स्मार्ट सिटी करनाल में मृत पशुओं के वैज्ञानित तरीके से होगा निस्तारण – उपायुक्त निशांत कुमार

मनोज त्यागी, करनाल 19 जुलाई:

             करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड (केएससीएल) की ओर से अपने शहर के लिए मृत पशुओं का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने के लिए अत्याधुनिक व केन्द्रीयकृत कारकास वेस्ट मेनेजमेंट एंड डिस्पोज़ल फैसिलिटी का प्लान तैयार किया गया है, इसकी प्रतिदिन की क्षमता 2 टन की रहेगी।

        केएससीएल के चीफ एक्सीक्यूटिव ऑफिसर एवं उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने रविवार को इस बारे बताया जानकारी देते बताया कि करनाल में प्रतिदिन अंदाजन बड़े व मध्यम स्तर के 4-5 पशुओं की मृत्यु हो जाती है, चाहे प्राकृतिक तरीके से हो या सड़क दुर्घटना में। ऐसे मृत पशुओं को नगर निगम की ओर से या तो दफनाया जाता है या उसकी स्कीनिंग की जाती है। दूसरी ओर न्यायालय की ओर से इस तरह के अवैज्ञानिक निस्तारण पर प्रतिबंध किया गया है। इसे देखते नगर निगम सीमा में किसी जगह सैंट्रलाईज़ड कारकास वेस्ट मेनेजमेंट एंड डिस्पोज़ल फैसिलिटी पर कार्य किया जाएगा।

      क्यों है जरूरी- इस बारे सीईओ ने बताया कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की अनुपालना में जल कानून 1974 व वायु कानून 1981 तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के हवाले से कारकास अथव मृत पशुओं के निस्तारण को स्पष्ट किया है, जिसमें सैंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को मृत पशुओं व पक्षियों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि पर्यावरण और मानव को किसी प्रकार का नुकसान ना हो।क्या होगा फायदा- मृत पशुओं को वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित करने के लिए प्रोपेन गैस, डीजल या नैचूरल गैस का इस्तेमाल किया जाता है। आधुनिक तरीके से भस्म की गई राख जैव सुरक्षित होती है। अनुसंधान सुविधाओं के लिए ऐसा करना अच्छा है। ताप भस्म के अंदर शव को जलाने से द्रव्यमान कम हो जाता है और रोगजनक नष्ट होते हैं। जबकि भस्म राख को पैक करके लैंडफिल में भेजा जा सकता है। जानवरो के आधुनिक तरीके से दाह संस्कार से मनुष्य का भावुक लगाव भी हो सकता है।

             उन्होंने बताया कि भिन्न-भिन्न पशु-पक्षियों का वजन कितना होता है, इस बारे एक सर्वे में कहा गया है कि भैंस 500 से 700 किलोग्राम, गाय 400 से 500 किलो, सुअर 50 से 80 किलो, कुत्ता 20 से 30 किलो, बिल्ली 5 से 10 किलो, स्लाटर किए गए पक्षी 1 से 3 किलो तथा चूहे व रेंगने वाले जंतु 1 किलो से कम वजनी होते हैं।

        सीईओ ने बताया कि कारकास वेस्ट मेनेजमेंट एंड डिस्पोज़ल फैसिलिटी पर अनुमानित अढाई करोड़ रूपये की लागत आएगी और इसका वर्क अलॉट होने के बाद 6 महीने में यह काम करना चालू कर देगा। उन्होंने यह भी बताया कि फैसिलिटी की व्यवस्था या खरीद करने का कार्य अगले माह अगस्त में पूरा कर लिया जाएगा।     

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