Haryana gets new chief secretary as Keshni Anand Arora retires

1985 batch IAS Vijai Vardhan is new chief secretary of Haryana

Chandigarh, September 30, 2020: 

Haryana Government has today appointed Mr. Vijai Vardhan, Additional Chief Secretary and Financial Commissioner, Revenue and Disaster Management and Consolidation Department and Additional Chief Secretary, Home, Jails, Criminal Investigation and Administration of Justice Department as Chief Secretary, Haryana, General Administration, Personnel, Training, Parliamentary Affairs, Vigilance, Administrative Reforms Departments and Secretary In-charge of Plan Coordination on superannuation of Mrs. Keshni Anand Arora.

          Besides this, the transfer and posting orders of five other IAS officers has also been issued with immediate effect.

          Among those IAS officers who have been transferred include, Mr. Sanjeev Kaushal, Additional Chief Secretary, Agriculture and Farmers’ Welfare Department and Additional Chief Secretary, Cooperation Department, has been posted as Additional Chief Secretary and Financial Commissioner, Revenue and Disaster Management and Consolidation Departments and Additional Chief Secretary, Cooperation Department.

          Mr. Alok Nigam, Additional Chief Secretary, Forests and Wildlife Department and Additional Chief Secretary, Medical Education and Research Department has been posted as Additional Chief Secretary, Public Works (B&R) and Architecture Department and Additional Chief Secretary, Forests and Wildlife Department, and Additional Chief Secretary, Medical Education and Research Department.

          Mr. Devender Singh, Additional Chief Secretary, Irrigation and Water Resources Department, Additional Chief Secretary, Public Health Engineering Department and Additional Chief Secretary, Skill Development and Industrial Training Department has been given additional charge of Additional Chief Secretary, Agriculture and Farmers’ Welfare Department.

          Mr. Rajeev Arora, Chief Resident Commissioner, Haryana Bhawan, New Delhi, Additional Chief Secretary, Health and Family Welfare Department, Additional Chief Secretary, Public Works (B&R) and Architecture Department and Nodal Officer for COVID-19 has been posted as Chief Resident Commissioner, Haryana Bhawan, New Delhi, Additional Chief Secretary, Health and Family Welfare Department, Additional Chief Secretary, Home, Jails, Criminal Investigation and Administration of Justice Department and Nodal Officer for COVID-19.

          Mr. Dharamvir Singh, Commissioner, Municipal Corporation, Yamunanagar and District Municipal Commissioner, Yamunanagar has been posted as Deputy Commissioner, Charkhi Dadri

कृष्ण जनमभूमि से मस्जिद नहीं हटेगी, अदालत का निर्णय

उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान को लेकर दायर याचिका सिविल जज सीनियर डिवीजन लिंक कोर्ट एडीजे एफटीसी (द्वितीय) छाया शर्मा ने खारिज कर दी। उन्होंने इसके पीछे पर्याप्त आधार न होने की बात कही। वहीं श्रीकृष्ण विराजमान के वकील विष्णुशंकर जैन का कहना है कि वे अब हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। बता दें कि श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट हरिशंकर जैन और विष्णुशंकर जैन द्वारा दायर याचिका में मुख्यतः 1968 में कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और ईदगाह ट्रस्ट के मध्य हुए समझौते को रद्द करने, ईदगाह को हटाए जाने और 13.37 एकड़ जगह का मालिकाना हक श्रीकृष्ण विराजमान के नाम करने की बात कही गई थी।

उप्र (ब्यूरो):

उत्तर प्रदेश में कान्हा की नगरी मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही ईदगाह मस्जिद के कब्जे से 13.37 एकड़ जमीन को श्रीकृष्ण विराजमान को सौंपने के लिए दायर वाद बुधवार को मथुरा कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुनवाई के लिए वादी पक्ष के विष्णु जैन, हरीशंकर जैन और रंजन अगिनहोत्री ने सिविल जज सीनियर डिवीज़न न्यायालय में पहुंच कर अपना पक्ष रखा। न्यायालय ने पक्ष की पूरी बात सुनी और सुनवाई पूरी होने के बाद अपने फैसले में वाद को खारिज़ कर दिया।

इससे पहले सोमवार को मथुरा के सिविल कोर्ट में ये वाद लिस्‍टेड हुआ। कोर्ट को यह तय करना था कि इस याचिका को स्‍वीकार किया जाए या नहीं, लेकिन सुनवाई को 30 सितंबर तक के लिए टाल दिया गया।

इन्होंने दाखिल किया वाद

ये वाद भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर की ओर से उनकी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य भक्तों ने दाखिल किया. हालांकि, प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 इस मामले के आड़े आ रहा था। इस एक्ट के जरिये विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमेबाजी को लेकर मालकिना हक पर मुकदमे में छूट दी गई थी। लेकिन, मथुरा-काशी समेत सभी धार्मिक या आस्था स्थलों के विवादों पर मुकदमेबाजी से रोक दिया गया था।

बता दें याचिका में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के 13.37 एकड़ के स्वामित्व और शाही ईदगाह के निर्माण पर सवाल उठाए गए हैं, लेकिन इससे पहले हिंदूवादी संगठन और साधु-संतों ने भी इस मामले को वृहद आंदोलन में तब्दील करने और मथुरा के साथ काशी को भी मालिकाना हक देने की मांग कर दी है। इस संबंध में काशी विद्वत परिषद के पश्चिम क्षेत्र के प्रभारी नागेंद्र महाराज के यहां एक बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें महामंडलेशर व धर्मगुरुओं ने भाग लिया और सभी ने एक मत से सामाजिक सहमति व राम जन्मभूमि आंदोलन को आधार मानते हुए मामले का पटाक्षेप करने और इस मामले को राजनीतिक मुद्दा न बनाने की मांग की।

अयोध्या तो झांकी थी, मथुरा-काशी बाकी है

नागेंद्र महाराज ने कहा कि अयोध्या तो झांकी थी मथुरा-काशी बाकी है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बहुत बड़ा विवाद था, लेकिन मथुरा और काशी में कोई बड़ा विवाद नहीं है। जिस तरह से अयोध्या में न्यायालय ने जो फैसला सुनाया है, उसी आधार पर सहमति बन जानी चाहिए। उधर, महामंडलेश्वर नवल गिरी महाराज ने तो साफ कहा कि मुस्लिम भाइयों को बड़ा दिल दिखाते हुए खुद ही पहल करनी चाहिए और मस्जिद का कब्जा मंदिर को दे देना चाहिए। उनका यह काम विश्व में उनको सर्वोपरि बनाएगा।

पुलिस फ़ाइल, पंचकुला – 30 सितंबर

पंचकूला, 30 सितम्बर :

पुलिस उपायुक्त पचंकुला के द्वारा स्पैशल नाईट चैकिग चलाये गये अभियान के तहत सट्टा खेलने वाले 12 आरोपियो को 91000 रुपये सहित काबू करने मे सफलता हासिल की

 मोहित हाण्डा, भा.पु.से., पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा दिये हुऐ निर्देशानुसार जिला पचंकूला मे अपराधो की रोकथाम तथा अपराधियो को जल्द से जल्द गिरफ्तार करते हुए । स्पैशल नाईट चैकिंग चलाये गये अभियान के तहत कार्यवाही करते हुए डिटैक्टिव स्टाफ सैक्टर 25 पचंकुला ने कालका क्षेत्र से जुआ खेलने वाले 12 आरोपियो को 91000 रुपये सहित गिरफ्तार किया गया । जो गिरफ्तार किये गये आरोपीयो कि पहचान  (1) अविनाश पुत्र जसपाल वासी नीयर गुगा माडी कली राम कालका (2) सन्नी कौशल पुत्र यशपाल वासी अप्पर मौहाला कालका (3) चुन्नी लाल पुत्र स्व. वेद प्रकाश वासी टंगरा कालका (4) राजन पुत्र राजेन्द्र कुमार वासी लोअर खुरादी मौहला कालका (5) हर्ष पुत्र अवनाश वासी शक्ति नगर कालका (6)राजकुमार पुत्र गिरधारी लाल वासी शक्ति नगर कालका (7)राहूल पुत्र बाल किशन वासी रेलवे कालोनी कालका (8) वेद प्रकाश पुत्र गुरदास राम वासी हाउसिग बोर्ड कालका (9) पुष्कर राज पुत्र निहाल चन्द वासी अप्पर मौहला कालका (10)हेमन्त गुप्ता पुत्र भवानी दत गुप्ता वासी परमाणु हिमाचल प्रदेश (11) सचिन शर्मा पुत्र नरेन्द्र शर्मा वासी खेडा सीता राम कालका (12)चमन लाल पुत्र कर्म चन्द वासी धर्मपुर कालौनी कालका के रुप मे हुई ।

                 प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस उपायुक्त पंचकूला श्री मोहित हांडा आई0पी0एस ने सभी थाना प्रबधक व सभी चौकी इन्चार्जो व अपराध शाखाओ को आदेश दिये है कि सभी थाना प्रबंधक अपने अपने क्षेत्र मे अपराधो पर रोकथाम के लिए सभी ढाबा,होटल,मार्किट मे चैकिग करेंगे ताकि कोई अनुचित घटना ना घट सके । यह चैकिग करने अवैध शराब करने वाले सप्लायरो को काबू किया जा सके तथा ताकि अवैध असला रखने वालो को काबू किया जा सके, इसी के तहत जुआ खेलने वालो पर प्रतिबंध लगाने के लिये चैकिग करेगे ताकि पचंकुला के किसी भी क्षेत्र मे किसी भी प्रकार की कोई अनुचित गतिविधि ना हो सके ।

पचंकुला पुलिस ने रास्ते मे ट्रैक्टर रोककर मारपिटाई तथा सोने की चैन व पैसे छीनकर भाग जाने वाले आरोपियो को गिरप्तार किया गया ।

मोहित हाण्डा, भा.पु.से., पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा दिये हुऐ निर्देशानुसार जिला पचंकूला मे अपराधो की रोकथाम तथा अपराधियो को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने हेतु । इन्ही निदेर्शो के तहत कार्य करते हुए थाना कालका की टीम ने अपराधो पर नकेल कसते हुए कल दिनांक 29.09.2020 को रास्ता रोककर ट्रैक्टर ड्राईवर के साथ मारपिटाई करने सोने की अगुठी व सोने की चैन व 20000 हजार रुपये छीनकर भाग जाने के जुर्म मे आरोपियो को गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार किये गये आरोपियो की पहचान कृष्ण कुमार पुत्र श्री करनैल सिह वासी टगंरा कालका ,विक्रम उर्फ विक्की पुत्र जरनैल सिह वासी टगंरा कालका तथा मामराज पुत्र गुरबक्श वासी टगंरा कालका के रुप मे हुई

                         प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार S/O श्री करनैल सिह वासी गांव टगरा कालका पंचकुला उम्र 23 ने शिकायत दर्ज करवाई कि वह खेती बाडी के ईलावा अपने ट्रैकटर ट्राली के साथ मे किराये का काम करता हुँ जो 13.06.2020 को वह अपने ट्रैकटर मार्का फार्मा ट्रेक पर ट्राली के साथ मे घर के लिए रेता बजरी लेने क्ररेशर जाने को जा रहा था तो रास्ते मे समय करीब 4.30PM बजे जब मे अपने ट्रैकटर ट्राली सहित नजदीक दवाई फैक्ट्री क्ररैसर जोन पहुचा तो आगे से रामकुमार @ मोना, विक्की, जरनैल सिह, मनीष माजरा, मनीष टगरा, मोसम पपलोहा, गुरबक्स, यशपाल भटटी व चार लडके नानकपुर के एक कार व चार मोटर साईकल पर आगे और मेरे ट्रैक्टर ट्राली को रास्ते मे रोक कर मेरे साथ मे मारपिट करने लगे और उन्होने अपने-अपने हाथो मे लिये हथियारो से मेरे उपर हमला करके काफी चोटे मारी व मेरे ट्रैक्टर का शिशा तोड दिया और मेरे गले मे पहनी चेन सौना व हाथ मे पहनी अंगुठी सोना व हाथ मे पहना कडा सौना व जेब मे से 20 हजार रुपाये निकाल लिये और उसके बाद मे वहा पर आस पास के लोग इकठ्ठे होने लगे तो उनको देखकर वह सभी लोग मुझे जान से मारने की धमकी देकर मौका से अपनी कार व मोटर साईकलो पर सवार होकर भाग गये थे जो उसके बाद मे मेरा मामा श्री श्याम लाल वहा पर पहुंचा और वाहा से बराये ईलाज मेरे को सिवल हस्पताल कालका लेकर आया जो मे यहा पर बराये ईलाज दाखिल कालका सरकारी अस्पताल मे दाखिल किया गया । जिस प्राप्त दरखास्त पर थाना कालका ने जुर्म धारा 323,341,148,149,506,379B IPC का पाया जाने पर अभियोग अकिंत करके उपरोक्त आरोपीयो के खिलाफ कार्यवाही की गई । जो इस अभियोग मे अनुसधानकर्ता ने जाचं करते हुए  कल दिनाक 29.09.2020 को आरोपीयो को गिरफ्तार किया गया जो आरोपीयो को गिरफ्तार करके माननीय पेश अदालत करके कार्यवाही की गई ।

vसस्ती जमीन बेचने का झांसा देकर 4 लाख 40 हजार की ठगी करने के मामले मे आरोपी को किया गिरप्तार

मोहित हाण्डा, भा.पु.से. पुलिस उपायुक्त पंचकुला के द्वारा दिये हुऐ निर्देशानुसार जिला पचंकूला मे अपराधो की रोकथाम तथा अपराधियो को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने हेतु । इन्ही निदेर्शो के तहत कार्य करते हुए थाना चण्डीमन्दिर की टीम ने अपराधो पर नकेल कसते हुए कल दिनांक 29.09.2020 को सस्ती जमीन बेचने का झांसा देकर 4 लाख 40 हजार की ठगी करने के मामले मे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया । गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान शुभम पुत्र जगदीश कुमार वासी गुरुनानक कालोनी ढकौली पंजाब के रुप मे हुई ।

               प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनाक 20.01.2020 को शिकायतकर्ता ने डाक के द्वारा शिकायत दर्ज करवाई कि शिकायतकर्ता की शुभम व दीपक के साथ अच्छी जान पहचान है । एक दिन दीपक गुप्ता ने शिकायतकर्ता को सस्ती जमीन दिलवाने के लिये शुभम पुत्र जगदीस वासीयान फतेहाबाद हाल फलैट न. 8, ग्राउंड फलौर, गुरु नानक कालोनी ढकौली जीरकपुर (पंजाब) के रुप मे हुई । शुभम ने बतलाया कि यह जमीन साफ है जो जमीन शुभम की है तभी दीपक ने शिकायतकर्ता को कहा कि सुभम को 4 लाख रुपये की सख्त जरुरत है वो यह जमीन कौडीयो के भाव बेच देगा । जिस जमीन को खरीदने के लिए शिकायतकर्ता ने 2.90 लाख रुपये कैस व 1.50 लाख रुपये चैक के माध्यम से दे दिये । जो उन्होने जमीन का कब्जा भी दे दिया । जो दिनाक 29.10.2019 को उसी जमीन को देखने के लिए कुछ लोग आये । 10.01.2020 को पता चला कि शुभम ने यह जमीन किसी और लोगो को बेच दी है । जो 15.01.2020 को तहसील से रजिस्ट्री निकलवाकर पता चला कि इस जमीन की रजिस्ट्री किसी और के नाम करवा दी गई है । जो शिकायतकर्ता के साथ जमीन बेचने के नाम पर 4 लाख 40 हजार रुपये की धोखाधडी करने के मामले की छानबीन करते हुए थाना चण्डीमन्दिर ने प्राप्त दरखास्त पर धारा 406/420/120-B भा.द.स के तहत उपरोक्त आरोपियो के खिलाफ अभियोग अकित करके कल दिनाक 29.09.2020 को आरोपी को गिरफ्तार किया गया ।

बाबरी विध्वंस पर कोर्ट का फैसला कॉंग्रेस को मंजूर नहीं

बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए जिम्मेदार लोगों को दोषी ठहराया जाना चाहिए और आज बीजेपी इस मसले की वजह से ही सत्ता में है। ओवैसी ने कहा, “इस मसले में इंसाफ नहीं हुआ है। सारी दुनिया जानती है कि भाजपा, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना और कॉन्ग्रेस की मौजूदगी में ये हुआ और इनकी जड़ कॉन्ग्रेस पार्टी है। इन्हीं की हुकूमत में राजीव गाँधी ने ताले खुलवाए। मूर्ति रखी गई, शिलान्यास हुआ और इन्हीं की हुकूमत में मस्जिद शहीद हुई।” विशेष अदालत ने सभी दोषियों को बरी कर दिया। विशेष अदालत का निर्णय साफ तौर से उच्चतम न्यायालय के निर्णय के भी प्रतिकूल है। सनद रहे कि कॉंग्रेस सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित विवादित ढांचे को आज भी बाबरी मस्जिद कहती है और दूसरी ओर चुनावों में यही कॉंग्रेस दावा करती आ रही है कि राम लला (हिन्दू भक्तों) के लिए ताला इनहोने ही खुलवाया।

नयी दिल्ली(ब्यूरो) – 30 सितंबर:

कांग्रेस ने बाबरी विध्वंस मामले (Babri Demolition Case) में सीबीआई की विशेष अदालत (CBI Special Court) के फैसले को पिछले साल आये उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के निर्णय के प्रतिकूल करार देते हुए बुधवार को कहा कि संविधान (Constitution), सामाजिक सौहार्द (Social Harmony) व भाईचारे (Brotherhood) में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद करता है कि इस “तर्कविहीन निर्णय” के विरुद्ध प्रांतीय व केंद्र सरकार (State and Central Government) उच्च अदालत में अपील दायर करेगी.

कॉंग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, “बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी दोषियों को बरी करने का विशेष अदालत का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय व संविधान की परिपाटी से परे है. उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों (Justices) की खंडपीठ के 9 नवंबर, 2019 के निर्णय के मुताबिक बाबरी मस्जिद को गिराया जाना एक गैरकानूनी अपराध था. पर विशेष अदालत ने सभी दोषियों को बरी कर दिया. विशेष अदालत का निर्णय साफ तौर से उच्चतम न्यायालय के निर्णय के भी प्रतिकूल है.”

‘BJP-RSS ने राजनैतिक फायदे के लिए सांप्रदायिक सौहार्द्र तोड़ने का घिनौना षडयंत्र किया था’

सुरजेवाला ने आरोप लगाया, “पूरा देश जानता है कि भाजपा-आरएसएस व उनके नेताओं ने राजनैतिक फायदे के लिए देश व समाज के सांप्रदायिक सौहार्द्र को तोड़ने का एक घिनौना षडयंत्र किया था. उस समय की उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार भी सांप्रदायिक सौहार्द्र भंग करने की इस साजिश में शामिल थी.”

ओवैसी

वहीं ओवैसी ने कहा कि यह न्याय का मामला है। बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए जिम्मेदार लोगों को दोषी ठहराया जाना चाहिए और आज बीजेपी इस मसले की वजह से ही सत्ता में है। ओवैसी ने कहा, “इस मसले में इंसाफ नहीं हुआ है। सारी दुनिया जानती है कि भाजपा, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना और कॉन्ग्रेस की मौजूदगी में ये हुआ और इनकी जड़ कॉन्ग्रेस पार्टी है। इन्हीं की हुकूमत में राजीव गाँधी ने ताले खुलवाए। मूर्ति रखी गई, शिलान्यास हुआ और इन्हीं की हुकूमत में मस्जिद शहीद हुई।”

सुरजेवाला ने कहा, “यहां तक कि उस समय झूठा शपथ पत्र देकर उच्चतम न्यायालय तक को बरगलाया गया. इन सब पहलुओं, तथ्यों व साक्ष्यों को परखने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद को गिराया जाना गैरकानूनी अपराध ठहराया था. ” उन्होंने कहा, “संविधान, सामाजिक सौहार्द्र व भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद व अपेक्षा करता है कि विशेष अदालत के इस तर्कविहीन निर्णय के विरुद्ध प्रांतीय व केंद्रीय सरकार उच्च अदालत में अपील दायर करेगी तथा बगैर किसी पक्षपात या पूर्वाग्रह के देश के संविधान और कानून की अनुपालना करेंगी.”

घटना पूर्व नियोजित नहीं, आकस्मिक थी: अदालत

गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया.

Police Files, Chandgarh – 30 September

Korel ‘Purnoor’, CHANDIGARH – 30.09.2020

One arrested under NDPS Act

Chandigarh Police arrested a lady resident of Village Dariya, Chandigarh (age-43 years) and recovered 1.20 kg Ganja from her possession from gali near Hotel Golden View, Village- Daria, Chandigarh on 29.09.2020. A case FIR No. 179, U/S 20 NDPS Act has been registered in PS-Ind. Area, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

Roopa Ram R/o # 148, AKS Colony, Zirakpur (PB) reported that unknown person stole away complainant’s Bullet M/Cycle No. RJ-23BS-2062 parked near Green Park, Sector-38, Chandigarh on 29-09-2020. A case FIR No. 299, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Missing/Abduction

A person resident of Manimajra, Chandigarh reported that his daughter aged about 17 years has been missing from her house since 28.09.2020. A case FIR No. 189, U/S 363 IPC has been registered in PS-IT Park, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

विवादित ढांचा गिरने के मामले में अदालत ने साजिश से किया इनकार सभी आरोपी बरी

बाबरी विध्वंस मामले में आज फैसला आएगा. 6 दिसंबर 1992 को जो कुछ हुआ उस पर सीबीआई की विशेष अदालत फैसला सुनाने जा रही है. देशभर की नज़र होगी और इसलिए भी होगी क्योंकि देश के कई नामी नेता इस मुकदमे में फंसे हैं. पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बीजेपी के सीनियर नेता विनय कटियार समेत कुल 32 आरोपी हैं जिन्हें आज की तारीख का इंतज़ार था. अदालत बताएगी कि बाबरी गिरी थी तो उसे साज़िशन ढहाया गया था या फिर वो कारसेवकों का गुस्सा भर था.सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, महंत नृत्य गोपाल दास और कल्याण सिंह कोर्ट में हाज़िर नहीं हो रहे हैं. उमा भारती कोरोना संक्रमित हैं. महंत नृत्य गोपाल दास औ कल्याण सिंह कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक हुए है.

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

माननीय अदालत ने माना कि घटना पूर्वनियोजित नहीं थी। यह पहले से सोचा समझा नहीं कहा जा सकता, यह स्वत: स्फूर्त था अत: सभी आरोपी बारी कर दिये गए हैं लेकिन पूरा फैसला पढ़ा जाना बाकी है। जो साक्ष्य सीबीआई द्वारा पेश किए गए वह पर्याप्त नहीं थे, इसीलिए आरोपियों को बारी किया जाता है।

बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी कहते हैं कि अब इस मुकदमे को समाप्त कर देना चाहिए. कोर्ट को चाहिए वह सभी को बरी कर दे. उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला मंदिर के हक में आ चुका है. इसीलिए अब इस मुकदमे को खत्म कर देना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर हिंदू-मुस्लिम सौहार्द को खतरा है.

हाथरस मामले में SIT गठित, 7 दिनों में देनी होगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री से हाथरस कांड को लेकर वार्ता हुई है। उन्होंने कहा है कि दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। इससे पहले उन्होंने एक और ट्वीट किया था, जिसमें मामले की जांच एसआईटी से कराने और प्रकरण के मुक़दमे को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि एसआईटी सात दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और त्वरित न्याय के लिए मुक़दमे को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए।

उ प्र (ब्यूरो):

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जाँच के लिए ‘स्पेशल टास्क फोर्स (SIT)’ का गठन किया है। प्रदेश के गृह सचिव भगवन स्वरूप की अध्यक्षता में SIT गठित की है। डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस पूनम इस SIT के सदस्य होंगे। ये अपनी जाँच कर के रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपेगी। साथ ही इसके लिए समय-सीमा भी तय की गई है। 7 दिनों में SIT अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से PM मोदी ने भी इस मामले पर चर्चा की। PM मोदी ने इस मामले के दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है। CM योगी ने त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए इस केस का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का निर्देश दिया है।

हाथरस मामले में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि SIT समयबद्ध तरीके से 7 दिनों में घटना के तह तक जाए और पूरी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करे। इस घटना में संलिप्त चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से दोषियों को सज़ा सुनाने के निर्देश दिए हैं। हाथरस डीएम ने भी ये बात दोहराई है। दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा दिलाने की बात कही गई है।

सीएम योगी डरा गठित की गई SIT में दलित और महिला सदस्य भी होंगे। दलित और महिला अधिकारियों की टीम वाली ये SIT हाथरस मामले की जड़ तक पहुँच कर रिपोर्ट तैयार करेगी। पीएसी आगरा पूनम और डीआईजी चंद्र प्रकाश इस SIT में शामिल हैं। साथ ही पुलिस-प्रशासन को अपनी कार्रवाई जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस घटना से पूरे देश में आक्रोश का माहौल है और मीडिया में ये मुद्दा छाया हुआ है।

इधर हाथरस मामले में मीडिया के कई रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि पुलिस-प्रशासन ने जल्दी-जल्दी में ही पीड़िता का अंतिम-संस्कार करा दिया। वहीं हाथरस पुलिस ने ‘बिना परिजनों की अनुमति के पुलिस द्वारा बलपूर्वक पीड़िता का अंतिम संस्कार कराने’ की मीडिया में चल रही ख़बरों का खंडन करते हुए कहा है कि ये ‘असत्य और भ्रामक’ है। पुलिस के अनुसार, ‘सच्चाई ये है’ कि पुलिस-प्रशासन की देखरेख में परिजनों द्वारा अपने रीति-रिवाज के साथ मृतिका के शव का अंतिम संस्कार किया। 

गौरतलब है कि 14 सितंबर को युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया गया था।  इसके बाद आरोपियों ने उस पर जानलेवा हमला भी किया था।  यह घटना चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में हुई।  सोमवार को हालत बेहद गंभीर होने पर उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था।  जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।  हालांकि मौत से पहले पीड़िता ने मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान में कहा था कि चार युवकों ने उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और विरोध करने पर उसका गला घोंटने की कोशिश की थी।  पीड़िता ने चारों आरोपियों की पहचान संदीप, रामू, लवकुश और रवि के रूप में की थी।  पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि संदीप को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था।  बाद में रामू और लवकुश को भी गिरफ्तार किया गया और शनिवार को चौथे आरोपी रवि को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।  चारों आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया है। 

हाथरस पुलिस ने दी सफाई

बिना परिवार की इजाजत दलित लड़की का अंतिम संस्कार करने के मामले में हाथरस पुलिस ने सफाई दी है। अपने ट्वीट में हाथरस पुलिस ने कहा कि यह असत्य खबर फैलायी जा रही है कि थाना चन्दपा क्षेत्रान्तर्गत दुर्भाग्यपूर्ण घटित घटना में मृतिका के शव का अन्तिम संस्कार बिना परिजनों की अनुमति के पुलिस ने जबरन रात में करा दिया। हम इसका खंडन करते हैं।

पुलिस ने जबरन किया अंतिम संस्कार

गौरतलब है कि हाथरस में चंदपा की दुष्कर्म पीड़िता का उसके गांव बुधवार रात में कड़ी सुरक्षा में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले शव को घर की जगह अंत्येष्टि स्थल पर ले जाने को लेकर गांव में विरोध शुरू हो गया। परिजन एंबुलेंस के आगे लेट गए। उनकी मांग थी कि शव को पहले घर पर ले जाया जाए। इसको लेकर लोगों की पुलिस से धक्कामुक्की भी हुई।

पीड़िता के शव का जबरन अंतिम संस्कार कराने का आरोप 

चंदपा क्षेत्र के बुलगाड़ी में कथित गैंगरेप की शिकार पीड़िता की मौत के बाद अब उनके अंतिम संस्कार को लेकर पुलिस व जिला प्रशासन आरोपों के घेरे में है। आरोप  है कि पुलिस ने शव परिजनों को नहीं सौंपा और अंतिम संस्कार कराने का दबाव डालने लगे। जबकि परिजन कुछ वक्त के लिए पीड़िता के शव को घर में रखकर आखिरी बार उसका चेहरा देखना चाहते थे। साथ ही उन्होंने रात में अंतिम संस्कार न करने की भी बात कही। लेकिन पुलिस व जिला प्रशासन ने फ़ोर्स के बल पर आधी रात के बाद बिना रीति रिवाज के मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया। कांग्रेस से लेकर तमाम विपक्षी दल परिवार से अंतिम संस्कार के हक़ छीने जाने को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक पुलिस वाला परिजनों व ग्रामीणों को समझाता दिख रहा है। इस वीडियो में वह कहता सुनाई दे रहा है कि रीति रिवाज समय के साथ बदलते रहते हैं। यह असाधारण परिस्थिति है। कहां लिखा है कि रात में अंतिम संस्कार नहीं होता. इस बात को मानिए कि कुछ गलती आप लोगो से भी हुई है।

”द प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991” समाप्त करें जिससे देश में मन्दिर-मस्जिद विवाद सदैव के लिए समाप्त हो जाए: वसीम रिजवी

पीएम को लिखे पत्र में वसीम रिजवी ने कहा कि ”द प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991” को कांग्रेस के शासन काल मे जानबूझकर बनाया गया था, ताकि हिंदुस्तान में मन्दिर-मस्जिद का विवाद हमेशा चलता रहे. रिजवी के मुताबिक इस एक्ट को तत्काल खत्म किए जाने की जरूरत है, जिससे देश में मन्दिर-मस्जिद विवाद सदैव के लिए समाप्त हो जाए. शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन के मुताबिक  कांग्रेस ने धार्मिक आंकड़ों के आधार पर इस देश मे लंबे समय तक हुकूमत किया.

कोरल ‘पुरनूर’ चंडीगढ़ – 30 सितंबर

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 (पूजा स्थल अधिनियम 1991) को खत्म करने की माँग की है। उन्होंने पुराने तमाम तोड़े गए मंदिरों को हिंदुओं को वापस देने और मुगल काल के पहले की स्थिति बहाल करने की माँग की है।

पीएम को लिखे पत्र में वसीम रिजवी ने कहा कि द प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को कॉन्ग्रेस के शासन काल मे जानबूझकर बनाया गया था, ताकि हिंदुस्तान में मन्दिर-मस्जिद का विवाद हमेशा चलता रहे। रिजवी के मुताबिक इस एक्ट को तत्काल खत्म किए जाने की जरूरत है, जिससे देश में मन्दिर-मस्जिद विवाद सदैव के लिए समाप्त हो जाए। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन के मुताबिक कॉन्ग्रेस ने धार्मिक आँकड़ों के आधार पर इस देश मे लंबे समय तक हुकूमत किया।

क्या है प्लेसेज़ ऑफ़ वर्शिप (स्पेशल प्रोविज़न) एक्ट:

प्लेसेज़ ऑफ़ वर्शिप (स्पेशल प्रोविज़न) एक्ट, 1991 या उपासना स्‍थल (विशेष उपबंध) अधिनियम1991 भारत की संसद का एक अधिनियम है। … इस अधिनियम ने स्पष्ट रूप से अयोध्या विवाद से संबंधित घटनाओं को वापस करने की अक्षमता को स्वीकार किया। बाबरी संरचना को ध्वस्त करने से पहले 1991 में पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव द्वारा एक कानून लाया गया था। यह अधिनियम बाबरी मस्ज़िद (वर्ष 1992) के विध्वंस से एक वर्ष पहले सितंबर 1991 में पारित किया गया था। यह अधिनियम राज्य पर एक सकारात्मक दायित्व (Positive Obligation) भी प्रदान करता है कि वह स्वतंत्रता के समय मौजूद प्रत्येक पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र को बनाए रखे। इस अधिनियम की धारा 3 (Section 3) के तहत किसी पूजा के स्थान या उसके एक खंड को अलग धार्मिक संप्रदाय की पूजा के स्थल में बदलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह अधिनियम सभी धर्मों में समानता बनाए रखने और संरक्षित करने के लिये विधायी दायित्व राज्य की   एक आवश्यक धर्मनिरपेक्ष विशेषता (Secular Feature) है, यह भारतीय संविधान की मूल विशेषताओं में से एक है। अयोध्या में विवादित स्थल को अधिनियम से छूट दी गई थी इसलिये इस कानून के लागू होने के बाद भी अयोध्या मामले पर मुकदमा लड़ा जा सका।

यह अधिनियम किसी भी पूजा स्थल पर लागू नहीं होता है जो एक प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक या प्राचीन स्मारक हो अथवा पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 (Archaeological Sites and Remains Act, 1958) द्वारा कवर एक पुरातात्विक स्थल है।अधिनियम की धारा 6 में अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर जुर्माने के साथ अधिकतम तीन वर्ष की कैद का प्रावधान है।

वसीम रिजवी ने पत्र में लिखा है, “द प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 कॉन्ग्रेस की हुकूमत में इसलिए बनाया गया, ताकि मुगलों द्वारा भारत के प्राचीन पवित्र मंदिरों को तोड़ कर बनाई गई अवैध मस्जिदों को हिंदुस्तान की जमीन पर एक विवाद के रूप में जिंदा रखा जाए और यह अधिनियम बनाए जाने के लिए कॉन्ग्रेस की सरकार पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और हिन्दुस्तान के कट्टरपंथी मुल्लाओं का दबाव था, क्योंकि कॉन्ग्रेस पार्टी हिन्दुस्तान की आजादी के बाद से धार्मिक आँकड़ों के आधार पर भारत में हुकूमत करती रही है और हिन्दुस्तान का कट्टरपंथी मुसलमान जो कि मुगलों के कुकर्मों, जुल्म और ज्यादतियों का पक्षकार है, वह वोट के रूप में कॉन्ग्रेस को भारत में हुकूमत बनाए रखने में मदद कर रहा है।”

उन्होंने पत्र में आगे लिखा, “प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 एक विवादित अधिनियम है, जो किसी एक धर्म के अधिकार व धार्मिक सम्पत्ति जो उनसे मुस्लिम कट्टरपंथी मुगल शासकों ने ताकत के बल पर छीन कर उस पर अपना धार्मिक स्थल (मस्जिदें) बना दिए थे, वह सभी प्राचीन धार्मिक स्थल (मंदिर) जिस भारती हिन्दू धर्म के मानने वालों के थे, उन्हें वापस न मिलने पाए, इस अन्याय को सुरक्षा प्रदान करता है, जो कि एक धर्म विशेष के धार्मिक अधिकारों व धार्मिक संपत्तियों का हनन है।”

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पंचांग 30 सितम्बर 2020

आज 30 सितंबर को हिंदू पंचांग के अनुसार बुधवार है. बुधवार का दिन भगवान श्रीगणेश को समर्पित है. गणेशजी सभी देवता में प्रिय देता है. अत: बुधवार के दिन गणेशजी का पूजन-अर्चन करने से अनं‍‍त सुख और अपार धन-वैभव की प्राप्ति होती है. इस दिन बुध ग्रह का पूजन करना भी बहुत ही लाभदायी माना गया है.

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः आश्विनी़, अधिक (मल) मास प्रारम्भ, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः चतुर्दशी रात्रि 12.26 तक है, 

वारः बुधवार, 

नक्षत्रः पूर्वाभाद्रपद रात्रि 03.15 तक, 

योगः अतिगण्ड सांय 07.49 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः कन्या, 

चंद्र राशिः कुम्भ, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.17, 

सूर्यास्तः 06.04 बजे।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

प्रधान मंत्री को गुस्सा क्यों आता है??

कृषि कानून को लेकर पंजाब समेत विभिन्न जगहों पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां कृषि कानून को ‘किसान विरोधी’ करार देते हुए सरकार की आलोचना कर रही हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को ट्रैक्टर जलाकर विरोध प्रदर्शित किया गया. विरोध प्रदर्शन करने वाले पंजाब यूथ कांग्रेस के बताए जा रहे हैं. पीएम मोदी ने इस घटना को लेकर किसी पार्टी का नाम लिए बिना विपक्ष पर निशाना साधते हुए किसानों को अपमानित करने का आरोप लगाया. पीएम मोदी ने कहा, “आज जब केंद्र सरकार, किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए हैं. ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाए. जिन सामानों की, उपकरणों की किसान पूजा करता है, उन्हें आग लगाकर ये लोग अब किसानों को अपमानित कर रहे हैं.” पीएम मोदी ने कहा कि पिछले महीने ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया है। ये लोग पहले सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर का विरोध कर रहे थे, फिर भूमिपूजन का विरोध करने लगे। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से कृषि कानूनों के अजीबोगरीब विरोध के परिप्रेक्ष्य में कहा कि हर बदलती हुई तारीख के साथ विरोध के लिए विरोध करने वाले ये लोग अप्रासंगिक होते जा रहे हैं।

  • सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया : PM
  • ये लोग अपने जांबाजों से ही सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे : मोदी
  • आज तक इनका कोई बड़ा नेता स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नहीं गया : प्रधानमंत्री

चंडीगढ़ – 29 सितंबर:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में नमामि गंगे प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करने के बाद अपने सम्बोधन में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि क़ानूनों को लेकर कॉन्ग्रेस को आईना दिखाया और जनता को समझाया कि कैसे वो हर उस चीज का विरोध करते हैं, जिसे जनता की भलाई के लिए लाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान राम मंदिर और योग दिवस को भी याद किया, जिसका कॉन्ग्रेस ने विरोध किया था।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की पहल पर जब पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही थी, तो भारत में ही बैठे ये लोग उसका विरोध कर रहे थे। उन्होंने याद दिलाया कि जब सरदार पटेल की सबसे ऊँची प्रतिमा का अनावरण हो रहा था, तब भी ये लोग इसका विरोध कर रहे थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि आज तक इनका कोई बड़ा नेता स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नहीं गया है। सरदार वल्लभभाई पटेल कॉन्ग्रेस के ही नेता थे।

कॉन्ग्रेस पार्टी अक्सर योग दिवस का मजाक बनाती रही है। जिस चीज ने दुनिया भर में भारत को नई पहचान दी, पार्टी उसका विरोध करती है। राहुल गाँधी ने सेना की ‘डॉग यूनिट’ के एक कार्यक्रम की तस्वीर शेयर कर के इसे ‘न्यू इंडिया’ बताते हुए न सिर्फ योग का बल्कि सेना का भी मजाक उड़ाया था। तभी पूर्व-सांसद और अभिनेता परेश रावल ने कहा था कि ये कुत्ते राहुल गाँधी से ज़्यादा समझदार हैं। सेना के डॉग्स के योगासन का मजाक बनाने वाले राहुल गाँधी की खूब किरकिरी हुई थी।

इसी तरह कॉन्ग्रेस ने अपनी ही पार्टी के नेता सरदार वल्लभभाई पटेल की ‘स्टेचू ऑफ यूनिटी’ का विरोध किया, जिसके कारण न सिर्फ भारत का मान बढ़ा बल्कि केवडिया और उसके आसपास के क्षेत्रों में विकास के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर आए। कॉन्ग्रेस पार्टी ने इस स्टेचू के निर्माण को ‘चुनावी नौटंकी’ और ‘राजद्रोह’ करार दिया था। राहुल गाँधी ने दावा कर दिया था कि सरदार पटेल के बनाए सभी संस्थाओं को मोदी सरकार बर्बाद कर रही है।

पीएम मोदी ने मंगलवार (सितम्बर 29, 2020) को कहा कि पिछले महीने ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया है। ये लोग पहले सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर का विरोध कर रहे थे, फिर भूमिपूजन का विरोध करने लगे। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से कृषि कानूनों के अजीबोगरीब विरोध के परिप्रेक्ष्य में कहा कि हर बदलती हुई तारीख के साथ विरोध के लिए विरोध करने वाले ये लोग अप्रासंगिक होते जा रहे हैं।

कॉन्ग्रेस पार्टी कृषि कानूनों के विरोध के लिए एक ट्रैक्टर को 20 सितम्बर को अम्बाला में जला रही है तो फिर 28 सितम्बर को उसी ट्रैक्टर को दिल्ली के इंडिया गेट के पास राजपथ पर जला कर सुर्खियाँ बटोर रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह धरना दे रहे हैं। सोनिया गाँधी राज्यों को क़ानून बना कर केंद्र के क़ानूनों को बाईपास करने के ‘फर्जी’ निर्देश दे रही है। जबकि अधिकतर किसानों ने भ्रम और झूठ फैलाए जाने के बावजूद इन क़ानूनों का स्वागत किया है।

राम मंदिर मुद्दे की याद दिलाना भी आज के परिप्रेक्ष्य में सही है क्योंकि इसी कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2009 में सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट देकर कहा था कि भगवान श्रीराम का कोई अस्तित्व नहीं है। वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता और अधिवक्ता कपिल सिब्बल तो राम मंदिर की सुनवाई टालने के लिए सारे प्रयास करते रहे। वहीं दिसंबर 2017 में पीएम नरेंद्र मोदी ने उनसे पूछा था कि कॉन्ग्रेस बाबरी मस्जिद चाहती है या राम मंदिर?

इसी कॉन्ग्रेस ने जब राम मंदिर के शिलान्यास के बाद जनता के मूड को भाँपा तो वो राम मंदिर के खिलाफ टिप्पणी करने से बचने लगी। कोई पार्टी नेता इसके लिए राजीव गाँधी को क्रेडिट देने लगा। प्रियंका गाँधी बयान जारी कर के इसका समर्थन करने लगीं। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल रामायण कॉरिडोर बनाने लगे। कमलनाथ हनुमान चालीसा पढ़ने लगे। तभी तो आज पीएम ने कहा – ये विरोध के लिए विरोध करते हैं

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि चार साल पहले का यही तो वो समय था, जब देश के जाँबाजों ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए आतंक के अड्डों को तबाह कर दिया था। लेकिन ये लोग अपने जाँबाजों से ही सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत माँग रहे थे। सर्जिकल स्ट्राइक का भी विरोध करके, ये लोग देश के सामने अपनी मंशा, साफ कर चुके हैं। देखा जाए तो एक तरह से सारे विपक्षी दलों ने सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध किया था।

नवम्बर 2016 में मोदी सरकार ने भारतीय सेना को सर्जिकल स्ट्राइक के लिए हरी झंडी दिखा कर इतिहास को बदल दिया। पहली बार भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाक़े में घुस कर आतंकियों को मारा लेकिन राहुल गाँधी इसे ‘खून की दलाली’ बताते हुए कहते रहे कि सरकार ‘सैनिकों के खून’ के पीछे छिप रही है। कॉन्ग्रेस पार्टी के लोग सबूत माँगने में लगे थे। कइयों ने तो पाकिस्तान वाला सुर अलापना शुरू कर दिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि देश ने देखा है कि कैसे डिजिटल भारत अभियान ने, जनधन बैंक खातों ने लोगों की कितनी मदद की है। जब यही काम हमारी सरकार ने शुरू किए थे, तो ये लोग इनका विरोध कर रहे थे। देश के गरीब का बैंक खाता खुल जाए, वो भी डिजिटल लेन-देन करे, इसका इन लोगों ने हमेशा विरोध किया। उन्होंने कहा कि आज जब केंद्र सरकार, किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए हैं।

बकौल पीएम मोदी, ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाए। जिन सामानों की, उपकरणों की किसान पूजा करता है, उन्हें आग लगाकर ये लोग अब किसानों को अपमानित कर रहे हैं। बता दें कि किसानों को सरकार के साथ-साथ प्राइवेट कंपनियों को अपनी उपज बेचने के लिए मिली आज़ादी का विरोध समझ से परे है। इसके लिए सीएए विरोध जैसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है।

अमित शाह बता चुके हैं कि जिस पार्टी ने अपनी सरकार रहते अनाजों की खरीद में भी अक्षमता दिखाई लेकिन मोदी सरकार ने इस मामले में रिकॉर्ड बनाया, इसके बावजूद वो किसानों को भ्रमित करने में लगे हुए हैं। एमएसपी के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है, उलटा उसे बढ़ाया गया है। बावजूद इसके किसानों को भाजपा के खिलाफ ऐसे ही भड़काया जा रहा है, जैसे लॉकडाउन में मजदूरों को भड़काया गया था।

पीएम मोदी ने ये भी याद दिलाया कि भारतीय वायुसेना के पास राफेल विमान आये और उसकी ताकत बढ़ी, ये उसका भी विरोध करते रहे। उन्होंने कहा कि वायुसेना कहती रही कि हमें आधुनिक लड़ाकू विमान चाहिए, लेकिन ये लोग उनकी बात को अनसुना करते रहे। हमारी सरकार ने सीधे फ्रांस सरकार से राफेल लड़ाकू विमान का समझौता कर लिया तो, इन्हें फिर दिक्कत हुई। आज अम्बाला से लद्दाख तक वायुसेना का परचम लहरा रहा है।

राफेल मुद्दे पर ज्यादा कुछ याद दिलाने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि पूरा 2019 का लोकसभा चुनाव ही इसी पर लड़ा गया था। जहाँ एक तरफ कॉन्ग्रेस पोषित मीडिया संस्थानों द्वारा एक के बाद एक झूठ फैलाया जा रहा था, वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट और कैग से क्लीन-चिट मिलने के बावजूद राफेल को लेकर झूठ फैलाया गया। वही कॉन्ग्रेस अब राफेल का नाम नहीं लेती क्योंकि जब 5 राफेल की पहली खेप भारत आए तो जनता के उत्साह ने सब साफ़ कर दिया। 2019 का लोकसभा चुनाव हारे, सो अलग।