लोकसभा में रक्षामंत्री ने चीन को दिया कडा संदेश

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा मैं सदन को अवगत कराना चाहता हूं कि चीन, भारत की लगभग 38,000 स्क्वायर किलोमीटर भूमि का अनधिकृत कब्जा लद्दाख में किए हुए है. इसके अलावा, 1963 में एक तथाकथित बाउंडरी एग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने PoK की 5180 स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से चीन को सौंप दी है. 

  • संसद से चीन को कड़ा संदेश
  • राजनाथ सिंह ने बताए LAC के हालात
  • कहा- हर चुनौती से निपटने के लिए हैं तैयार

नई दिल्ली(ब्यूरो):

 लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी तनाव को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सदन में जवाब दिया. राजनाथ सिंह ने कहा एलएसी को लेकर दोनों देशों के बीच में मतभेद है. सीमा विवाद जटिल मामला है लेकिन इसे सुलझाया जा सकता है. राजनाथ सिंह ने कहा भारत और चीन दोनों ही सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए सहमत हुए हैं, यह आगे के द्विपक्षीय संबंधों के लिए जरूरी है. राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत चीन सीमा विवाद का कोई हल नहीं निकल सका है. अब तक इसे सुलझाने को लेकर कोई भी संयुक्त सहमति नहीं बन सकी है. चीन सीमा पर असहमति जता रहा है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन सीमा की सांस्कृतिक और प्रथागत मार्गरेखा की पहचान नहीं करता है हम मानते हैं कि यह मार्गरेखा अच्छी तरह से स्थापित भौगोलिक रियासतों पर आधारित है. राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के पहले भी चीन के साथ विवाद होते रहे हैं, ये विवाद लंबे समय तक चले हैं, हालांकि, इस वर्ष की स्थिति, पहले से बहुत अलग है, फिर भी हम मौजूदा स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं. राजनाथ सिंह ने कहा यह समय है जब यह सदन अपने सशस्त्र सेनाओं के साहस और वीरता पर पूर्ण विश्वास जताते हुए उनको यह संदेश भेजे कि यह सदन और सारा देश सशस्त्र सेनाओं के साथ है जो भारत की संप्रभुता एवं सम्मान की रक्षा में जुटे हुए हैं.

चीन ने किया है भारत की जमीन पर अवैध कब्जा
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सदन अवगत है चीन, लद्दाख में भारत की लगभग 38,000 स्क्वायर किलोमीटर भूमि पर अनधिकृत कब्जा किए हुए है. इसके अलावा, 1963 में एक तथाकथित
बाउंड्री एग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने पीओके की 5180 स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से चीन को सौंप दी है. राजनाथ सिंह ने कहा कि यह भी बताना चाहता हूं कि अभी तक भारत-चीन के बॉर्डर इलाके में कॉमनली डेलीनिएटिड LAC नहीं है और LAC को लेकर दोनों की धारणा अलग-अलग है.

राजनाथ सिंह ने कहा एक ओर किसी को भी हमारे सीमा की सुरक्षा के प्रति हमारे दृढ़ निश्चय के बारे में संदेह नहीं होना चाहिए, वहीं भारत यह भी मानता है कि पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों के लिए आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता आवश्यक हैं. उन्होंने कहा कि चूंकि हम मौजूदा स्थिति का वार्ता के जरिए समाधान चाहते हैं,  हमने चीनी हिस्से के साथ कूटनीटिक और सैन्य व्यस्तता को बनाए रखा है।  इन वार्ताओं में तीन प्रमुख सिद्धांत हमारी दृष्टिकोणों को तय करते हैं. i) दोनों पक्षों को LAC का सम्मान और कड़ाई से पालन करना चाहिए; (ii) किसी भी पक्ष को अपनी तरफ से यथास्थिति का उल्लंघन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए; और  (iii) दोनों पक्षों के बीच सभी समझौतों और समझ का पूर्णतया पालन होना चाहिए

हर चुनौती का सामना करेंगी देश की सेनाएं
राजनाथ सिंह ने कहा सदन को आश्वस्त रहना चाहिए कि हमारी सैन्य ताकतें इस चुनौती का सफलता से सामना करेंगी, और इसके लिए हमें उनपर गर्व है. अभी जो स्थिति बनी हुई है उसमें सेंसिटिव ऑपरेशनल मामले शामिल हैं. इसलिए मैं इस बारे में ज्यादा ब्यौरा का खुलासा नहीं करना चाहूंगा.

राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के लद्दाख का दौरा करने से हमारे जवान आश्वस्त हुए हैं कि देश के 130 करोड़ लोग उनके साथ खड़े हुए हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि पूरा सदन सैनिकों के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ा है और  हर परिस्थिति में उनके ऊपर देश का विश्वास कायम रहेगा.

Police Files, Chandigarh – 15 September

Korel ‘Purnoor’, CHANDIGARH – 15.09.2020

Four arrested for gambling 

Chandigarh Police arrested Harbans, Harjit Singh and Mukesh all resident of Chandigarh while they were gambling near Dharamkanta, Village Dariya, Chandigarh on 14.09.2020 and recovered cash Rs. 2325/- from their possession. A case FIR No. 174, U/S 13-3-67 Gambling Act has been registered in PS-I/A, Chandigarh. Later they were released on bail. Investigation of the case is in progress.

Chandigarh Police arrested Chand Mohammad residendt of Churi Wala Mohalla, MM, Chandigarh while he was playing dara/satta near Atta chakki, Gobindpura,  Manimajra, Chandigarh on 14.09.2020 and recovered cash Rs. 1635/- from his possession. A case FIR No. 148, U/S 13A-3-67 Gambling Act has been registered in PS-MM, Chandigarh. Later he was released on bail. Investigation of the case is in progress.

Arrest in Theft

 Abhishek Parjapati R/o Shop No. 63. Main market, Burail, Chandigarh, reported that unknown person stole away 230 packets of Haldiram Namkin from complainant’s shop on 14.09.2020. A case FIR No. 185, U/S 380 added 411 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh. Later on accused namely Sher Khan @ Sheru R/o # 1686, Village Burail, Chandigarh arrested in this case. Investigation of the case is in progress.

 Dowry

A lady resident of Chandigarh alleged that her husband resident of Distt. Gurrugram, Haryana, harassed complainant to bring more dowry. A case FIR No. 68, U/S 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

One arrested for using abusive language

A case FIR No. 186, U/S 294 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh against Surinder resident of Sector-25, Chandigarh, who was arrested while he  was doing obscene act in public near Govt. Sr. Secondary School, Sector 46, Chandigarh on 14.12.2019. Investigation of case is in progress.

सोशल डिस्टेंस, मास्क एवं सेनीजाईज का उपयोग करते हुए मनाया जा रहा है पोषण सप्ताह

पंचकूला  14 सितम्बर

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे पोषण अभियान के तहत सोशल डिस्टेंस, मास्क एवं सेनीजाईज का उपयोग करते हुए स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से गांव स्तर पर पहंुचकर महिलाओं को स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। इसके अलावा उन्हें पोष्टिक एवं प्रोटीन युक्त आहार लेने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है।

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने इस संबध में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के निर्देशानुसार जिला में व्यापक स्तर पर पोषण जागरूक माह मनाया जा रहा है। इसके तहत गांव स्तर गर्भवती महिलाओं, स्तनपान करवाने वाली महिलाओं, बच्चों एवं किशोरियों को प्रोटीनयुक्त आहार लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए गांव स्तर पर रैलिंया, बैठकें आयोजित की जा रही है।

उपायुक्त ने बताया कि अभियान के तहत बच्चों के वजन मापने का कार्य आंगनवाडी स्तर पर किया जा रहा है। विभाग का मुख्य ध्येय है कि पोषण अभियान एक जन आन्दोलन का रूप ले और इसके तहत महिलाओं एवं बच्चों को सही पोषण मिले ओर उनका संर्वागीण विकास हो। उन्होंने कहा कि इस प्रकार प्रदेश की एक तिहाई से अधिक आबादी स्वस्थ होगी तो समाज व देश सशक्त एवं मजबूत होगा। इसलिए ग्रास रूट पर अभियान पर बल दिया जा रहा है।  

पुलिस फ़ाइल, पंचकुला – 14 सितंबर

पंचकूला 14 सितम्बर

पुलिस ने 11 महिने के बच्चे को बरामद करके माँ के किया हवाले

                  सौरभ सिह भा.पु.से., पुलिस आयुक्त पंचकुला व मोहित हाण्डा, भा.पु.से., पुलिस उपायुक्त पंचकुला के दवारा दिये गये निर्देशो के तहत कार्य करते हुए जिला पंचकुला अपराधो की रोकथाम व अपराधियो को पकडते हुए कल दिनाक 13.09.2020 को  थाना पिन्जौर से उप निरिक्षक मुलखराज सिह व उसकी टीम ने कडी मेहनत से कार्य करते हुए 11 महिने के बच्चे को सही सलामत बरामद करवा कर माँ को दिलवाया हुई ।

               प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनाक 10.09.2020 को महिला ने थाना पिन्जौर मे शिकायत दर्ज करवाई कि महिला का अपने पति के साथ झगडा चल रहा है जब दिनाक 10.09.2020 महिला का पति उसके घर पर आया तो उसने चाय बनाने के लिए महिला को किचन मे भेज दिया व महिला के भाई को कुछ सामान लेने के दुकान पर भेज दिया । इसी घटना के दौरान महिला के पति के दोस्त सुमित व सोनु बाहर कार मे बैठे थे तभी महिला का पति 11 महिने के बच्चे को कार मे लेकर फरार हो गया । जब महिला ने अपने पति को फोन किया तो कहा कि बच्चा अब कोर्ट के जरिये मिलेगा । जिस प्राप्त दरखास्त पर थाना पिन्जौर ने कार्यवाही करते हुए बच्चे का सही सलामत बरामद करके बच्चे को उसकी माँ के हवाले किया गया । इस अभियोग मे अनुसधानकर्ता ने गहनता से कार्य करते हुए बच्चे को सिरसा हरियाणा से बरामद करवा कर उसकी माता के हवाले किया गया ।

डिटैक्टिव स्टाफ पचंकुला ने किया चोर को काबू  

                 सौरभ सिह भा.पु.से., पुलिस आयुक्त पंचकुला व मोहित हाण्डा, भा.पु.से., पुलिस उपायुक्त पंचकुला के दिशा-निर्देशानुसार जिला पंचकुला मे अपराधो की रोकथाम व अपराधियो की को जल्द से जल्द गिरफ्तार करते हुए । डिटैक्टिव स्टाफ सैक्टर 25 पचंकुला की टीम अभियोग मे गहनता से जांच करते हुए कल दिनाक 13.09.2020 को आरोपी को चोरी करने के जुर्म मे गिरफ्तार किया गया है । गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान अमरपाल पुत्र देवी राम वासी गाँव  शाहपुर देव थाना शाहबाद जिला रामपुर यु0 पी0 के रुप मे हुई ।

                प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनाक 21.06.2020 को शिकायकर्ता राजेश कुमार वासी सैक्टर 02 पचंकुला ने शिकायत दर्ज करवाई कि दिनाक 20.06.2020 को 11 बजे सुबह अपने परिवार सहित पिन्जौर गया था । जब वापिस आकर देखा तो घर की अलमारीयो टुटी पडी थी व सामान बिखरा पडा था । जो घर मे रखा ज्वैलरी व  20000/- हजार रुपये कैश नामालूम व्यकित चोरी करके ले गये । जिस प्राप्त दरखास्त पर पुलिस थाना सैक्टर 05 पचंकुला ने कार्यवाही करते हुए धारा 457/380 भा.द.स के तहत अभियोग अकिंत करके अभियोग की आगामी तफतीश हेतु डिटैक्टिव स्टाफ सैक्टर 25 पचंकुला मे भेजी गई । जो डिटैक्टिव स्टाफ की टीम ने अभियोग मे गहनता से कार्यवाही करते हुए उपरोक्त आरोपी को गिरफ्तार कर लिया ।  आरोपी को माननीय पेश अदालत करके 3 दिन का पुलिस रिमाण्ड प्राप्त किया गया ।   

शुभ हो प्रभात..

मेरी मातृभाषा है ———हिन्दी
पुष्प की अभिलाषा है हिन्दी
घोर निराशा में हो गर प्राणी
जीने की आशा है ——– हिन्दी !!

बच्चन की मधुशाला है हिन्दी
मीरा का गोपाला है —— हिन्दी
है — प्रसाद की कामायनी
अमृत रस प्याला है —- – हिन्दी !!

रैदास का चंदन –पानी है —हिन्दी
महादेवी के गीतों की रवानी है हिन्दी
है — द्विवेदी का अद्भुत आलाप
प्रेमचंद की अनुपम कहानी है हिन्दी !!

गुप्त की भारत भारती —हिन्दी
मिश्र की त्रिकालसंध्या आरती हिन्दी
बहता प्रसाद का यूँ झरना
युगवाणी पंत की पुकारती हिन्दी !!

सुभद्रा के बिखरे मोती हिन्दी
दिनकर की रसवंती बोती हिन्दी
नवीन की उर्मिला के गले में
तुलसी के पद ——पिरोती हिन्दी !!

एक अनुपम वरदान है हिन्दी
साहित़्य की जान है — हिन्दी
यह सुमन है बड़ा निराला
परिंदा की उड़ान है हिन्दी ।

from ravi bharti’s wall

Police Files, Chandigarh – 14 September

Korel ‘Purnoor’, CHANDIGARH – 14.09.2020

Arms Act

Crime Branch of Chandigarh Police arrested Sumit R/o # 2902, Sector-66, Mohali (PB), Sarabjit Singh @ Satta R/o Village-Dhurali, Distt-Mohali (PB) and Maninder Singh @ Manny R/o Village-Dhurali, Distt Mohali (PB) in Baleno car No. CH-121(T)-1552 and recovered one pistol (made in USA), one magazine with 4 cartridges  and 2 desi katta’s with 2 cartridges from their possession at road back side of Police Line, Sector-26, Chandigarh towards BDC light point to St. Kabir Turn on 13.09.2020. A case FIR No. 156, U/S 25-54-59 Arms Act has been registered in PS-26, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

One arrested for MV theft

Vishal Mishra R/o # 6, Village-Buterla, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s Discover M/Cycle No. CH-01AQ-2763 parked near Village Buterla Gate, Sector 41, Chandigarh on the night intervening 12/13-09-2020. A case FIR No. 284, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Later, one person namely Jatinder R/o # 1594/B, EWS Colony, Dhanas, Chandigarh (age 23 years) has been arrested in this case. Investigation of the case is in progress.

Theft

 Suraj Arya R/o # 26, Village-Khudda Jassu, Chandigarh, reported that unknown person stole away battery from his Mahindra Pick-up No. CH-03S-6372 and also stolen batteries of other vehicles Maruti car No. CH-03R-2308, Tavera car No. PB-01A-4448, Maruti car No. HP-11-9139, Maruti Zen car No. CH-01BD-8963, Mahindra Pick-up No. CH-01TA-1978, Maruti car No. CH03-1786 and Maruti car No. HP-62B-0838 while all vehicles parked near his house on the night intervening 12/13-09-2020. A case FIR No. 117, U/S 379 IPC has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh Investigation of the case is in progress.

वार्षिक चेकअप या मानसून सत्र के प्रश्नों से घबराए सोनिया राहुल ???

सोमवार यानी 14 सितंबर से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने कमर कस ली है। लेकिन संसदीय कार्यवाही के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी पहले चरण में संसद में मौजूद नहीं होंगे। राहुल और सोनिया व्यक्तिगत कारणों से मानसून सत्र के पहले चरण में संसद में नहीं पंहुच सकेंगे। खबरों के अनुसार रविवार को सोनिया गांधी अपने वार्षिक चेकअप के लिए विदेश जा रही है। इस दौरान सोनिया लगभग 2 हफ्ते तक देश से बाहर रहेंगी। राहुल गांधी भी उनके साथ जाएंगे लेकिन यह कहा जा रहा है कि राहुल कुछ दिनों बाद वापस लौट आएंगे जब प्रियंका सोनिया के साथ होंगी। अब प्रश्न यह उठता है कि पिछले 2-3 महीनों से लगातार सांसद के विशेष सत्र की मांग करने वाले राहुल गांधी मानसून सत्र के आरंभ होने से पहले विदेश चले गए। कहीं वह चीन के साथ अपने सम्बन्धों पर जड़े मुद्दों से तो नहीं घबरा गए?…… क्या वाकई?

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

भारत-चीन तनाव के बीच सोनिया गाँधी अपने रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए विदेश निकल गई हैं और उनके बेटे राहुल गाँधी भी साथ गए हैं। जहाँ सोनिया गाँधी रायबरेली से पाँचवीं बार सांसद बनी हैं, वहीं राहुल गाँधी 3 बार अमेठी का प्रतिनिधित्व करने के बाद अब केरल के वायनाड से सांसद हैं। सोनिया भी अमेठी का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। ऐसे में संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले दोनों का विदेश जाना एक संयोग नहीं है, ऐसा कई लोगों को लग रहा।

भारत और चीन के बीच जब से तनाव शुरू हुआ है, तब से राहुल गाँधी की भाषा पर गौर किया जाए तो हमें पता चलता है कि उन्होंने आज तक चीन की आलोचना में एक शब्द भी नहीं कहे लेकिन प्रधानमंत्री को बदनाम करने के लिए उनके लिए ‘सरेंडर मोदी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। राहुल गाँधी लगातार कहते रहे कि चीन ने हमारी जमीन हड़प ली है और मोदी सरकार इस मामले में डर कर हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

एक और बात गौर करने लायक ये भी है कि राहुल गाँधी ने कभी उन मीडिया रिपोर्ट्स तक पर भी प्रतिक्रिया नहीं दी, जिनमें भारतीय सेना के पराक्रम की बात की गई। गलवान संघर्ष में 40 चीनी फौजियों के मारे जाने की बात सामने आई लेकिन राहुल गाँधी ने सेना की पीठ नहीं थपथपाई। हाल ही में एक अमेरिकी रिपोर्ट में इससे भी ज्यादा का आँकड़ा दिया गया है लेकिन राहुल गाँधी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और चुप रहे।

इसके अलावा सेना और सरकार द्वारा जारी किए गए किसी भी बयान का राहुल गाँधी ने समर्थन नहीं किया और ‘चीन ने हमारी जमीन हड़प ली’ वाला राग अलापते रहे। कॉन्ग्रेस पार्टी ने कभी भी इस बात की भी चर्चा नहीं की कि आज भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवान उन चोटियों पर डेरा डाले हुए हैं, जहाँ 1962 के बाद से ही वो नहीं गए थे। आज चीन की गतिविधियों ऊपर भारतीय सशस्त्र बलों की सीधी नज़र है।

ऐसे में ये सवाल तो उठेगा ही कि क्या सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी चीन के डर से संसद सत्र के पहले हिस्से में भाग नहीं ले रहे हैं क्योंकि इससे उन्हें चीन की आलोचना या निंदा करनी पड़ेगी? क्या सोनिया-राहुल चीन के खिलाफ एक भी शब्द बोलने से डर रहे हैं? भारत-चीन तनाव के बीच ही राहुल ने अपने वीडियो सीरीज शुरू किया और इस तनाव के लिए पीएम मोदी को जिम्मेदार तो ठहराया लेकिन चीन की आलोचना नहीं की

कभी सीमा पर भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों को अलग-अलग भोजन मिलने की बात करते हैं तो कभी चीन विवाद को मोदी की छवि से जोड़ कर देखते हैं। हाल ही में चीन के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने भी एक वीडियो जारी कर दिखाया था कि जहाँ वहाँ के फौजी ठण्ड में ड्रोन से आया गर्मागर्म खाना खाएँगे, वहीं भारतीय सेना के जवाब भूखे रहेंगे। राहुल गाँधी और चीन, दोनों एक ही बातें कर रहे हैं। ऐसे में कैसे वो संसद में चीन की करतूतों की निंदा करने का साहस जुटा पाएँगे?

चीनी मुखपत्र ने तो ये भी लिखा कि कॉन्ग्रेस पार्टी मौके की ताक में है और कभी भी मोदी सरकार को हिला सकती है, जिसके लिए वो मुद्दा ढूँढ रही है। ऐसे में ये आरोप लगना स्वाभाविक है कि जब ये सारे सवाल संसद में उठेंगे, तब सत्ताधारी दल की बड़ी संख्या बल के सामने जवाब नहीं जुटे तो क्या होगा? क्या यही वो डर है, जिसने सोनिया-राहुल को विदेश जाने के लिए मजबूर कर दिया है? क्योंकि चीन की इतनी तरफदारी आजकल तो वामपंथी दल भी नहीं करते।

इसी तरह जब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी भारत-चीन मुद्दे पर बोल रहे थे, तब राहुल गाँधी सोते हुए नज़र आए थे। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी कहा था कि जिस तरह से इश्क और मुश्क छिपाने से भी नहीं छिपते, ठीक वैसे ही कॉन्ग्रेस और चीन के बीच चल रहे प्रेम के बारे में सभी को पता है। उन्होंने दावा किया था कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और भारत की कॉन्ग्रेस पार्टी के बीच समझौते हुए हैं, जिसकी जानकारी अब सार्वजनिक की जानी चाहिए। 

भाजपा का आरोप है कि 2008 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और कॉन्ग्रेस ने एक MOU पर हस्ताक्षर किए थे, इसीलिए दोनों के बीच का प्रेम किसी से छिपा हुआ नहीं है। आखिर उस MOU में क्या था, इसका विवरण अब तक सामने नहीं आया है? क्या कोई ऐसा करार है, जिसके तहत गाँधी परिवार ने चीन और शी जिनपिंग के खिलाफ न बोलने की शपथ ली हुई है और इसीलिए वो संसद सत्र में सवालों से बचने के लिए भाग गए?

ये भी अजीब विडम्बना है क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि जब ऐसे मौके आते हैं, तब सरकारें जवाब देने से बचती रही हैं लेकिन यहाँ तो विपक्ष के प्रथम परिवार के दो लोग ही देश से निकल लिए। कॉन्ग्रेस तो कहती है कि देश में अशांति है और माहौल खराब है, फिर उसे क्या ज़रूरत है भागने की क्योंकि अभी तो मोदी सरकार को घेरने के लिए उसके हिसाब से सबसे मुफीद समय होना चाहिए न? कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष देश से बाहर हैं और पार्टी संसद में लड़ेगी… वाह रे देश की सबसे परानी पार्टी!

23 नेताओं ने पत्र लिख कर गाँधी परिवार को घेरा है और पार्टी में लोकतंत्र की माँग की है। संगठन में हुए महत्वपूर्ण बदलावों में उन नेताओं को नज़रअंदाज़ किया गया है और वफादारों की चाँदी हो गई है। पार्टी के लिए भी आंतरिक कलह के कारण ये ठीक समय नहीं है क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद अभी-अभी सचिन पायलट की बगावत रही है। ऐसे समय में दोनों के विदेश जाने पर अटकलों का बाजार गर्म होना आम है। 

दिल्ली दंगो के साजिशकर्ता की ‘यूएपीए’ के तहत गिरफ्तारी

दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद से 11 घंटे लंबी पूछताछ की। लंबी पूछताछ के बाद खालिद को गिरफ्तार किया गया। देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने वालों के खिलाफ कानून और सख्त हो गया है। इस तरह की हरकतों को अंजाम देने वालों को अब यूं ही नहीं छोड़ा जाएगा। इसके लिए ऐसे लोगों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। कई बार इसका विरोध भी हुआ है, लेकिन देश की अखंडता से खिलवाड़ करने वालों के साथ अब कोई मुरौवत नहीं होगी। खालिद की गिरफ्तारी और उसपर यूएपीए के तहत मामला दर्ज करना इस बात का द्योतक है कि देश के खिलाफ एक शब्द भी अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।  

नयी दिल्ली(ब्यूरो) :

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को गिरफ्तार कर लिया है। उमर खालिद को दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है। शनिवार (सितम्बर 12, 2020) को ही दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को समन दिया था और उन्हें लोधी कॉलनी स्थित स्पेशल सेल के ऑफिस में हाजिरी देकर जाँच में सहयोग करने को कहा गया था। इससे पहले जुलाई 31 को भी उनसे पूछताछ हो चुकी है।

उसी दिन उमर खालिद का मोबाइल फोन भी सीज कर लिया गया था। रविवार को वो दोपहर 1 बजे पूछताछ के लिए पहुँचे, जिसके बाद शाम को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अब उन्हें सोमवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। आने वाले कुछ ही दिनों में दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ चार्जशीट भी दायर करेगी। क्राइम ब्रांच के नारकोटिक्स यूनिट में तैनात सब-इंस्पेक्टर अरविन्द कुमार को मुखबिर से मिली सूचना के बाद मार्च 6 को उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

मुखबिर ने पुलिस के सामने खुलासा किया था कि दिल्ली में हुआ हिन्दू-विरोधी दंगा पूर्व नियोजित साजिश के तहत हुआ था और इसमें उसके साथ दानिश सहित 2 अन्य साथी शामिल थे। ये सभी अलग-अलग संगठनों का हिस्सा थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दिल्ली दौरे के समय अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने भारत में मुसलमानों के प्रताड़ित होने का नैरेटिव बनाने के लिए उमर खालिद ने दो अलग-अलग जगहों पर भड़काऊ भाषण भी दिया था।

क्या है यूएपीए (UAPA) अधिनियम ? 

1967 में बने यूएपीए यानी गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम में अगस्त 2019 में संसोधन किया गया। यूएपीए बेहद सख्त कानून है। इसे देश की अखंडता और संप्रभुता को खतरा पहुंचाने वाली गतिविधियों से रोकने के लिए बनाया गया है। 1967 में इकस कानून के बनने के बाद से इसमें कई बार संसोधन किया गया।  

8 जुलाई को लोकसभा में पेश

यह विधेयक सरकार को यह अधिकार भी देता है कि इसके आधार पर किसी को भी व्यक्तिगत तौर पर आतंकवादी घोषित कर सकती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 8 जुलाई को यूएपीए बिल लोकसभा में पेश किया था। यूएपीए बिल के तहत केंद्र सरकार किसी भी संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर सकती है अगर निम्न 4 में से किसी एक में उसे शामिल पाया जाता है-

  1. आतंक से जुड़े किसी भी मामले में उसकी सहभागिता या किसी तरह का कोई कमिटमेंट पाया जाता है।
  2. आतंकवाद की तैयार।
  3. आतंकवाद को बढ़ावा देने की गतिविधि।
  4. आतंकी गतिविधियों में किसी अन्य तरह की संलिप्तता।

यूएपीए में नए बदलाव के तहत एनआईए के पास असीमित अधिकार आ जाएंगे। वह आतंकी गतिविधियों में शक के आधार पर लोगों को उठा सकेगी, साथ ही संगठनों को आतंकी संगठन घोषित कर उन पर कार्रवाई कर सकती है।  जांच के लिए एनआईए को पहले संबंधित राज्य की पुलिस से अनुमति लेना पड़ती थी, लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।

हालाँकि, उमर खालिद के वकील त्रिदीप पाइस ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि उनके क्लाइंट के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह गलत, मनगढ़ंत और दबाव के कारण दर्ज किए गए हैं। सितम्बर 4 को किए गए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उमर खालिद ने कहा था कि देश में दो किस्म का क़ानून चल रहा है- एक सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों के लिए और दूसरा आम लोगों के लिए, जिनके खिलाफ झूठे सबूत बनाए जाते हैं।

ताहिर हुसैन ने पूछताछ के दौरान बताया था कि उसने 8 जनवरी को ही सीएए विरोधी प्रदर्शन स्थल शाहीनबाग में खालिद सैफी (India Against Hate Group) और उमर खालिद (JNU) के साथ मिलकर इस दंगे की योजना बना ली थी। उसने कबूला था कि वो और भी कई सीएए विरोधी प्रदर्शन के आयोजकों से संपर्क में था। इस कबूलनामे में उमर खालिद का नाम आने के साथ ही दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी।

हिन्दी सुरक्षा सप्ताह – क्या वाकई??

जब भी हिन्दी दिवस आता है, हिन्दी के अस्‍त‍ित्‍व पर खतरे को लेकर बहस और विमर्श शुरू हो जाता है। चंद गोष्‍ठ‍ियां होती हैं और कुछ सरकारी आयोजन। कुछ अखबारों में हिन्दी को सम्‍मान देने की रस्‍में पूरी की जाती हैं।
कुल जमा सप्‍ताह भर तक ‘हिन्दी सुरक्षा सप्‍ताह’ चलता है। इन कुछ दिनों तक हिन्दी हमारा गर्व और माथे की बिंदी हो जाती है।

14 सितंबर,2020 :

प्रति‍ वर्ष यही होता है, संभवत: आगे भी होता रहेगा। चूंकि यह एक परंपरा-सी है, ठीक उसी तरह जैसे हम आजादी का उत्‍सव मनाते हैं या नया वर्ष।
पिछले कई वर्षों से ऐसा किया जा रहा है। हिन्दी के अस्‍त‍िव को बचाने के लिए नारे गढ़े जा रहे हैं और इसके सिर पर मंडराते खतरे गि‍नाए जा रहे हैं। लेकिन तब से अब तक न तो हिन्दी का अस्‍त‍ित्‍व मिटा है और ही इस पर कोई संकट या खतरा आया गहराया है। और न ही ऐसा हुआ है कि हिन्दी बचाओ अभियान चलाने से यह अब हमारे सिर का ताज हो गई हों।

न तो हिन्दी का अस्‍त‍ित्‍व खत्‍म हुआ है और न ही इस पर कोई संकट है। यह तो हमारी आदत और औपचारिकता है हर दिवस पर ‘ओवररेटेड’ होना, इसलिए हम यह सब करते रहते हैं।

हिन्दी की अपनी लय है, अपनी चाल और अपनी प्रकृति‍। इन्‍हीं के भरोसे वो चलती है और अपनी राह बनाती रहती है। सतत प्रवाहमान किसी नदी की तरह। कभी अपने बहाव में तरल है तो कहीं उबड़-खाबड़ पत्‍थरों से टकराती बहती रहती है और वहां पहुंच जाती है, जहां उसे जाना होता है, जहां से उसे गुजरना होता है।
इसके बनाने बि‍गड़ने में हमारा अपना कोई योगदान नहीं हैं, वो खुद ही अपना अस्‍त‍ित्‍व तैयार करती है और जीवि‍त रहती है, हमारे ढकोसले से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता।

भाषा कभी किसी अभि‍यान के भरोसे जिंदा नहीं रहती। वो देश, काल और परिस्‍थति के अनुसार अपनी लय बनाती रहती है। स्‍वत: ही उसकी मांग होती है और स्‍वत: ही उसकी पूर्त‍ि। यह ‘डि‍मांड और सप्‍लाय’ का मामला है।

पिछले दिनों या वर्षों में हिन्दी की लय या गति‍ देख लीजिए। दूसरी भाषाओं से हिन्दी में अनुवाद की मांग है, इसलिए कई किताबों के अनुवाद हिन्दी में हो रहे हैं, कई अंतराष्‍ट्रीय बेस्‍टसेलर किताबों के अनुवाद हिन्दी में किए जा रहे हैं। क्‍योंकि हिन्दी-भाषी लोग उन्‍हें पढ़ना चाहते हैं, और वे हिन्दी पाठक किसी अभि‍यान के तहत या किसी मुहिम से प्रेरित होकर हिन्दी नहीं पढ़ना चाहते, बल्‍कि उन्‍हें स्‍वाभाविक तौर बगैर किसी प्रयास के हिन्दी पढ़ना है, इसलिए हिन्दी उनकी मांग है।
सोशल मीडि‍या पर हिन्दी में ही चर्चा और विमर्श होते हैं, यह स्‍वत: है। हिन्दी में लिखा जा रहा है, हिन्दी में पढ़ा जा रहा है। हाल ही में कई प्रकाशन हाउस ने हिन्दी में अपने उपक्रम प्रारंभ किए हैं।

हीरे – मोती से लेकर माँ, रहस्यनामा, पिता और पुत्र, बौड़म(Idiot), यद्ध और शांति, अपराध और दंड इत्यादि सभी रूसी कालजयी रचनाएँ मैंने हिन्दी ही में पढ़ी हैं।

गूगल हो, ट्व‍िटर या फेसबुक। या सोशल मीडि‍या का कोई अन्‍य माध्‍यम। हिन्दी ने अपनी जगह बना ली है, हिन्दी में ही लिखा, पढ़ा और खोजा जा रहा है।
ऐसा कभी नहीं होता कि हमारी अंग्रेजी अच्‍छी हो जाएगी तो हिन्दी खराब हो जाएगी। बल्‍क‍ि एक भाषा दूसरी भाषा का हाथ पकड़कर ही चलती है। एक दूसरे को रास्‍ता दिखाती है। अगर हमारे मन के किसी एक के प्रति‍ कोई द्वेष न हों।

साभार : नवीन रांगियाल

हिन्दी का प्रचार राष्ट्रीयता का प्रचार है: हिन्दी दिवस पर विशेष

राष्ट्र भाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है। हिन्दी अपनी ताकत से बढ़ेगी। हिन्दी का प्रचार राष्ट्रीयता का प्रचार है। हिन्दी को राष्ट्र भाषा बनाना नहीं है वह तो है ही। हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्त्रोत है। हिन्दी के द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है आदि…आदि … ये हम नहीं बोल रहे ये देश के विद्वान् पुरुषों के कथन हैं जो राष्ट्र भाषा के प्रचार को राष्ट्रीयता का अंग मानते थे। अब केवल काम है। नीतियां हैं…वो भी बेमतलब।

14 सितंबर, 2020:

कितना दुखी होंगे वे आज, जहां भी होंगे। क्योकि उनके इन सभी स्वर्णिम वाक्यों को, लोहे की तरह जंग लगे सरियों में हम बदलते देख रहे हैं, बड़े भारी और बोझल मन के दुःख के साथ। कहां गई भाषा के प्रति आस्था, विश्वास। कहां गया मातृभाषा का गौरव और उसकी अभिव्यक्ति? कैसे जाता जा रहा है ये रसातल में, कमतरी का अपराधबोध लिए हुए? कौन जिम्मेदार है इसका? और कैसे बचा पाएंगे अस्मिता हम अपने हिन्दू, हिंदुस्तान की धड़कन हिन्दी को? या फिर चलता रहेगा यह राष्ट्र ऐसे ही आत्माविहीन शव सा हिन्दी की धडकन से विरक्त हो? सोचिए इस विषय को, विचारिए इस संकट को भी….भाषा कोई भी बुरी नहीं। बच्चा वाणी ले कर पैदा होता है, भाषा उसे हम देते हैं वैसे ही जैसे धर्म देते हैं और ये बात कि हिन्दी भी उसी धर्म से जुड़ी हुई है जो हमारे प्रथम धर्म हैं।

हिन्दी का बिगाड़ भारत माता के रूप की लालिमा का बिगाड़ है, उसकी सिन्दूरी आभा का बिगाड़ है, उसके माथे की बिंदी का बिगाड़ है। बिगाड़ तो अंग्रेजों ने भरपूर किया पर उनके बिगाड़ को सम्मान से स्वीकार किया चापलूसों ने।
फ़िल्में, शिक्षा पद्धति, कान्वेंटीकरण से होता सत्यानाश तो हम भुगत ही रहे थे, अब आया है वेब सीरिज का दौर।

साधन जितने आकार में छोटे होते गए, जेब में समाते गए इनके भाषा-बिगाडू रोगाणु-जीवाणु भी उतनी ही सूक्ष्म भेदीकरण शक्ति के साथ मस्तिष्क में समाने लगे हैं। जो थोड़ी बहुत हिन्दी का सतीत्व बचा हुआ था उसका शील-भंग करने में इसने भी कोई कसार नहीं छोड़ी। भले ही कहें कि ये तो हिन्दी में हैं फिर आपको दिक्कत क्यों? तो फिर पहले भाषा का मायने जानें-“गिरा हि संखारजुया वि संसति, अपेसला होइ असाहुवादिणी.”- बृहतकल्पभाष्य
अर्थात्- सुसंकृत भाषा भी यदि असभ्यतापूर्वक बोली जाती है तो वह भी जुगुप्सित हो जाती है।

बस यही चीज वर्तमान में आ चुकी है, पहले दबे पांव आती थी अब पूरे प्रमाण-पत्रों के साथ स्वीकार्य हो पूरी तरह अहंकार में चूर बच्चों बच्चों तक पहुंचाई जा रही है। नशीले हानिकारक पदार्थों के साथ। धुंआ-धुंआ होती संकृति के साथ ख़राब जुबान का जहर घोलती ये वेब सीरीजों की बाढ़, शयनकक्ष के कर्मों को सड़कों पर खुले आम करने को प्रोत्साहित करती, भाषा की मर्यादाओं को भंग करने को उकसाती इस बार अपने साथ धरती की घास को भी बहा ले जाएगी जो बड़ा ही अनर्थकारी होगा। ‘जब कोई विजित जाति अपनी भाषा के शब्दों को ठुकराए और विजेता की भाषा पर गर्व करे तो इसे गुलामी का ही चिह्न मानना चाहिए।’‘भाषा की दो खानें हैं, एक किताबों में एक जनता की जुबान पर।’ और ये जुबान भ्रष्ट हो चली है खास करके भाषा के मामले में। ‘भाषा ही संस्कृति का वाहन है और उसका अंग भी।’ और हम दोनों के ही हन्ता बन बैठे हैं। कई आसान सी बुराइयों ने ‘कुनेन’ की भांति काम किया है। ऊपर से मीठा अंदर से कड़वा-जहर। दिल, दिमाग, बुद्धि, शुद्धि, जुबान, भाषा सभी को ख़त्म करने पर आमादा।

बात-बात पर अपशब्दों का प्रयोग, महिलाओं के लिए अश्लील भाषा का बेहिचक प्रयोग, मर्यादा भंग, लिहाज को ठेंगा बताता बड़ों के प्रति अपमानजनक व्यवहार, कुटिलता से भरे नामों की रचना, धर्मग्रंथों के साथ-साथ संस्कृति का मजाक उड़ाना ऐसी कई अनंत बीमारियों के संवाहक ये वेब-सीरिज पीढ़ियों को बिगाड़ने का अपराध कर रहे।

‘भाषा की समृद्धि स्वतंत्रता का बीज है’ पर दुखद तो यह है मेरे देश में कि विदेशी भाषा तो छोड़ हम अपनी भाषा के विषय में भी नहीं जानते। जबकि ‘भाषा मानव-मस्तिष्क की वह शस्त्रशाला है जिसमें अतीत की सफलताओं के जयस्मारक और भावी सफलताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, एक सिक्के के दो पहलुओं की तरह साथ साथ रहते हैं।’ पर हमें सावधान रहना होगा कि हमारा ये गौरवपूर्ण सिक्का जो भारतमाता के स्वर्णिम भाल पर चमचमा रहा है अपनी भाषा हिन्दी के रूप में इसे कोई भी मलीन न करने पाए हम भाषा को नहीं बनाते, भाषा हमें बनाती है। थोड़े से प्रयोजनीय शब्द गढ़ लेना भाषा बनाना नहीं है, सुविधा है।

भाषा बड़ी रहस्यमयी देवी है। यह नई सृष्टि करती है। इतिहास विधाता के किए कराऐ पर वह ऐसा पर्दा डालती है कि कभी-कभी दुनिया ही बदल जाती है। तो इस खतरनाक मायाजाल को पहचानें। इसकी घुसपैठ हमारे देश की नींव को दीमक लगा दे उसके पूर्व ही हिन्दी के मान की रक्षा के पुण्य दायित्व को निभाएं। भाषा में प्रयुक्त एक-एक शब्द, एक-एक स्वराघात कुछ सूचना देते हैं। व्यक्तियों का नाम, कुलों-खानदानों के नाम, पुराने गावों के नाम, जीवंत इतिहास के साक्षी हैं। हमारे रीति-रस्म, पहनावे, मेले, नाच-पर्व, पर्व-त्योहार-उत्सव सभी तो हमारी इस भाषा की गाथा सुना जाते हैं। आओ…मिल कर रोकें इस दुश्मन को जो हमारी भाषा रूपी गहने की चोरी की नीयत से कई रूप धरे है। यह भाषा ही तो हमारे विचारों का परिधान है। क्योंकि जब कोई भाषा नष्ट होती है तो उस राष्ट्र की कई वंशावलियां भी नष्ट हो जातीं हैं। तो सावधान….नींद से जागें…आपके देश की आत्मा पर प्रहार हो रहा है….धीरे-धीरे…हौले-हौले से पर करारा…

साभार : डॉ. छाया मंगल मिश्र