मध्य प्रदेश में सरकार के जाने से नहीं पेट्रोल की गिरती कीमतों पर मोदी की तवज्जो न होने से दुखी हैं राहुल
मध्यप्रदेश में चुनावों के पश्चात जोड़ तोड़ से बनी कमाल नाथ की सरकार का गिरना राहुल गांधी के लिए क्या माने रखता है? राजनैतिक कैरियर के शुरुआती दिनों के साथी हमउम्र सिंधिया के पार्टी छोड़ने और फिर भाजपा में शामिल होने पर राहुल गांधी की पहली प्रतिक्रिया कुछ इस प्रकार आई मानो वह अपने 18 – 20 साल पुराने साथी को खो कर सहज हैं और जब सभी की नज़रें सिंधिया द्वारा उठाए गए इस कदम पर थीं तो शायद मोदी मण्डल पेट्रोल की गिरती कीमतों को लेकर अनभिज्ञ था। अचानक ही राहुल गांधी वित्तीय सलहाकार की भूमिका में आ गए और सरकार को पेट्रोल की कीमत 60 रुपए करने की नसीहत दे डाली।
नई दिल्ली:
पेट्रोल की कीमतों के घटने के साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर खींचने की कोशिश की. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने की सरगर्मी के बीच कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट करते हुए कहा है ‘पेट्रोल की कीमतों में गिरावट आ रही है. इस पर ध्यान दिया जाए.’
पेट्रोल 60 रुपये प्रति लीटर करने की मांग
राहुल गांधी ने PMO को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘सरकार ने शायद नोटिस नहीं किया है कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दामों में 35 फीसदी की कमी हुई है.’ राहुल गांधी ने आगे लिखा है, ‘पेट्रोल की कीमतों को 60 रुपये प्रति लीटर से कम करके आम लोगों को इसका फायदा मिलना चाहिए.’
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5-6 रुपये की हो सकती है गिरावट
ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल के भाव में इस बड़ी गिरावट के चलते घरेलू मार्केट में इसका असर साफ देखने को मिल सकता है. आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल का भाव में भी बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है. सीनियर ट्रेड एनालिस्ट अरुण केजरीवाल के मुताबिक, कच्चे तेल के भाव में गिरावट का फायदा भारत को मिलेगा. पेट्रोल-डीजल 6 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है. हालांकि, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर बना हुआ है. इसलिए पेट्रोल-डीजल में ज्यादा बड़ी कटौती की उम्मीद कम है.