हरियाणा सरकार जनता के टैक्स की कमाई का अखबारों में झूठे विज्ञापन देकर अपनी झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास का प्रयास कर रही है : चन्द्र मोहन

पंचकूला 22 जून:

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार जनता के टैक्स की कमाई का अखबारों में झूठे विज्ञापन देकर अपनी झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास का प्रयास कर रही है और इसका औचित्य आम लोगों की समझ से परे है।

                                 ‌    चन्द्र मोहन ने कहा कि सबको मुफ्त टीकाकरण के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करने की क्या आवश्यकता आन पड़ी है कि इसके लिए अखबारों में इतने बड़े-बड़े विज्ञापन देकर झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि मुफ्त टीकाकरण के लिए पहले ही वर्ष 2021-22 के बजट में 35000 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। फिर इसका  औचित्य समझ में नहीं आ रहा है, जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार तो, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा एक टैलीफोन करके भी किया जा सकता है। जनता के गाढ़े खून पसीने की कमाई को अपने निजी स्वार्थ को पूरा करने और अपनी फोटो चमकाने के लिए लाखों रुपए खर्च विज्ञापन पर खर्च करके मुख्यमंत्री जी  क्या सिद्ध करना चाहते हैं।

                ‌                     उन्होंने सवाल किया कि कोविड की इस महामारी में प्रदेश के लोग दवाइयों, आक्सीजन, रेमडेसिवर और ब्लैक फंगस के कारण मरते रहे, सरकार को उनकी सुध लेने के समय ही नहीं मिला इस कारण समय से पहले अनेक अभागे लोग , इलाज के अभाव में मौत के मुंह में समा गए। उन परिवारों के लिए सरकार की संवेदनाएं कहां चली गई उनको सांत्वना देने के लिए मुख्यमंत्री ने क्या किया ‌। मुख्यमंत्री ने उन किसानों के बारे में एक शब्द भी संवेदना का नहीं कहा, जो अपने बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए पिछले 7 महीने से शान्ति पूर्ण आन्दोलन कर रहे हैं और अब तक 500 से अधिक किसान अकाल ही मौत का शिकार हो गए।

                  ‌                      चन्द्र मोहन ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई है और कोविड की पहली और दूसरी लहर में जिस प्रकार से सरकार की अकर्मण्यता और असंवेदनहीनता तथा असफलता उजागर हुई है उससे सरकार ने कोई भी सबक नहीं सीखा है। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हरियाणा सरकार को इसके बारे में अग्रिम रुप से तैयार रहना चाहिए ताकि लोगों को इसकी विभीषिका से बचाया जा सके।

                  ‌                      उन्होंने  मुख्यमंत्री से मांग की है कि  अखबारों में विज्ञापन सरकार को इस बारे जारी करना चाहिए कि पिछले दो सालों में कोविड के कारण कितने लोगों का रोजगार चला गया और प्रदेश में बेरोजगारी कितनी बढ़ी है तथा बेरोजगारी के ‌हिसाब से हरियाणा प्रदेश देश में ,राज्यों की श्रेणी में कहां पर खड़ा हुआ है। प्रदेश में बेरोजगारी के बारे में एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए ताकि लोगों को सच्चाई का पता चल सके। उन्होंने कहा कि लोगों का पैसा  विज्ञापन पर खर्चने की अपेक्षा हरियाणा सरकार को पट्रोल और डीजल पर वैट की दरों में कटौती करके आम आदमी को राहत पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए।

                             ‌                    चन्द्र मोहन ने कहा कि देश में मुफ्त टीकाकरण का फैसला प्रधानमंत्री जी ने राज्य सरकारों  और अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी के दबाव में आकर लिया है। आज भी राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि कोरोना से मौत से पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिले और सरकार तीसरी लहर से पहले अपनी गलतियां सुधारने का प्रयास करें। वैसे भी मुफ्त टीकाकरण करके कोई अहसान नहीं किया जा रहा है। लोगों के जीवन की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। अमेरिका सहित विश्व के अनेक देशों ने अपने देश के लोगों की सुरक्षा के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया हुआ है।  लेकिन देश में केवल 75 प्रतिशत लोगों का  मुफ्त टीकाकरण होगा, जबकि 25 प्रतिशत लोगों को टीका पैसे में मिलेगा और इस टीके के लिए 900 रुपए से लेकर 1400 रुपए की राशि अदा करनी होगी। 

             ‌                        उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी के शासन काल में वर्ष 2011 में एक दिन में सारे देश में 17 करोड़  बच्चों को मुफ्त पोलियो का टीका या डोज दी गई थी, लेकिन केन्द्र या हरियाणा सरकार ने तो उस समय प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करने के लिए कोई विज्ञापन नहीं दिया गया था और कल सारे देश में एक दिन में केवल 86 लाख कोविड   रोकने के लिए टीके लगाए गए हैं।

                ‌                  चन्द्र मोहन ने मुख्यमंत्री से विनम्र अनुरोध किया है कि जनता के टैक्स के पैसे का, अपनी, छवि को चमकाने के लिए दुरुपयोग न करें अन्यथा उन गरीबों के श्राप से बच नहीं सकते हो, जिनका रोजगार चला गया और अब वे मंहगाई की मार झेलने के लिए विवश और लाचार हैं सबसे पहले उनकी सुध ली जाए ताकि उनकी वेदना और पीड़ा को कुछ हद तक कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज भी देश में पट्रोल के मूल्य में 28 पैसे और डीजल के दामों में 26 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।