खरीद-फरोख्त का आरोपों से घिरे लालू कैली बंगले से हस्पताल में हुए शिफ्ट
बिहार में नवगठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार को गिराने की कोशिश के तहत राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के फाेन कॉल की एक और कहानी समाने आई है। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी तथा विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने इसका खुलासा करते हुए बताया है कि लालू प्रसाद यादव उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे। इसके लिए वे लगातार फोन कर रहे थे। मांझी व सहनी के आरोपों से पूर्व उपमुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के वरीय नेता सुशील कुमार मोदी के उस आरोप को बल मिला है, जिसमें उन्होंने लालू प्रसाद यादव द्वारा विधानसभा स्पीकर के निर्वाचन में विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए एक ऑडियो ट्वीट किया है।
रांची/पटना(ब्यूरो):
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का कथित ऑडियो वायरल होने के बाद सियासत जोरों पर है। अब एक बार फिर कैली बंगले से लालू प्रसाद को राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज शिफ्ट कर दिया गया है। तो वहीं कथित वायरल ऑडियो मामले को लेकर झारखंड के आईजी जेल ने जांच के आदेश दे दिए हैं। आईजी ने रांची डीसी और एसएसपी के साथ ही रांची जेल के अधीक्षक को भी कहा कि जो मीडिया में ऑडियो चल रहा है, उसकी जांच कर रिपोर्ट सौंपी जाए। जेल आईजी ने यह भी कहा है कि यह सुरक्षा के मामले में लापरवाही ठीक नहीं है। ऐसे मामलों में शिकायत पर जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
आईजी की तरफ से लालू यादव की सुरक्षा में तैनात जवानों को निर्देश जारी किया गया है, इसमें कहा गया है कि बिना अनुमति कोई भी लालू यादव से मिल नहीं सकता है। अगर कोई बिना अनुमति मिलता है तो सुरक्षा कर्मियों पर कार्रवाई होगी। बता दें कि बिहार में विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से पहले लालू यादव का एक कथित ऑडियो वायरल हो गया। इसमें लालू यादव पर गंभीर आरोप लगे हैं। मामले को लेकर बिहार की सियासत गर्मा गई है। बीजेपी और जेडीयू के नेताओं ने वायरल ऑडियो को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
खरीद फरोख्त का आरोप
कथित ऑडियो वायरल होने के बाद लालू यादव पर विरोधी दल गंभीर आरोप लगा रहे हैं। कहा जा रहा है कि बिहार विधानसभा के अध्यक्ष के चुनाव से पहले लालू यादव ने बीजेपी विधायक को खरीदने की कोशिश की। इसको लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कई आरोप लगाए हैं। पार्टी के अन्य नेताओं ने भी मामले को लेकर आरजेडी नेताओं पर निशाना साधा है। आपको बता दें कि बिहार विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव हुआ, जिसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रत्याशी विजय कुमार सिन्हा की जीत हुई। सिन्हा ने विपक्ष के उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी को हरा दिया।
ललन के बाद अब मांझी व साहनी ने लगाए आरोप
विदित हो कि लालू प्रसाद यादव द्वारा बीजेपी विधायक ललन पासवान (BJP MLA Lalan Paswan) को फोन कर स्पीकर के निर्वाचन के दौरान अनुपस्थित हो जाने को कहा गया था। सुशील मोदी ने इसका ऑडियो ट्वीट किया। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। जेल में रहते हुए लालू प्रसाद यादव के फोन से बात करने के कथित ऑडियो की जांच शुरू कर दी गई है। इस बीच अब इस मामले में जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी भी कूद गए हैं। दोनों नेताओं ने दावा किया है कि उन्हें भी लालू प्रसाद यादव ने फोन किए थे।
मांझी बोले: मुख्यमंत्री बनाने तक का दिया था प्रलोभन
बिहार विधानसभा सत्र के दौरान सदन के बाहर जीतन राम मांझी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने उन्हें जेल से दर्जनों बार फोन किया। लालू प्रसाद यादव ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने और उनके विधायकों को मंत्री बनाने तक के प्रलोभन दिए। मांझी ने कहा कि लालू की ये आदत रही है। वे दबाव बनाने की राजनीति करते हैं। उन्होंने मेरे परिवार के सदस्यों को भी कई बार फोन किया और दबाव बनाने की कोशिश की। हालांकि, कोई उनके प्रलोभन में फंसने वाला नहीं है।
साहनी ने कहा: मेरे पास भी आए लालू यादव के फोन
वीआइपी के अध्यक्ष और पशुपालन व मत्स्य विभाग के मंत्री मुकेश सहनी ने भी कहा कि उनके पास भी लालू प्रसाद यादव के फोन कॉल आए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें जो जवाब देना था, दे दिया। साहनी ने कहा कि लालू की पार्टी को पीठ में खंजर मारने की आदत है। वे खुद इसका शिकार हो चुके हैं। मुकेश सहनी ने इससे अधिक कुछ भी कहने से इनकार किया।
आरजेडी की सफाई: बेबुनियाद आरोप लगाते हैं मांझी
इस मामले में आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने भी सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि जीतन राम मांझी जैसे नेता की बात का कोई भरोसा नहीं किया जा सकता है। मांझी की आदत है कि वे इस प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगाते रहते हैं। हर चुनाव के पहले पाला बदलते हैं और परिवार की राजनीति करते हैं।