अल्पमत में होने बावजूद अधिक सक्षम और गतिमान हो रहे हैं मनोहर

धर्मपाल वर्मा चंडीगढ़:

मुख्यमंत्री मनोहर लाल को 2014 में जिस तरह की चुनौतियां अपनी ही पार्टी से मिली थी वैसी ही कुछ इस बार भी मिली है lफर्क यह है कि पिछली बार विधायक बागी होने लगे थे परंतु पार्टी के सारे नेता मुख्यमंत्री के साथ थे l मुख्यमंत्री न पिछली बार विचलित हुए थे न अबकी बार है lउन्होंने न पिछली बार बागी लोगों की परवाह की न अब उस पावर सेंटर की कर रहे हैं जो अब चुनाव से पहले से उनके खिलाफ आवाज बुलंद कर रहा हैं l जो उन्हें बदलने का दावा करता आ रहा है l

मुख्यमंत्री मनोहर लाल मजबूत इच्छाशक्ति के व्यक्ति हैं और अब उन्होंने यह खुला संदेश भी कई बार दे दिया है कि वह अपनों के हितों की सुरक्षा करना भी जानते हैं और यह काम बड़ी शिद्दत से कर भी रहे हैं l

आज बहुत लोग यह मान गए हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को उपरोक्त पावर सेंटर ने न केवल विधानसभा की टिकटों के बंटवारे के समय इग्नोर किया बल्कि मंत्रिमंडल गठन और गठबंधन यहां तक कि विभाग आवंटन में अपनी मर्जी का काम किया lपार्टी में उनका एक विकल्प प्रस्तुत करने की कोशिश की lजेजेपी को हवा दी और भी बहुत कुछ किया परंतु धैर्य की परीक्षा में मुख्यमंत्री पास हुए और आज सुखद स्थिति में है

जानकार मानते हैं कि मुख्यमंत्री की एक दिक्कत है उससे वह अपनी राजनीतिक समझ से निबट रहे हैं l हरियाणा में कोई और नेता आज उन्हें कोई चुनौती देने की स्थिति में नहीं है l जो खुद को साबित करना चाह रहे थे अब राज्यसभा चुनाव और प्रदेश अध्यक्ष के फैसले के बाद बिलों में घुस जाएंगे,, ऐसा माना जा रहा है l

मुख्यमंत्री मनोहर लाल जेजेपी के गठबंधन और गठबंधन धर्म को लेकर कहीं फाउल नहीं हुए और धीरे-धीरे उन सभी लोगों को हाशिए पर ले जाने में सफल हो रहे हैं जो बड़े-बड़े दावे करते थे l बड़ी-बड़ी बातें करते थे l मुख्यमंत्री बहुत भाग्यशाली व्यक्ति भी हैं, ऐसा हालात बता रहे हैं l
आज गौर कीजिए की 2015 के आसपास जो सत्रह अट्ठारह विधायक मुख्यमंत्री की कार्यशैली या उनकी क्षमता पर सवाल उठाकर असंतोष जताने लगे थे अर्थात बागी हो गए थे उनमें से केवल एक को दोबारा विधानसभा पहुंचने का मौका मिला है l पिछली सरकार में जो मंत्री मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विकल्प बताए जाते थे उनमें से एक भी चुनाव जीतकर नहीं आया l आज पहली बार विधायक बने कमजोर किस्म के कई विधायक मंत्री हैं और दूसरी बार विधायक बने भाजपा के कई लोग पिछली पंक्ति में बैठे हैं। मुख्यमंत्री अल्पमत के बावजूद कंफर्टेबल हैं और उनके पास हर चीज का विकल्प मौजूद है l

पिछले दिनों सिरसा जिले में बिजली मंत्री रंजीत सिंह और आदित्य चौटाला के दम पर बड़ी रैली कर मुख्यमंत्री ने कई सकारात्मक संदेश दिए l एक संदेश तो यही था कि उनके सहयोगी जेजेपी के नेता जिस क्षेत्र से आते हैं वहां उन्हीं के परिजनों के दम पर वे ऐसा राजनीतिक हस्तक्षेप कायम करने की स्थिति में आ गए है जो उन्हें पल-पल पीछे मुड़कर देखने को मजबूर करता रहेगा।

मुख्यमंत्री ने इस रैली में यह भी साबित कर दिया कि वे न केवल कंफर्टेबल हैं बल्कि अब बहुत ताकतवर भी हैं।

सभा में मुख्यमंत्री ने खास अंदाज में कहा कि मांग पत्र में 50 से अधिक बिंदु हैं बोलकर पढ़ने में वक्त जाया नहीं करूंगा। बोले सारी मांगें मंजूर .. फिर उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। अब मुझे किसी मंत्री से पूछने की जरूरत नहीं है कि पैसा है या नहीं lअब सब मेरे हाथ में हैl मानो मुख्यमंत्री यह कह रहे हो कि अब कोई टेंशन नहीं है। अर्थात अब किसी का हस्तक्षेप नहीं रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की हल्की सी दिक्कत जेजेपी के गठबंधन वाली कही जा सकती है परंतु कुछ दिनों में यह भी मध्य प्रदेश की तरह काबू आ जाएगी। जे जे पी का एक महानुभाव तो रंजीत सिंह वाली इस रैली में स्टेज पर मौजूद था। यह ऑपरेशन तोड़फोड़ एकदम अर्थात तुरंत नहीं हुआ करते l समय अनुसार होते हैं। उदाहरण के तौर पर मध्य प्रदेश प्रकरण में भाजपा ने 1 वर्ष का समय निकालना उचित समझा वरना जो आज हो रहा है वह 1 बरस पहले भी हो सकता था।

आज उपमुख्यमंत्री की कुर्सी उसके साथ 12 विभाग ,जेड प्लस सिक्योरिटी सुरक्षा सारे ठाट बाट होने के बावजूद जेजे पी की ओर से सरकार से बाहर आने की बात करने को क्यों मजबूर होना पड़ रहा है ,इसे आसानी से समझा जा सकता है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ताकत समझे जाने वाले नौकरशाह राजेश खुल्लर शत्रु जीत कपूर अनिल राव अमिताभ ढिल्लो आदि पहले से और ताकतवर हुए हैं lमुख्यमंत्री से विधानसभा में निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू जब यह पूछते हैं कि क्या आपने पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर को क्लीन चिट दे दी है तो मुख्यमंत्री तपाक से कहते हैं हां दे दी। सीआईडी को अपने अधीन लेना हो , किसी भी विभाग में जाकर सीधे हस्तक्षेप करना हो ,अफसरों को तैनात करना हो हटाना लगाना हो सब मुख्यमंत्री अपने विवेक से बखूबी करते आ रहे हैं lयही कारण है कि आज उनके प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के पास 24 विभाग हैं lइससे भी अहम बात यह है कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और गृह मंत्री अनिल विज के अधिकांश विभाग राजेश खुल्लर देख रहे हैं।

हालात यह है कि मुख्यमंत्री प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सुभाष बराला  को ही बनाए रखना चाहते हैं संभव है एक जाट नेता को  भी राज्यसभा भेज दिया जाए। बताया जा रहा है कि यह फैसला पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और ओमप्रकाश धनखड़ में से किसी एक के बीच होना है।

आज का राशिफल

Aries

12 मार्च 2020: कुछ कामों में रुकावटें आ सकती हैं. मेहनत ज्यादा हो सकती है. जॉब स्विच करने का मन बना सकते हैं लेकिन सोच-समझकर फैसला लें. किसी काम या बात में जल्दबाजी करने से नुकसान हो सकता है. सेहत को लेकर सावधान रहें. आज आप नया व्हीकल या मोबाइल खरीदने का मन बना सकते हैं. पैसे और सेविंग के मामले में दूर स्थान के किसी व्यक्ति से सलाह ले सकते हैं. निवेश या खर्चे को लेकर भी बातचीत हो सकती है. पार्टनर का मूड अच्छा रहेगा. दाम्पत्य जीवन भी सुखमय रखेगा.

Taurus

12 मार्च 2020: बिजनेस में फायदा हो सकता है. नौकरीपेशा लोगों की पदोन्नति हो सकती है. साथ काम करने वालों से सहयोग मिलेगा. जीवनसाथी से मदद मिलने के योग बन रहे हैं. अविवाहित लोगों की लव लाइफ अच्छी हो सकती है. आपके कामकाज के तरीको में बदलाव हो सकता है जिससे आपको फायदा होगा. इसके साथ ही कामकाज की टेंशन कम हो सकती है. करियर में आगे बढ़ने के कुछ अच्छे मौके मिल सकते हैं. आमदनी बढ़ने की भी संभावना है.

Gemini

12 मार्च 2020: सितारों की स्थिति आपके लिए खास हो सकती है. आज आप सक्रिय रहेंगे. ऑफिस में नया काम या नई जिम्मेदारी भी आपको मिल सकती है. रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं. कुछ नए लोग आपसे जुड़ सकते हैं. लव पार्टनर की मदद से धन लाभ के योग हैं. आपको भावनात्मक सहयोग मिल सकता है. सामाजिक और सामूहिक कामों के लिए लोगों से मुलाकात हो सकती है. ताजगी और स्फूर्ति महसूस होगी. सेहत में सुधार होने के योग हैं.

Cancer

12 मार्च 2020: आप ऑफिस में कुछ लोगों को इम्प्रेस कर सकते है. जॉब बदलने या एक्स्ट्रा इनकम के लिए भी विचार कर सकते हैं. इसमें आपको किस्मत का साथ मिल सकता है. नई शुरुआत करने में भी सफल हो सकते हैं. रुका हुआ पैसा मिलने की संभावना है. अचानक फायदा हो सकता है. बिजनेस में नए सौदे हो सकते हैं. आत्मविश्वास बढ़ सकता है. पारिवारिक सुख और संतोष रहेगा. दुर्घटना या चोट लगने के योग बन रहे हैं. आपको संभलकर रहना होगा.

Leo

12 मार्च 2020: अधिकारियों से सहयोग कम ही मिल पाएगा और आपको बिजनेस में सावधान रहना होगा. ऑफिस और बिजनेस में जो काम हाथ में लेंगे, उसमें सफलता की संभावना कम है. बिजनेस के मामलों में किसी अनुभवी की सलाह जरूर लें, जल्दबाजी न करें और अकेलेपन से बचें. अधूरे काम निपटाने में आपको परेशानियां आ सकती हैं. आज मिलने वाले पैसों को आने वाले समय के लिए बचाकर रखें. जीवनसाथी के साथ यात्रा हो सकती है या किसी प्रोग्राम की प्लानिंग बन सकती है.

Virgo

12 मार्च 2020: आज बिजनेस और नौकरी के बड़े मामलों पर कुछ फैसले हो सकते हैं या प्लानिंग भी बन सकती हैं. पैसों की स्थिति में सुधार हो सकता है. आमदनी बढ़ाने और खर्चों में कटौती करने पर विचार कर सकते हैं. आज आप नौकरी या कारोबार से जुड़ा कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. जीवनसाथी से गिफ्ट मिल सकता है. प्रेमियों के लिए समय अच्छा हो सकता है. महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात हो सकती है. नौकरी में बदलाव और पदोन्नति की संभावना है. आज आप किसी को बिना मांगे राय देने से बचें. आपकी सेहत में पहले से थोड़ा सुधार भी हो सकता है.

Libra

12 मार्च 2020: कुछ रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं. नौकरी और बिजनेस में समय पर सहयोग नहीं मिलने से परेशानी हो सकती है. कुछ लोग आपके काम का विरोध भी कर सकते हैं. इसके अलावा आप कुछ नया और ज्यादा करने की सोच सकते हैं. आने वाले कुछ दिनों में बड़े काम करने कीयोजना बना सकते हैं. जीवनसाथी से मदद और समर्थन मिल सकता है. आज आपको विवाह प्रस्ताव भी मिल सकते हैं. शादीशुदा लोगों के लिए दिन ठीक कहा जा सकता है.

Scorpio

12 मार्च 2020: बिजनेस में फायदे के योग हैं. नौकरीपेशा लोगों के लिए समय ठीक है. रुके हुए काम निपट जाएंगे. पुरानी परेशानियां सुलझ सकती हैं. दुश्मनों पर जीत मिलने के योग हैं. नए काम करने का मन बनेगा. कुछ बड़ी जिम्मेदारियां भी पूरी हो सकती हैं. कुछ अच्छे मौके मिल सकते हैं. व्यापारिक फैसले सोच-समझकर लें. कोई बड़ा फायदा भी होने के योग बन रहे हैं. कई तरह की जिम्मेदारियां आप पर हो सकती हैं. आज आप कहीं घूमने भी जा सकते हैं. पार्टनर से भी आपको मदद मिल सकती है. सेहत के मामले में सावधान रहें.

Sagittarius

12 मार्च 2020: नौकरीपेशा लोगों के काम में रुकावटें आ सकती है. बिजनेस करने वाले लोग सावधान रहें. कानूनी मामले उलझ सकते हैं. फालतू कामों में समय खराब होने के योग हैं. स्थान में बदलाव संबंधी कोई प्लान बन सकता है. कामकाज के सिलसिले में कहीं बाहर जाना पड़ सकता है. आपकी लव लाइफ में कुछ बदलाव होने के योग बन रहे हैं. इस राशि के अविवाहित लोगों के लिए समय अच्छा हो सकता है. सेहत के मामलों में भी संभलकर रहें.

Capricorn

12 मार्च 2020: पुरानी परेशानियां खत्म होने के योग बन रहे हैं. मकर राशि वालों के लिए स्थिति अनुकूल हो सकती है, रुके हुए कामों को पूरा करने की कोशिश करें. बिजनेस और नौकरी में नए आइडिया मिल सकते हैं. आपका एनर्जी लेवल बढ़ सकता है. किसी पर आंख बंद कर के भरोसा न करें. पार्टनर से अनबन हो सकती है. वाणी पर नियंत्रण रखें. सेहत के मामले में दिन ठीक है. बीमारी में राहत मिल सकती है.

Aquarius

12 मार्च 2020: करियर के लिए कुंभ राशि वाले लोगों के लिए दिन अच्छा कहा जा सकता है. ऑफिस में साथ वाले लोगों से मदद मिल सकती है. कुछ अच्छे और बड़े बदलाव होने की संभावना बन रही है. ऑफिस और बिजनेस में अनुभवी लोगों से सलाह मिल सकती है. धन लाभ हो सकता है. प्रॉपर्टी के मामलों में भी समय अच्छा कहा जा सकता है. महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात होने के योग हैं. लव लाइफ के लिए भी दिन अच्छा हो सकता है. सेहत का ध्यान रखें.

Pisces

12 मार्च 2020: अचानक फायदा मिलने के योग हैं. पार्टनर भी आपकी मदद करेगा तो धन लाभ हो सकता है. पुराना कर्जा खत्म हो सकता है. फालतू खर्चों पर कंट्रोल हो सकता है. नए इनकम सोर्स मिलने के भी योग हैं. ऑफिस में नया काम या नई जिम्मेदारी मिल सकती है. आप कोई भी बात सावधानी से बोलें. सेहत को लेकर सावधान रहें. मौसमी बीमारियों से भी परेशानी हो सकती है.

विधायक राम कुमार उर्फ दादा गौतम उर्फ ‘सौदा एह कुछ नहीं’

धर्म पाल वर्मा:

नारनौंद से बीजेपी के विधायक राम कुमार का नाम मीडिया ने दादा गौतम पका ही दिया है और “सोदा ए(इह) कुछ नहीं” उनका तकिया कलाम होकर रह गया है। वैसे तो वह तब भी विधानसभा में छाए रहा करते जब वह पहली बार विधायक बनकर आए थे। रामकुमार गौतम जब विधानसभा में होते हैं और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत भी बैठे होते हैं तो दुष्यंत जो नियमानुसार उनके नेता भी हैं ,उन से नजर मिलाने से भी बचते रहते हैं l वह या तो मोबाइल फोन में लग जाते हैं या कागजों को इधर उधर पलटने लगते हैं।

दादा ने उन्हें खोपर कहकर अपनी भड़ास निकाली तब यह भी कहा था कि यह (दुष्यंत एंड फैमिली) सौदा ए कुछ नहीं सै, यह यही चार पांच जिलों में लोगों को बहका कर फायदा उठा रहे हैं। यह जहां के यानी सिरसा जिले के हैं वहां तो लोग इन्हें जान चुके हैं पहचान चुके हैं। यह सौदा ए कुछ नहीं सै

दुष्यंत और दादा गौतम

दादा गौतम जहां होते हैं बेलाग बात करते हैं। उन्होंने विधानसभा में संस्कृत भाषा की तरफदारी करते हुए गलती से संस्कृत की जगह कॉन्ग्रेस कह दिया और बोले कि कांग्रेस को बहुत कमजोर कर दिया गया है। उनकी यह बात शायद मध्यप्रदेश पहुंच गई l

दादा अमूमन तब अचानक अपनी सीट से उठ कोई खास टिप्पणी जरूर करते हैं जब गरमा गरम बहस दो खास लोगों में हो रही होती है 1 एक दिन किसी बात पर कांग्रेस नेत्री किरण चौधरी तैश में आ गई बीच में ही दादा गौतम उठ खड़े हुए और बोले क्यों गर्म हो रही है। मान लेते हैं कि कल कांग्रेस की सरकार आ जाएगी l आ गई तो मुख्यमंत्री हुड्डा बनेगा। तन्ने के ? तेरे पल्ले कुछ नहीं पड़ना l

एक दिन इसी तरह मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा में आमने-सामने बहस हो रही थी तो फिर अपने मन की बात कहते हुए दादा गौतम बोले हमने तो ना इससे कुछ मिलना ना उसका कुछ मिला। जब मौका होता है दादा गौतम कुछ ऐसी बात जरूर कह जाते हैं कि विधायक मंत्री ठहाके लगा लगा कर हंसते हैं।

वह कुछ भी कह जाए कोई भी उनका प्रतिकार नहीं करता, बुरा नहीं मानता। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को खोपर कहने का हौसला रखने वाले जे जे पी के असंतुष्ट विधायक राम कुमार गौतम का अफसर और मंत्री हृदय से सम्मान भी करते हैं l जिस गृह मंत्री अनिल विज को दादा गौतम खागड़ तक कह जाते हैं ,वह भी उनका हृदय से सम्मान करते हैं।

आज का पंचांग

विक्रमी संवत्ः 2076, 

शक संवत्ः 1941, 

मासः चैत्र, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः तृतीया दोपहर 12.00 तक है, 

वारः गुरूवार, 

नक्षत्रः चित्रा सांयः 04.16 तक, 

योगः ध्रुव रात्रि 12.04 तक, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः कुम्भ, 

चंद्र राशिः तुला, 

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.38, 

सूर्यास्तः 06.24 बजे।

नोटः आज श्री गणेश चतुर्थी व्रत है।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

सचिन की खामोशी पर कयास न लगाएँ

मध्य प्रदेश के सियासी संकट में जिस प्रकार कॉंग्रेस के तमाम छोटे बड़े नेता बढ़ चढ़ कर अपनी भूमिका निभा रहे हैं वहीं सिंधिया के मित्र राजस्थान के उप मुख्य मंत्री एवं राजस्थान प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पाइलट की खामोशी बहुत कुछ कयास लगाने पर मजबूर करती है। वैसे रास्थान में सचिन की स्थिति सिंधिया से बिलकुल उलट है। सच्न को वह सब पहले ही से मिला हुआ है जिसकी सिंधिया अपनी पार्टी से अपेक्षा रखते थे। कयास लगाने के कारण मात्र उनकी(सचिन) और अशोक गहलोत में कभी कभार मुद्दों पर होने वाली असहमति है। आज सोशल मीडिया पर सचिन को अगला सिंधिया कहा जा रहा है जबकि इसकी कोई वजह नहीं दीखती। मौजूदा घटनाक्रम को देखते हुए काँग्रेस पार्टी एक और युवा एवं प्रभावशाली नेता को नहीं खोना चाहेगी, जिससे सचिन की मोलभाव की शक्ति उभरती ही दीखेगी।

जयपुर:

मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी संकट से कांग्रेस पार्टी को उबारने में जहां दिल्ली से लेकर राजस्थान के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक रखी है. वहीं इन सबके बीच एक नाम बिल्कुल खामोश और नदारद है. वह नाम है प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सरकार में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का. पिछले 2 दिनों में जिस तरह का सियासी घटनाक्रम हुआ है उस पर पायलट की तरफ से ना कोई रिएक्शन आया है ना ही उनकी टि्वटर हैंडल पर कोई ट्वीट देखने को मिला है. इतना ही नहीं जब राजस्थान में सरकार मध्य प्रदेश के कांग्रेस के विधायकों को बचाए रखने की जद्दोजहद में जुटी है तब भी पायलट की गैरमौजूदगी कई सवाल खड़े करती है.

देश में कांग्रेस अपने सबसे बड़े सियासी संकट से जूझ रही है. मध्यप्रदेश कांग्रेस को सियासी संकट से उबरने में दिल्ली से लेकर राजस्थान तक के कांग्रेसी नेताओं ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के विधायकों को टूटने से बचाने और उनका मनोबल बनाए रखने के लिए जयपुर के दो रिसोर्ट में ठहराया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी विश्वस्त साथियों की टीम इस पूरे ऑपरेशन में जुटी हुई है. इस पूरे घटनाक्रम के बीच जहां कांग्रेस के क्षेत्रीय और राष्ट्रीय नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आए हैं वहीं सचिन पायलट पिछले 2 दिनों से इस पूरे घटनाक्रम से नदारद रहे हैं.

पायलट की तरफ से इस मसले को लेकर ना किसी तरह का कोई बयान आया है ना उनकी तरफ से कोई ट्वीट दिखाई दिया है. पिछले दो दिनों में सचिन पायलट के टि्वटर हैंडल से 4 ट्वीट किए गए हैं, लेकिन यह सभी ट्वीट कांग्रेस नेताओं को जन्मदिवस की बधाई और नियुक्ति पर बधाई संदेश के अलावा कुछ नहीं है. इन सबके बीच मध्य प्रदेश के कांग्रेसी विधायकों को जब जयपुर लाया गया है. उसके बावजूद पायलट की गैरमौजूदगी हैरान करने वाली है.

हालांकि, महाराष्ट्र कांग्रेस के सियासी घटनाक्रम के दौरान भी पूरे ऑपरेशन की कमान अशोक गहलोत और उनकी टीम के पास ही थी, लेकिन सचिन पायलट उस समय जयपुर में मौजूद रहे थे. इस पूरे घटनाक्रम में सचिन पायलट की गैर मौजूदगी और चुप्पी दोनों ही हैरानी का विषय बनी हुई है. कोई नहीं जानता है कि इसके पीछे वजह क्या है और सचिन पायलट का अगला कदम क्या हो सकता है.

कांग्रेस की सियासत को समझने वाले नेताओं का मानना है कि पायलट पूरे हालातों को मापने और समझने में लगे हैं. हालांकि, मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य और राजस्थान में सचिन पायलट की भूमिका और पोजीशन में जमीन आसमान का अंतर है. जिस तरीके से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ सचिन पायलट के तल्ख रिश्तों की खबरें आती रही हैं उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां पर भी कांग्रेस के भीतर हालात ठीक नहीं है, लेकिन इन सबके बावजूद पर यहां पर सचिन पायलट पीसीसी चीफ और उपमुख्यमंत्री की दोहरी भूमिका में है.

उनकी सत्ता और संगठन दोनों में जिम्मेदारी हैं. उनके विश्वस्त लोगों को सरकार में मंत्री भी बनाया गया है, लेकिन इसके ठीक उलट ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथ मध्यप्रदेश में बिलकुल खाली थे. उन्हें पीसीसी चीफ नहीं बनने दिया गया. राज्यसभा की सीट से भी इंकार कर दिया गया तब जाकर उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया. भले ही राजस्थान में सचिन पायलट अभी खामोश हैं, लेकिन इसमें कहीं कोई दो राय नहीं है कि जो हालात मध्यप्रदेश में पैदा हुए हैं उसके चलते राजस्थान में उनकी पोजीशन को मजबूती मिली है.

यहां भी आने वाले दिनों में पीसीसी चीफ की अपनी भूमिका को कंटिन्यू कर सकते हैं. साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों मंत्रिमंडल विस्तार और 2 दिनों में होने वाली राज्य सभा सीट के लिए नामों का ऐलान में उनकी बारगेनिंग पावर काफी हद तक बढ़ जाएगी.

प्रशासन चला गांवों की ओर

पंचकूला,11 मार्च:

प्रशासन चला गांवों की ओर कार्यक्रम के तहत फरवरी माह में गांव दूधगढ़  व राजूटिकरी में आयोजित किया गया। इसमें आई हुई समस्याओं का निदान सुनिश्चित करने के लिये उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने अधिकारियों की बैठक लेकर विस्तार से समीक्षा की।

उपायुक्त ने कहा कि जनता दरबार में आई हुई सभी समस्यायें पूरी होनी चाहिए, इसके लिये विभागाध्यक्षों को बजट एवं डीपीआर के लिये आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि अधिकारी पेयजल, सड़कें, डंगे, गलियां, पाईप लाईन, सौर उर्जा संबंधी कार्यों को अंजाम देने के लिये की गई कार्रवाही बारे अवगत करवायें। यदि किसी तरह की समस्या बजट आदि को लेकर रहती है तो व्यक्तिगत स्तर पर मुख्यालय से संपर्क स्थापित करें।

उपायुक्त ने बागवानी विभाग की समस्याओं पर चर्चा करते हुए बताया कि इस क्षेत्र में सब्जी एवं फल-फूल आदि की खेती करने के लिये खेतों में सामुदायिक टैंक बनाये जाते है। इन टैंकों का निर्माण करने के लिये किसानों को एक लाख रुपये की सब-सीडी प्रदान की जाती है। मोरनी जैसे क्षेत्र में सब्जियों की फसल उगाने के लिये बेहतर अवसर है। इसलिये बागवानी विभाग के अधिकारी ज्यादा से ज्यादा किसानों को प्रोत्साहित करें ताकि किसान सरकार द्वारा क्रियांवित इस योजना का लाभ उठा सके। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिये 83 लाख रुपये की राशि का बजट जारी किया गया है। इसके अलावा आॅर्गेनिक फार्मिंग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि किसान बिना कीटनाशक और खाद के यदि फसल उगायेंगे तो उसका अधिक लाभ मिलेगा। इसलिये किसानों को देसी खाद पर आधारित फसलें ही उगानी चाहिए। उन्होंने एफपीओ के माध्यम से किसानों को अपनी फसल सीधी बेचने हेतू कार्रवाही करने बारे भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि दरबार में 6 गांवों में पेयजल संबंधी शिकायतें आई, उनका निपटान करने के लिये जल जीवन मिशन योजना के तहत कार्य करवाने की डीपीआर तैयार कर ली गई है। गर्मी के मौसम से पहले इन गांवों में स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाये जायेगा। इसके अलावा कई गांवों में रिटेनिंग वाॅल बनवाने संबंधी आवेदन किये गये, इन पर भी तीव्र गति से कार्रवाही अमल में लाई जा रही है।  उपायुक्त ने कहा कि नवीन उर्जा विभाग के अधिकारी जिला के 28 ग्राम सचिवालयों में सौलर उर्जा पर आधारित उपकरण लगवाने बारे आवश्यक कार्रवाही अमल में लायें ताकि इन गांवों में रात के समय आसानी से बिजली उपलब्ध हो सके। इसके अलावा इन सार्वजनिक स्थलों पर बिजली की लाईटें लगवाने के लिये भी डीपीआर तैयार करवायें। उन्होंने जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी को इन सभी गांवों के सचिवालयों में सौलर उर्जा की कार्रवाही करने के लिये आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने मोरनी क्षेत्र के गांवों के सार्वजनिक स्थानों पर पशुओं के लिये डिस्पेंसरी स्थापित करने के लिये भी कार्रवाही करने के लिये जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी को निर्देश दिये।

  उपायुक्त ने एसडीएम कालका राकेश सिंधु को मोरनी क्षेत्र के चहुमुखी एवं सर्वांगीण विकास के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। वे इस दरबार में आई सभी शिकायतों को वास्तविक रूप देने के साथ-साथ अधिकारियों से तालमेल करके पूरा करवाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को इस क्षेत्र में मिनी बसें संचालित  करने के लिये विस्तृत रिपोर्ट कर अवगत करवाने को कहा।  बैठक में लोक निर्माण विभाग की समस्याओं की भी विस्तार से समीक्षा की।

बैठक में एसडीएम धीरज चहल, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी दमन सिंह, जनस्वास्थ्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, वन विभाग, बागवानी सहित कई विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय व भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम एल्मिको के सहयोग से जिला रेडक्राॅस सोसाईटी द्वारा जांच एवं मापतोल शिविर आयोजित किया जाएगा

पंचकूला,11 मार्च:

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय व भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम एल्मिको के सहयोग से जिला रेडक्राॅस सोसाईटी द्वारा 16 मार्च को खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय पिंजौर में जांच एवं मापतोल शिविर आयोजित किया जाएगा।

  उपायुक्त एवं जिला रेडक्राॅस सोसाईटी के अध्यक्ष मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि पंचकूला के सभी खण्डों में 16 से 20 मार्च तक जांच एवं मापतोल शिविर आयोजित किए जाएगें। खण्ड स्तर पर आयोजित इन शिविरों में दिव्यांग व्यक्तियों तथा वरिष्ठ नागरिकों की जांच की जाएगी और उन्हें आवश्यकता अनुसार कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण प्रदान करने के लिए पंजीकृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 17 मार्च को राजकीय बहुतकनीकी संस्थान मोरनी तथा 18 मार्च को सामुदायक केन्द्र बरवाला में जांच शिविर लगाए जाएगें।

  उपायुक्त ने बताया कि सोसाईटी द्वारा  19 मार्च को खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय रायपुररानी तथा 20 मार्च को जिला रेडक्राॅस वृद्ध आश्रम सैक्टर-15 पंचकूला में जांच एवं मापतोल शिविर लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन शिविरों में ट्राईसाईकिल, व्हील चेयर, सुनने की मशीन, कृत्रिम अंग, बैसाखी एवं सहायक उपकरण, कृत्रिम दांत एवं जबड़ा, तिपाई एवं चैपाई पौड़, चश्मा, चलने हेतु हाथ की छड़ी, कोहनी वाली बैसाखी आदि उपकरण प्रदान करने के लिए दिव्यांग एवं वरिष्ठ नागरिकों का चयन किया जाएगा।

  उन्होंने बताया कि शिविर में भाग लेने के लिए 2 पासपोट साईज की फोटो, रिहायशी प्रमाण पत्र व आधार कार्ड की फोटो, बीपीएल कार्ड, वरिष्ठ नागरिक कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, दिव्यांग प्रमाण पत्र तथा तहसीलदार व सक्षम अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र की प्रतियां साथ लेकर आना अनिवार्य है। 

भारत मे हर वर्ष किडनी की बीमारी से 2.4 लाख लोग पीडि़त होते हैं: डा. नवजीत सिद्धू

‘हाई बल्ड प्रैशर, शुगर, पथरी तथा यूटीआई किडनी खराब होने के मुख्य कारण’

पंचकूला, 11 मार्च ( ): किडनी की सुरक्षा के लिए उच्च रक्तचाप (बल्ड प्रैशर), शुगर, पथरी जैसी बीमारियों से बचकर स्वस्थ जीवनशैली बहुत जरूरी है। पारस मल्टी स्पैशलिटी अस्पताल पंचकूला के किडनी की बीमारियों के इलाज के बारे एसोसिएट डायरेक्टर डा. नवजीत सिंह सिद्धू तथा एसोसिएट कंस्लटेंट डा. सिद्धांत बांसल ने यहां विश्व किडनी दिवस के अवसर पर पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि हमारे देश में हर किडनी फेलियर (किडनी खराब होने) के 2.4 लाख नए केस सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि यह 6वीं बड़ी जानलेवा बीमारी बन गई है तथा वर्ष 2040 तक पांचवी बड़ी जानलेवा बीमारी बन जाएगी। डा. सिद्धू ने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए तंदरूस्त जीवनशैली बहुत जरूरी है। 

उन्होंने कहा कि इस जानलेवा बीमारी से बचने के लिए उच्च रक्तचाप, शुगर तथा पेशाब से संबंधित अन्य बीमारियों को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पथरी का इलाज भी समय पर करवा लेना चाहिए।

डा. सिद्धांत बांसल ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए मोटापा तथा तनाव से बचना जरूरी है। उन्होंने बताया कि किडनी खराब होने की सूरत में लगातार डायलसिस या आप्रेशन द्वारा किडनी ट्रांस्पलांट ही एक विकल्प रह जाता है। उन्होंने बताया कि लगातार टेस्ट करवाते रहना चाहिए।

पारस अस्पताल के फैसलिटी डायरेक्टर डा. आशीष  चड्ढा ने बताया कि पारस अस्पताल में 18 बैड का डायलसिस सैंटर है, इसके अलावा आप्रेशन की भी सुविधा है। यह अस्पताल केंद्रीय स्वास्थ्य स्कीम (सीजीएचएस) हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के पैनल पर है। 

ज्योतिरादित्य के भाजपा में शामिल होने पर बुआ वसुंधरा और यशोधरा हुईं भावुक

कांग्रेस का साथ छोड़कर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में सिंधिया ने पार्टी ज्वाइन की. भाजपा में उनकी एंट्री के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की दोनों बुआओं ने सिंधिया के इस फैसले का स्वागत किया. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर ज्योतिरादित्य का स्वागत किया, वहीं यशोधरा ने इसे उनकी घर वापसी कहा.

जयपुर.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद बुधवार को बीजेपी में शामिल होने पर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने उनका अपने अंदाज में स्वागत किया है. रिश्ते में ज्योतिरादित्य की बुआ वसुंधरा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘आज यदि राजमाता साहब हमारे बीच होतीं तो आपके इस निर्णय पर जरूर गर्व करतीं. ज्योतिरादित्य ने राजमाता जी द्वारा विरासत में मिले उच्च आदर्शों का अनुसरण करते हुए देशहित में यह फैसला लिया है, जिसका मैं व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों ही तौर पर स्वागत करती हूं’. बता दें कि मध्य प्रदेश के सियासी हलके में मंगलवार को अपने पिता माधव राव सिंधिया की 75वीं जन्मतिथि पर ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस का हाथ छोड़ते हुए पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. जानकारी के अनुसार कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से नाराज चल रहे सिंधिया सूबे में सरकार बनने के बाद से ही अपनी उपेक्षा से आहत थे. सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद 22 कांग्रेसी विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया. उधर, कांग्रेस का दावा है कि कमलनाथ सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और इन्हीं दावों के बीच विधायकों की बाड़ेबंदी के तहत बुधवार को कांग्रेस विधायकों को भोपाल से जयपुर लाया गया है.

यशोधरा राजे ने कहा कि आज ज्योतिरादित्य की घर वापसी हुई है, ऐसे में उन्हें काफी खुशी है. जल्द ही मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी. यशोधरा ने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में कई योजनाओं को बंद किया गया है.

18 साल बाद छोड़ा कांग्रेस का साथ

मध्य प्रदेश कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी में 18 साल का सफर मंगलवार को खत्म कर दिया था. होली के दिन उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा था. बुधवार को भाजपा ज्वाइन करते हुए सिंधिया ने कहा कि आज कांग्रेस पहली वाली पार्टी नहीं रही है, ना ही नए नेतृत्व को जगह दी जा रही है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्य की कमलनाथ सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि 2018 में जिन वादों को लेकर कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाई थी, वो सपने पूरे नहीं किए गए हैं. साथ ही राज्य में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता जा रहा है.

काँग्रेस मा ज्योतिर्गमय भाजपा

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आधिकारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में उन्हें भगवा पटका पहनाया गया. इस दौरान नड्डा ने ग्वालियर राजवंश के ‘महाराज’ का अभिनंदन किया तो वहीं सिंधिया ने नड्डा के साथ पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया. बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के करीब एक घंटे बाद ही उन्हें पार्टी ने राज्यसभा का टिकट देने का ऐलान कर दिया. बीजेपी ने उनके अलावा मध्य प्रदेश से हर्ष चौहान को भी राज्यसभा का टिकट दिया है. इसके साथ ही खबर यह भी है कि सिंधिया को केंद्र की नरेंद्र मोदी कैबिनेट में अहम जगह मिल सकती है.

नई दिल्ली:

 कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. भाजपा में सिंधिया को शामिल करने के बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘आज हमारे लिए बहुत ही खुशी की बात है कि सिंधिया जी आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. मैं सभी कार्यकर्ताओं की तरफ से उनका स्वागत करता हूं.’

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी में शामिल होने के बाद कहा, ‘सबसे पहले मैं पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा जी को धन्यवाद देना चाहूंगा.

होली के दिन ज्योतिरादित्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। 

आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार के 6 मंत्रियों समेत कुल 22 विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के तुरंत बाद ही कांग्रेस को अलविदा कह दिया था. इसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है. मंगलवार को भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में निर्दलीय समेत कुल 94 विधायक ही शामिल हुए थे. 

सिंधिया समर्थक विधायक बनेंगे मध्य प्रदेश में मंत्री

मध्य प्रदेश में बहुमत के लिए अब 104 विधायकों की जरूरत है. क्योंकि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा की सदस्य संख्या 230 से घटकर 206 ही रह गई है. आपको बता दें कि 2 विधायकों की सीटें उनके देहांत के बाद खाली हैं जहां उपचुनाव होने हैं. सूत्र बता रहे हैं कि इस्तीफा देने वाले सिंधिया समर्थक विधायकों में से 5 से 7 को मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मंत्री पद दिया जा सकता है. शिवराज सिंह चौहान की एक बार फिर से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हो सकती है.