पुलिस अधिकारी से शिव सैनिक और फिर पुलिस अधिकारी बने सचिन वाजे पर हसमुख की हत्या के गंभीर आरोप
ख्वाजा यूनिस के मौत के मामले में 2004 में उसचिन वाजे को निलंबित किया गया था। इसके बाद 2007 में वाजे ने पुलिस सेवा से इस्तीफा देकर 2008 में शिवसेना जॉइन कर ली थी। जब उद्धव ठाकरे की सरकार आई तो वाजे को फिर से पुलिस सेवा में वापस लाया गया क्योंकि उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ था। उन्होंने एक मराठी किताब भी लिखी है और उन पर ‘रेगे’ नामक मराठी फिल्म भी बन चुकी है। अंबानी को धमकी वाला ममला उन्हें ही सौंपा गया था।
मुंबई/पुणे/नई दिल्ली :
मुंबई में एंटीलिया के बाहर विस्फोटक के मामले में नया ट्विस्ट आ गया है. मृतक मनसुख हिरेन की पत्नी विमला हिरेन ने पुलिस अफसर सचिन वाजे के खिलाफ अपने पति की हत्या का केस दर्ज कराया है. सचिन वाजे की भूमिका को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस भी सवाल उठा चुके हैं. फडणवीस ने मनसुख और सचिन वाजे की बीच की कॉल रिकॉर्ड डिटेल का हवाला कर लगातार दावा किया है की सचिन वाजे की भूमिका इस मामले में संदिग्ध है
भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित बहुमंजिला घर एंटीलिया के बाहर खड़ी मिली संदिग्ध कार के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मुद्दा अब महाराष्ट्र विधानसभा में भी गूँज रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इस मामले में मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ़्तारी की माँग की है। विधानसभा में ‘ये सरकार खूनी है’ का नारा भी गूँजा।
सचिन वाजे वही पुलिस अधिकारी हैं, जिन्होंने अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार किया था। सचिन वाजे को 90 के दशक के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में जाना जाता है। अब तक 60 से अधिक अपराधियों के एनकाउंटर में उनका नाम आया है। कोल्हापुर जिले से आने वाले सचिन 1990 बैच के IPS अधिकारी हैं। 1992 में उनका ट्रांसफर ठाणे में हुआ और उसके बाद वो क्राइम ब्रांच का हिस्सा बन गए।
ख्वाजा यूनिस के मौत के मामले में 2004 में उन्हें निलंबित भी किया गया था। इसके बाद 2007 में उन्होंने पुलिस सेवा से इस्तीफा देकर 2008 में शिवसेना जॉइन कर ली थी। जब उद्धव ठाकरे की सरकार आई तो उन्हें फिर से पुलिस सेवा में वापस लाया गया क्योंकि उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ था। उन्होंने एक मराठी किताब भी लिखी है और उन पर ‘रेगे’ नामक मराठी फिल्म भी बन चुकी है। अंबानी को धमकी वाला ममला उन्हें ही सौंपा गया था।
अब मृतक मनसुख हिरेन की पत्नी ने इस मामले में सचिन वाजे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ही उनके पति की उस स्कॉर्पियो कार का प्रयोग कर रहे थे, जो एंटीलिया के बाहर मिली थी। बकौल विमला हिरेन, वाजे ने उनके पति से इस मामले में गिरफ्तार हो जाने को कहा था और जमानत दिलाने का आश्वासन भी दिया था। ATS ने इस मामले में उनका बयान दर्ज किया है।
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर में उस बयान और FIR की कॉपी के आधार पर दावा किया गया है कि विमला हिरेन के अपने पति की हत्या होने की आशंका जताई है और कहा है कि इसमें सचिन वाजे का भी हाथ है। मनसुख हिरेन ने बताया था कि उक्त गाड़ी फरवरी 17 को ही चोरी हो गई थी। उसमें से जिलेटिन की छड़ें भी मिली थीं, जिससे बम बनाया जाता है। विमला ने कहा कि उनके पति तनाव में रहते थे क्योंकि वाजे उन पर गिरफ्तार होने का दबाव बना रहे थे।
उनका कहना है कि मार्च 4 को उनके पति ने बताया था कि वो कांदिवली पुलिस थाने में इंस्पेक्टर तावड़े से मिलने जा रहे हैं। उन्होंने अपने बेटे को वाजे का नंबर भेजा था और कहा था कि अगर कोई भी समस्या हो तो उन्हें कॉल कर ले। अगले दिन उनके गायब होने की रिपोर्ट परिजनों ने दर्ज कराई और कुछ ही घंटों बाद उनकी लाश मिली। उनके बयान के बाद फड़नवीस ने वाजे की गिरफ़्तारी की माँग की है।
उन्होंने कहा कि वाजे को हत्या नहीं तो सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया ही जाए और अगर ऐसा नहीं होता है तो इसका अर्थ है कि कोई उन्हें बचा रहा है। उन्होंने कहा कि मनसुख हिरेन के मोबाइल फोन का अंतिम लोकेशन धनंजय तावड़े के घर के बाहर बता रहा था, जो 2017 में वाजे के साथ एक रंगदारी के मामले में फँसा था। जबकि तावड़े अब कह रहा है कि वो वाजे को नहीं जानता और वाजे ने अपन ऊपर लगे आरोपों की जानकारी होने से इनकार किया है।
इन सबके अलावा ये भी पता चला था कि मनसुख हिरेन ने मौत से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। उन्होंने इस पत्र में कहा था कि पीड़ित होने के बावजूद उनके साथ आरोपित की तरह व्यवहार किया जा रहा है। इसमें उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ एक पत्रकार का नाम भी लिया था। उन्होंने कहा था कि उनसे हिरासत में भी पूछताछ की गई, जिससे उनकी मानसिक प्रताड़ना हो रही है।