कोरोना के आगे बोर्ड फेल छात्र पास, 10वीं की परीक्षाएं रद्द 12वीं पर फैसला सुरक्षित

स्टूडेंट्स 10वीं, 12वीं की परीक्षाओं को कैंसिल करने की मांग कर रहे थे और इसको लेकर ट्विटर पर #cancelboardexams2021 अभियान चला रहे थे। जिसके बाद कई लोग बोर्ड परीक्षाओं के रद्द करने के समर्थन में आगे आए, तब से इस पर लगातार चर्चा हो रही है। बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी ने सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं को कराने को लेकर चर्चा की। इस दौरान शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से विचार विमर्श किया। सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं को कैंसिल करने की मांग की जा रही थी जिसके बाद से पीएम नरेन्द्र मोदी ने शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और शिक्षा मंत्रालय के उच्चाधिकारियों के साथ आज बैठक हुई। बैठक के बाद सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं को रदद करने का निर्णय लिया गया।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने CBSE स्टूडेंट्स के लिए बड़ा और जरूरी फैसला किया। 4 मई से शुरू होने वाली 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दीं और 12वीं की परीक्षाएं अभी टाल दी हैं। इस पर सरकार 1 जून को फैसला करेगी। दोनों ही परीक्षाओं से जुड़े सरकार के फैसले…

12वीं के छात्रों के लिए

  • 4 मई से 14 जून तक चलने वाली 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं अभी टाली गई हैं। ये परीक्षाएं इसके बाद होंगी। बोर्ड 1 जून को हालात की समीक्षा करेगा। तब फैसला किया जाएगा।
  • अगर परीक्षाएं होती हैं तो कम से कम 15 दिन पहले छात्रों को इसके बारे में बताया जाएगा।

10वीं के छात्रों के लिए

  • इनकी भी परीक्षाएं 4 मई से 14 जून तक होनी थीं। ये रद्द यानी कैंसिल कर दी गई हैं। यानी इस साल इनकी परीक्षाएं नहीं होंगी। सभी स्टूडेंट्स अगली क्लास में प्रमोट किए जाएंगे, लेकिन रिजल्ट के साथ। इस रिजल्ट का आधार क्या होगा, CBSE बोर्ड इसे तय करेगा।
  • अगर कोई छात्र बोर्ड की ओर से दिए गए मार्क्स से संतुष्ट नहीं होगा तो वो परीक्षा में शामिल हो सकता है। लेकिन ये परीक्षा तब होगी जब इसके लिए देश में हालात समान्य होंगे।

ये फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की बुधवार दोपहर करीब घंटे भर चली बैठक में लिया गया। इससे पहले कई नेता और राज्य सरकारें CBSE की बोर्ड परीक्षाएं टालने की मांग कर चुके थे।

कहा जा रहा है कि बैठक में अधिकारियों का सुझाव था कि 12वीं और 10वीं दोनों की परीक्षाएं टाली जाएं। लेकिन प्रधानमंत्री ने सबके सुझाव सुनने के बाद कहा कि बच्चे पहले ही कोरोना में बहुत नुकसान और परेशानी झेल चुके हैं। ऐसे में 10वीं की परीक्षाओं को रद्द किया जाना चाहिए और 12वीं को परीक्षा को टाला जाना चाहिए।

4 मई से शुरू होनी थीं CBSE बोर्ड की परीक्षाएं
CBSE की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 4 मई से होनी थीं। ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन भी 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को टालने की मांग कर चुकी थी। इस संबंध में एसोसिएशन की ओर से शिक्षा मंत्रालय को चिट्ठी लिखी गई थी। साथ ही छात्रों ने भी सोशल मीडिया पर #CancelBoardExam2021 कैंपेन चला रखा था।

CBSE की बोर्ड परीक्षाओं में 10वीं और 12वीं को मिलाकर करीब 35.81 लाख स्टूडेंट शामिल होने वाले थे। इनमें 12वीं के 14 लाख से अधिक और 10वीं के 21.50 लाख छात्र थेे।

कई राज्यों में कोरोना के हालात बेकाबू

कोरोना से महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्य बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। और कई अन्य राज्यों में स्थिति खराब होने की ओर बढ़ने लगी है। ऐसे में परीक्षा कराना बड़ी चुनौती थी। केंद्र के फैसले से पहले महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सरकारें अपने यहां होने वाली बोर्ड परीक्षाएं टाल चुकी थी। इसके साथ देश के स्टेट बोर्ड ने भी परीक्षाएं टाल दी हैं।

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