हैं।
स्थानीय युवाओं की पहचान की गई है जो यहां गाईड के रूप में कार्य करेंगे और आगन्तुकों को स्थानीय संस्कृति और परम्पराओं के बारे में व क्षेत्र के पेड़ पौधों और वन्य जीवों के बारे में भी बताएंगे। उन्हे वन विभाग और पर्यटन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। ये सभी रास्ते प्राकृतिक सुन्दरता से भरे हुए है जिनमें पक्षियों , पौधों और जानवरों की विविध प्रजातियां, नाले और झरने शामिल है। इन सभी पगडण्डियों में मध्यम ढ़लान है और यहां आने वाले आगन्तुकों को निश्चित रूप से शारीरिक गतिविधि करने और भरपूर मात्रा में आॅक्सीजन लेने से स्वास्थ्य लाभ होगा।
भारतीय पौराणिक कथाओं में 12 राशियों और 27 नक्षत्रों को मान्यता दी गई है और ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक राशि और नक्षत्र से संबन्धित पौधे लगाने और उनका पोषण करने से व्यक्ति एक सुखी और शान्तिपूर्ण जीवन जी सकता है क्योंकि यह उसको भाग्यशाली बनाता है।
हाल में सुगन्ध ’अरोमा थरेपी’ के रूप में उभरा है। अरोमा थरेपी भी जनता के बीच में बहुत लोकप्रिय हो रही है।    प्राकृतिक सुगन्ध चारों ओर खुशी का वातावरण बनाती है और मानव शरीर पर सुखदायक प्रभाव डालती है। सुगन्ध वाटिका में सुगन्धित पौधों की प्रजातियां जैसे- सुगन्धराज, चमेली, पैशन फ्लावर, रंगून लता (झूमका बेल), चम्पा, रात की रानी, दिन का राजा, मोतिया, हनी सक्कल, गुलाब व रात में खिलने वाली चमेली आदि लगाए जाएंगे। आकर्षण का केन्द्र होने के अलावा जो लोग देख नही सकते हंै उन लोगों के लिए यह एक अनूठा उपहार होगा क्योंकि व लोग विभिन्न प्रजातियों की अलग-अलग सुगन्ध का अनुभव कर सकेंगे। तदानुसार, वे लोग गन्ध द्वारा सुगन्ध व सुगन्धित पौधों की पहचान कर सकेंगे। ग्राम मस्जिदवाला में राशि वन, नक्षत्र वाटिका और सुगन्ध वाटिका की स्थापना की जाएगी।
ताजा आॅक्सीजन और प्रदूषण मुक्त वातावरण के साथ साथ स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के अलावा, लोग प्रत्येक नक्षत्र की पहचान उससे सम्बन्धित पौधों से कर सकते हैं तथा अपने को भाग्यशाली बनाने के लिए अपने घर या खेतों में इन पौधों को पाल-पोष सकते हैं।
आगन्तुकों के ठहरने के लिए थापली नेचर कैम्प में चार झौंपड़ियां उपयोग के लिए तैयार है। अन्य सात झौंपड़ियों का नवीनीकरण किया जा रहा है।

Two Days Online Programme to Commemorate International Yoga Day by GH-4, PU

Chandigarh June 22, 2021

Girls Hostel 4 (Kasturba Hall), Panjab University, Chandigarh organized a two days online webcast to commemorate International Yoga Day which was coordinated by Dr. Tammanna R. Sahrawat Warden Girls Hostel-4.

On 21st of June 2021, the session began with an encouraging speech by the Vice Chancellor, Prof. Raj Kumar was followed by an enriching talk on Yoga: A Philosophical Perspective who encouraged all to follow yoga in their daily life for their well being.

Prof. Surendra Kumar, Director, Center of Yogic Studies, Maharshi Dayanand University, Rohtak spoke on the importance of Yog to enable us to achieve a balance between the mind, body and soul. Prof. Surender struck a chord with the participants as he gave them relatable life examples on how our thoughts control our entire being making us susceptible to negativity. He emphasized that meditation and simple breathing exercises such as anulom vilom can aid us to get through these hard times and lead us to a positive lifestyle. The takeaway message of his talk was laying emphasis on importance of physical health, mental alertness and spiritual elevation for overall personality development.

Professor Devinder Singh, Secretary to VC while highlighting the importance of yoga said that it helps in curing many diseases.

Earlier, on 20th June 2021, Yogacharya Manu Saini, a Hypnotherapist and Director at Arsh Yoga School and Yogcharya Amit Kumar, a Yoga counselor at IGNOU (Delhi), demonstrated certain asanas and their technique for overall fitness of body, focusing on back pain, postural defects, weak eyesight, and weight loss. A session on meditation was also conducted.  Professor Ashok Kumar, Associate DSW, PU also spoke about significance of Yoga.  

2 Projects of PRC, PU Released

Chandigarh June 22, 2021

Population Research Centre , Panjab University Chandigarh conducted the Impact assessment of URJA project sponsored by Chandigarh Administration which was released by  Prof. Raj Kumar ,Vice Chancellor and Ms. Mrs. Nilambari Jagadale, IPS IG Cyber Crime in the presence of  Prof. Kumool Abbi, Director PRC  and Dr Sukhbir Singh who were the members of the research team. URJA project was  pioneered and guided by Mrs. Nilambari Jagadale, IPS IG Cyber Crime where  children learnt various  life skills and now they are implementing these life skills in their daily routine. 

Another report on Stakeholder Perception:  Study on New Education Policy,2002  was also released by  Prof. Raj Kumar and Ms. Nilambari Jagadale.

National Education Policy (NEP) 2020 is a big revolution replacing the 34-year-old policy idea and envisioning  the much-needed modification in the Indian Education System. The Policy has maintained a delicate balance between the traditions and the interdisciplinary approach, which is the need of the 21st century. This study was conducted by Prof. Kumool Abbi, Dr Sukhbir Singh , Dr Tarun Bala and Dr Manmohan Singh. Population Research Centre is actively involved in conducting various health related projects and evaluation studies.

उत्तर प्रदेश में प्रखर हिन्दुत्व के दूसरे बड़े चेहरे – वरुण गांधी की वापसी

2014 के लोकसभा चुनाव में वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी सांसद चुने गए। नरेन्द्र मोदी सरकार में मंत्री पद दिया गया, लेकिन अमित शाह के बीजेपी अध्यक्ष बनने के बाद वरुण गांधी को महासचिव पद से हटा दिया गया। बीजेपी ने इस पर कहा कि एक परिवार एक पद की परंपरा के अनुसार सिर्फ एक ही को पद मिलेगा। इसके बाद वरुण गांधी का नाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे बेहतर उम्मीदवार के तौर पर उछलने लगा। यह उनके लिए सियासी तौर पर ज्यादा घातक साबित हुआ। धीरे-धीरे वह चर्चा से दूर रहने लगे। वरुण गांधी सबसे ज्यादा विवादों में तब आए थे जब उन्होंने पीलीभीत की एक सभा में कहा था, ‘अगर कोई हिंदुओं की ओर हाथ बढ़ाता है या फिर ये सोचता हो कि हिंदू नेतृत्वविहीन हैं तो मैं गीता की कसम खाकर कहता हूँ कि मैं उस हाथ को काट डालूंगा।’ इस बयान के बाद वरुण और बीजेपी की किरकरी हुई थी।

लखनऊ (ब्यूरो):

बेशक मोदी कैबिनेट में नयी भर्ती उसी की होगी जिसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फैसला कर चुके होंगे या करने वाले होंगे – प्रधानमंत्री मोदी के अलावा ये बात भी सिर्फ और सिर्फ उसी को मालूम हो सकती है जिससे वो अपनी बात शेयर करना मुनासिब समझते हों – और ये बात भी प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 का आम चुनाव जीतने के बाद खुद ही कही थी. नये सांसदों को नसीहतें पेश करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उनको ऐसे संभावित कयासों से बच कर रहने की सलाह दी थी.

हमेशा की तरह एक बार फिर मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) में फेरबदल की चर्चा के बीच संभावित नामों की चर्चा चल रही है. जो नाम मंत्री बनने लायक समझे जा रहे हैं, वे हैं – ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, दिनेश त्रिवेदी, वरुण गांधी, अश्‍विनी वैष्‍णव, और जमयांग सेरिंग नामग्याल.

बाकी नेताओं के मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की भी अपनी अलग वजह है और वरुण गांधी के भी मंत्री बनने की संभावना यूं ही नहीं लगती. ज्योतिरादित्य सिंधिया तो मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिराने के बाद से ही इंतजार में बैठे हैं और भूपेंद्र यादव ने तो बिहार में दिन रात जो काम किया है उनका हक भी बनता है. भूपेंद्र यादव ने एनडीए की सत्ता में वापसी तो करायी ही है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की राजनीति को जिस तरह ठिकाने लगाने की रणनीति तैयार कर काम किया है वो तो अलग ही है. मुकुल रॉय के तृणमूल कांग्रेस में लौट जाने के बाद पश्चिम बंगाल चुनावों से पहले बीजेपी ज्वाइन करने वाले दिनेश त्रिवेदी के लिए भी रास्ता साफ हो ही चुका है.

लेकिन सूची में जो सरप्राइज नाम है, वो है बीजेपी सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) का – 2014 में बीजेपी के केंद्र की सत्ता में आने और उसके बाद मोदी-शाह के प्रभाव बढ़ने के साथ ही वरुण गांधी को हाशिये पर भेज दिया गया था – और अभी तक वो अपने इलाके में कुछ कुछ करते हुए खबरों में आते रहे हैं. पहले तो वो अपने बयानों से सुर्खियां भी ठीक ठाक बटोर लेते थे, लेकिन बाद में उस पर भी आलाकमान की तरफ से बैन जैसा ही लगा दिया गया.

अब समझना ये जरूरी है कि आखिर वरुण गांधी का नाम संभावित मंत्रियों की सूची में कैसे शामिल कर लिया गया – हालांकि, समझना बहुत मुश्किल भी नहीं लगता अगर अगले साल होने वाले यूपी चुनाव और हाल फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की मुश्किलें समझ में आ रही हों.

वरुण गांधी की अहमियत अचानक क्यों बढ़ी?

पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने हाल ही में एक ट्वीट में एक मीडिया संस्थान की खबर को फेक न्यूज बताते हुए लीगल नोटिस भेजने को कहा था. हालांकि, अब खबर वाली वो ट्वीट डिलीट कर दी गयी है. मीडिया संस्थान का दावा था कि वरुण गांधी कांग्रेस में जा सकते हैं.

वरुण गांधी को लेकर ऐसी खबर कोई पहली बार नहीं आयी थी, 2019 में जब प्रियंका गांधी को कांग्रेस में औपचारिक तौर पर महासचिव बना कर लाया गया था, तब भी ऐसी खबरें आती रहीं, लेकिन हमेशा ही वरुण गांधी की तरफ से ऐसी खबरों का खंडन किया जाता रहा है.

वरुण गांधी का भले ही कांग्रेस में जाने का कोई इरादा न हो, लेकिन अगर बीजेपी को ऐसी कोई भनक भी लगती है तो वो उनके पक्ष में ही जाएगा. वजह साफ है. बीजेपी अगले चुनाव में कोई जोखिम उठाने तैयार नहीं है – और थोड़ी देर के लिए, मान लेते हैं कि अगर वरुण गांधी कांग्रेस में चले ही जाते हैं तो वो कोई छोटी-मोटी डील तो होने से रही. यूपी चुनाव के ऐन पहले मुख्यमंत्री पद के चेहरे से नीचे तो कोई बात बनेगी नहीं. ऐसी स्थिति में बीजेपी के लिए मुश्किलें तो बढ़ ही सकती हैं.

ये सब सिर्फ कांग्रेस की वजह से नहीं, बल्कि वरुण गांधी की अपनी टीम उनको मजबूत बनाती है – और उसका जलवा वो एक बार प्रयागराज में बीजेपी की कार्यकारिणी के वक्त दिखा भी चुके हैं. तब वरुण गांधी के लाव लश्कर की तुलना राजनाथ सिंह के काफिले से हुई थी.

असल बात तो ये है कि वरुण गांधी मौजूदा बीजेपी नेतृत्व को कोपभाजन बने हुए हैं. 2014 में बनी मोदी सरकार में तो वरुण गांधी की मां कैबिनेट मंत्री भी रहीं, लेकिन 2019 आते आते लोक सभा टिकट पर भी आफत आ गयी थी. वो तो मेनका गांधी ने अपने संघ कनेक्शन की बदौलत बीजेपी के सामने बेटे के साथ अपनी सीट बदलने का प्रस्ताव दिया और दोनों का टिकट पक्का हो गया. दोनों चुनाव भी जीते लेकिन मंत्री कोई एक भी नहीं बन सका. असल वजह जो भी हो, लेकिन सुल्तानपुर में मेनका गांधी के एक विवादित बयान को ही लगता है मुद्दा बना दिया गया.

वरुण गांधी को टिकट मिलने के साथ ही एक बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ी. वरुण गांधी को न सिर्फ अपनी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ जाना पड़ा, बल्कि सार्वजनिक रूप से बयान देना पड़ा था कि उनके परिवार से भी लोग प्रधानमंत्री हुए हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी जैसा तो कोई नहीं हुआ.

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2013 में वरुण गांधी को तत्कालीन बीजेपी राजनाथ सिंह ने महासचिव बनाया और उसके साथ ही पश्चिम बंगाल का प्रभारी भी. इंटरव्यू में वरुण गांधी से जब भी बीजेपी में उनकी उपेक्षा को लेकर सवाल पूछे जाते हैं तो वो यही उदाहरण देते हैं कि छोटी सी उम्र में इतनी जिम्मेदारियां दी गयीं, कम हैं क्या? बिलकुल नहीं, लेकिन उसके बाद.

2014 के बाद जैसे ही अमित शाह का प्रभाव बढ़ने लगा, एक एक करके वरुण गांधी से सारी जिम्मेदारियां वापस ले ली गयीं. कई मुद्दों पर उनकी बातों से नाखुशी जताते हुए आलाकमान की तरफ से संदेश भी दिया गया कि अनावश्यक बयानबाजी से वो परहेज करें. हालांकि, बीजेपी नेतृत्व की वरुण गांधी से नाराजगी की वजह नरेंद्र मोदी को लेकर उनकी एक मन की बात रही. जब बीजेपी के एक प्रवक्ता ने मोदी की एक सभा में लाखों की भीड़ होने का दावा किया तो वरुण गांधी बोल पड़े कि जिस मैदान का जिक्र है उसमें तो कुछ हजार लोग ही आ सकते हैं.

अब सवाल ये उठता है कि वरुण गांधी ने ऐसा क्या कर दिया जिससे अचानक उनकी अहमियत इतनी बढ़ी नजर आने लगी?

और अगर वरुण गांधी ने ऐसा कुछ नहीं किया है तो वो कौन है जिसकी वजह से वरुण गांधी बीजेपी नेतृत्व को बड़े काम के लग रहे होंगे?

हाल फिलहाल की खबरों में तो ऐसी कोई चीज सामने नहीं ही आयी है जो राहुल गांधी के महत्व बढ़ जाने के हिसाब से उल्लेखनीय हो. फिर तो दूसरे सवाल का ही जवाब खोजना होगा. ध्यान देने पर मालूम होता है कि ऐसा एक शख्स जरूर है जिसकी वजह से वरुण गांधी की अहमियत बढ़ी हो सकती है – और वो हैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.

योगी आदित्यनाथ को लेकर कई दिनों तक यूपी में भी उत्तराखंड की तरह नेतृत्व बदलने की चर्चा रही, लेकिन उनके दिल्ली दौरे के बाद ये साफ हो चुका है कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है – कम से कम 2022 के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले तो कतई नहीं.

लेकिन ये भी साफ साफ नजर आ रहा है कि कैसे योगी आदित्यनाथ पर काफी पहले से ही नकेल कसने की तैयारी चल रही है. ऐसा आशंका तो योगी आदित्यनाथ को भी तभी हो गयी थी जब आनन फानन में वीआरएस लेकर आईएएस अफसर रहे अरविंद शर्मा लखनऊ पहुंचे और बीजेपी ने विधान परिषद भेज दिया. जब कोरोना संकट में हालात बेकाबू हुए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्थिति पर काबू करने के लिए भेजा गया. अरविंद शर्मा ने वाराणसी मॉडल पेश कर ऐसी मिसाल पेश कर दी कि प्रधानमंत्री मोदी तक उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.

अभी तक तो योगी आदित्यनाथ को अरविंद शर्मा से ही मुकाबला करना पड़ रहा था, लेकिन अगर वरुण गांधी को मोदी कैबिनेट में शामिल कर लिया जाता है तो वो भी योगी आदित्यनाथ की ताकत के लिए बड़ा चैलेंज हो सकता है.

वरुण गांधी फिलहाल नेपथ्य में चले गये जरूर हैं, लेकिन कट्टर हिंदुत्व का बड़ा चेहरा रहे हैं – और चुनावी मैदान में योगी आदित्यनाथ के सामने वरुण गांधी निश्चित तौर पर उनके लिए चुनौती बनेंगे.

ये ठीक है कि योगी आदित्यनाथ के ‘एक के बदले दस और सौ…’ वाले भाषण काफी हिट रहे हैं, लेकिन वरुण गांधी का ‘हाथ को काट…’ वाला भाषण भी बीजेपी के कोर वोट बैंक के हिसाब से देखें तो कम जोशीला नहीं हैं. मुस्लिमों के खिलाफ अपने विवादित बयान के लिए वरुण गांधी जेल भी जा चुके हैं – बाद में छूट भी गये वो बात और है. वरुण गांधी ने पीलीभीत की एक रैली में कहा था, ‘अगर कोई हिंदुओं की ओर हाथ बढ़ाता है या फिर ये सोचता हो कि हिंदू नेतृत्वविहीन हैं तो मैं गीता की कसम खाकर कहता हूं कि मैं उस हाथ को काट डालूंगा.’

वरुण के मंत्री बनने से नफा-नुकसान किसे होगा?

वरुण गांधी शुरू से ही गांधी परिवार के खिलाफ बयान देने से परहेज करते रहे हैं, लेकिन इंदिरा गांधी से नरेंद्र मोदी को बेहतर बता कर वो बीजेपी नेतृत्व की ये धारणा भी खत्म कर चुके हैं.

सवाल ये है कि अगर कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी को यूपी में मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जाता है तो बीजेपी वरुण गांधी को काउंटर करने में इस्तेमाल कर सकती है – लेकिन वरुण गांधी का उससे भी बड़ा इस्तेमाल योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हो सकता है, ऐसा उनकी कट्टर हिंदुत्व वाली इमेज को देखते हुए. बीजेपी तो वरुण गांधी को एक और कट्टर हिंदू फेस के तौर पर इस्तेमाल करेगी, लेकिन उसका सीधा असर योगी आदित्यनाथ की मोनोपोली पर पड़ेगा.

जहां तक वरुण गांधी को मोदी कैबिनेट में शामिल किये जाने से नफे नुकसान का सवाल है, तो बेशक पहले लाभार्थी तो वरुण गांधी ही होंगे, लेकिन उससे कहीं ज्यादा फायदा बीजेपी नेतृत्व को हो सकता है – जो योगी आदित्यनाथ के बढ़ते प्रभाव को काफी हद तक न्यूट्रलाइज कर सकता है.

बीजेपी एमएलसी अरविंद शर्मा तो पहले से ही पूर्वांचल के 17 जिलों की रिपोर्ट ले रहे हैं. अरविंद शर्मा की कामयाबी का सीधा संबंध योगी आदित्यनाथ से है – राजनीतिक तौर पर अरविंद शर्मा की कामयाबी के किस्से कुछ और नहीं, बल्कि योगी आदित्यनाथ की नाकामियों के दस्तावेज बनते जा रहे हैं.

अब अगर अरविंद शर्मा के साथ साथ यूपी के सियासी मार्केट में वरुण गांधी को भी खड़ा कर दिया जाता है तो योगी आदित्यनाथ के कामकाज और प्रशासनिक क्षमता पर सवाल तो उठेंगे ही, संघ और बीजेपी के पिटारे में योगी आदित्यनाथ भी अकेले हिंदूवादी नेता नहीं रह जाएंगे. बीजेपी नेतृत्व का ये कदम उन चर्चाओं पर भी विराम लगाएगा जिनमें नरेंद्र मोदी के बाद योगी आदित्यनाथ को ही प्रधानमंत्री पद का दावेदार माना जाता रहा है.

कोई दो राय नहीं है कि योगी आदित्यनाथ भी ऐसी तमाम चीजों से वाकिफ नहीं हैं. या आंख मूंद कर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. एक सीनियर पत्रकार ने ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर की है जिसमें योगी आदित्यनाथ एक मीटिंग कर रहे हैं. ट्वीट के मुताबिक योगी आदित्यनाथ अपने मठ में हिंदू युवा वाहिनी की एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहे हैं – ये हिंदू युवा वाहिनी ही है जो यूपी खासकर पूर्वांचल में योगी आदित्यनाथ को ताकतवर बनाती है.

योगी आदित्यनाथ ने ही गोरखपुर से संसद पहुंचने के बाद 2002 में हिंदु युवा वाहिनी बनायी थी – और गोरखपुर के आस पास के इलाकों में धीरे धीरे काडर को काफी मजबूत कर दिया था, लेकिन 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद संगठन में गुटबाजी होने लगी और उसकी सक्रियता काफी कम हो गयी थी. मुख्यमंत्री बनने से पहले यूपी में योगी आदित्यनाथ ने ‘लव-जिहाद’ और घर वापसी जैसे कई कार्यक्रम चलाये जिन पर खासा विवाद भी हुआ. अब तो योगी सरकार ने लव जिहाद पर कानून भी ला रखा है.

जिस तरह की राजनीतिक चुनौतियों से योगी आदित्यनाथ फिलहाल जूझ रहे हैं, हिंदू युवा वाहिनी का फिर से एक्विट होना बहुत मददगार साबित हो सकता है. वैसे भी अपने संगठन की बदौलत ही योगी आदित्यनाथ बीजेपी में होते हुए भी एक गठबंधन साथी की तरह ही व्यवहार करते हैं – और ये बात बीजेपी नेतृत्व को काफी नागवार गुजरता है.

अब अगर उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले के राजनीतिक समीकरणों के चलते वरुण गांधी के लिए किस्मत करवट बदल पाती है तो उनको योगी आदित्यनाथ का ही शुक्रगुजार होना चाहिये – राजनीति तो चलती ही रहेगी.

हिंदुत्व का बड़ा चेहरा बने योगी, मोदी और शाह के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं

राजनीतिक जगत में इस बात की भी चर्चा है कि योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाना बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेताओं को अब ऐसा फ़ैसला समझ में आ रहा है, जिसे अब बदलना और बनाए रखना, दोनों ही स्थितियों में घाटे का सौदा दिख रहा है।  दूसरे, पिछले चार साल के दौरान बतौर मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ की जिस तरह की छवि उभर कर सामने आई है, उसके सामने चार साल पहले के उनके कई प्रतिद्वंद्वी काफ़ी पिछड़ चुके हैं।  यहां तक कि पिछले दो हफ़्ते से आरएसएस और बीजेपी के तमाम नेताओं की दिल्ली और लखनऊ में हुई बैठकों के बाद यह माना जा रहा था कि शायद अब यूपी में नेतृत्व परिवर्तन हो जाए लेकिन बैठक के बाद वो नेता भी योगी आदित्यनाथ की तारीफ़ कर गए जिन्होंने कई मंत्रियों और विधायकों के साथ आमने-सामने बैठक की और सरकार के कामकाज का फ़ीडबैक लिया। 

करणीदानसिंह राजपूत, सूरतगढ़:

भाजपा शासित राज्यों में विरोध की दशा दिशा में अभी तो केवल मोदी के नाम के सहारे ही लड़ने और जीतने की संभावना मानते हुए राज्यों के चुनाव में उतरेंगे मगर मोदी-शाह की सबसे बड़ी मुश्किल है कि योगी उनके लिए एक चुनौती बनते जा रहे हैं। योगी फिर से जीते तो मोदी के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। क्योंकि हिंदू नेता के तौर पर योगी इस समय भाजपा का सबसे लोकप्रिय चेहरा माने जाते हैं। 

यूपी की दशा दिशा सब के सामने आ चुकी है।

सीएम योगी आदित्यनाथ दिल्ली में आकर पीएम और गृह मंत्री से भेंट कर चुके हैं। केंद्र की टीम लखनऊ में डेरा लगाकर  हल निकालने की जुगत में बैठी है लेकिन  बीच का रास्ता नहीं निकल पा रहा है। योगी भारी पड़ रहे हैं और केंद्र की टीम वहां बिना भार का रूई का गोला साबित हो रही है।

बंगाल चुनाव में मिली हार के बाद पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी को सबसे बड़ी ठेस भी पहुंची है की भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वापस टीएमसी में शामिल हो गया। चाहे वह टीएमसी से ही आए थे लेकिन भाजपा से गए जब राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद था। संगठन में एक पद नीचे यानि दूसरे क्रम पर थे। मोदी शाह से समकक्ष नहीं तो कुछ छोटा।

यह मामूली तो नहीं कहा जा सकता। इसके बाद बंगाल में जो टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए लोगों का वापस टीएमसी में लौटने का तूफान मचा है। समाचारों में तो यह संख्या बड़ी है। चुनाव के समय रोजाना ममता को झटका लगने का समाचार खूब प्रचारित किये जाते रहे जब टीएमसी छोडकर भाजपा में शामिल होते। इतना करने के बावजूद राज मिलने तक की संख्या तक नहीं पहुंच पाए। ममता को नीचा दिखाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय चेहरे अपने पद और कद से बहुत नीचे उतरे। अब भाजपा को रोजाना झटके लग रहे हैं।

बंगाल में राज नहीं मिलने पर जो कमजोरी आई है उससे राज्यों में चुनौती मिलने लगी है। भाजपा शासित राज्यों  में जो विरोध के स्वर देखने को मिल रहे हैं वो नेताओं की चिंता बढ़ाने के लिए काफी हैं। सबसे मुश्किल ये है कि विरोध केवल हिंदी भाषी राज्यों में नहीं है बल्कि दक्षिण तक पहुंच चुका है। चिंता केवल इतनी ही नहीं है। 

कर्नाटक में भी मुख्यमंत्री येदियुरप्पा केंद्रीय नेतृत्व को आंखें दिखा रहे हैं। वहां एक धड़ा उनके विरोध में सामने आ चुका है। केंद्रीय नेतृत्व चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा, क्योंकि मुख्यमंत्री लिंगायत समुदाय के बड़े नेता हैं। उन्हें नाराज करने का मतलब होगा इस समुदाय को नाराज करना। कर्नाटक भाजपा के लिए अहम इस वजह से भी है क्योंकि दक्षिण में ये अकेला राज्य है जहां भाजपा अपने दम पर खड़ी है।

प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात के हालात भी ठीक नहीं हैं। वहां मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और पार्टी अध्यक्ष सीआर पाटिल के बीच सिर फुटौव्वल चल रही है। पाटिल को मोदी का नजदीकी माना जाता है। कोरोना मामले पर मुख्यमंत्री के साथ उनकी तनातनी अब जगजाहिर हो चुकी है। केंद्रीय नेतृत्व के लिए ये बड़ी चिंता का मामला है। दोनों की तनातनी में गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल अपने लिए मौका तलाश रहे हैं। वो मुख्यमंत्री बनने के लिए गुणाभाग कर रहे हैं।

गोवा में भाजपा के नेता और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के खिलाफ उनकी ही कैबिनेट ने मोर्चा खोल रखा है। गोवा में भी उत्तर प्रदेश के साथ अगले साल चुनाव होना है। केंद्र ने वहां के हालात सुधारने का जिम्मा बीएल संतोष को दिया है। नतीजा देखना रोचक होगा।

बंगाल में हार के बाद किस तरह की भगदड़ भाजपा में मची है, ये बात जगजाहिर हो चुकी है। भाजपा चाहकर भी अपने लोगों को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। त्रिपुरा में भी हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में भी हालात ठीक नहीं हैं। बंगाल से मात खाकर लौटे कैलाश विजय वर्गीय के बारे में कहा जा रहा है कि वो शिवराज को हटाकर खुद मुख्यमंत्री बनने के जुगाड़ में हैं। 

भाजपा की दशा दिशा शोचनीय होने पर भी माना जा रहा है कि असंतोष से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है राज्यों में चुनाव जीतने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का नाम ही काफी रहेगा।

शुभकामना संदेश – हरियाणा महिला काँग्रेस

Sudha Bhardwaj,

It is with great pleasure that I extend my warmest greetings to Demokraticfront.com on the occasion of completing three years of dynamic journalism.
This special milestone offers us a chance to reflect upon their numerous achievements and to look to their future with confidence.I would like to commend Sareeka ji for her commitment,time and persistent efforts.
Please accept my best wishes for continued success in the years to come!
Sudha Bhardwaj,
State President
Mahila Congress Haryana

हरियाणा महिला कांग्रेस जब से स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आई है तभी से स्थानीय स्तर पर गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ी है । पार्टी की स्थानीय इकाइयों को भी महिला कांग्रेस का बड़ा सहारा रहता है।
देखने मे आया है कि महिला कार्यकर्ता और नेत्रियां जनसम्पर्क में ज़्यादा दक्ष हैं यही कारण हैं इनके कार्यक्रम और रैलियों की सफलता का श्रेय महिला कांग्रेस को मिलना चाहिए।
हरियाणा महिला कांग्रेस का नेतृत्व इस समय परिपक्व है
श्रीमती सुधा भारद्वाज संगठन की एक कुशल संचालिका हैं। काफी बार इनको इनके कार्यक्षेत्र में भी देखने का मौका मिलता है अपने व्यवहार, जनसम्पर्क, आत्मविश्वास के चलते अपने कार्य को बहुत ही कर्मठता और गरिमामयी तरीके से निभाती हैं। – सारिका तिवारी

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किरण मलिक

एक सभ्य सुदृढ समाज के निर्माण में भारतीय संविधान का चौथा स्तंभ कहलाने वाला मीडिया जगत का विशेष योगदान है चंडीगढ़ क्षेत्र व आसपास के क्षेत्रों में डेमोक्रेटिकफ्रंट डॉट कॉम जागरूकता निष्ठा निष्पक्ष वह निर्भीकता से अपना फर्ज निभा रहा है।
मैं किरण मलिक, हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस , महासचिव डेमोक्रेटिकफ्रंट डॉट कॉम की तीसरी वर्षगांठ पर अपनी हार्दिक-हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कर रही हूं और इसी तरह आमजन की आवाज बनकर लोगों तक पहुंचाती रहे और निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता का व्यक्तित्व रखने वाली सारिका तिवारी जी हमेशा अपनी लेखनी से लोगों का मार्ग प्रशस्त करती रहें मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं

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संजीदगी और कर्मठता ही पहचान है किरण की
बहुत ही संजीदा और अपने कर्तव्यों के प्रति सजग महिला कांग्रेस की महासचिव श्रीमती किरण मलिक अकसर कार्यक्षेत्र में ही देखी जाती हैं। हरियाणा के किसी निकाय के चुनाव हो, विधानसभा के या फिर सांसदीय चुनाव किरण जी कार्य करने वालों की पहली पंक्ति में दिखाई देती हैं। पीड़ित और शोषित लोगों के हक़ में सरकार से भी टक्कर लेने से भी नहीं हिचकिचाती । किसान आंदोलन में व्यक्तिगत तौर पर सोशल मीडिया के माध्यम से भी लगातार किसानों का समर्थन कर रही है। – सारिका तिवारी

रुचि शर्मा

प्रिय सारिका तिवारी जी सफलता पाने का कोई मंत्र नही होता यह तो सिर्फ कड़ी मेहनत और कडे संघर्ष का नतीजा होता है वो अपने किया और कर रहे हो यह निश्चय ही प्रसन्ता की बात है कि “डेमोक्रेटिक फ्रंट” ने अपने प्रकाशन के तीन वर्ष सफलता पूर्वक पूरे कर लिए है . निसंदेह इस सफलता के पीछे आपकी कर्मठता ,योग्यता ,दूरदृष्टि और अच्छी नीतियों का योगदान है.इससे पहले हम आपकी इन तमाम विशेषताओं को आप के लोकप्रिय www.demokraticfront.com वेब पोर्टल के माध्यम से देख चुके हैं,जिसे आप पिछले 3 वर्षों से कुशलता के साथ चला रहे हो
मैं इस ख़ुशी के मौके पर आपको अपनी असीम शुभ कामनाएं देती हूँ . साथ ही सर्व शक्तिमान प्रभु से प्राथना है कि आपका https://www.demokraticfront.com वेब पोर्टल दिन दुनी रात चौगिनी तरक्की करे .मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है की https://www.demokraticfront.com समाचार पत्र की सफलता का यह सिलसिला निरंतर जारी रहेगा. पुनः शुभकामना और बधाई के साथ हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस महासचिव व सोशल वर्कर रुचि शर्मा

पार्टी के प्रति समर्पित रूचि शर्मा का जनसम्पर्क और वाक कौशल है कमाल
बहुत ही मिलनसार और हँसमुख श्रीमती रुचि शर्मा महिला कांग्रेस की हैं इनको जनसम्पर्क की श्रेष्ठ विभूति कहा जाए तो अतिशयोक्ति न होगी। देश विदेश में होने वाली हर घटना पर नज़र रखना और उस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करना इनकी खासियत में शामिल है। – सारिका तिवारी

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