हरियाणा राज्य फ ार्मेसी काउंसिल के पूर्व रजिस्ट्रार अरूण पराशर की मनमानी

उच्च न्यायालय व सरकार के आदेशों की उड़ रही छज्जियां पदमुक्त होने के बाद भी पराशर कर रहे फार्मेसी कौंसिल में कार्य चंडीगढ़। हरियाणा राज्य फ ार्मेसी काउंसिल के  पूर्व चेयरमेन केसी गोयल ने सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठाए है। केसी गोयल ने फार्मेसी कौसिंल के पूर्व रजिस्ट्रार अरूण पराशर पर भी मनमानी के आरोप लगाए है। केसी गोयल ने दावा किया है कि अरूण पराशर को उच्च न्यायालय व सरकार द्वारा रजिस्ट्रार पद से बर्खाश्त किया जा चूका है लेकिन फिर भी अरूण पराशर आज भी कौंसिल को अपनी निजी दूकान बनाकर पद पर बैठे हुए है।

अरूण पराशर अब भी सरेआम फार्मासिस्ट के  रजिस्ट्रेशन कर फार्मासिस्टों को गुमराह कर रहे है जबकि फार्मेसी एक्ट की धारा 46 एफ के तहत बिना गजट नोटिफि केशन जारी किए बिना कोई रजिस्ट्रार कार्य नही कर सकता। पूर्व चेयरमेन केसी गोयल ने सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष रखकर गंभीरता से अरूण पराशर कार्यकाल की जांच करने की मांग की है।

शुक्रवार को प्रेस को जारी विज्ञप्ति में पूर्व चेयरमेन केसी गोयल ने बताया कि अरुण पराशर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के खासम खास व अम्बाला कैंट के भाजपा मंडल अध्यक्ष अजय पराशर क ा भाई है। उन्होने बताय कि अरूण पराशर को सरकार ने फ ार्मेसी एक्ट की अवहेलना कर बिना किसी आवेदन व बिना किसी इंटरव्यू और बारहवीं के  फ र्जी बोर्ड से हरियाणा राज्य फ ार्मेसी काउंसिल का रजिस्ट्रार नियुक्त कर दिया था। बतौर चेयरमेन विरोध जताया गया लेकिन सरकार के दबाव में कोई कार्रवाई नही हुई। केसी गोयल ने कहा कि पारदर्शिता का ढोंग पीटने वाले प्रदेश के सीएम मनोहर लाल व स्वास्थय मंत्री अनिल विज ने फ ार्मेसी में दाखिला एवं रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी 10+2 दिल्ली के फ र्जी बोर्ड व फ ार्मेसी में कर्नाटक से डिप्लोमा लाने वाले अरुण परासर को अवैध रूप से रजिस्ट्रार नियुक्त कर दिया। गोयल ने बताया कि अरुण परासर की नियुक्ति को रद्द कराने के लिए मान्य पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल सीडब्ल्यूपी 22656/18 दाखिल की। जिस पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार की नियुक्ति को गलत मानते हुए  25-07-19 क ो रद्द कर दिया था और सरकार ने भी 7-11-2019 को अरूण पराशर को पदमुक्त कर दिया था।

अब अरुण परासर की डबल बैंच में चुनौती को भी 15-12-2020 को माननीय उच्च न्यायालय ने गलत बताया है। केसी गोयल ने कहा है कि अरुण परासर ने रजिस्ट्रार रहते हुए सरकार व फ ार्मेसी कौंसिल में लाखों रूपए का गबन किया है और कई फ र्जी रजिस्ट्रेशन कि ए है। गोयल ने बताया कि 25-07-19 को माननीय उच्च न्यायालय ने अरुण पराशर के साथ-साथ काउंसिल में कार्यरत सभी स्टाफ  को पद मुक्त कर दिया था लेकिन ना तो हाईकोर्ट के आदेशों की पालना हो रही है और ना ही फ ार्मेसी एक्ट की। हाईकोर्ट के आदेश के बाद आज भी काउंसिल में बिना किसी अप्रूवल के कार्य कर रहे है।

उन्होने बताया कि सरकार ने अपनी हठधर्मिता अपनाते हुए हाईकोर्ट से निलंबन के बाद भी अरुण पराशर को हरियाणा राज्य फ ार्मेसी कौंसिल का सदस्य मनोनीत किया है। 

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