मध्य प्रदेश में सरकार के जाने से नहीं पेट्रोल की गिरती कीमतों पर मोदी की तवज्जो न होने से दुखी हैं राहुल

मध्यप्रदेश में चुनावों के पश्चात जोड़ तोड़ से बनी कमाल नाथ की सरकार का गिरना राहुल गांधी के लिए क्या माने रखता है? राजनैतिक कैरियर के शुरुआती दिनों के साथी हमउम्र सिंधिया के पार्टी छोड़ने और फिर भाजपा में शामिल होने पर राहुल गांधी की पहली प्रतिक्रिया कुछ इस प्रकार आई मानो वह अपने 18 – 20 साल पुराने साथी को खो कर सहज हैं और जब सभी की नज़रें सिंधिया द्वारा उठाए गए इस कदम पर थीं तो शायद मोदी मण्डल पेट्रोल की गिरती कीमतों को लेकर अनभिज्ञ था। अचानक ही राहुल गांधी वित्तीय सलहाकार की भूमिका में आ गए और सरकार को पेट्रोल की कीमत 60 रुपए करने की नसीहत दे डाली।

नई दिल्ली: 

पेट्रोल की कीमतों के घटने के साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर खींचने की कोशिश की. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने की सरगर्मी के बीच कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट करते हुए कहा है ‘पेट्रोल की कीमतों में गिरावट आ रही है. इस पर ध्यान दिया जाए.’

पेट्रोल 60 रुपये प्रति लीटर करने की मांग

राहुल गांधी ने PMO को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘सरकार ने शायद नोटिस नहीं किया है कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दामों में 35 फीसदी की कमी हुई है.’ राहुल गांधी ने आगे लिखा है, ‘पेट्रोल की कीमतों को 60 रुपये प्रति लीटर से कम करके आम लोगों को इसका फायदा मिलना चाहिए.’

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5-6 रुपये की हो सकती है गिरावट

ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल के भाव में इस बड़ी गिरावट के चलते घरेलू मार्केट में इसका असर साफ देखने को मिल सकता है. आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल का भाव में भी बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है. सीनियर ट्रेड एनालिस्ट अरुण केजरीवाल के मुताबिक, कच्चे तेल के भाव में गिरावट का फायदा भारत को मिलेगा. पेट्रोल-डीजल 6 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है. हालांकि, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर बना हुआ है. इसलिए पेट्रोल-डीजल में ज्यादा बड़ी कटौती की उम्मीद कम है.

पेट्रोल 2.69 रुपये और डीज़ल 2.33 रुपये हुआ सस्ता

पिछले कुछ दिनों से सऊदी अरब और रूस के बीच ऑयल की कीमतों में जंग छिड़ने से सोमवार को कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार में 31 प्रतिशत तक टूट गई थी

नई दिल्ली:

 अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में चल रही जंग का फायदा भारतीय उपभोक्ताओं को मिल रहा है. पेट्रोल और डीजल के दामों में को लगातार सातवें दिन गिरावट का सिलसिला जारी रहा. दिल्ली में छह दिनों में पेट्रोल 2.69 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया, जबकि डीजल का दाम 2.33 रुपये प्रति लीटर कम हो गया. देश के अन्य शहरों में भी पेट्रोल व डीजल के दाम में एक रुपया प्रति लीटर से ज्यादा की गिरावट आई है. पिछले कुछ दिनों से सऊदी अरब और रूस के बीच ऑयल की कीमतों में जंग छिड़ने से सोमवार को कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार में 31 प्रतिशत तक टूट गई थी.

उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में सोमवार को आई गिरावट के बाद रिकवरी हुई है. इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल का दाम घटकर 70.29 रुपये प्रति लीटर हो गया है. वहीं डीजल का भाव भी घटकर 63.01 रुपये प्रति हो गया है.

अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर ब्रेंट क्रूड के मई अनुबंध में पिछले सत्र से 7.19 फीसदी की तेजी के साथ 36.83 डॉलर पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले दाम 37.38 डॉलर प्रति बैरल तक उछला.

न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर अप्रैल डिलीवरी अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई के अनुबंध में 6.84 फीसदी की तेजी के साथ 33.26 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 33.73 डॉलर प्रति बैरल तक उछला.

बता दें कि तेल बाजार की हिस्सेदारी को लेकर प्रमुख उत्पादकों में कीमत को लेकर छिड़ी जंग के कारण सोमवार को ब्रेंट क्रूड का भाव 31.27 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा, जोकि फरवरी 2016 के बाद का सबसे निचला स्तर है.

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH -10/11.03.2020

Five arrested for consuming liquor at public place

          Five different cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC have been registered in PS-17, IT Park, 49 & 39, Chandigarh against five persons who were arrested while consuming liquor at public places on 10.03.2020. Later they were released on bail.

Action against obstructing public way

A case FIR No. 46, U/S 283 IPC has been registered in PS-IT Park, Chandigarh against Deepak Kumar R/o # 403, NIC, Mani Majra, Chandigarh who was arrested while he was obstructing public way with rehri/fari on 10.03.2020. Later he was bailed out. Investigation of the case is in progress.

Assault on Public Servant

          A case FIR No. 33, U/S 353, 332 IPC has been registered in PS-03, Chandigarh on the complaint of Const. Karnail Singh posted at Traffic Line who alleged that Rakesh Kumar R/o Village Farozepur Bangar, Teh. Kharar Distt. Mohali (PB) quarreled with complainant and deterred him from duty near turn, Sector 10/11, Chandigarh on 10.03.2020. Alleged person has been arrested in this case. Investigation of case is in progress.

Assault/Quarrel

A case FIR No. 41, U/S 323, 341, 506, 34 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh on the complaint of Keshav Dutt, Security Guard at Juvenile Home, Sector-25, Chandigarh who alleged that two boys quarrel & beaten complainant at Juvenile Home, Sector-25, Chandigarh on 08.03.2020. Investigation of the case is in progress.

Assault/Attempt to murder

A case FIR No. 37, U/S 323, 324, 307 IPC & 75 JJ Act has been registered in PS-31, Chandigarh on the complaint of a lady resident of Ramdarbar, Chandigarh who alleged that Rahul R/o # 920, Ph-1, Ram Darbar, Chandigarh attacked on complainant with knife due to which complainant’s granddaughter age about 7 months got stabbing injury on head on 10.03.2020. Injured baby girl admitted in GMCH-32, Chandigarh. Alleged person has been arrested in this case. Investigation of the case is in progress.

Theft

A lady resident of Melbourne, Australia alleged that maid namely Kamlesh stole away her gold jewelry i.e. 1 gold chain, gold pendant, pearls set, 1 set ear ring while she visited her mother’s house i.e. # 1260, Sector 15B, Chandigarh between 02-03-2020 to 7-03-2020. A case FIR No. 42, U/S 381 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Raj Verma R/o # 547, Sector-22/A, Chandigarh reported that unknown person stole away cash Rs. 5000/-, 2 wrist watches, 2 perfume from his residence on 07-03-2020. A case FIR No. 39, U/S 380 IPC has been registered in PS-17, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Cheating

A lady resident of Panchkula (HR) alleged that unknown person cheated away bag containing laptop from complainant’s car near SCO No. 93-94, Sector 17B, Chandigarh on 09.03.2020.  A case FIR No. 38, U/S 420 IPC has been registered in PS-17, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

MV Theft

Balwant Singh R/o # 1125/2, Sector-40B, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s Hero Honda Deluxe M/Cycle No. CH04-A-2507 parked near Kissan Mandi, Sector-40, Chandigarh on 04-03-2020. A case FIR No. 86, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Rajesh Kumar R/o Flat No. 17B/1, Akansha Apartment, Prashant Vihar, Baltana, SAS Nagar, (PB) reported that unknown person stole away complainant’s Passion PRO M/Cycle No. PB65AH-7606 from Parking near Sabji Mandi, Sector 15, Chandigarh on 24-02-2020. A case FIR No. 40, U/S 379 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

राजस्थान में अरोड़ा के नाम पर रार

पार्टी सूत्रों के अनुसार पायलट ने दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर उन्हें अपनी नाराज़गी से अवगत कराया है। गहलोत के करीबी समझे जाने वाले अरोड़ा लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हैं। वे प्रदेश में पार्टी के उपाध्यक्ष हैं और पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रह चुके हैं। पार्टी के स्थानीय नेता संभावित प्रत्याशियों को लेकर खुलकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री गहलोत ने ये नाम तय करने के लिए सप्ताहांत नयी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।

नयी दिल्ली:

मध्य प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राजस्थान से राज्यसभा के दो संभावित प्रत्याशियों को लेकर भी कांग्रेस में रार सामने आ रही है। पार्टी को राज्य में कम से कम दो सीटों के लिए प्रत्याशी तय करने हैं और अंदरूनी सूत्रों के अनुसार एक संभावित नाम का कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खुलकर विरोध कर रहे हैं।

राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है। मौजूदा विधायक संख्या के आधार पर कांग्रेस के खाते में दो सीटें जानी तय हैं और पार्टी को अपने प्रत्याशियों के नाम अगले दो दिन में तय करने होंगे क्योंकि नामांकन 13 मार्च तक होंगे। इसके लिए सियासी जोड़तोड़ शुरू हो गया है।राजनीतिक गलियारों में तारिक अनवर से लेकर राजीव अरोड़ा और भंवर जितेंद्र सिंह से लेकर गौरव वल्लभ तक अनेक नाम चर्चा में हैं जिनमें से दो पर आने वाले एक दो दिन में मुहर लगनी है। यहां कुछ मीडिया रपटों व पार्टी जानकारों के अनुसार पार्टी तारिक अनवर को राजस्थान से राज्यसभा में भेज सकती है। तारिक अनवर पांच बार लोकसभा व दो बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। दूसरा बड़ा नाम राजीव अरोड़ा का सामने आया है। हालांकि बताया जाता है कि पायलट खेमा उनके नाम को लेकर बिलकुल सहज नहीं है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पायलट ने दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर उन्हें अपनी नाराज़गी से अवगत कराया है।

गहलोत के करीबी समझे जाने वाले अरोड़ा लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हैं। वे प्रदेश में पार्टी के उपाध्यक्ष हैं और पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रह चुके हैं। पार्टी के स्थानीय नेता संभावित प्रत्याशियों को लेकर खुलकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री गहलोत ने ये नाम तय करने के लिए सप्ताहांत नयी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। राजस्थान में राज्यसभा की कुल 10 सीटे हैं जिनमें से फिलहाल नौ भाजपा व एक कांग्रेस के पास है।

कांग्रेस ने पिछले साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को यहां से राज्यसभा के लिए चुना था। भाजपा के तीन राज्यसभा सदस्य विजय गोयल, नारायण पंचारिया व रामनारायण डूडी का कार्यकाल नौ अप्रैल को पूरा हो रहा है। राज्य विधानसभा में बदले संख्याबल के हिसाब से दो सीटें कांग्रेस को मिलनी तय हैं। भाजपा ने भी अपने प्रत्याशी के नाम की अभी घोषणा नहीं की है। राज्य विधानसभा में कुल 200 विधायकों में से कांग्रेस के पास 107 विधायक व भाजपा के पास 72 विधायक हैं। राज्य के 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को है।

राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 26 मार्च को मतदान होगा।

आज का राशिफल

Aries

11 मार्च 2020: आज आपको अपनी समस्या को हल करने की विधि में उतरना होगा. आपको दो लोगों की समस्याओं के बीच फंसने की सबसे अधिक संभावना है. आप इसे उनके लिए हल करने वाले हैं तो अपना समय लेने के लिए और पक्षों से बात करो. उन लोगों के बीच छांटे बिना चीजों को पाने की कोशिश करें.

Taurus

11 मार्च 2020: आज दूसरे क्या कह रहे हैं इसे सुनें. अपने विचार रखना अच्छा है लेकिन दूसरों को जो कहना है उसे सुनना भी अच्छा है. चीजें हमेशा इस बात पर नहीं चल सकती हैं कि आप उन्हें कैसे चाहते हैं इसीलिए आपको आज दूसरों से सहमत होना सीखना होगा.

Gemini

11 मार्च 2020:  दूसरे लोगों की राय का सम्मान करना बहुत महत्वपूर्ण है. हम जानते हैं कि आपकी अपनी राय है और कोई भी आपको उन्हें बदलने के लिए नहीं कह रहा है. लेकिन यह सुनना भी अच्छा है कि दूसरे क्या कहना चाह रहे हैं. आप बस नई चीजें सीखेंगे और हो सकता है कि आप उनके साथ सहमत होना समाप्त कर दें.

Cancer

11 मार्च 2020: दूसरे लोग क्या कहते हैं यह सुनना बहुत महत्वपूर्ण है. आप हमेशा सही नहीं हो सकते हैं और आज आप यह महसूस करने जा रहे हैं. जब आज कोई बात कर रहा है तो वे जो कह रहे हैं उसे ध्यान से सुनें. इससे आपको अपने लिए अधिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलेगी. यह अच्छी बात है.

Leo

11 मार्च 2020: भले ही आप अंतर्मुखी हों लेकिन कभी-कभी आपको अपनी राय देने की आवश्यकता होती है, आज उन दिनों में से एक है. आपको अन्य लोगों को यह बताने की आवश्यकता है कि आप क्या सोच रहे हैं और आपके विचार क्या हैं. अन्यथा आप अपने आस-पास के सभी लोगों द्वारा दबाए जा रहे हैं.

Virgo

11 मार्च 2020: आज दूसरे लोगों के साथ राजनीति से बाहर रहने की कोशिश करें. आप बहस में पड़ सकते हैं लेकिन इससे बचने के लिए आप अपनी नाक अन्य लोगों के व्यवसाय से बाहर रख सकते हैं. अपने काम और अपने लक्ष्यों पर ध्यान दें. इस तरह आप किसी से भी टकराव समाप्त नहीं करेंगे.

Libra

11 मार्च 2020: आप अपने और किसी के बीच काम पर बहुत सी गलतफहमियां देखेंगे और यह पूरी तरह से ठीक है. हर किसी की राय आपके साथ मेल नहीं खाती है इसीलिए उन पर अपनी राय और विचारों के लिए मजबूर करने के बजाय अच्छा रहेगा कि आप अपनी राय अपने तक ही रखें.

Scorpio

11 मार्च 2020: आपको हमेशा हर चीज का दोष नहीं उठाना पड़ेगा. आप किसी ऐसे व्यक्ति से परेशान हैं जो आपको चीजों के लिए दोषी ठहरा रहा है लेकिन याद रखें कि यह आपकी गलती नहीं थी. उन्हें अपने रिश्ते को सुधारने के लिए क्षमा याचना करने दें. अपने लिए खड़े हों और उन्हें बताएं कि यह आपकी गलती नहीं थी.

Sagittarius

11 मार्च 2020: आज आपके आस-पास के लोग आपसे आसानी से छेड़छाड़ कर सकते हैं लेकिन ऐसा न होने दें. आप एक अच्छे व्यक्ति हैं और आप निश्चित रूप से अपने आप को अन्य लोगों को सुनने और उनके लिए चीजें करने जा रहे हैं. लेकिन यह आपको अपने स्वयं के कार्यों से विचलित कर सकता है. इसीलिए आज किसी की मदद करने से पहले अपना काम खत्म करें.

Capricorn

11 मार्च 2020: आपका एक घनिष्ठ मित्र है जिसके साथ आप बहुत अधिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं. वे आप तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आप ठंडे हो रहे हैं. हम यह जानते हैं कि यह उनकी गलती है, लेकिन आज यह सब माफ करने और भूलने के बारे में है. उस दोस्त को बुलाओ और उन्हें बताओ कि जो कुछ भी हो रहा है उसके लिए आप उन्हें माफ कर दें. आपका बंधन निश्चित रूप से मजबूत होगा.

Aquarius

11 मार्च 2020: आपकी राय आज किसी प्रियजन के साथ टकरा सकती है लेकिन यह आपको बहुत नीचे नहीं जाने देगा. हर कोई आपकी राय के जैसा नहीं हो सकता है इसीलिए कभी-कभी थोड़ा सा तर्क देना ठीक है. हालांकि सुनिश्चित करें कि आप इसे हाथ से निकलने नहीं देंगे. उनकी राय का सम्मान करें और वे आपका सम्मान करेंगे.

Pisces

11 मार्च 2020: कभी-कभी दूर से चीजें बेहतर तरीके से की जाती हैं. इसका मतलब है कि यदि आपके पास किसी के साथ थोड़ा सा झगड़ा है, तो आज कुछ भी नहीं कहना सबसे अच्छा है. यह कहना कि आपके पास इस व्यक्ति के साथ कोई समस्या है, आज बहुत सारी समस्याएं पैदा कर सकता है. इसलिए, दिन के लिए इस पर पकड़ बनाना सबसे अच्छा है – और शायद आप इसे कल को हल करने के लिए प्राप्त कर सकते हैं.

आज का पंचांग

विक्रमी संवत्ः 2076, 

शक संवत्ः 1941, 

मासः चैत्र, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः द्वितीया अपराहन्ः 03.34 तक है, 

वारः बुधवार, 

नक्षत्रः हस्त सांयः 07.00 तक, 

योगः अतिगण्ड प्रातः 08.12 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः कुम्भ, 

चंद्र राशिः कन्या, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.40, 

सूर्यास्तः 06.23 बजे।

नोटः  आज श्री सन्त तुकाराम जयंती है

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

भाजपा समय से पहले खुशियाँ न मनाए, अभी काँग्रेस ने अपने पत्ते खोले भी नहीं

एमपी के सीएम कमलनाथ ने अपने विश्वस्त सज्जन सिंह वर्मा को नाराज विधायकों को मनाने का जिम्मा सौंपा है. यानी अब सरकार बचाने की जिम्मेदारी वर्मा के कंधों पर है. सरकार पर गहराए संकट के बादलों के बीच मुख्यमंत्री आवास पर कमलनाथ की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई. जिसमें चार निर्दलीय सहित 94 विधायक शामिल हुए.

भोपाल: 

मध्य प्रदेश की सियासत में आए भूचाल के बाद अभी भी कमलनाथ समर्थक विधायकों को उम्मीद है कि मध्य प्रदेश सरकार इस राजनीतिक संकट से बच जाएगी. सरकार पर गहराए संकट के बादलों के बीच मुख्यमंत्री आवास पर कमलनाथ की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई. जिसमें चार निर्दलीय सहित 94 विधायक शामिल हुए.

”सब कुछ खत्म नहीं हुआ है, हम हार नहीं मानेंगे”

सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सीएम कमलनाथ ने संबोधित करते हुए कहा कि सब कुछ खत्म नहीं हुआ है, हम हार नहीं मानेंगे. विधायक मध्यावधि चुनाव में भी जाने के लिए तैयार रहें. सीएम कमलनाथ ने बैठक में आश्वासन दिया कि एसपी-बीएसपी विधायक भी संपर्क में है. वहीं बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी खरीद-फरोख्त तक प्रदेश को बदनाम करने पर आमादा है.

कमलनाथ का मास्टरस्ट्रोक देखने को मिलेगा

कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि लोगों को अभी कमलनाथ का मास्टरस्ट्रोक देखने को मिलेगा. पीसी शर्मा ने ये जवाब पत्रकारों के उस सवाल पर दिया जब उनसे पूछा गया कि क्या कमलनाथ के पास सरकार बचाने के लिए संख्या बल है. कांग्रेस प्रियव्रत सिंह ने सिंधिया और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अपनी महत्वकांक्षा के लिए पार्टी छोड़ी. बीजेपी धनबल के जरिए सरकार गिराने की साजिश में है. हम हार नहीं मानेंगे, सदन से सड़क तक लड़ाई लड़ेंगे. माफिया की मदद से सरकार गिराने की कोशिश है.विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे ने भी ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सिंधिया ने अपने ही लोगों ने धोखा दे दिया है. कांग्रेस हर परिस्थिति के लिए तैयार है. मध्यावधि चुनाव की स्थिति नहीं, फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार.

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं हुए हैं. लेकिन राजनीति में हर संभावनाओं पर चर्चा होती है. सीएम आवास पर मंगलवार शाम को यह बैठक हुई. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि विधायकों को धोखा देकर राज्यसभा चुनावों की बात कहकर ले जाया गया.

कांग्रेस विधायकों को धोखा देकर ले जाया गया

कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा ने बैठक के बाद कमलनाथ सरकार पर किसी भी तरह के खतरे से इनकार किया है. कांग्रेस नेता ने विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने की बात भी कही. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि कांग्रेस के वो विधायक जो यहां मौजूद नहीं हैं, वो कांग्रेस के पक्ष में रहेंगे. उनका यह भी कहना है कि कांग्रेस के इन विधायकों को धोखा देकर वहां ले जाया गया है. ओझा ने आरोप लगाया कि उन्हें राज्यसभा चुनाव की बात कहकर वहां ले जाया गया. वो तमाम विधायक सीएम कमलनाथ के टच में हैं.  कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने बैठक के बाद कहा कि हमारे पास पर्याप्त संख्या बल है. सरकार को कोई खतरा नहीं है.

कांग्रेस लड़ाई के लिए है तैयार

कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने एएनआई से कहा कि कांग्रेस फिर से लड़ाई करने के लिए तैयार है, अगर इसकी जरुरत पड़ी तो. सिंह ने कहा कि हमारे पास 94 विधायक हैं और कांग्रेस की नैतिकता को कोई भी नीचे नहीं कर सकता है. वहीं, कांग्रेस नेता प्रियव्रत सिंह का कहना है कि कांग्रेस के विधायकों ने सीएम कमलनाथ सरकार के प्रति विश्वास जताया है.

सिंधिया मुर्दाबाद के लगे नारे

जानकारी मिल रही है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक के दौरान सीएम हाउस के बाहर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

खिसियानी बिल्ली बनी पार्टी ने इस्तीफा पेश कर देने के बाद ज्योतिरादित्य को निष्कासित किया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वहीं पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते निष्काशित किया गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिंधिया को उसका काला इतिहास याद दिला रहे हैं, ना दाँ हैं सिंधिया का काला इतिहास तो माधवराव के कांग्रेस में शामिल होने के पीछे ही छिपा हुआ है। अपनी ही न फजीहत कारवा लें। यह वही नेता हैं जो UPA सरकार में सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता में से सिंधिया घराने का नाम हटवाने के लिए उतावले थे।

नई दिल्ली. 

9 मार्च 2020 को दिये गए सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने 10 मार्च को निष्कासित कर दिया

मध्य प्रदेश में सोमवार शाम से शुरू हुआ सियासी उथलपुथल का ताज़ा दौर अब अपने मुकाम पर पहुंचता दिख रहा है. राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) से नाराज़ चल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiriaditya Scindia) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा जिसे पार्टी ने स्वीकार कर लिया है. हालांकि पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते निष्कासित किया गया है.

केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है.

इससे पहले सिंधिया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह अमित शाह से मुलाकात की. इसके साथ ही जब पीएम मोदी से सिंधिया की बैठक खत्म हुई तो वह, शाह की गाड़ी में ही बाहर निकले, तभी से उनके कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगने लगी थीं.

इसके साथ ही कांग्रेस के कई नेताओं ने सिंधिया को ‘गद्दार’ बताना शुरू कर दिया. कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कर कहा, ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे ज़रा भी अफसोस नहीं है. सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी.’

माना जा रहा है कि सिंधिया आज अपने अगले कदम को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं. अगर वह कांग्रेस छोड़ने का फैसला करते हैं तो फिर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा जाएगा. राज्य में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं और उसे चार निर्दलीय, बसपा के दो और समाजवादी पार्टी के एक विधायक का समर्थन हासिल है. भाजपा के 107 विधायक हैं.

सियासी संकट के बीच कमलनाथ सरकार के मंत्रियों ने सोमवार रात इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मंत्रिमंडल का नए सिरे से गठन किया जाएगा. सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों से सोमवार को बार बार प्रयास के बावजूद कोई संपर्क नहीं हो पाया. मध्य प्रदेश के घटनाक्रम के बीच, राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि मध्य प्रदेश में मौजूद संकट जल्द खत्म होगा और नेता मतभेदों को दूर लेंगे. लोगों से चुनावी वादे को पूरा करने के लिए राज्य को स्थिर सरकार की

सुमित कश्यप ने लिखा है- ‘माफ करें लेकिन इस बार गलती हमारी थी. हम एक साधारण समस्या हल नहीं कर सके. हम 3 नेताओं के अहंकार को रोक नहीं कर सके. कोई समाधान भी नहीं किया गया था. कुछ ऐलान हीं किया गया. कितनी देर तक हम सोचते रहेंगे कि समय के साथ समस्या खत्म हो जाएगी. कर्नाटक और एमपी, हम हार गए, बीजेपी नहीं जीती.’

हम मध्य प्रदेश में अपनी सरकार नहीं बचा पाये: अधीर रंजन चौधरी

मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी ड्रामा चल रहा है जिस पर अधीर रंजन चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस पार्टी ने इतना दिया है, उससे बेईमानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इस फैसले से पार्टी का नुकसान हुआ है और लगता है मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी.

मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी ड्रामा चल रहा है. कमलनाथ सरकार संकट से घिरी हुई है. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya scindia) गुट के 20 कांग्रेस विधायकों ने विधायकी के साथ-साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. सिंधिया ने भी कांग्रेस की प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों के मुताबिक, शाम तक सिंधिया बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. सिंधिया के इस्तीफे पर लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस पार्टी ने इतना दिया है, उससे बेईमानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इस फैसले से पार्टी का नुकसान हुआ है और लगता है मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी. अधीर रंजन ने सिंधिया के इस फैसले को पार्टी के साथ गद्दारी करार दिया.

सिंधिया समर्थक 5 मंत्रियों को मंत्री पद से हटाने की सिफारिश

खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को चिट्ठे लिखकर सिंधिया समर्थक 5 मंत्रियों को मंत्री पद से हटाने की सिफारिश की है. CM ने जल्द आदेश जारी करने की अपील की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ की कुछ मंत्रियों और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ बैठक हुई. इसके बाद सिंधिया समर्थक मंत्रियों को बर्खास्त करने का फैसला लिया गया. सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी और महेंद्र सिंह सिसोदिया को बर्खास्त करने की सिफारिश की है. 

बेंगलुरू में ठहरे 19 विधायकों ने दिए इस्तीफे

बेंगलुरू में सिंधिया गुट के 19 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इन विधायकों में प्रदुम्न सिंह तोमर, रघुराज कंसाना, कमलेश जाटव, रक्षा संत्राव (भांडेर), जजपाल सिंह जज्जी (अशोक नगर), इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट, सुरेश धाकड़ (शिवपुरी), महेंद्र सिंह सिसोदिया, ओपी एस भदौरिया, रणवीर जाटव, गिरराज दंडोतिया, जसवंत जाटव, गोविंद राजपूत, हरदीप डंग, मुन्ना लाल गोयल, ब्रिजेन्द यादव शामिल हैं.  सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस के 7 और विधायक भी बीजेपी के संपर्क में हैं. आज देर रात तक ये 7 विधायक भी अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप सकते हैं.

स्वाभिमानिनी दादी के नक्श-ए-कदम पर ज्योतिरादित्य सिंधिया

माधवराव सिंधिया जिन हालातों में काँग्रेस में गए थे उस बात का उल्लेख स्वयं राजमाता सिंधिया ने एक टीवी साक्षात्कार के दौरान किया था। वह दौर गाय और बछड़ा निशान वाली काँग्रेस का था। उस जमाने के राजनीति और राजनैतिक षडयंत्रों को समझने वाले लोग इस बात की बाखूबी तसदीक कर सकते हैं। इन्दिरा लहर के बावजूद विजय राजे सिंधिया गवालियर इलाक़े की तीन लोकसभा सीट राजमाता और उनके पसंदीदा जनसंघ उम्मीदवारों ने जीतीं, इसमें भिंड से ख़ुद विजयाराजे जीतीं, गुना से माधवराव सिंधिया और ग्वालियर से अटल बिहारी वाजपेयी ने चुनाव जीते। आज 43 साल बाद इतिहास खुद को फिर से दोहराता जान पड़ता है। लेकिन इस बार सिंधिया घराना वह धोखा नहीं खाएगा जो राजमाता ने खाया था।

चंडीगढ़:

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के साथ ही मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार का गिरना भी तय हो गया है, क्योंकि कांग्रेस के 19 विधायक उनके साथ हैं. 43 साल पहले उनकी दादी राजमाता ने भी नाराज होकर इसी तरह मध्य प्रदेश में डीपी मिश्रा की सरकार गिराई थी.

ज्योतिरादित्य सिंधियाके कांग्रेस से इस्तीफे और 19 कांग्रेसी विधायकों के उनके साथ जाने के चलते ये तय हो गया है कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कमलनाथ की सरकार गिर जाएगी. खुद कांग्रेस भी इस बात को मान रही है. जिस तरह ज्योतिरादित्य के इस कदम से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने जा रही है, कुछ वैसा ही काम 43 साल पहले उनकी दादी ने भी किया था. तब उनकी दादी राजमाता विजयराजे सिंधिया ने कांग्रेस की तत्कालीन डीपी मिश्रा सरकार को गिरवा दिया था.

तब राजमाता ने जनसंघ के विधायकों के समर्थन से स्व. गोविंद नारायण सिंह को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था. यही वो मौका था जब मध्य प्रदेश में लोग ग्वालियर के सिंधिया राजघराने की ताकत का अहसास करने लगे थे. इसी घटना के बाद सिंधिया परिवार सही मायनों में सियासी में मजबूती से खुद का कद भी साबित करने लगा था.

दरअसल जब देश आजाद हुआ, तब तक ग्वालियर रियासत पर सिंधिया राजघराने का शासन था. राज्य की बागडोर महाराजा जिवाजीराव सिंधिया के कंधों पर थी. आजादी के कुछ समय बाद ग्वालियर रियासत का भी भारत में विलय हो गया. इसके बाद जिवाजी राव को भारत सरकार ने नए राज्य मध्य भारत का राज्य प्रमुख बनाया. वो इस राज्य के 1956 में मध्य प्रदेश में विलय किए जाने तक इसी पोजिशन पर रहे.

नेहरू के कहने पर कांग्रेस में आईं थीं राजमाता

1961 में जिवाजी राव के निधन के बाद राजमाता विजया राजे सिंधिया ने सिंधिया राजघराने की बागडोर संभाली. उस समय वो तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कहने पर कांग्रेस में शामिल हुईं. लेकिन कुछ सालों बाद 1967 के चुनावों में ऐसी बातें हुईं, जब उनका कांग्रेस से मोहभंग होने लगा.

सीएम मिश्रा कराने लगे थे ताकत का अहसास

वो तब राज्य के मुख्यमंत्री डीपी मिश्रा से मुलाकात करने भोपाल गईं थीं. जो महारानी को कई बार ये अहसास दिलाते रहे थे कि अब ताकत उनके हाथों में है. जब वो मुलाकात के लिए गईं तो तत्कालीन मुख्यमंत्री मिश्रा ने उन्हें 10 से 15 मिनट तक इंतजार करा दिया. ये बात राजमाता के लिए किसी झटके से कम नहीं थी.

इस मुलाकात में उन्होंने छात्र आंदोलनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज पर नाराजगी जाहिर करते हुए वहां के एसपी को हटाने की मांग की. मुख्यमंत्री ने उनकी बात नहीं मानीं.

फिर राजमाता ने कांग्रेस को कह दिया अलविदा

इसी टकराव के बाद सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया. वो जनसंघ के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ीं. साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव भी लड़ीं. दोनों में विजयी रहीं. 1967 तक विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होते रहे थे.

तब मध्य प्रदेश में गिरी थी कांग्रेस सरकार

मध्य प्रदेश विधानसभा में विजयाराजे सिंधिया के जाने से कांग्रेस की लिए मुश्किल हालात बन गए. कांग्रेस पार्टी के 36 विधायक विपक्षी खेमे में आ गए. जिससे कांग्रेस की डीपी मिश्रा सरकार गिर गई. पहली बार मध्य प्रदेश में ग़ैर कांग्रेसी सरकार बनी. इसका श्रेय राजमाता को दिया गया. राजमाता की पसंद के गोविंद नारायण सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने.

हालांकि ये गठबंधन भी स्थायी सरकार नहीं दे पाया. ये केवल 20 महीने में गिर गया. गोविंद नारायण सिंह फिर कांग्रेस में चले गए. लेकिन इस सारे उठापटक ने जनसंघ को मध्य प्रदेश में मजबूत बना दिया. साथ ही विजयाराजे सिंधिया खुद भी एक बड़ी सियासी ताकत के तौर पर स्थापित हो गईं.

इंदिरा लहर में भी ग्वालियर में जीती थीं

विजयाराजे सिंधिया की लोकप्रियता ग्वालियर में जबरदस्त थी. इसी का नतीजा था कि 1971 में जब देश में इंदिरा गांधी की लहर चल रही थी, तब भी ग्वालियर इलाक़े की तीन लोकसभा सीट राजमाता और उनके पसंदीदा जनसंघ उम्मीदवारों ने जीतीं. इसमें भिंड से ख़ुद विजयाराजे जीतीं, गुना से माधवराव सिंधिया और ग्वालियर से अटल बिहारी वाजपेयी ने चुनाव जीते. वैसे बाद में माधवराव सिंधिया जनसंघ से अलग होकर कांग्रेस में शामिल हो गए.

अब दादी के ही रास्ते पर चल पड़े ज्योतिरादित्य

इमरजेंसी के दौरान राजमाता सिंधिया जेल गई. हालांकि माधवराव सिंधिया फिर कांग्रेस के साथ ही रहे. उनके बेटे ज्योतिरादित्य भी करीब दो दशकों से कहीं ज्यादा समय से कांग्रेस के साथ थे लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर उसी राह पर चलने का फैसला किया है. जिस पर 43 पहले उनकी दादी ने चली थीं.