श्रीगंगानगर जिले में शिशुओं को कोरोना खतरे से बचाने के लिए जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन का पूरे जिले में अग्रिम प्रबंधन

स्पेशल रिपोर्ट- करणीदानसिंह राजपूत, श्रीगंगानगर/ सूरतगढ़ 26 मई :

जाकिर हुसैन

कोरोना की तीसरी लहर से पहले ही राजस्थान में कई स्थानों पर शिशुओं में संक्रमण होने से बचाव के प्रबंधन में शासन प्रशासन लग गया है।

श्रीगंगानगर जिले में शिशुओं को कोरोना खतरे से बचाने के लिए जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन ने पूरे जिले में अग्रिम प्रबंधन किया जिसमें हर क्षण सजगता रहेगी।

जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने जिला स्तर पर शिशु अस्पतालों, सामान्य अस्पतालों के शिशु वार्ड में वेंटिलेटर्स, आॅक्सीजन, चिकित्सक, नर्सिंग कर्मी जैसी आवश्यक आधारभूत सुविधाओं के निरीक्षण कार्य के लिये कमेटी का गठन किया है। 

 कमेटी में जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अध्यक्ष, सीएमएचओ, उपनिदेशक महिला बाल विकास, पीएमओ, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय अधिकारिता तथा सहायक निदेशक बाल अधिकारिता को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। 

कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के विनाशकारी परिणामों से बच्चों को बचाने हेतु जिले के शिशु अस्पतालों, सामान्य अस्पतालों के शिशु वार्ड में मूलभूत सुविधाओं का निरीक्षण एवं उपलब्धता एवं जिले में बच्चों से संबंधित सभी संस्थाओं में यथा बाल कल्याण समिति, किशोर एवं बालिका गृहों, छात्रावासों आदि में पल्स आॅक्सीमीटर क्रय करने, बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पाॅकेट सेनेटाईजर एवं मास्क उपलब्ध करवाने एवं साथ ही हाथ धोने, सेनेटाईजर, मास्क के उपयोग की महत्ता के बारे में जागरूक करने का कार्य समिति द्वारा किया जायेगा। 

संस्थाओं में समय-समय पर बच्चों के कमरों, शौचालयों, रसोईघर आदि स्थानों को सेनेटाईज करवाने, बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को अधिक मजबूत करने हेतु उन्हें संतुलित भोजन एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्जियां, फल इत्यादि उपलब्ध करवाने, उम्र के अनुसार वैक्सीनेशन, मौसम जनित बीमारियों से बचाव हेतु उपाय एवं नियमित चिकित्सीय परीक्षण करवाने, जिले में उपखण्ड, ब्लाॅक, ग्राम समिति स्तर पर बच्चों के लिये डेडिकेटेड कोविड सेन्टर बनाये जाने एवं वहां समस्त चिकित्सा व्यवस्था, मेडिकल आॅक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता को लेकर राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दिशा निर्देशों की अक्षरशः पालना इस समिति द्वारा सुनिश्चित की जायेगी।

राजस्थान के व्यापारियों दुकानदारों जागो और सारे बाजार खुलने का ज्ञापन अभी दो

करणीदानसिंह राजपूत

राजस्थान में लॉकडाउन 8 जून सुबह तक बढाए जाने की गाइड लाइन में लिखा है कि जहां स्थिति सुधार पर होगी वहां 1 जून से छूट दी जाएगी। राजस्थान में किराना व्यापारियों की दुकानें पहले 5 दिन खुलती थी अब 4 दिन की अनुमति दी गई है लेकिन बाकी दुकानें बंद है और उन में पड़ा हुआ माल रेत गर्द में खराब हो रहा है।

कोरोना के विस्तार को रोकने के लिए हमेशा ही बाजार बंद का फैसला पहले नंबर पर रखा जाता रहा। व्यापारी संगठन अपनी आवाज नहीं उठा पाए। इस कमजोरी के कारण ही प्रशासन और शासन का पहला काम बाजार बंद करवाना रहा। बाजार में कुछ संख्या आती है जबकि सैकड़ों गुना संख्या शहर में होती है। शहर में मोहल्लों में गलियों में घूमने पर कानून कायदे तोड़ने पर कोई नियंत्रण नहीं है। कोई देख रेख नहीं है। बस!प्रशासन का आदेश व्यापारियों पर लागू हो जाता है। 

अब 8 जून तक के लॉक डाउन की गाइड लाइन में 1 जून से सुविधाएं शुरू होंगी जहां पर प्रशासन मानेगा की सब कुछ ठीक-ठाक है। अगर व्यापारी संगठन चुप रहे अपने आवाज को बुलंद नहीं कर पाए तो किराना के अलावा अन्य बहुत सी दुकानें बंद ही रहेंगी। सच तो यह है कि जो दुकाने अब बंद पड़ी हैं उनके बिना भी व्यक्ति का काम नहीं चल सकता। उनका खोला जाना भी अति आवश्यक है। 

व्यापारी कमजोर इसलिए पड़ रहा है कि उसने कभी भी यह नहीं कहा कि दुकानों से कोरोना नहीं फैला। दुकानदारों ने कोरोना नहीं फैलाया। यह दुकानदारों की बहुत बड़ी कमजोरी रही है। अब भी दुकानदारों और  व्यापारिक संगठनों का जागना बहुत जरूरी है।

श्री गंगानगर में संयुक्त व्यापार संगठन की ओर से जिला कलेक्टर को समस्त बाजार खोलने की मांग रखी गई है। यह कदम बहुत ही अच्छा और पहल करने वाला है। जिला कलेक्टर व उपखंड अधिकारी ही तय करेंगे कि 1 जून को बाजार कहां कहां खोला जा सकता है। 

राजस्थान के अन्य स्थानों के जिला मुख्यालय के संगठनों को अपने अपने जिला कलेक्टरों को आजकल में ही सारा बाजार खोलने का ज्ञापन दे देना चाहिए।  जहां उपखंड है वहां व्यापारिक संगठनों को उपखंड अधिकारी और जिला कलेक्टर दोनों को ही ज्ञापन 1 जून से छूट और पूरा बाजार खुलने की अनुमति प्रदान करने का आज ही दे दिया जाना चाहिए।

* व्यापारिक संगठन यह कोशिश रखें कि बाजार में मास्क और सोशल डिस्टेंस की शत प्रतिशत पालना हो सके और कोई चालान नहीं हो। चालान हों तो बहुत कम हो। तब प्रशासन के सामने बाजार खोलने से इनकार करने का कोई बिंदु नहीं रहेगा। 

रिपोर्ट यह आनी चाहिए कि फलां जगह बाजारों में दुकानदारों ने नागरिकों ने मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंस 2 गज की दूरी का पूरा पूरा पालन किया है।  यह एक बहुत बड़ा प्रमाण होगा और 1 जून को किराना व्यापार के अलावा भी अन्य बहुत से व्यापार शुरू हो सकेंगे।

बाजार बंद रहने से सभी के धंधे चौपट हो रहे हैं और अपने घर की पूंजी को ही लोग खा कर के खत्म कर रहे हैं। सभी बर्बादी के कगार पर हैं इसलिए आजकल में ही अपने क्षेत्र के उपखंड अधिकारी जिला कलेक्टर आदि को 1 जून से बाजार खोलने का ज्ञापन जरूर दें।अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों विधायकों, सांसद आदि को भी ज्ञापन जरूर दें और अपने साथ खड़ा रखें।

बाजार खोले जाने का समय सुबह 6 से 11 के बजाय उपयुक्त समय 9 बजे से शाम 7 बजे तक तो अवश्य हो।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने परीक्षा, प्रवेश एवं सत्र के सन्दर्भ में शिक्षा मंत्री को भेजा ज्ञापन

हरयाणा – 26-5-2021

  • छात्रों की सुरक्षा एवं भविष्य का विचार कर हो 12वीं की परीक्षा का निर्णय: अभाविप
  • परीक्षा, प्रवेश एवं सत्र के सन्दर्भ में शिक्षा मंत्री को भेजा ज्ञापन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मानना है कि कोरोना परिस्थिति के कारण टाली गयी 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन पर केंद्र एवं राज्य सरकार विद्यार्थियों के सुरक्षा एवं भविष्य को ध्यान रख कर निर्णय करे। परिस्थिति को ध्यान रखते हुये सरकार नवीन प्रयोगों जैसे कम समयावधि की परीक्षा, प्रमुख विषयों की परीक्षा, ओपन बुक परीक्षा आदि के माध्यम से परीक्षा का आयोजन शारीरिक दूरी का पालन कर आगामी जुलाई-अगस्त में हो सकता है, इसी दिशा में कुछ राज्य सरकारों ने भी निर्णय किये हैं।
अभाविप का मत है कि केंद्र एवं राज्य सरकारें जल्दबाज़ी ना दिखाते हुये विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रख कर निर्णय करे। जिस तरह से कोरोना के मामले कम हो रहे हैं ऐसी स्थिति में निकट माह जुलाई/अगस्त में शारीरिक दूरी का पालन पर कम समयकाल में परीक्षाओं का आयोजन हो सकता है।
महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में विगत वर्ष की भाँति पाठ्यक्रम को कम करके अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों का मूल्यांकन करना, प्रमुख विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में आयोजित होने वाली एक दिवसीय प्रवेश परीक्षाओं को परीक्षा केंद्र की संख्या बढ़ाकर जुलाई/अगस्त माह में आयोजित करना, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालयों परिसरों में टीकाकरण केंद्रो को बढ़ाना, मेडिकल एवं चिकित्सा पाठ्यक्रमों में सीटें बढ़ाना, आगामी सत्र सितम्बर/अक्तूबर माह से प्रारंभ करना आदि सुझावों को शिक्षा मंत्री को भेजे पत्र में सम्मिलित किया है।
एबीवीपी के प्रांत मंत्री सुमित जागलान ने कहा कि, “राज्य के अधिकतर विश्वविद्यालयों में स्नातक कक्षाओं में प्रवेश मेरिट लिस्ट के आधार पर होता है, ऐसे में 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का मूल्यांकन महत्वपूर्ण है। केंद्र एवं राज्य सरकारों को विद्यार्थियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं शैक्षणिक भविष्य को ध्यान रख कर न्यायोचित निर्णय करना चाहिये जिससे भविष्य में किसी प्रकार की समस्या का सामना विद्यार्थियों को ना करना पड़े।”

हरियाणा सरकार को दुकान खोलने के समय में बदलाव करके सुबह 9 बजे से 5 बजे तक करना चाहिए – बजरंग गर्ग

कोरोना वायरस से मरने वाले व्यापारियों के परिवार को 10 लाख मुआवजा दे सरकार – बजरंग गर्ग
अन्य देशों की तरह जीएसटी भरने वाले व्यापारियों को फ्री स्वास्थ्य सेवा के साथ-साथ उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का कानून बनाई केंद्र सरकार – बजरंग गर्ग
सतीश बंसल सिरसा
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हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के जिला प्रधान हीरा लाल शर्मा ने बताया कि उत्तरी भारत के व्यापारी प्रतिनिधियों की वर्चुअल मीटिंग अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग की अध्यक्षता में हुई। जिसमें व्यापारियों को कोरोना महामारी के कारण आ रही समस्याओं पर बातचीत की गई। व्यापारी प्रतिनिधियों ने हरियाणा सरकार द्वारा 7 बजे से 12 बजे तक दुकानें खोलने के फैसले पर नाराजगी जताई। व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व गृहमंत्री अनिल विज को पत्र लिखकर मांग की है कि हरियाणा सरकार लॉकडाउन में सभी दुकानें खोलने का समय सुबह 9 बजे से 5 बजे तक का करना चाहिए, जबकि व्यापारियों को दुकान खोलने, सफाई करने व दुकानें बढ़ाने (बन्द) में ही लगभग एक घंटा से ज्यादा लग जाता है। जबकि सुबह 7 बजे ना तो कोई ग्राहक आता है और ना ही दुकानों पर कर्मचारी काम के लिए आते हैं, जबकि गांववासी भी शहरों में समान खरीदने के लिए आते हैं गांव वासियों को भी दुकानों पर से समान खरीदने व गांव से आने-जाने का समय चाहिए। सरकार को छोटे व मध्यम व्यापरियों की समस्या को समझते हुए, लॉकडाउन का समय 9 बजे से 5 बजे तक करना चाहिए। राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि देश व प्रदेश का व्यापारी सरकार को हर प्रकार का टैक्स देता है। हरियाणा सरकार को कोरोना वायरस से मरने वाले व्यापारियों को यूपी की तर्ज पर कम से कम 10 लाख रुपए का मुआवजा राशि देनी चाहिए। राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि अनेकों देशों में जीएसटी भरने वाले व्यापारियों को फ्री मेडिकल सुविधा के साथ-साथ उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जा रही है, ऐसा ही कानून केंद्र सरकार को भारत देश में बनाना चाहिए, जिसके लिए व्यापार मंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है। जबकि व्यापारी व उद्योगपति केंद्र व प्रदेश सरकारों को जीएसटी, इनकम टैक्स, एक्साइज ड्यूटी, लाइसेंस फीस, मार्केट फीस, प्रॉपर्टी टैक्स आदि हर प्रकार के टैक्स देकर सरकार को सहयोग कर रहा है, जबकि सरकार की तरफ से व्यापारियों को किसी प्रकार की रियायतें नहीं मिलने से व्यापारियों में सरकार के प्रति बड़ी भारी नाराजगी है। इस वर्चुअल मीटिंग में पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष अमित कपूर, उत्तर प्रदेश व्यापार ंमंडल के प्रदेश अध्यक्ष विकास जैन, व्यापार मंडल हिमाचल प्रधान कुशल जेठी, चण्डीगढ़ व्यापार मंडल प्रधान कमलजीत सिंह पंछी, व्यापार मंडल राजस्थान प्रधान हनुमान मित्तल, व्यापार मंडल दिल्ली सोरभ गोयल, सिरसा जिला प्रधान हीरा लाल शर्मा, अम्बाला जिला प्रधान नीरू वढेरा, पंचकुला जिला प्रधान बोबी सिंह, कैथल जिला प्रधान श्रवण गोयल, शहरी प्रधान सिकंदर गुप्ता, झझर जिला प्रधान सोहन सिंह गुज्जर, सोनीपत से पवन तनेजा, पानीपत सुरेश बवेजा, कुरूक्षेत्र से राजेश सिंगला, करनाल से रमेश जिन्दल, गुडगांव से बब्लू गुप्ता, भिवानी से पवन बुवानिवाला, रोहतक से रमेश खुराना, पलवल से प्रवीन गर्ग, दादरी से अर्जन बजाब, महेंद्रगढ़ से मुनीष मित्तल, टोहाना से राजेन्द्र ठकराल, जिन्द जिला प्रधान महावीर कम्पयूटर, यमुनानगर केवल सिंह खरबंदा, यमुनानगर जिला प्रधान अनिल भाटिया, शाहाबाद युवा प्रधान उमेश गर्ग, कानूनी सलाहकार वैभव जैन चण्डीगढ़ आदि भारी संख्या में व्यापारी प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।

ज्ञान-विज्ञान आंदोलन के अग्रज भारत भूषण का कोरोना से निधन : विभिन्न संस्थाओं ने जताया शोक


सतीश बंसल सिरसा मई
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जिले में ज्ञान-विज्ञान आंदोलन के अग्रणी सदस्य भारत भूषण जो पिछले 15 दिनों से कोरोना के साथ जिन्दगी के संघर्ष में इस जहान को अलविदा कह गए। राहुल सांकृत्यायन पुस्तकालय सिरसा के संस्थापक भारत भूषण 31 मई 2017 को राजकीय माध्यमिक विद्यालय ढाबां से बतौर मिडल हैड रिटायर होकर सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय थे। 90 के दशक में सिरसा में हरियाणा विज्ञान मंच की स्थापना के साथ शिक्षा विभाग के सहयोग से हर वर्ष आयोजित होने वाली बाल विज्ञान कांग्रेस के वे सिरसा जिला के प्रथम संयोजक थे और कई वर्षों तक उन्होंने यह कार्यक्रम बखूबी संभाले रखा। राजकीय उच्च विद्यालय कंवरपुरा में बतौर विज्ञान अध्यापक उन्होंने काफी ख्याति प्राप्त की। खेल-खेल में पढ़ाई करवाते हुए वे बच्चों एवं उनके अभिभावकों के चहेते बने। गांव कंवरपुरा के निवासी आज भी उन्हें याद करते हैं। गांव ढाबां से रिटायरमेंट उपरान्त उसी क्षेत्र के गांव भादड़ा में अक्सर वे वहां के मुखिया जैनवीर से फोन पर बात करके स्कूल पहुंच जाते और पूरा-पूरा दिन बच्चों को विज्ञान की पढ़ाई और प्रयोग आदि करवाते रहते। श्री जैनवीर बताते हैं कि उनकी अध्यापन कला अद्भुत थी और वे चुटकियों में ही बच्चों को  विज्ञान की बारीकियां समझा देते थे। रिटारयमेंट उपरान्त उनके नेतृत्व में भादड़ा विद्यालय के बच्चों ने विज्ञान प्रदर्शनी का पहली बार सफल आयोजन किया।
स्व० भारत भूषण हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति के अलावा हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ एवं सर्व कर्मचारी संघ व रिटायर्ड सर्व कर्मचारी संघ से भी जुड़े रहे और इन संगठनों में नेतृत्वकारी भूमिका अदा की। अक्तूबर-2020 में राहुल सांकृत्यायन पुस्तकालय की स्थापना के पश्चात के इस अल्प समय में 15 के करीब साप्ताहिक विमर्श एवं विचार गोष्ठियों का सफल आयोजन उनकी सरपरस्ती में हुआ। भारत भूषण के निधन पर नगर के विभिन्न राजनीतिज्ञों, ट्रेड यूनियनों, साहित्यिक संस्थाओं एवं महानुभावों ने शोक व्यक्त किया है जिनमें रिटायर्ड कर्मचारी संघ की ओर से राजेन्द्र अहलावत, राहुल सांकृत्यायन पुस्तकालय सिरसा के अध्यक्ष अनीश कुमार, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के सचिव बूटा सिंह, सी.पी.आई. नेता का० स्वर्ण सिंह विर्क, किसान सभा से राजकुमार शेखुपुरिया, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ० गिरीश चौधरी, सी.पी.एम. के जिला सचिव विजय ढुकड़ा, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुरेश मेहता, वरिष्ठ साहित्यकार हरभगवान चावला, डा. हरविन्दर सिंह, उर्मिल मोंगा आदि शामिल हैं।

ग्रामीणों के लिए मेडिकल किट बनी संजीवनी, घर पर ही उपचार कर दे रहे कोरोना को मात

-मेडिकल किट से घर पर उपचार के साथ-साथ ग्रामीणों की जागरूकता से धीमी पड़ी कोरोना की रफ्तार
-कोविड लक्षण वालों का मेडिकल किट से उपचार में ग्रामीण मेडिकल प्रेक्टिशनर निभा रहे सक्रिय भूमिका
-जिला के ग्रामीण क्षेत्र में 24 हजार से अधिक मेडिकल किट का हो चुका वितरण

सतीश बंसल सिरसा, 26 मई।

ग्रामीण क्षेत्र में मेडिकल किट(कोविड दवाई) से उपचार व लोगों की जागरूकता ने कोरोना की रफ्तार को धीमा कर दिया है, जिससे कोरोना मामलों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में कोविड लक्षण लोगों के लिए मेडिकल किट संजीवनी साबित हुई है। बुखार, खांस, जुकाम आदि कोरोना लक्षण वाले मरीजों ने मेडिकल किट से घर पर ही उपचार करके कोरोना को मात दी है। अब तक जिला के गांवों में साढे चौबीस हजार मेडिकल किट का वितरण किया जा चुका है।
दूसरी लहर में शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना का फैलाव सरकार व प्रशासन के लिए चिंता विषय बन गया था। सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना की रफ्तार को रोकने के लिए आइसोलेजशन सैंटर, ट्रेकिंग, टेस्टिंग आदि अनेक प्रभावी कदम उठाए गए। इसी कड़ी में सिरसा के ग्रामीण क्षेत्र में कोविड लक्षण वाले मरीजों को घर द्वार पर मेडिकल किट का वितरण एक अनूठी पहल की गई, जिसके सार्थक परिणाम सामने आए। बिजली मंत्री रणजीत सिंह के आह्वान पर सामाजिक संस्थाओं ने मेडिकल किट तैयार करने में सहयोग किया। उपायुक्त प्रदीप कुमार के कुशल मार्गदर्शन में गांव के हर कोविड लक्षण वाले व्यक्ति तक मेडिकल किट पहुंचाकर समुचित वितरण किया गया। अब तक जिला में 24 हजार से अधिक मेडिकल किटों का वितरण हो चुका है।
मेडिकल किट की दवाई लेकर घर पर ही दी कोरोना को मात :
ग्रामीण क्षेत्र में कोविड लक्षण वाले मरीजों ने घर पर ही मेडिकल दवाईयों से अपना उपचार किया और स्वस्थ हो गए।   गांव साहुवाला के मेडिकल प्रेक्टिशनर इंद्रपाल ने बताया कि उन्हें गांव में चार कोविड लक्षण के लोगों को मेडिकल किट दी थी। मरीजों ने दवाई का सही उपयोग किया और बचाव उपायों की पालना की, जिससे वे पूरी तरह से स्वस्थ हो गए। उन्होंने बताया कि गांव की बिमला देवी व रोहताश कुमार को बुखार, खांसी आदि कोविड लक्षण थे। इनका मेडिकल दवाईयों से घर पर ही उपचार किया गया। अब दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मेडिकल प्रेक्टिशनर इंद्रपाल ने बताया कि मेडिकल किट से न केवल लोग घर पर ही स्वस्थ हुए बल्कि इससे संक्रमण की रफ्तार भी धीमी पड़ी है। गांव में ही लोगों को कोरोना का उपचार मिलने के चलते जहां शहर में अस्पतालों पर दबाव कम हुआ, वहीं रिकवरी रेट भी बढा।  
कोविड लक्षण वालों के इलाज में मेडिकल प्रेक्टिशनर ने निभाई सक्रिय भूमिका :
ग्रामीण क्षेत्र में कोविड लक्षण वालों का मेडिकल किट से उपचार करने में मेडिकल प्रेक्टिशनर ने सक्रिय भूमिका निभाई। मेडिकल प्रेक्टिशनर ने न केवल लोगों के उपचार में मदद की, इसके साथ ही ग्रामीणों को कोरोना को लेकर जागरूक भी किया। बिजली मंत्री रणजीत सिंह व उपायुक्त प्रदीप कुमार की उपस्थिति में बाकायदा ग्रामीण मेडिकल प्रेक्टिशनर को डॉक्टरों से कोरोना उपचार के लिए प्रशिक्षण दिया गया था। इसके साथ ही मेडिकल प्रेक्टिशनर को मेडिकल किट भी दी गई थी।

सब्जी मंडी में अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए दुकानदारों व रेहड़ी चालकों को किए पास जारी

-मार्केट कमेटी ने लाल व हरे रंग के 780 पास किए जारी, सप्ताह में तीन-तीन दिन कर सकेंगे खरीददारी
-लाल रंग के पास वाले सोमवार, बुधवार, शुक्रवार तथा हरे रंग वाले मंगलवार, वीरवार व शनिवार को कर सकेंगे सब्जियों व फलों की खरीददारी
-दुकानदार व रेहड़ी चालक अपनी बारी पर ही करें मंडी में सब्जी व फलों की खरीददारी : उपायुक्त

सतीश बंसल सिरसा, 26 मई।

उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि लॉकडाऊन के दौरान संक्रमण के फैलाव को रोकने के मद्देनजर सब्जी मंडी में अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए दुकानदारों व रेहड़ी चालकों को पास जारी किए गए हैं। इसके लिए दो तरह के पास जारी किए गए हैं। दुकानदार व रेहड़ी चालक अपनी बारी पर ही सब्जी मंडी में सब्जियों व फलों की खरीददारी कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि सब्जी मंडी में एक साथ दुकानदारों व रेहड़ी चालकों के खरीदादारी से भीड़ बढ़ जाती है और इससे संक्रमण फैलाव की अधिक संभावना रहती है। इसी के दृष्टिगत मार्केट कमेटी ने लाल व हरे रंग के 780 पास जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि तीन दिन लाल रंग पास वाले व तीन दिन हरे रंग पास वालों को ही सब्जी मंडी में खरीददारी की अनुमति होगी और सुबह चार बजे से लेकर सात बजे तक खरीददारी की जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि लाल रंग के पास वाले सब्जी व फल विक्रेता सोमवार, बुधवार तथा शुक्रवार को सब्जी मंडी में खरीददारी करेंगे। इसी प्रकार हरे रंग के पास धारक मंगलवार, वीरवार व शनिवार को खरीददारी कर सकते है। रविवार को मंडी बंद रहेगी। उपायुक्त ने बताया कि खरीदारी के दौरान दुकानदार व रेहड़ी चालक कोविड-19 के नियमों की पालना के साथ- साथ सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखना होगा। इसके साथ-साथ सब्जी मंडी में सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए। संबंधित विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सब्जी मंडी में कोई भी दुकानदार बिना मास्क के न हो। इसके अलावा दुकानदार सेनेटाइजर जरूर रखें और समय-समय पर अपने हाथो को सैनेटाईज करें। उन्होंने कहा कि नागरिक कोरोना संक्रमण को हल्के में न लें और किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें। नागरिक अनावश्यक रूप से घर से न निकलें और सावधानी व संयम बरतें।
दुकानदार दुकान खोलने व बंद करने के निर्धारित नियमों का करें पालन :
उपायुक्त ने कहा कि दुकानदार संक्रमण के फैलाव अंकुश के लिए प्रशासन का सहयोग करें। संक्रमण से बचाव नियमों की स्वयं पालना करते हुए दूसरों को भी प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि दुकानों के खोलने व बंद करने का समय निर्धारित किया गया है ताकि आर्थिक गतिविधियां भी जारी रहें और आमजन को भी परेशानी न हो। दुकानदार निर्धारित समय अनुसार ही दुकानों को खोले व बंद करें। इसके साथ ही दुकान पर संक्रमण बचाव नियमों की पालना करें। दुकान पर सोशल डिस्टेसिंग से ही सामान की बिक्री करें। अनावश्यक भीड़ न होने दें। मास्क स्वयं लगाएं और ग्राहकों को भी मास्क लगाने के लिए कहें। छोटी- छोटी सावधानियां व बचाव उपाय अपनाकर हम अपने जिला में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोक सकते है। सभी नागरिक जागरूकता व सजगता का परिचय देते हुए जिला को कोरोना मुक्त बनाने में अपना सहयोग दें।

ब्लड बैंक में डोनर्स को पेयजल के लिए परेशान देखा तो संस्था अपने ने स्थापित किया वाटर डिस्पेंसर20 लीटर क्षमता का है वाटर डिस्पेंसर

ब्लड बैंक में डोनर्स को पेयजल के लिए परेशान देखा तो संस्था अपने ने स्थापित किया वाटर डिस्पेंसर20 लीटर क्षमता का है वाटर डिस्पेंसर, एसएमओ एमके भादू ने किया शुभारंभ
सतीश बंसल मंडी डबवाली (सिरसा)।
अपने संस्था डबवाली के उपमंडल नागरिक अस्पताल में ब्लड बैंक की कमियों को दूर करने में जुटी है। मंगलवार को संस्था ने ब्लड बैंक में वाटर डिस्पेंसर स्थापित किया। फ्रिज की सुविधा वाले इस डिस्पेंसर की क्षमता 20 लीटर है। डिस्पेंसर का शुभारंभ एसएमओ (वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी) डॉ. एमके भादू ने किया। इस मौके पर संस्था के वरिष्ठ सदस्य सुभाष गुप्ता, ब्लड यूनिट प्रभारी हरीश सेठी, आशु सिंगला, अंग्रेज सिंह सग्गू, खुशी मोहम्मद कुरैशी, चाणक्य पारीक, मुनीष कुमार मोनू मौजूद थे। हरीश सेठी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग से विचार-विमर्श के बाद ब्लड ब्लड को रेनोवेट करने का प्लान तैयार किया जा रहा है। मेटिंग, कलर के अलावा काफी कुछ किया जाना शेष है। संस्था ने सुधार का बीड़ा उठाया है।
हरीश सेठी के अनुसार डबवाली में पांच मार्च को ब्लड बैंक शुरु हुआ था। पानी की पर्याप्त व्यवस्था न होने से ब्लड डोनर्स को पेयजल के लिए परेशानी होती थी। परेशानी को दूर करते हुए वाटर डिस्पेंसर स्थापित किया गया है। जिसकी कीमत करीब नौ हजार रुपये है। डिस्पेंसर की क्षमता 20 लीटर होने से ब्लड बैंक कर्मियों तथा ब्लड डोनर्स को अब पेयजल किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
संस्था अपने की ब्लड यूनिट के प्रभारी हरीश ने बताया कि ब्लड बैंक की रिफ्रेशमेंट को बेहतर करने की दिशा में भी कार्य हो रहा है। रक्तदाता के स्वास्थ्य प्रति संस्था अपनी जिम्मेवारी का निर्वाह करते हुए रिफ्रेशमेंट में सुधार करने जा रही है। डिस्पेंसर में स्मॉल फ्रिज है। फ्रटी या अन्य पदार्थों को सुरक्षित रखने के लिए उसे उपयोग में लाया जाएगा।
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करीब ढाई माह पहले ही ब्लड बैंक शुरु हुआ है। धीरे-धीरे व्यवस्था में सुधार हो रहा है। सामाजिक संस्था अपने लोगों को जागरुक करके रक्तदान करवा रही है। अब स्वास्थ्य विभाग से जुड़ते हुए सुधार में जुट गई है। उम्मीद है कि संस्था के सहयोग से आने वाले दिनों में ब्लड बैंक का स्वरुप बिल्कुल बदल जाएगा।
-डॉ. एमके भादू, एसएमओ, डबवाली

WEBINAR SERIES “MIND MARATHON” AT UIFT & VD – “EXPLORING ANXIETY: STRESSORS AND COPING”

Chandigarh May 26, 2021

University Institute of Fashion Technology & Vocational Development, (UIFT & VD), Panjab University started with a webinar series titled “Mind Marathon” on May 25, 2021. “This series has been launched at a time when there is a lot of anxiety and other mental health difficulties, and it will help not only students but society as a whole,” said Dr. Anu H. Gupta, Chairperson . The webinar drew around 90 people, including faculty from various institutions and colleges, research experts, and students.

The speaker for the first webinar in this series titled “Exploring Anxiety: Stressors and Coping” was Dr. Sheba Singh, a consultant psychologist in Nahar Medical Centre and an academician from Mumbai.  She discussed the technical aspects of the anxiety’s operation. In light of the challenging times of this second wave of Covid 19, she entailed a discourse of the new anxieties developing in the health workers, patients, students and their family members. Her experience of 20 years in the field of psychology reflected in her simplified approach of making a dialogue with the students undergoing signs of anxiety and depression. An explanation on the Covid stress consisting of different stages viz. pre-Covid, during Covid, and post-Covid helped the audience to recognize the need of coping with these for better mental health. All participants took part in a practical activity in which they measured their stress levels. She elaborated a number of self-help techniques, including allied practices like deep breathing, yoga, exercise, listening to music, planning an activity calendar in advance and following it, and keeping in touch with friends and family members on a regular basis.

Ms. Harleen, Faculty UIFT & VD, appreciated and thanked Dr. Sheba for enlightening the participants with perspective on several areas of anxiety and how to overcome it. This webinar served as a forum for students to open up about their tumultuous mental states and seek help in managing. The session proved to be a great source of information for awakening oneself towards a healthy mind. It was a welcome call for many, who have always needed to be heard about their emotions and suppressed feelings.

Short Term FDP by PU HRDC

Chandigarh May 26, 2021

UGC-Human Resource Development Centre(HRDC), Panjab University, Chandigarh is conducting a 3-days (9 Hours) Short Term Faculty Development Programme for 35 teachers of Colleges and University from different States and UTs.

The theme is “Developing Academic Skills of Reviewing” and various topics to be discussed by resource persons from premier institutes would be – Writing peer reviews, Writing review articles and Evaluating thesis and dissertation.

Prof. Raj Kumar, Vice Chancellor, Panjab University delivered the inaugural session and spoke about the significance of such short programmes on quality enhancement of the academia. He shared his own experiences of getting trained in academic skills and expressed his expectation that the participants will take home practical skills to do good research and to be disseminated in the classrooms.

Prof. S.K. Tomar, Honorary Director, HRDC, Panjab University spoke to the participants on the necessity of new faculty needs to be trained in review skills so that they become competent in critical thinking, problem solving and become confident reviewers and evaluators themselves.