कॉंग्रेस का हाथ PFI के साथ

सुप्रीम कोर्ट ने कॉन्ग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल द्वारा दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को स्थगित कर दिया है। इस याचिका में केरल के कथित पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई की माँग की गई थी। बता दें कि सिद्दीक कप्पन, उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए चार पीएफआई सदस्यों में से एक है। ये लोग यूपी में हाथरस मामले को लेकर जाति आधारित अशांति और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की योजना बनाई थी।

  • अतीकुर्रहमान, आलम, केरल के सिद्दीक कप्पन (जो कि कथित तौर पर पत्रकार है) और मसूद अहमद के पास गिरफ्तारी के दौरान 6 स्मार्टफोन, एक लैपटॉप व ‘जस्टिस फॉर हाथरस’ नाम के पैम्फ़्लिट पाए गए थे और ये लोग शांति भंग करने के लिए हाथरस जा रहे थे।
  • राहुल गाँधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में कथित पत्रकार व PFI सदस्य सिद्दीक कप्पन (Siddique Kappan) के परिवार से मिलकर उनकी मदद का आश्वासन दिलाया है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

  • सांसद : राहुल गांधी
  • आरोपी : राहुल गाँधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में कथित पत्रकार व PFI सदस्य सिद्दीक कप्पन 
  • आरोप : यूपी में हाथरस मामले को लेकर जाति आधारित अशांति और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की योजना बनाई थी
  • वकील : राहुल गाँधी की कॉंग्रेस केनेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल

राहुल गाँधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में कथित पत्रकार व PFI सदस्य सिद्दीक कप्पन परिवार से मिलकर उनकी मदद का आश्वासन दिलाया है। केरल के कथित पत्रकार सिद्दीक को हाथरस मामले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश जाते समय टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया था। उस पर PFI से जुड़े होने और जातीय हिंसा फ़ैलाने की कोशिश के आरोप हैं। सिद्दीक कप्पन इस वक्त उत्तर प्रदेश की मथुरा अस्थायी जेल में बंद है।

सूचना के अनुसार, आज कालापेट्टा के रेस्ट हाउस में कप्पन के घरवालों ने राहुल गाँधी से मुलाकात की। इस समय कॉन्ग्रेस पूर्व अध्यक्ष वहाँ दौरे पर गए हुए हैं। परिवार ने इस मुलाकात में राहुल गाँधी से पूरे मामले में हस्तक्षेप की माँग करके पत्रकार की जल्द रिहाई करवाने की गुहार लगाई।

कॉन्ग्रेस सांसद से मुलाकात के बाद कप्पन की पत्नी रेहानथ ने बताया कि राहुल गाँधी उनके पति को रिहा कराने के लिए हर तरह से तैयार हो गए हैं। कथित पत्रकार की पत्नी ने यह भी कहा कि उनके पति को पुलिस ने हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया था और अब वह उनके लिए चिंतित हैं क्योंकि वकील भी उनसे नहीं मिल पा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि हाथरस जाते हुए पिछले दिनों सिद्दीक कप्पन के साथ 3 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। उसके ख़िलाफ़ संगीन अपराध करने की मंशा रखने के शक में सीआरपीसी की धारा 151 के तहत मामला दर्ज हुआ था। बाद में यह केस राजद्रोह और आतंकवाद रोधी कानून के तहत दर्ज कर लिया गया। 7 अक्टूबर को इन चारों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था और अब उनकी हिरासत फिर बढ़ा दी गई है।

ज्ञात हो कि 6 अक्टूबर को हिरासत में लिए गए चारों आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), आईपीसी की 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करने से भावनाओं को अपमानित करने का इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया था। fIR में बताया गया था कि अतीकुर्रहमान, आलम, केरल के सिद्दीकी कप्पन (जो कि कथित तौर पर पत्रकार है) और मसूद अहमद के पास गिरफ्तारी के दौरान 6 स्मार्टफोन, एक लैपटॉप व ‘जस्टिस फॉर हाथरस’ नाम के पैम्फ़्लिट पाए गए थे और ये लोग शांति भंग करने के लिए हाथरस जा रहे थे।

यहाँ बता दें कि राहुल गाँधी द्वारा कप्पन की रिहाई पर हस्तक्षेप की बात सामने आते ही उनपर सवाल उठने लगे हैं। यूपी सीएम के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने लिखा,

फ्रांस की ‘The Grand Mosque of Pantin’ पर जड़ दिया ताला

नयी दिल्ली/ Overseas Desk:

फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक इतिहास के शिक्षक सैमुअल की सिर्फ इसीलिए हत्या कर दी गई थी, क्योंकि उन्होंने अभिव्यक्ति की आज़ादी की पढ़ाई के दौरान छात्रों को पैगम्बर मुहम्मद का कार्टून दिखाया था। इस वारदात के बाद घृणा फैलाने वालों और इस्लामी कट्टरपंथियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बीच फ्रांस ने पेरिस के बाहर स्थित एक मस्जिद को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। ‘The Grand Mosque of Pantin’ पर ताला जड़ दिया गया है।

ये मस्जिद फ्रांस की राजधानी पेरिस के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक सबअर्ब में स्थित है, जो बाकी इलाकों से थोड़ा पिछड़ा हुआ है। इस मस्जिद ने अपने फेसबुक पेज पर शिक्षक सैमुअल पैटी की हत्या से पहले एक वीडियो जारी कर उनके खिलाफ घृणा फैलाई थी। प्रशासन ने मस्जिद के बाहर इसे बंद किए जाने का नोटिस चस्पा दिया है। फ्रांस में मजहब के आधार पर कट्टर शिक्षा देने वालों और देश की सुरक्षा में संभावित खतरा पैदा करने वाले विदेशियों पर कार्रवाई हो रही है।

इस मस्जिद को 6 महीने के लिए बंद किया गया है और बताया गया है कि ‘आतंकवादी घटनाओं से बचाव के एकमात्र कारण’ के लिए ऐसा किया गया है। फ्रांस के ‘Seine-Saint-Denis’ विभाग ने ये नोटिस जारी किया। ये भी पता चला है कि हत्यारा उस अभिभावक से संपर्क में था, जो शिक्षक के खिलाफ घृणा अभियान चला रहा था। साथ ही हमास के पक्ष में आए हुए पहले के एक आदेश को भी रद्द कर दिया गया है।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि देशवासी कार्रवाई चाहते हैं और सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है। हत्यारे ने व्हाट्सप्प पर उस अभिभावक से चैट किया था, जिसकी बेटी ने पैगम्बर मुहम्मद का कार्टून दिखाने वाले शिक्षक की शिकायत की थी। इसके बाद उस अभिभावक ने इसे ‘पोर्नोग्राफी’ बताते हुए उन्हें बरखास्त करने की माँग के साथ विरोध में समर्थन जुटाना शुरू कर दिया था। हत्यारा अब्दुल्लाख भी पुलिस की गोली से मारा गया।

इस हत्याकांड के कुछ ही सप्ताह पहले फ्रेंच राष्ट्रपति ने ‘इस्लामी अलगाववाद’ के कारण चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि इस्लाम एक ऐसा मजहब है, जो पूरी दुनिया में ही संकटकाल से गुजर रहा है, सिर्फ फ्रांस में ही ऐसा नहीं है। फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड ने कहा कि देश ‘अंदर के दुश्मनों’ से लड़ रहा है। फ्रांस में सक्रिय हमास का समर्थन करने वाले समूह को भंग कर दिया गया है। उसके मुखिया अब्देलहकीम से पुलिस पूछताछ कर रही है।

वहीं अब मस्जिद के प्रबंधक मोहममद हेंनीचे ने अब वीडियो शेयर करने को लेकर खेद जताया है। उन्होंने कहा कि ये वीडियो सिर्फ मुस्लिम छात्रों की चिंताओं के लिए शेयर किया गया था। साथ ही दावा किया कि इस्लाम में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। अब ‘Sorbonne’ विश्वविद्यालय में बुधवार (अक्टूबर 21, 2020) को उक्त शिक्षक को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिसमें राष्ट्रपति मैक्रों, पीड़ित परिवार और 400 अतिथि उपस्थित रहेंगे।

मंगलवार को संसद में भी इस घटना के कारण एक मिनट का मौन रखा गया। ‘Conflans-Sainte-Honorine’ में उसी दिन शाम को हजारों लोगों ने जमा होकर ‘मैं भी सैमुअल’ का नारा लगा आकर इस्लामी कट्टरपंथियों का विरोध किया। ‘शार्ली हेब्दो’ के अगले अंक में ‘सिर कटा हुआ गणतंत्र’ नाम से एक शीर्षक भी आने वाला है। इसके संपादकीय में बताया जाएगा कि कैसे ये हत्यारे लोकतंत्र का गला काटना चाहते हैं।

ज्ञात हो कि उधर वहाँ के 4 NGO ने ट्विटर के खिलाफ भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हेट स्पीच पर लगाम लगाने में विफल रहने के कारण उसे कोर्ट में घसीटा गया है। हत्यारे का सन्देश और शिक्षक के मृत शरीर के साथ तस्वीर ट्विटर पर डाली गई थी, जिससे वहाँ के कई संगठन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से खफा हैं। हत्यारे ने अपने ट्विटर अकाउंट से भी आपत्तिजनक चीजें डाली थीं। वहाँ के ये NGO सरकार के साथ खड़े हैं।

सहारनपुर में जल्द बनेंगे 8 सीएनजी फीलिंग स्टेशन, कार्य में लापरवाही बरतने पर जिला पूर्ति अधिकारी को लगाई फटकार

राहुल भारद्वाज, सहारनपुर:

मण्डलायुक्त संजय कुमार ने शहर में बनने वाले आठ  सी.एन.जी. फीलिंग स्टेशन के कार्य में लापरवाही बरतने पर जिला पूर्ति अधिकारी,सहारनपुर को फटकार लगाते हुए वेतन रोकने के निर्देश दिये है।  उन्होंने कहा कि किसी भी विकास योजना में अनावश्यक बाधा उत्पन्न करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाही की जायेंगीं। उन्होंने जिलाधिकारी सहारनपुर को निर्देश दिए कि तत्काल सी.एन.जी. फीलिंग स्टेशन स्थापित कराने के लिए भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन से औपचारिकतापूर्ण कराकर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाए।

संजय कुमार आज यहां अपने कैम्प कार्यालय में शहर में सी.एन.जी. फीलिंग स्टेशन स्थापित करने के सम्बध में भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन के अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। उन्होने जिला पूर्ति अधिकारी सहारनपुर द्वारा चिन्हित फीलिंग स्टेशनों की स्थल का निरीक्षण न करने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिये कि तत्काल फीलिंग स्टेशन स्थल का निरीक्षण कर समयबद्ध प्रभावी कार्यवाही सुनश्चित करें।

मण्डलायुक्त ने संभागीय परिवहन अधिकारी को भी कडे निर्देश देते हुए कहा कि शहर में संचालित अवैध व्यवसायिक वाहनों पर तत्काल रोक लगायी जाये। उन्होने कहा कि टीमें गठित कर ऐसे अवैध व्यवसायिक वाहनों को सीज किया जाए। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेंगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जनपद में संचालित आॅटो व ई-रिक्क्षा के रूट निर्धारित किये जाये। उन्होंने कहा कि निर्धारित रूट से अलग चलने वाले आटो व ई-रिक्क्षा के विरूद्ध भी दण्ड़ात्मक कार्रवाही की जाये।

मण्डलायुक्त संजय कुमार ने कहा कि शहर में आठ सी0एन0जी0 फीलिंग स्टेशन के बनने से स्मार्ट सिटी के विकास में भी सहयोग मिलेगा। साथ ही सी0एन0जी0 से वाहनों के चलने पर प्रदूषण में भी कमी आएगी। बैठक में जिला पूर्ति अधिकारी सतीश मिश्रा ने बताया कि शहर में 8 प्वांइट पर सी0एन0जी0 स्टेशन लगाये जायेंगे। दिल्ली रोड पर स्थित ग्राम मनानी में मास्टर फीलिंग स्टेशन बनाया जाने का प्रस्ताव है।

भारत पैट्रोलियम कारपोरेशन के प्रबन्धक अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि यदि जिलाधिकारी की ओर से प्रोविजनल एनओसी मिल जाये तो कार्य यथाशीघ्र शुरू कर दिया जाए। श्री संजय कुमार ने आश्वस्त किया सशर्त एनओसी देने के लिए निर्देश दिए गए है। बैठक में जिला पूर्ति अधिकारी सतीश मिश्रा, आरटीओ कपिल देव सिंह, मैनेजर भारत पैट्रोलियम अनुपम श्रीवास्तव उपस्थित रहे।

Police Files, Chandigarh – 21 October

Koral ‘Purnoor’, CHANDIGARH – 21.10.2020

Action against gambling/satta 

Chandigarh Police arrested Swaraj Kumar R/o # 282, New Indra Colony, Mani Majra, Chandigarh while he was playing satta near Market, Shastri Nagar, Manimajra, Chandigarh on 20.10.2020 and cash Rs. 1050/- was recovered from his possession. A case FIR No. 194, U/S 13A-3-67 Gambling Act has been registered in PS-IT Park, Chandigarh. Later he was released on bail. Investigation of the case is in progress.

Dowry

A lady resident of Chandigarh alleged that her husband & others resident of Sector-63, Chandigarh harassed the complainant to bring more dowry. A case FIR No. 70, U/S 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

A lady resident of Chandigarh alleged that her husband & others resident of Gurgaon (HR) harassed the complainant to bring more dowry. A case FIR No. 71, U/S 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

A lady resident of Chandigarh alleged that her husband resident of Sector 40, Chandigarh harassed the complainant to bring more dowry. A case FIR No. 72, U/S 323, 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Attempt to murder and Arms act

A case FIR No. 127, U/S 307, 34 IPC & 25-27-54-59 Arms Act has been registered in PS-11, Chandigarh on the complaint of Sandeep Kumar R/o # 2597, Sector-25, Chandigarh who alleged that Vijay and Others fired gunshot upon complainant at his shop i.e. H.No. 2358 Sec-25, Chandigarh on 19.10.2020. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

Dharampal R/o # 1388, Ph-1, Ram Darbar, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s M/Cycle No. CH-03L-5933 parked near his house on the night intervening 18/19-10-2020. A case FIR No. 201, U/S 379 IPC has been registered in PS-31, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Mandeep Gogliya R/o # 6747/C, Sector-56, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s Hero Deluxe M/Cycle No. CH-01BC-1703 parked near his house on the night intervening 19/20-10-2020. A case FIR No. 320, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Burglary

A lady resident of Hallo Majra, Chandigarh reported that unknown person stole away gold chain, gold earring, silver anklet, cash Rs. 13,000/-, mobile phone, ATM card and documents from her house on 20.10.2020. A case FIR No. 202, U/S 380, 454 IPC has been registered in PS-31, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

21 अक्तूबर: अखिल भारतीय जनसंघ स्थापना दिवस

कोरल ‘पुरनूर’, चंडीगढ़ – 21 अक्तूबर:

21 अक्टूबर 1951 को नई दिल्ली में महान् बलिदानी डॉ0 श्यामाप्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता तथा पंडित मौलीचन्द्र शर्मा, वैध गुरूदत्त, लाला योधरज, प्रो0 बलराज मधोक आदि देशभक्तों की सहभागिता में स्थापित भारतीय जनसंघ स्वतंत्र भारत का पहला राष्ट्रवादी-यथार्थवादी राजनीतिक दल हैं जिसने संसद के अन्दर और बाहर नेहरूवाद का विकल्प और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का संखनाद किया। भारत में अभारतीय शासन के विकल्प के रूप में भारतीय राजनीतिक-सामाजिक-आर्थिक नीतियों की आधुनिक सन्दर्भों में व्याख्या और अनुप्रयोग के आग्रही एवं देश की एकता-अखण्डता के विश्वनीय वाहक के रूप में जनसंघ का उदय हुआ था।

भारत का जनसंघ का इतिहास :

अखिल भारतीय जनसंघ भारत का एक पुराना राजनैतिक दल है जिससे 1980 में भारतीय जनता पार्टी बनी। इस दल का आरम्भ श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में की गयी थी। इस पार्टी का चुनाव चिह्न दीपक था। इसने 1952 के संसदीय चुनाव में 3 सीटें प्राप्त की थी जिसमे डाक्टर मुखर्जी स्वयं भी शामिल थे।

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू आपातकाल (1975-1976) के बाद जनसंघ सहित भारत के प्रमुख राजनैतिक दलों का विलय कर के एक नए दल जनता पार्टी का गठन किया गया। आपातकाल से पहले बिहार विधानसभा के भारतीय जनसंघ के विधायक दल के नेता लालमुनि चौबे ने जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में बिहार विधानसभा से अपना त्यागपत्र दे दिया। जनता पार्टी 1980 में टूट गयी और जनसंघ की विचारधारा के नेताओं नें भारतीय जनता पार्टी का गठन किया। इसके पश्चात प्रोफेसर बलराज मधोक ने भारतीय जनसंघ का नाम अखिल भारतीय जनसंघ करके चुनाव आयोग में रजिस्टर कराया और भारतीय राजनीति में अखिल भारतीय जनसंघ के नाम से संसदीय चुनाव प्रणाली में भाग लिया।

‘अखिल भारतीय जनसंघ’ के संस्थापक प्रो.बलराज मधोक ने देश में प्रखर राष्ट्रवादी और हिन्दुत्ववादी राजनीति की नींव रखी। भारतीय जनसंघ के साथ ही उन्होंने 1951 में आरएसएस की स्टूडेंट ब्रांच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना की। इसके साथ ही उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ और इस दौरान लंबे समय तक लखनऊ उनकी राजनीतिक कर्मभूमि रहा। जनसंघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने लखनऊ में पहली राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक रखी। उसके बाद जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर उन्होंने 1989 में यहीं से चुनाव भी लड़ा। लखनऊ में उनके साथ काम करने वाले ऐसे ही कुछ नेताओं और बुद्धिजीवियों को उनकी बेवाकी और स्पष्ट राजनीतिक सोच के संस्मरण अब भी याद हैं।

भारतीय जनसंघ के संस्थापक प्रो.मधोक के लाल कृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी से राजनीतिक मतभेद रहे। आडवाणी जब राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो 1973 में उन्हें भारतीय जनसंघ से निकाल दिया गया। बाद में भारतीय जनता पार्टी बनी तो उसमें शामिल हुए, हालांकि उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने ‘अखिल भारतीय जनसंघ’ पार्टी बनाई लेकिन वह सफलता नहीं हो सकी। उसके बाद बीजेपी ने 1989 में जनता दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। लखनऊ से जनता दल के मांधाता सिंह को संयुक्त प्रत्याशी बनाया गया। मधोक मांधाता सिंह के खिलाफ निर्दलीय लड़े। उन्हें हिंदूवादियों का समर्थन मिला और माना जा रहा था कि वह जीत जाएंगे। इसी दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने एक लाइन का बयान दिया-‘मधोक हमारे प्रत्याशी नहीं हैं।’ और पूरा चुनावी रुख पलट गया, मधोक हार गए।
पूर्व सांसद लालजी टंडन बताते हैं कि जनसंघ की स्थापना के समय से आखिरी समय तक मेरा उनसे जुड़ाव रहा। वह जीवन भर मूल्यों पर आधारित राजनीति करते रहे। वह जब भी लखनऊ आते, मेरी मुलाकात होती थी। उनकी अध्यक्षता में राष्ट्रीय कार्यसमिति यहां चौक स्थित धर्मशाला में हुई। तब मैं उनके काफी करीब रहा। कश्मीर को बचाने में उनका खासा योगदान है। मैं अटलजी और मधोकजी के बीच कुछ दूरियां रहीं लेकिन मैं दोनों के काफी करीब रहा। एक बार यह स्थिति आ गई कि उन्हें जनसंघ से अलग होना पड़ा लेकिन उसके बाद भी वह लिखकर अपने राष्ट्रवादी विचार रखते रहे। जिन विषयों पर आज के नेता संकोच करते हैं, उन पर भी उन्होंने प्रखर विचार रखे। वह राजनीतिक तौर पर भले ही अलग रहे हों लेकिन वह कभी मूल विचारधारा से नहीं हटे।

राष्ट्रधर्म के संपादक आनंद मिश्र अभय बताते हैं कि मधोक जी से मेरा संपर्क 1997 में हुआ जब मकर संक्रांति पर ‘सनातन भारत’ विशेषांक निकाला। राष्ट्रधर्म में उनका लेख छापा तो उनके करीबी महेश चंद्र भगत ने सराहा। भगत जी ने ही मेरे बारे में उनको बताया। मधोक जी जब लखनऊ आए तो मुझे मिलने बुलाया और प्रेस कॉन्फ्रेंस में साथ ही बैठा लिया। इसी दौरान वह बोल गए कि अटल जी अब तक के सबसे खराब प्रधानमंत्री हैं। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में उनसे बेहतर नेता और कौन है? इस पर उन्होंने कहा कि यह बीजेपी का सिरदर्द है। मैंने कहा, यह बीजेपी का सिरदर्द है तो आप क्यों इसे अपना बना रहे हैं? … और प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म हो गई। यह उनकी सहजता ही थी कि इसके बाद भी उन्होंने बुरा नहीं माना। बाद में मैंने उनसे कहा कि आपने इतिहास पढ़ा है, पढ़ रहे हैं, गढ़ रहे हैं और इतिहास को जी रहे हैं। क्यों नहीं आप संस्मरण लिखते। उसके बाद ही उन्होंने संस्मरणों पर आधारित पुस्तक लिखी। कश्मीर समस्या के समाधान पर उन्होंने एक लेख भी भेजा जो उनकी राष्ट्रवादी विचारधारा के विपरीत था। मैंने वह लेख छापा नहीं और उनसे आग्रह किया कि इसे कहीं और भी न भेजें। इससे आपकी छवि धूमिल होगी। मेरी यह बात उन्होंने मानी भी और अपनी विचारधारा के अनुसार ही लिखते रहे।

सही समय पर लिया गया पंजाब सरकार का सही फैसला

चंडीगढ़: 

केंद्र के कृषि कानूनों को लेकर पंजाब-हरियाणा में विरोध प्रदर्शन के बीच मंगलवार को इस कानून के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया गया. प्रस्ताव पेश करने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, “मैं इस्तीफा देने से नहीं डरता.” मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “मुझे अपनी सरकार के बर्खास्त होने का डर नहीं है, लेकिन मैं किसानों को परेशान या बर्बाद नहीं होने दूंगा.”

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंहने केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया. नए कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाए विशेष विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन के नेता ने प्रस्ताव पेश किया. मुख्यमंत्री ने केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ तीन विधेयक भी पेश किए. 

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा पेश किए तीन विधेयक, किसान उत्पादन व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विशेष प्रावधान एवं पंजाब संशोधन विधेयक 2020, आवश्यक वस्तु (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक 2020 और किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक 2020 हैं. 

सिंह ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि राज्य का विषय है, लेकिन केन्द्र ने इसे नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे काफी ताज्जुब है कि आखिर भारत सरकार करना क्या चाहती है.”

कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तीरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 विधेयक हाल ही में संसद में पारित हुए थे. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के इन्हें मंजूरी देने के बाद अब ये कानून बन चुके हैं. कृषि राज्यों पंजाब और हरियाणा में किसान केन्द्र के इन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

पाँचवाँ नवरात्र: देवी स्कंदमाता का वह रूप जो देवताओं के सेनापति की माँ का स्वरूप होने के साथ साथ महाकवि कालीदास को प्रज्ञावान बनातीं हैं

नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है. मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी हैं. मां अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं. स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं. इनके दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा, जो ऊपर की ओर उठी हुई है, उसमें कमल पुष्प है. बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में वरमुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है उसमें भी कमल पुष्प ली हुई हैं. इनका वर्ण पूर्णतः शुभ्र है. ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं. इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है. सिंह भी इनका वाहन है.

धर्म/संस्कृति पंचकूला:

स्कंदमाता शेर की सवारी करती है जो क्रोध का प्रतीक है और उनकी गोद में पुत्र रूप में भगवान कार्तिकेय हैं, पुत्र मोह का प्रतीक है। देवी का यह स्वरूप हमें सिखाता है कि जब हम ईश्वर को पाने के लिए भक्ति मार्ग पर चलते हैं तो क्रोध पर हमारा पूरा नियंत्रण होना चाहिए जिस प्रकार देवी शेर को अपने काबू मे रखती है। पुत्र मोह का प्रतीक है, देवी सिखाती हैं कि सांसारिक मोह माया में रहते हुए भी भक्ति के मार्ग पर चला जा सकता है, इसके लिए मन में दृढ़ विश्वास होना ज़रूरी है। देवी स्कन्दमाता की पूजा करने से संतान सुख मिलता है। बुद्धि और चेतना बढ़ती है। ऐसा विश्वास है की स्कंदमाता की कृपा से ही कालीदास विद्वान बने और उन्होने मेघदूत और रघुवंशम एतयादी की रचना हुई।

नवरात्र के चौथे दिन:

कोरोना काल में भक्तों की श्रद्धा का सैलाब माता के मंदिर में लगातार उमड़ रहा है। यही तो वजह है कि नवरात्र के चौथे दिन भी 10051 श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए पहुंचे। इतना ही नहीं, चार दिन में माता के भक्तों ने माता के चरणों में कुल 68 लाख 40 हजार 978 रुपये का चढ़ावा भी चढ़ाया है।

माता मनसा देवी मंदिर और काली माता मंदिर कालका में श्रद्धालुओं ने नवरात्र के चौथे दिन माता के चरणों में 12 लाख 36 हजार 332 रुपये की नकद राशि चढ़ाई हैै। इसके साथ ही 59 हजार 200 रुपये की राशि ड्राई प्रसाद वितरित करने के उपरांत प्राप्त हुई। उपायुक्त एवं मुख्य प्रशासक मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि मंगलवार को श्रद्धालुओं ने माता मनसा देवी मंदिर में 43 सिल्वर के नग और काली माता मंदिर में 29 सिल्वर के नग चढ़ाए हैं। इस प्रकार 72 नग चांदी का वजन 355 ग्राम है। उन्होंने बताया कि माता मनसा देवी में कुल 9.46 लाख 439 रुपये और काली माता मंदिर कालका में 2.89 लाख 893 रुपये की राषि चढ़ाई है। इसी प्रकार प्रसाद वितरण योजना में माता मनसा देवी मंदिर में 100 ग्राम वजन में 30 हजार 400 रुपये जबकि 200 ग्राम प्रसाद वितरण में 24 हजार 700 रुपये, काली माता मंदिर में 100 ग्राम प्रसाद वितरण में 1500 रुपये और 200 ग्राम प्रसाद वितरण में 1300 रुपये की राशि के साथ कुल 100 ग्राम प्रसाद वितरण में 31 हजार 900 रुपये और 200 ग्राम वितरण प्रसाद में 26 हजार रुपये की राशि एकत्रित हुई है। उन्होंने बताया कि माता मनसा देवी मंदिर में 54654 और काली माता मंदिर कालका में 12835 श्रद्धालुओं ने मत्था टेका है।

Panchang

पंचांग, 21 अक्टूबर 2020

आज 21 अक्टूबर को नवरात्रि का पांचवां दिन है. आज भक्त मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना करेंगे.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी स्कंदमाता की कृपा से ही कालिदास द्वारा रचित रघुवंशम महाकाव्य और मेघदूत जैसी रचनाएं हुई हैं. मां स्कन्दमाता को वैसे तो जौ-बाजरे का भोग लगाया जाता है, लेकिन शारीरिक कष्टों के निवारण के लिए माता को केले का भी भोग लगाया जाता है. 

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः द्वितीय (शुद्ध) आश्विनी मास, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः पंचमी प्रातः 09.08 तक है, 

वारः बुधवार, 

नक्षत्रः मूल रात्रि 01.13 तक, 

योगः शोभन सांय 06.49 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः तुला, 

चंद्र राशिः धनु, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.29, 

सूर्यास्तः 05.41 बजे।

नोटः आज सरस्वती आवाहन है।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।