असम में एक सब्जी विक्रेता की पाँच लोगों ने निर्ममता से पीट-पीट कर हत्या कर दी

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

      असम में एक सब्जी विक्रेता की पाँच लोगों ने निर्ममता से पीट-पीट कर हत्या कर दी। यह वीभत्स हत्या असम के हाजो के पास मनाहकुची में हुई, जहाँ सनातन दास पर फैजुल अली और उसके दोस्तों ने जानलेवा हमला किया था।

     मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तेतेलिया गाँव के सनातन दास एक कारखाने में मजदूर के रूप में काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री बंद हो गई थी, इसलिए उन्होंने आर्थिक कठिनाइयों से निपटने के लिए अपनी साइकिल पर सब्जियाँ बेचने का काम शुरू किया था।

            हाजो की सड़कों पर सब्जियाँ बेचने के क्रम में सनातन की साइकिल गलती से एक कार से टकरा गई। उस कार में फैजुल अली और लाजिल अली सवार थे। साइकिल के कार में टकराने से फैजुल और लाजिल को गुस्सा आ गया और उन दोनों ने गुस्से में आकर सनातन दास को पीटना शुरू कर दिया।

      इसके अलावा उन्होंने इलाके में सब्जियाँ बेचने को लेकर भी सनातन के साथ बहस की। वे अपनी कार पर आए मामूली खरोंच से इतने क्रोधित हो गए कि उन्होंने सनातन की पिटाई करने के लिए और लोगों को भी बुला लिया। जिसके बाद तीन और लोग, शब्बीर अली, यूसुब अली और फरजान अली मौके पर पहुँचे और उन दोनों के साथ मिलकर सनातन दास की पिटाई कर दी।

      सनातन दास को गंभीर रूप से घायल करने के बाद, अपराधी मौके से फरार हो गए। जल्द ही इलाके के लोगों ने उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन भर्ती होने के एक घंटे के भीतर उन्होंने दम तोड़ दिया।

      बताया जा रहा है कि फैजुल अली एक एजीपी नेता का भाई है। हाजो पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। साथ ही पुलिस ने दोषियों की तलाश भी शुरू कर दी है।

अल्पसंख्यकों को एक वक्त की रोटी के लिए मज़हब बदलने को मजबूर कर रहा पाकिस्तान

कोराना वायरस के फैलाव ने पाकिस्तानियों की एक और घिनौनी तस्वीर दुनिया के सामने पेश की है। यहां अल्पसंख्यकों को एक-एक रोटी के लिए तरसाया—तड़पाया जा रहा है। महामारी से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बिल्कुल जमीन पर आ गई है। विशेषकर हिंदुओं की दशा बेहद खराब है। इमरान खान सरकार द्वारा गरीबों को थोड़ी-बहुत जो सहायता पहुंचाई जा रही है, वह केवल मुसलमानों को दी जा रही है। राहत देने में खुले तौर पर भेदभाव बरता जा रहा है

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

      इस्लामिक लोकत्रांतिक देश पाकिस्तान में मानवता को शर्मशार करने वाला खेल चल रहा है। सरकार की शह पर कई इस्लामिक संगठन कोरोना वायरस से उत्पन्न विकट स्थिति से बेहाल अल्पसंख्यक हिंदू और ईसाइयों को मजहब परिवर्तन करने पर मजबूर कर रहे हैं। राहत सामग्री वितरण केंद्रों पर उन्हें न केवल लालच दिया जा रहा है बल्कि दवाब तक बनाया जा रहा है कि अगर वे कलमा पढ़ेंगे तो रोटी और दूसरी सुविधाएं उन्हें मिलेंगी।

      कलमा इस्लाम के पांच स्तंभों में एक है। इसे पढ़ने वाला मानता है कि ईश्वर का कोई वजूद नहीं। केवल अल्लाह ही है और उसके पैगंबर मोहम्मद हैं। जो हिंदू या ईसाई इस्लाम कुबूलने से इंकार कर देते हैं, उन्हें राहत सामग्री नहीं दी जाती। अल्पसंख्यक संगठनों की मानें तो ऐसी शिकायतें पूरे पाकिस्तान से आ रही हैं, पर मुख्य धारा का मीडिया ऐसी तमाम खबरों को निगल जा रही है। दूसरी तरफ इसका खुला विरोध अल्पसंख्यक इसलिए नहीं कर पा रहे हैं कि कहीं खाने के साथ कोई नई आफत उनके गले न पड़ जाए। हाल में कुछ कट्टरपंथियों ने सिंध प्रांत के दो स्थानों पर हिंदुओं के बारह मकान आग के हवाले कर दिए थे जिसमें तीन बच्चों को जलाकर मार दिया था। लाखों की संपत्तियों को भी नुक्सान पहुंचा था।

राहत सामग्री को लेकर आ रही हैं भेदभाव की खबरें

      पिछले सप्ताह सिंध के कराची, लियारी, सचल घाट आदि से हिंदुओं को राहत सामग्री को लेकर भेदभाव की खबरें आई थीं। उन्हें यह कहकर राहत नहीं दी गई थी कि यह केवल मुसलमानों के लिए है। इमरान खान सरकार देश के तमाम बड़े सामाजिक संगठनों के माध्यम से अधिकारियों की देख-रेख में राहत सामग्री वितरित करवा रही है। इस देश में 45 प्रतिशत निर्धन हैं, जिनमंें धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति सबसे गई गुजरी है। लभगभ सभी मेहनत मजदूरी कर अपना पेट पालते हैं। कारोना वायरस को लेकर पाकिस्तान में 21 मार्च से लॉकडाउन है, जिसके कारण उनके सामने भुखमरी की नौबत आ गई है। इस्लामिक कट्टरपंथी इसका लाभ उठाने के लिए देशभर में बड़े पैमाने पर हिन्दुओं का मजहब परिवर्तन करने का अभियान छेड़े हुए हैं। इसमें पाकिस्तान का कुख्यात मजहबी संगठन सेलानी वेल्फेयर इंटरनेशनल ट्रस्ट’ सबसे आगे है। इस संस्था से प्रधानमंत्री इमरान खान के गहरे ताल्लुकात हैं। यह संस्था इस समय कराची, लाहौर, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, हैदराबाद, फैसलाबाद सहित तकरीबन पूरे पाकिस्तान में अपने दो हजार कार्यकर्ताओं के माध्यम से सवा लाख लोगों को रोजाना भोजन, दवाईयां और जीवनयापन की दूसरी आवश्यक सामग्रियां उपलब्ध करा रही है। मगर अल्पसंख्यक हिंदू और ईसाई समुदाय को इससे वंचित रखा जा रहा है। कराची के कोरंगी टाउन में ईसाई महिलाओं के सामने जब सेलानी ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं ने इस्लाम कुबूलने पर राहत सामग्री देने की शर्त रखी तो उन्होंने मना कर दिया। महिलाओं का कहना है कि कोरंगी में राहत वितरण शिविर लगाए गए थे। इसका पता चलने पर जब वे वहां गईं तो उन्हें कलमा पढ़ने को कहा गया। ट्रस्ट के चेयरमैन मौलाना बशीर अहमद फारूकी अहमद का कहना है कि उनकी संस्था पाकिस्तान, अमेरिका, यूरोप, संयुक्त राष्ट्र के मुसलमानों द्वारा दिए गए जकात, फितरा और खैरात से संचालित होती है, जिसके हिंदू और ईसाई हकदार नहीं हैं।

      ईसाईयों की संस्था इंटरनेशनल क्रिश्चन कंसर्न का कहना है कि कोरंगी से पहले रोटी देने के बहाने ईसाईयों से इस्लाम कुबूल ने की घटना लाहौर के रायविंड रोड स्थित एक गांव में सामने आई थी। यहां की स्थानीय मस्जिद की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए भोजन वितरण की व्यवस्था थी। गांव में रहने वाले गरीब ईसाई जब वहां गए तो उन्हें यह कहकर चलता कर दिया गया कि यदि वे इस्लाम नहीं कुबूलते तो रोटी नहीं मिलेगी। पांच अप्रैल को ऐसी ही घटना पंजाब प्रांत के कसूर जिले के सांधा कलां में सामने आई थी। ग्राम प्रबंधन समिति की पहल पर गांवभर से अनाज इकट्ठा कर स्थानीय मस्जिद के मौलवी शेख अब्दुल हामिद द्वारा खाद्य सामग्री वितरित कराई गई। मगर मौलवी ने ईसाइयों के सामने सामग्री लेने के लिए इस्लाम कुबूलने की शर्त रख दी। इस गांव में ईसाइयों के करीब 100 परिवार रहते हैं। ईसाइयों की सर्वाधिक संख्या पंजाब प्रांत में है, जबकि हिंदू समुदाय के लोग सिंध प्रांत में ज्यादा हैं। इन दोनों ही प्रांतों पर कट्टरपंथियों की खास नजर रहती है। इस समय दोनों ही प्रांत कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हैं। पाकिस्तान में 90 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें ज्यादातर इन्हीं दोनों प्रांतों के हैं।

       मानवाधिकार संगठन के कार्यकर्ता आफताब हयात और शकील अहमद का कहना है कि इस समय महामारी के चलते पूरा विश्व संकट में है, ऐसे समय हिन्दू एवं इसाइयों के साथ भेदभाव और उनका मजहब बदलने की कोशिश मानवता को शर्मसार करने वाली है। और यह तब हो रहा है जब पिछले साल संयुक्त राष्ट्र पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को इस मसले पर कड़ी नसीहत दे चुका है।

महाराष्ट्र में सुरक्षित नहीं हैं हिन्दू समाज के पुरोधा

ठाकरे परिवार सत्ता सुह के लिए इस हद तक जा सकता है मानो यह देखना अभी बाकी ही है। पालघर लिंचिंग का मामला हो अथवा टीपू सुल्तान की जयंती एफ़आर उद्धव ठाकरे का ब्यान की राम मंदिर का निर्माण तुरंत रुकवा देना चाहिए और अब नांदेड़ में साधू की हत्या। कारण कोई भी हो यह तय है की अब कोई भी पत्रकार सत्ता पक्ष अथवा उनके घटक दलों से सीधे सीधे कोई प्रश्न नहीं करेगा, किसी को 12 घंटे की अनर्गल पूछताछ के चक्कर में नहीं फंसना। न जाने क्यों यह लाग्ने लग गया है की पूछो जितने प्रश्न पूछने हैं यह सब तो चलता ही रहेगा। आप पर हमला भी होगा और पूछताछ में दोषी भी आप ही को बनाया जाएगा। महाराष्ट्र में साधुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. पालघर में दो साधुओं की हत्या का मामला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि अब नांदेड़ में एक साधु की हत्या से इलाके में खौफ का माहौल है। अब महाराष्ट्र के नादेंड़ के उमरी तालुका के नागठाना में बाल ब्रह्मचारी साधु शिवाचार्य की हत्या का मामला सामने आया है। शिवाचार्य के पास ही भगवान शिंदे नाम के शख्स की भी लाश मिली। इन दोनों की लाश बाथरूम के पास मिली है। हत्या गला रेत कर की गई। पुलिस ने हत्या के मामले में साईनाथ शिंगाडे नाम के शख्स को तेलंगाना से पकड़ा है।

मुंबई(ब्यूरो) – 24मई

      महाराष्ट्र में पालघर के बाद अब नांदेड़ जिले में लिंगायत समाज के साधु की हत्या का मामला सामने आया है। मृतक साधु का नाम रुद्र पशुपति महाराज बताया जा रहा है। इस घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। नांदेड़ अधीक्षक विजयकुमार मगर ने कहा कि देर रात नांदेड़ के उमरी में लिंगायत समुदाय के एक साधु का शव उनके आश्रम में पाया गया।

      जानकारी के मुताबिक, रुद्र पशुपति महाराज के साथ ही बदमाशों ने उनके एक और सहयोगी की भी हत्या कर दी है। दूसके मृतक का नाम भगवान राम शिंदे बताया गया है। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुँचकर दोनों के शव कब्जे में ले लिए हैं और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए हैं।

      वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साधु की हत्या पर गाँव वालों ने अनशन कर दिया है। उनका कहना है कि हत्यारे के पकड़े जाने के बाद ही इन दोनों का अंतिम संस्कार होगा।

      बताया जा रहा है कि साधु की हत्या साईनाथ राम नाम के शख्स ने की है। पुलिस के मुताबिक आरोपित भी लिंगायत समाज का ही है और मृतक भगवान राम शिंदे आरोपित का साथी था।

कैसे हुई हत्या?

      आरोपित साईनाथ शनिवार रात दरवाजा खोलकर आश्रम में दाखिल हुआ, क्योंकि कहीं भी दरवाजा तोड़ने के निशान नहीं हैं। दरवाजा अंदर से खुला है, यह कैसे खुला फिलहाल इस बारे में स्पष्ट नहीं है। पशुपति महाराज की हत्या करने के बाद आरोपित साईनाथ साधु की लाश कार में रखकर बाहर निकलने की फिराक में था। लेकिन कार गेट में फँस गई। इस दौरान छत पर सो रहे आश्रम के दो सेवादार जाग गए। उन्हें जब तक सारी बात समझ में आती आरोपित भागने लगा। सेवादारों ने आरोपित का पीछा किया, लेकिन वह भाग निकला।

सुबह एक और मृत शरीर मिला

      रविवार (मई 24, 2020) सुबह जिला परिषद स्कूल के पास भगवान राम शिंदे की डेड बॉडी मिली। भगवान राम शिंदे भी लिंगायत समाज से हैं। उनकी हत्या साईनाथ ने की या किसी और ने, पशुपति महाराज की हत्या से पहले या बाद में, तमाम सवालों पर पुलिस फिलहाल जाँच कर रही है।

      बताया जा रहा है कि साधु की गला रेतकर हत्या की गई है। नांदेड़ के आश्रम में लिंगायत समुदाय के साधु की हत्या ने फिर महाराष्ट्र की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हत्या के बाद एक बार फिर बीजेपी ने उद्धव सरकार के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा, “साधु और एक सेवकरी की नांदेड़ जिले में नृशंस हत्या स्तब्ध करने वाला और दुखद है। मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं. राज्य सरकार से मेरा यह अनुरोध है कि आरोपी को फौरन गिरफ्तार किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उसे कठोर सजा मिले.” 

      बीजेपी नेता और प्रवक्ता राम कदम ने कहा, “महाराष्ट्र में एक महीने के अंतराल में ही एक बार फिर साधु की हत्या कर दी गई। पहली बार हुई साधुओं की हत्या को अफवाह करार देने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने बचने की कोशिश की थी, लेकिन सच तो यह है कि महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है। जिस तरह से राज्य में साधु-संतों की हत्या हो रही है, उससे साफ है कि राज्य में साधु सुरक्षित नहीं हैं।”

      गौरतलब है कि इससे पहले पालघर में 70 साल के कल्पवृक्षनाथगिरी और 35 साल के सुशीलगिरी नाम के 2 साधु और उनके 32 साल के ड्राईवर नीलेश तेलगडे की पीच-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस दौरान वहाँ मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही। जानकारी के मुताबिक दोनों साधु लॉकडाउन के दौरान गुजरात में अपने गुरु की अंतिम यात्रा में शामिल होने जा रहे थे।

36 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में कोई देरी नहीं होगी : राजदूत इमैनुएल लेनिन

भारत सरकार ने भारतीय वायुसेना की आपातकालीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 36 लड़ाकू राफेल विमान के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहला राफेल जेट विमान फ्रांस के एक एयरबेस पर आठ अक्तूबर को प्राप्त किया था।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

            भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने कहा कि भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में कोई देरी नहीं होगी और जिस समय सीमा को तय किया गया था उसका सख्ती से पालन किया जाएगा। 

फ्रांस कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों से जूझ रहा है और यूरोप से सबसे प्रभावित देशों में से एक है। देश में एक लाख 45 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं जबकि 28,330 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसी आशंकाएं थीं कि राफेल विमानों की आपूर्ति में महामारी के कारण देर हो सकती है। 
        
      भारत ने फ्रांस के साथ सितंबर 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एक अंतर सरकारी समझौता करीब 58,000 करोड़ रुपये की लागत से किया था। लेनिन ने बताया, ”राफेल विमानों के कॉन्ट्रैक्ट का अब तक बिल्कुल सही तरीके से सम्मान किया गया है और वास्तव में कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक अप्रैल के अंत में फ्रांस में भारतीय वायु सेना को एक नया विमान सौंपा भी गया है।”

      रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 अक्टूबर को फ्रांस में एक हवाई अड्डे पर पहला राफेल जेट विमान प्राप्त किया था। राजदूत ने कहा, ”हम भारतीय वायुसेना की पहले चार विमानों को यथाशीघ्र फ्रांस से भारत ले जाने की व्यवस्था करने में मदद कर रहे हैं। इसलिए, यह कयास लगाए जाने के कोई कारण नहीं हैं कि विमानों की आपूर्ति के कार्यक्रम की समयसीमा का पालन नहीं हो पाएगा।”

मजदूरों को उनके गंतव्य स्थल तक भेजने की प्रक्रिया लगातार दूसरे दिन भी जारी

पंचकूला 23 मई:

      पंचकूला,  जिला से प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थल तक भेजने की प्रक्रिया लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से पंचकूला, कालका, मंढावाला एवं सकेतड़ी से लगभग 66 से अधिक बसों में प्रवासी मजदूरों को भेजा गया है। इन बसों को युपी सरकार से विचार विमर्श अनुसार बरेली, मुरादाबाद, ईटावा व अलीगढ सहित चार क्लस्टरों में बांटकर प्रवासी मजदूरों को युपी भेजा गया है। इसके अलावा एक बस को उतराखण्ड में भी भेजा गया है। 

      हरदोई निवासी बिश्म्भर, ज्वाला की खीरामणि, गोंडा के देवराज, अलीगढ के अनिल व नान्दौर ने मैडिकल चिकित्सा करवाने के बार जब वे बस में चढने लगे तो उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों का बार बार हाथ जोड़कर आभार जताया। उनके मन में खुशी का कोई ठिकाना नहीं था ओर वे स्टेडियम को नमन कर हरियाणा के लोगों का भी तहदिल से सुकराना कर रहे थे। बिशम्भर का कहना था कि अच्छा भला बढिया गुजारा चल रहा था, लेकिन लाॅकडाउन ने हमारा विदेश सुना जैसा कर दिया। अगर सब कुछ ठीक रहा तो वे दोबारा इस धरा पर अपने बच्चों सहित आएगें ओर हरा भरा हरियाणा के गौरव को बढाकर हमरा भी गुजारा करेंगें।   

 बसों में प्रवासी मजदूरों के लिए राधा स्वामी सत्संग व कामधेनी गौशाला की ओर से प्रर्याप्त मात्रा में खाने का पं्रबध किया गया। इसके अलावा उनके लिए पानी का भी उचित प्रबंध किया गया। प्रवासी मजदूर खाना लेकर उसे चूम रहे थे तो उनके मन से सत्संग भवन एवं गौशाला प्रभारी के प्रति स्नेह एवं प्यार झलक रहा था। प्रवासी अनिल ने तो खाने देने वाले को अन्नदाता कहते हुए उनके पैर छूए। इस पर राधा स्वामी सत्संग के व्यक्ति ने उन्हें गले लगा लिया। इस प्रकार उस समय यह दृश्य बड़ा ही भाव विभोर करने वाला था। सभी आंखें प्यार में गमगीन हो गई थी। 

      उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि बसों में उचित दूरी का पालन करते हुए लगभग 30 व्यक्तियों को बैठाया गया। इनमें 8-10 साल से ऊपर के बच्चों को गणना में शामिल नहीं किया गया है। इस प्रकार जिला से लगभग 2437 से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके गतंव्य स्थल तक बसों में भेजने का कार्य किया गया है। 

      उन्होंने बताया कि प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थल तक जाने के लिये किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिये प्रशासन द्वारा आवश्यक प्रबंध किये गये। प्रत्येक बस में ड्राईवर, कण्डक्टर के अलावा पुलिस व होम गार्ड की भी तैनाती की गई। बरेली के लिए 32 बसों में 1247 प्रवासी मजदूर, मुरादाबाद के लिए 7 बसोें मंे 245 प्रवासी मजदूर, ईटावा के लिए 10 बसों में 343 प्रवासी मजदूर, अलीगढ के लिए 13 बसों में 402 प्रवासी मजदूर तथा 4 बसों में 150 प्रवासी मजदूरों को सहारनपुर के लिए भेजा गया है।    

      उपायुक्त ने बताया कि आज रवाना किए जाने सेे पूर्व सभी बसों को पूर्ण रूप से सेनिटाईज किया गया। जिला के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात इन्सिडेंट कमांडरो। के माध्यम से इन प्रवासी मजदूरों को सूचित कर स्क्रेनिंग एवं मेडिकल जांच करवाने का कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि पंचकूला के आस पास के प्रवासी मजदूरों का ताऊ देवीलाल स्टेडियम में स्क्रेेनिंग एवं मेडिकल की गई। इसी प्रकार कालका, पिजौर, सकेतड़ी क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों की स्क्रेनिंग एवं मेडिकल का कार्य उनके नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों में किया गया।  

      इस अवसर पर पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा, एसडीएम धीरज चहल, एसडीएम राकेश संधु, सुनील जाखड, एएलसी नवीन शर्मा, वीरेन्द्र पुनिया, विशाल सैनी, तहसीलदार वीरेन्द्र गिल सहित कई इंसीडेंट कमाण्डर एवं प्रशासिनक अधिकारी मौजूद रहे। 

गीता में कई मूल मंत्र है जिनसे की इस आपदा की घड़ी में हर पहलू पर नियंत्रण रखा जा सकता है: प्रोफ॰ दीप्ति

पंचकूला 24 मई:

      उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन की शुरुआत में प्रथम टेक्निकल सेशन में डॉक्टर रितु सिंह चैहान नेशनल प्रोफेशनल ऑफिसर डब्ल्यूएचओ नई दिल्ली ने कोविड-19 से संबंधित संवेदनशील मैसेजिंग व उससे जुड़े पहलुओं पर विस्तार से अवगत करवाया।   

उन्होंने कहा कि आज के समय में जागरूक होना आवश्यक है मगर उस जागरूकता का सही इस्तेमाल करना उससे भी ज्यादा आवश्यक है। इसलिए हमें इनसे ज्ञान अर्जित कर स्कूल स्तर पर भी शिक्षकों को अवगत करवाया जाना चाहिए। 

      डिप्टी डायरेक्टर उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा डॉ हेमंत वर्मा ने सभी का स्वागत किया। द्वितीय टेक्निकल सेशन में सीडीएलयू सिरसा की  प्रोफेसर दीप्ति धर्मानी ने उच्चतर शिक्षा संस्थान भगवत गीता की मदद से किस तरह कोविड-19 को हरा सकते हैं। इन पहलूओं पर बारीकि से प्रकाश डाला। प्रोफेसर दीप्ती ने कहा की गीता में कई सारे मूल मंत्र है जिनसे की इस आपदा की घड़ी में हर पहलू पर नियंत्रण रखा जा सकता है। 

      तीसरे टेक्निकल सेशन में रिटायर्ड आईएएस विवेक अत्रे ने कहा कि यह मोटिवेशनल स्पीकर की प्रेरणा ही सफलता की कुंजी है। इस पर विस्तार अपने विचार व्यक्त किए।  उन्होंने कई सारे व्यक्तिगत उदाहरण देकर प्रतिभागियों को सफल बनने की प्रेरणा दी। प्रैक्टिकल सेक्शन 4 में लेडी इरविन कॉलेज नई दिल्ली डॉ अपर्णा खन्ना ने गेम बाइ गेम, इस विषय पर प्रकाश डालकर उन्होंने विस्तार से दिखाया कि कैसे हम छात्रों को कोविड-19 की घड़ी में गेम्स के द्वारा व्यस्त रख सकते हैं। उन्होंने कई विस्तार से उदाहरण भी देकर समझाया। इसके उपरांत डॉक्टर बलदेव कुमार, प्रोफेसर प्रोमिला बतरा, डॉ आभा खेतरपाल, डॉ रीता कालरा इन सभी ने कोविड-19 से जुड़े तथ्य एवं सत्य पर पैनल डिस्कशन की जिसे डॉ अंजू मनोचा ने मॉडरेट किया।  डिप्टी डायरेक्टर डॉ हेमंत वर्मा ने सभी प्रतिभागी व अतिथि गणों का आभार जताया। 

कोविड-19 के मद्देनजऱ स्वास्थ्य विभाग द्वारा नाई की दुकानों/सैलूनज़ के लिए एडवाइजऱी जारी

स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड-19 महामारी के मद्देनजऱ नाई की दुकानों/हेयर-कट सैलूनज़ की सफ़ाई और स्वच्छता बनाए रखने सम्बन्धी विस्तृत एडवाइजऱी जारी की गई है।

राकेश शाह, चंडीगढ़ –  24 मई:

      इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि नाई की दुकान/हेयर-कट सैलून के मालिकों को यह यकीनी बनाना होगा कि कोई भी स्टाफ मैंबर जिसमें कोविड-19 (बुख़ार, सूखी खाँसी, साँस लेने में तकलीफ़ आदि) के लक्षण होने पर काम पर न बुलाया जाए और उक्त व्यक्ति तुरंत डॉक्टरी सलाह लेकर घर के अंदर रहे। इसी तरह ऐसे लक्षण पाए जाने वाले किसी भी ग्राहक का काम न किया जाए। जिस मामले में किसी को (जैसे माता-पिता/गारडियनज़) साथ लाना ज़रूरी न हो तो बेहतर होगा कि दुकान पर आने वाले ग्राहक अपने साथ किसी अन्य व्यक्ति को साथ न लेकर आएं। प्रवक्ता ने आगे कहा कि नाई की दुकानों / हेयर-कट सैलून के मालिक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनकी दुकान/सैलून में अनावश्यक भीड़ न हो। 

इसके अलावा सेवाएं लेते समय ग्राहकों द्वारा संभव हो तो मास्क का प्रयोग किया जाए। नाई की दुकान / हेयर-कट सैलून के मालिक और वहाँ काम करने वाले स्टाफ द्वारा निश्चित तौर पर मास्क का प्रयोग किया जाए। 

      एडवाइजऱी में कहा गया है कि ग्राहकों और स्टाफ के आपसी व्यवहार के दौरान कोविड-19 की रोकथाम से सम्बन्धित सभी दिशा-निर्देशों जैसे कि बार-बार हाथ धोना (साबुन और पानी या अल्कोहल आधारित हैंड सैनीटाईजऱ के साथ), एक मीटर की शारीरिक दूरी बनाए रखना, श्वसन स्वच्छता की पालना, बीमारी के लक्षण पर नजऱ रखना, सार्वजनिक स्थानों पर न थूकना आदि का निश्चित रूप से पालन किया जाए। 

इसके अलावा जहाँ तक हो सके दुकान मालिकों द्वारा ग्राहकों को डिजिटल भुगतान के तरीकों का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। अगर नकदी द्वारा लेन-देन किया जाता है तो दुकानदार, स्टाफ और ग्राहक नकदी के लेन-देन से पहले और बाद में अपने हाथों को तुरंत साफ़ करें। 

      दुकानों की उपयुक्त साफ़-सफ़ाई सम्बन्धी सर्विस रूम, इन्तज़ार वाले स्थानों, काम करने वाले स्थानों आदि समेत अंदर के स्थनों को हर 2-3 घंटे के अंदर उपयुक्त तरह से साफ़ करने की सलाह दी गई है। फ़र्श को 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट या मार्केट में उपलब्ध इसके बराबर के किसी अन्य डिसइनफैक्टैंट के साथ साफ़ किया जाए। फर्नीचर और अक्सर छूईं जाने वाली सतहों और अन्य चीज़ों को नियमित रूप से साफ़ / डिसइनफैक्ट किया जाए। 

      उपकरणों (कैंची, उस्तरा, कंघी, स्टाईलिंग टूलज़) को हर प्रयोग के बाद 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट के साथ साफ़ किया जाए। काम के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़े, तौलिए और सम्बन्धित चीज़ों को नियमित रूप से साफ़ किया और धोया जाए।

पी.एम.ई.जी.पी. व फैशन डिजाइनर उद्यमी मीतू सलूजा द्वारा किए गए मास्क वितरित

सुशील पंडित, यमुनानगर – 24 मई

खादी ग्रामोद्योग के लिए सक्रिया रूप से पिछले एक दशक से भी अधिक समय से कार्य कर रहे फैशन डिजाइनर मीतू सलुजा ने रविवार को आम जनमानस व जरूरतमंदों में खादी के मास्क वितरित किए। गौरतलब है कि गत सप्ताह भी खादी की सक्रिय कार्यकर्ता व पी.एम. ई.जी.पी. उद्यमी मीतू द्वारा स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य कर्मचारियों व अधिकारियों में मास्क वितरित किए गए थे। मीतू सलूजा का वे पिछले 15 साल से  प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से समाज के हर वर्ग में प्रसारित करने का कार्य कर रही है उन्होंने कहा कि कोविड19 के दौरान सोशलडिस्टेंसिग व मास्क लगा कर रखना ही इस वैश्विक महामारी से बचाव का मूल मंत्र है। खादी से बने उत्पाद ईकोफ्रेंडली होने की वजह से बढ़ती हुई गर्मी में कारगर सिद्ध हो रहे हैं। 

उनका कहना है कि वे खादी के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहीं है। और खादी के मास्क इन दिनों लोगों को भा रहे हैं और ये आम आदमी के लिए फायदेमंद भी साबित हो रहे हैं। इन्होंने बताया कि वे बतौर पी.एम.ई.जी.पी. उद्यमी के नाते इन मास्क को तैयार करके वितरित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मास्क अब भविष्य की जरूरत बन चुके हैं और इसे देखते हुए हर किसी के लिए मास्क जरूरी है क्योंकि इससे मास्क लगाने वाला तो सुरक्षित रहता ही है, साथ ही साथ वह समाज को भी सुरक्षित रखने का काम करता है।

जिले में नाई की दुकान, सैलून व ब्यूटी पार्लर इत्यादि को सम्पूर्ण सुरक्षा उपायों के साथ सेवाएं प्रदान करने की दी इजाजत

आदेशो की करनी होगी पालना दोषी व्यक्ति आई.पी.सी. की धारा-188 के तहत होगा दण्डनीय: जिलाधीश करनाल

मनोज त्यागी, करनाल – 24 मई:

      जिलाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण करनाल निशांत कुमार यादव ने, रविवार को एक आदेश पारित कर जिला में नाई की दुकान, सैलून व ब्यूटी पार्लर इत्यादि को सम्पूर्ण सुरक्षा उपायों के साथ सेवाएं प्रदान करने की इजाजत दे दी है। 

      इस कार्य को करने वाले व्यक्तियों को किस तरह की सावधानी व जरूरी तरीके अपनाने होंगे, इस बारे जिलाधीश ने अपने आदेशो में 14 उपाय बताकर उन पर अमल करने के लिए कहा है। इसके तहत जिस व्यक्ति को बुखार, जुखाम, खांसी व गले में दर्द हो, वह दुकान के अंदर प्रवेश नहीं करेगा। ग्राहक और स्टाफ अंदर बिना मास्क के नहीं रहेंगे। प्रवेश पर हैंड सैनीटाईजऱ उपलब्ध करवाना होगा। समस्त स्टाफ को फेस मास्क, सिर पर कवर और एप्रन पूरा टाईम डालने होंगे। प्रत्येक ग्राहक पर डिस्पोजेबल तोलिया या पेपर शीट प्रयोग करनी होगी। प्रत्येक ग्राहक पर इस्तेमाल करने से पहले सभी औजार, 7 प्रतिशत लाईज़ोल से स्प्रे अथवा पोछा कर आधा घण्टे के लिए सैनीटाईज करने होगे। प्रत्येक हेयर कट या शेव के बाद स्टाफ को अपने हाथ सैनीटाईज करने होंगे। विचलित हुए अंदर आने वाले ग्राहक के लिए अप्वाईंटमेंट या टॉकन सिस्टम किया जाए। बैठने के लिए कम से कम एक मीटर का पर्याप्त स्पेस रखा जाए। 

      आदेशो में आगे कहा गया है कि ऐसी दुकानो का सभी सामान्य एरिया, फ्लोर, लिफ्ट, लाँज, सीढिय़ां व रेलिंग एक प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईड घोल से प्रतिदिन असंक्रमित किया जाए। कारपेट व फ्लोर एरिया को अच्छी तरह से स्वच्छ बनाया जाए। नुकीले बेकार ब्लेड, डिस्पोजेबल रेजर इत्यादि को एक छिद्र व रिसाव रहित कन्टेनर में 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईड सोल्यूशन के साथ रखा जाए, ऐसे सामान से तीन-चौथाई कन्टेनर भरने पर म्यूनिसिपिल्टी के सफाई कर्ताओं को, आगामी हानिकारक वेस्ट निस्तारण एजेंसी द्वारा नष्ट करने के लिए दिया जाए। दुकान में काम करने वाले समस्त स्टाफ व सहायकों को फेस मास्क के प्रयोग और खांसने से जुड़े शिष्टाचार का ज्ञान होना चाहिए, यदि उनमें कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं, तो उन्हें तुरंत स्वास्थ्य विभाग को रेफर किया जाना चाहिए, उनकी पूर्ण रिकवरी होने तक परिसर में प्रवेश नहीं होगा। दुकान के प्रवेश पर सोशल डिस्टैंसिंग और खांसने से जुड़े शिष्टाचार के पोस्टर डिस्प्ले होने चाहिएं। 

      जिलाधीश के आदेशानुसार ड्यूटी मजिस्ट्रेट/करनाल, असंध, घरौंडा व इन्द्री के उपमण्डलाधीश अपने-अपने क्षेत्रो में इन आदेशों के सम्पूर्ण क्रियान्वयन के जिम्मेवार होंगे। अन्य विभागो के कर्मचारी ऐसे इंसीडेंट कमांडर के अधीन विशेष क्षेत्रों में काम करेंगे। आदेशानुसार इन आदेशो की अवहेलना करने वाले व्यक्ति को आई.पी.सी. की धारा-188 के तहत जेल व अलग से जुर्माना भुगतने की सजा मिलेगी।

Sumedh Saini

पूर्व डी. जी.पी. सुमेध सिंह सैनी की मुसीबतें बढ़ी

राकेश शाह, चंडीगढ़ – 24 मई :

पंजाब पुलिस के पूर्व चर्चित डीजीपी सुमेध सिंह सैनी 29 साल पहले आईएएस के बेटे को अगवा और हत्या केस मे लगातार मुश्किले बढती जा रही है। पूर्व डीजीपी सैनी के खिलाफ आईएएस अधिकारी दर्शन सिंह मुल्तानी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और मौत के मामले में सैनी नेे 50 हजार रूपये का मुचलका भरकर अग्रिम जमानत और पासपोर्ट जमा करवा दिया है लेकिन इसके बावजूद सैनी की मुश्किले कम होती नजर नही आ रही है क्योकि पूर्र्व डीजीपी के खास रहे पंजाब पुलिस के ही पूर्व अधिकारी गुरमीत सिंह पिंकी ने मटौर थाने मे अपने बयान दर्ज करवा दिये है। पूर्व कैट गुरमीत पिंकी मटौर थाने मे एसपी इन्वैसिटीगेशन स. हरमनदीप सिंह हांस की अगुवाई मे एसआईटी के सम्मुख पेश हुए।

सूत्रो से खबर है कि कैट गुरमीत पिंकी ने एसआईटी के सम्मुख बयानो मे कहा है कि पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और अन्य पुलिस अधिकारियों के टॉर्चर से आईएएस के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी की मौत हुर्ई थी।