सोनिया गांधी द्वारा विपक्ष की बैठक

‘क्रूर मज़ाक’ यह शब्द आज इसी हफ्ते में दूसरी बार सुनाई दिया। इससे पहले रायबरेली से कॉंग्रेस विधायिका अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी की बसों की राजनीति पर यह शब्द कहा था जिसके परिणाम स्वरूप उन्हे कॉंग्रेस पार्टी के कई पदों से हाथ धोना पड़ा। नया शब्द था तो प्रयोग लाजिमी था आज यह शब्द सोनिया जी ने प्रधान मंत्री के कार्यों पर चस्पा कर दिया। आज कॉंग्रेस की कार्यकारिणी अध्यक्षा ने भारत सरकार के खिलाफ विपक्ष को लामबंद कर मोदी को घेरने की चेष्टा भर की। फिर भी 22 क्षेत्रीय नेताओं ने भाग लिया। यह नेता 22 राज्यों से भले ही न हों परंतु 22 दलों से अवश्य ही संबंध रखते हैं। कोरोना के चलते यह बैठक संचार के नए माध्यमों से ली गयी थी। इस बैठक का एक परोक्ष मुद्दा था राहुल और प्रियंका को विपक्षी दलों मे सर्वमान्य बनाना। यहीं पर कॉंग्रेस धता खा गयी। हिन्दी भाषी क्षेत्रीय दलों के सर्वेसर्वाओं को आने वाले समय में खुद का राहुल या प्रियंका के जी हजूर क्षत्रप होने का आभास भी नहीं देना था अत: हिन्दी भाषी अधिकतम विपक्षी नेताओं ने इस बैठक से किनारा किया। इस बैठक से एक बात और साफ हो गयी कि सोनिया गांधी भी विपक्ष की सर्वमान्य नेता नहीं हैं।

नयी दिल्ली/चंडीगढ़ – 22 मई

”केंद्र सरकार ने खुद के लोकतांत्रिक होने का दिखावा करना भी छोड़ दिया है और इसके मन में गरीबों-मजदूरों के मन में किसी भी तरह की दया और करुणा का भाव नहीं है. सरकार की ओर से घोषित किए गए आर्थिक पैकेज में सुधारों के नाम पर केवल दिखावा ही किया गया है.” यह बात कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने शु्क्रवार को विपक्षी पार्टियों के साथ पहली ऑनलाइन बैठक के दौरान कही. बैठक में कोरोना वायरस संकट पर चर्चा हुई. कोविड-19 महामारी से निपटने में पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के तौर तरीके की आलोचना करते हुए कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “सारी शक्ति अब एक कार्यालय, पीएमओ में केंद्रित हैं.” उन्‍होंने कहा कि “संघवाद की भावना हमारे संविधान का अभिन्न अंग है लेकिन इसे भुला दिया गया है. इस बात के कोई संकेत नहीं है कि संसद के दोनों सदनों या स्थायी समितियों को कब मिलने के लिए बुलाया जाएगा.” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बैठक में शामिल हुए लेकिन मायावती की बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी (आआपा) के अरविंद केजरीवाल इससे नदारद रहे. इन तीनों ही पार्टियों के कांग्रेस से अपने सियासी मसले हैं. इस दौरान सोनिया गांधी ने पीएम के आर्थिक पैकेज को देश के साथ ‘क्रूर मजाक’ की तरह बताया.

सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना को 21 दिन में खत्म करने की पीएम का दावा धराशायी हुआ। सरकार के पास लॉकडाउन को लेकर कोई योजना नहीं था। सरकार के पास करोना संकट से बाहर निकलने की कोई नीति नहीं थी। लगातार लॉकडाउन का कोई फायदा नहीं हुआ, नतीजे खराब ही निकले

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना टेस्ट और पीपीई किट के मोर्चे पर भी सरकार विफल रही है। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई, लॉकडाउन के नाम पर क्रूर मजाक हुआ। सभी शक्तियां पीएमओ के पास हैं, वो कर्मचारियों और कंपनियों के हितों की सुरक्षा करें।

सोनिया गांधी ने बैठक में कहा कि कोरोना संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरुआत में उम्मीद जताई थी कि इस पर 21 दिन में काबू पा लिया जाएगा, जबकि उनकी धारणा गलत साबित हो गई। उन्होंने कहा कि सरकार न सिर्फ लॉकडाउन के मानदंडों को लेकर अनिश्चित थी, बल्कि उसके पास इससे निकलने की भी कोई रणनीति नहीं थी। इस क्रमिक लॉकडाउन के नतीजे भी खास नहीं देखने को मिले।

सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना टेस्ट और टेस्टिंग किट के आयात पर भी झटका लगा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नकदी गरीबों को हस्तांतरित की जानी चाहिए, सभी परिवारों को मुफ्त अनाज दिया जाना चाहिए, प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों में वापस जाने के लिए बसों और ट्रेनों की व्यवस्था की जानी चाहिए।

सोनिया ने कहा कि कर्मचारियों और नियोक्ताओं की सुरक्षा के लिए सरकार को वेतन सहायता और मजदूरी संरक्षण निधि स्थापित करना चाहिए। सोनिया गांधी ने पीएसयू को बेचने को हरी झंडी देने की आलोचना की और श्रम कानूनों को बहाल करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि सभी शक्तियां अब एक कार्यालय, पीएमओ में केंद्रित हो गई है। संघवाद की भावना जो हमारे संविधान का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसे भुला दिया गया है। संसद के दोनों सदनों या स्थायी समितियों को बैठक करने के लिए बुलाया जाएगा या नहीं…इसका कोई संकेत दिख नहीं रहा।

बैठक में नहीं शामिल हुईं ये पार्टियां

इस बैठक में विपक्ष के कई क्षेत्रीय शामिल हुए। इस बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, सीताराम येचुरी, तेजस्वी यादव, डीएमके के एमके स्टालिन, और शिवसेना के संजय राउत जैसे नेता शामिल हुए। गैर बीजेपी राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल हुए। मगर इस बैठक से सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी हिन्दी भाषी दलों ने दुरी बना ली।

बिहार में दर्ज हुई दूसरी प्राथमिकी से कॉंग्रेस बेहाल

महाभारत में कौरवों ने पांडवों पर छल का प्रयोग कर कई योद्धाओं को मारने की बात कही थी, लेकिन जब भी कौरव यह मिथ्यारोपन करते थे तब वह एक बात भूल जाते थे कि उस समय के सबसे छोटी आयु के योद्धा ‘वीर अभिमन्यु’ को छल से चक्रव्यूह में सभी योद्धाओं ने एक से एक के लड़ने का नियम होने के बावजूद एकट्ठे मिल कर मारा था। तब श्री कृष्ण की शठे शाठ्यम समाचरेत नीति ही काम आई थी। आज कोरोना यद्ध में अपनी साख बचाने के लिए कॉंग्रेस कहीं भी कैसे भी प्रलाप कर रही है और भाजपा कैडर अब उन पर प्राथमिकीयान दर्ज़ करवा रहे हैं। आज यह धर्म नहीं है यह धर्म नहीं है दोनों भुजाएँ उठा कर चिल्ला चिल्ला कर बोलते हुए कोंग्रेसी नज़र आ जाएँगे। छोटे छोटे शहरों के छुटभैये नेता भी प्रेस विज्ञप्तियाँ दे कर अपनी नेत्री पर हुई प्राथमिकियों का विरोध कर रहे हैं। लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि मात्र एक सवाल पूछने पर उनकी कार्यकारिणी अध्यक्षा से मात्र एक प्रश्न पूछने पर एक पत्रकार पर 300 प्राथमिकीयान दर्ज करवा दीं गईं थीं।

चंडीगढ़/बिहार – 22 मई

पीएम केयर्स फंड को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं इस मामले में अब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी मुश्किलों में फंसती नजर आ रही हैं। केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 के लिए बनाए गए राहत कोष को लेकर किए गए अपने विवादित बयान की वजह से अब सोनिया गांधी पर एक और मामला दर्ज हुआ है। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के बाद अब बिहार में भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। 

पटना के कंकड़बाग थाने में भाजपा के मीडिया प्रभारी रह चुके पंकज सिंह ने यह केस दर्ज कराया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पीएम केयर फंड पर सवाल उठाकर सोनिया गांधी लोगों को भड़का रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 504, 505 (1) बी, 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

IPC की धारा 504 उस आरोपी पर लगती हैं, जब किसी आरोपी की मनसा किसी दुसरे व्यक्ति को जानबूझकर उकसाने की होती हैं, या फिर किसी दुसरे व्यक्ति को जानबूझकर अपमानित करने की होती हैं, जिससे की आरोपी द्वारा उकसाया व अपमानित किया गया व्यक्ति कोई ऐसा कार्य कर देना चाहता हैं, जो अपराध की श्रेणी में आता हैं अर्थात जिससे लोकशांति भंग हो।

IPC की धारा 505 (1) (b)/(ख), उन मामलों से सम्बंधित है, जहाँ किसी कथन, जनश्रुति या सूचना को, इस आशय से कि, या जिससे यह सम्भाव्य हो कि, सामान्य जन या जनता के किसी भाग को ऐसा भय या संत्रास कारित हो, जिससे कोई व्यक्ति राज्य के विरुद्ध या सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध करने के लिए उत्प्रेरित हो

IPC की धारा 505(2) विभिन्न वर्गों में शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य पैदा या सम्प्रवर्तित करने वाले कथन – जो भी कोई जनश्रुति या संत्रासकारी समाचार अन्तर्विष्ट करने वाले किसी कथन या सूचना, इस आशय से कि, या जिससे यह संभाव्य हो कि, विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूहों या जातियों या समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं, धर्म, मूलवंश, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, भाषा, जाति या समुदाय के आधारों पर या अन्य किसी भी आधार पर पैदा या संप्रवर्तित हो, को रचेगा, प्रकाशित करेगा या परिचालित करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

पंकज सिंह के अनुसार, पीएम केयर फंड को लेकर कांग्रेस की ओर से लोगों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है। इससे लोगों में गलत संदेश जा रहा है, जबकि पीएम केयर फंड में कोई भी आदमी छाेटी से छोटी राशि काे भी जमा कर सकता है।  

बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर सोनिया गांधी के खिलाफ कर्नाटक में भी दो दिन पहले केस दर्ज किया गया था। कर्नाटक के शिवमोगा जिले में सागर कस्बे की पुलिस ने प्रवीण के वी नामक व्यक्ति की शिकायत पर केस दर्ज किया था। कर्नाटक में आईपीसी की धारा 153 और 505 (1) (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। 

ध्यान भटका कर सामरिक शक्ति बढ़ा रहा चीन

कोरोना महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वहीं, अमेरिका लगातार चीन पर कोरोना वायरस को दुनियाभर में फैलाने का आरोप लगाते हुए कई प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दे रहा है। कई देशों ने चीन में अपनी कंपनियों को बंद करने का निर्णय लिया है। ऐसे में चीन की अर्थव्‍यवस्‍था पर आने वाले समय काफी प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकता है। कोरोना महामारी के कारण पहले ही चीन के बजट घाटे में भी अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है। वैसे बता दें कि साल 1990 के बाद ऐसा पहली बार है, जब चीन आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य तय नहीं का रहा है। बताया जा रहा है कि बढ़ता बजट और राजकोषीय घाटा चीन के लिए अब परेशानी का सबब बनता जा रहा है। इसलिए जीडीपी के लिए कोई लक्ष्य नहीं रखा गया है।

नई दिल्ली/बीजिंग: 

दुनिया के बड़ा सिरदर्द बन चुका चीन कोरोना के बाद

  • क्या दुनिया को किसी और मुसीबत में डालने की तैयारी कर रहा है?
  • क्या चीन ने दुनिया को कोरोना से विश्वयुद्ध के बाद किसी और युद्ध में झोंकने की तैयारी कर दी है?
  • क्या चीन चाहता है ये दुनिया शांति से रहने लायक ही न बचे?

ये तमाम बातें इसलिए कही जा रही हैं क्योंकि चीन ने कोरोना काल में भी अपने रक्षा बजट को 6.6 प्रतिशत बढ़ा दिया है। चीन ने अपना रक्षा बजट बढ़ाकर 179 अरब डॉलर कर दिया. अमेरिका के बाद सबसे अधिक सैन्य खर्च करने वाला चीन दुनिया का दूसरा देश है. चीन का रक्षा बजट भारत के मुकाबले तीन गुना है. पिछले साल चीन का रक्षा बजट 177.6 अरब डॉलर था. 

रक्षा बजट बढ़ाकर महायुद्ध की तैयारी में ड्रैगन! 

चीन ने 2020 के लिए रक्षा बजट में 6.6 प्रतिशत की बढ़ोत्‍तरी का ऐलान किया है. कोरोना महासंकट के बाद भी चीन इस वर्ष 180 अरब डॉलर रक्षा पर खर्च करेगा. रक्षा बजट से एयर‍क्राफ्ट कैरियर, परमाणु सबमरीन और स्‍टील्‍थ फाइटर जेट का निर्माण दुनिया के दूसरे देश आर्थिक मंदी के बीच रक्षा बजट पर खर्च कम कर रहे हैं. अमेरिका के बाद चीन सबसे ज्‍यादा पैसा रक्षा पर खर्च कर रहा है. 

चीन ने ये भी माना कि कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्‍यवस्‍था संकट के दौर से गुजर रही है, इसके बावजूद चीन ने रक्षा बजट में बढ़ोतरी की है. अब सवाल उठता है कि कोरोना काल में चीन के बजट बढ़ाने की असली वजह क्या है? क्या अमेरिका से बढ़ते हुए खतरे के बाद चीन अमेरिका से युद्ध की तैयारी कर रहा है. 

फिलहाल चीन को जो रक्षा बजट सामने आया है, उसके बारे में विशेषज्ञों को चिंता है क्योंकि माना जाता है चीन रक्षा के लिए जितने बजट को खर्च करने की बात करता है. उसका रक्षा बजट उससे कहीं ज्यादा होता है चीन ने इस बार भी कहा है कि रक्षा बजट में बढ़ोत्‍तरी का ज्‍यादातर पैसा सैनिकों की स्थिति सुधारने में खर्च किया जाएगा रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन बहुत कुछ छिपा रहा है.  

ड्रैगन छिपाता है अपना असली रक्षा बजट

चीन का वास्‍तविक रक्षा बजट बताए गए रक्षा बजट से बहुत ज्‍यादा है. बजट में कई चीजों को शामिल नहीं किया जाता है. चीन ने पिछले साल का रक्षा बजट 178 अरब डॉलर बताया था. लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले साल चीन का वास्‍तविक रक्षा बजट 220 अरब डॉलर था

चीन अगर अपने रक्षा बजट को बढ़ा रहा है तो इसके पीछे सबसे बड़ी वजह दक्षिण चीन सागर में अपनी पकड़ को और ज्‍यादा मजबूत करने का मकसद चीन पश्चिम प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में अपनी पहुंच बढ़ाना चाहता है. चीन के भारी रक्षा व्यय के चलते भारत और कई अन्य देशों को अपना रक्षा व्यय बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा है, ताकि शक्ति संतुलन कायम रखा जा सके.

इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस एंड एनालिसिस (आईडीएसए) के अनुसार भारत का रक्षा बजट 2020 में 66.9 अरब अमेरिकी डॉलर था. इस तरह चीन का ताजा रक्षा बजट भारत के मुकाबले 2.7 गुना अधिक है. चीन का भारत, जापान और वियतनाम जैसे पड़ोसी मुल्कों से सीमा विवाद है. ऐसे में चीन के रक्षा बजट में यह बढ़ोत्तरी काफी मायने रखती है.

केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर हल्ला बोल के तहत दिया गया ज्ञापन

सुशील पंडित, यमुनानगर – 22 मई      

            सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित सभी विभागों की यूनियनो के प्रधानों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर आज हल्ला बोल कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए नई अनाज मंडी जगाधरी में इकठ्ठा होकर सांकेतिक धरना देकर माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी के नाम उपायुक्त को ज्ञापन दिया। उसके बाद सभी विभागों में जाकर केंद्रीय ट्रेड यूनियनो के आह्वान पर आज के हल्ला बोल कार्यक्रम के बारे में सभी कर्मचारियों को केंद्र और राज्य सरकार की जन विरोधी और कर्मचारी मजदूर किसान छात्र आम जनता विरोधी नीतियों के बारे में जानकारी देते हुए सभी विभागों के अध्यक्षो को माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। इस टीम में नगरपालिका से राज्य महासचिव मांगे राम तिगरा सर्व कर्मचारी संघ यमुनानगर के जिला प्रधान महिपाल सोडे जिला सचिव राजपाल सांगवान वरिष्ठ उप प्रधान प्रवेश परोचा कोषाध्यक्ष सतीश राणा अग्निशमन सेवा से।

      राज्य प्रेस प्रवक्ता गुलशन भारद्वाज उप प्रधान जनकराज ने अपने प्रेस बयान में मीडिया को बताया की केंद्र और राज्य सरकारो द्वारा आज कोरोना महामारी के बहाने मजदूरों कर्मचारियों और आम मेहनतकश अवाम के जनतांत्रिक अधिकारों को खत्म करने पर तुली है जैसे केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा काम के घण्टे बढ़ाकर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना सभी प्रवासी मजदूरों को किसी भी प्रकार की कोई सहायता ना देना जरूरी सेवाओ में लगे स्थाई और अस्थाई कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण एक समान बीमा कवरेज और अतिरिक्त जोखिम भत्ता ना देना मार्किट कमेटी फायर हरियाणा में लगे फायरमैन और फायर चालको को विभागीय रोल पर ना लेना उपभोक्ता और कर्मचारी विरोधी बिजली निजीकरण सम्बंधित बिजली संशोधन बिल 2020 वापिस ना लेना।

निरंकारी भवन में प्रवासी श्रमिकों की जा रही है समुचित व्यवसथा

निरंकारी मिशन प्रशासन के साथ मिलकर हर सेवा के लिए है तैयार- संयोजक बलदेव सिंह

सुशील पंडित, यमुनानगर – 25 मई

            प्रशासन द्वारा बार्डर से लाए गए लगभग 400 प्रवासी श्रमिकों को निरंकारी भवन में ठहराया गया। यमुनानगर ब्रांच के संयोजक बलदेव सिंह ने बताया कि यमुनानगर स्थित निरंकारी भवन में श्रमिकों के रहने व खाने-पीनेे व उनके छोटे बच्चों के लिए दूध की उचित व्यवस्था की गई है। हमारा कर्मठ सेवादल उनकी हर प्रकार की सुविधा का पूरा ध्यान रखने के लिए दिन-रात लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त उपायुक्त प्रतिमा चैधरी के मार्गदर्शन मंे यह कार्य हो रहा है। प्रवासी श्रमिकों को समय-समय पर उनके गृह प्रदेश भेजा जा रहा है यह प्रक्रिया निरंतर जारी है।

      संयोजक बलदेव सिंह ने कहा कि सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के आदेशानुसार संत निरंकारी मण्डल अपने सारे निरंकारी भवनों को प्रशासन का आवश्यकता पडने पर देने के लिए तैयार है तथा  सरकार के निर्देशों के तहत जब तक लॉक डाउन है तब तक निरंकारी सेवादल के सदस्य अपने अधिकारियों के आदेश पर इस समाज सेवा में जुटे रहेंगे। उन्होंने बताया कि कोराना महामारी को ध्यान में रखते हुए सभी सेवादारों को सेवा के लिए मास्क, ग्लवस व सैनिटाइजर्स उपलब्ध करवाए गए है और उचित दूरी बना कर सेवा करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने निरंकारी सतगुरू माता सुदीक्षा जी का संदेश देते हुए कहा कि ये जो संसार के हालात बने हुए है निरंकारी मिशन हर तरह से मानवता की सेवा के लिए तत्पर है। निरंकारी मिशन सदैव मानवता की सेवा के लिए आगे रहा है।

      उल्लेखनीय है कि पहले भी लाॅकडाउन के दौरान लगभग 100 प्रवासी श्रमिकों को लगभग 25 दिन के लिए निरंकारी भवन में ठहराया गया था। तब भी निरंकारी सेवादल द्वारा उनकी भरपूर सेवा की गई। उसी दौरान ही मिशन द्वारा रैडक्रास के मिलकर लगभग 4000 हजार भोजन के पैकेट प्रतिदिन वितरित किए गए थे। पिछले दिनो ही मिशन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को लगभग 10 लाख रूपये मूल्य की पीपीई किटस भी कोरोना योद्धाओं के लिए प्रदान की गई थी। इसी दौरान निरंकारी मिशन के केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली द्वारा हरियाणा सरकार को 50 लाख रूपये का चैक मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया गया था।

aap

दयनीय कानून व्यवस्था के कारण हो रहे हैं पंचों-सरपंचों पर हमले – प्रो. बलजिन्दर कौर

पंचायती राज के चुने हुए नुमाइंदों की सुरक्षा करना सरकार का प्रथम फर्ज -‘आआपा’

चण्डीगढ़, 22 मई (राकेश शाह)

      आम आदमी पार्टी (आआपा) पंजाब ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए कहा कि अपराधी प्रवृत्ति वाले समाज विरोधी तत्वों को कानून की कोई प्रवाह नहीं है, वह दिन दिहाड़े किसी भी वारदात को अंजाम देने में हिचकिचाहट नहीं दिखाते। जिस कारण आम लोग ही नहीं पंचायती राज प्रणाली के द्वारा चुने हुए नुमाइंदे भी सुरक्षित नहीं हैं।

      पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा पार्टी की मुख्य प्रवक्ता और विधायका प्रो. बलजिन्दर कौर ने कहा कि राज्य के ज़्यादातर पंच सरपंच डर व भयभीत हैं। पंचों-सरपंचों के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री से लेकर विपक्ष के नेताओं तक अपनी सुरक्षा के बारे में पहुंच करनी पड़ रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को फतेहगढ़ साहिब जिले से सम्बन्धित पंचों-सरपंचों और समिति सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल की तरफ से अपनी सुरक्षा के लिए मांग पत्र मुख्यमंत्री को देने के लिए बेबस होना सरकार के लिए बेहद शर्मनाक है। 

      उन्होने कहा कि ग्राम पंचायत हलोताली, मालूहेड़ा, सराणा, मुक्खेपुर, नलिनी, छलेड़ी खुर्द, ताणा, मुहम्मदीपुर, छलेड़ी कलां, पंजोली खुर्द, अमरगड़, पंजोली कलां, नलिना खुर्द, बागडिय़ां, गुणीया माजरा, पटियाला जिले के ग्राम पंचायत चलैला, लग्ग, रौंगला, नन्दपुर केशो और एस.ए.एस नगर जिले की मछली कलां, झंजेड़ी, सुवाड़ा, चूहड़ माजरा, पत्तो आदि पंचायतों ने पटियाला, अमृतसर और अन्य जिलों में सरपंचों की हुई हत्याओं और पंचायती नुमाइंदों पर लॉकडाउन के दौरान हुए हमले की चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री के पास चुने हुए पंचों, सरपंचों और समिति सदस्यों की सुरक्षा की गुहार लगाई है। 

      उन्होने कहा कि राज्य की खोखली राज्य व्यवस्था के मद्देनजर इन चुने हुए नुमाइंदों की चिंता जायज है। जिस के लिए मुख्य मंत्री को राज्य की कानून व्यवस्था सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिएं, क्योंकि गृह मंत्री की जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री के पास है।

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH – 22.05.2020

Ten persons arrested under section 188 IPC for not wearing face mask.

Ten different cases U/S 188 IPC have been registered against ten persons who were arrested while roaming outside without wearing a face mask and disobeying the orders of DM, UT, Chandigarh. Later they were released on bail. The detail of police Stations in which cases U/S 188 IPC got registered on 21.05.2020 is :- PS-IT park =01 case, PS-31 = 02, PS-34 =02, PS-49=01, PS-39=02 & PS-Maloya =02 cases.

Theft

Rampal Rathore R/o Village Fatehpur Sialba, Distt. Mohali, PB, reported that unknown person stole away complainant’s cash Rs. 15115/- from cash box of Post Office, Sector-11, Chandigarh on the night intervening 20/21-05.2020. A case FIR No. 87, U/S 380, 457 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

One arrested under NDPS Act

Chandigarh Police arrested a lady resident of Sector 38, Chandigarh near petrol pump, Sector 39/D, Chandigarh and recovered 22 injections of Bupernorphine and Pheniramine Maleate from her possession on 21.05.2020. A case FIR No. 177, U/S 22 NDPS Act has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Salim Ansari is a habitual drug smuggler arrested

Chandigarh Police achieved a major success by arresting a person namely Salim Ansari age 36 y s/o Wazir Mohammad r/o house no.1367 Mori Gate Mani Majra involved in NDPS act.

Brief facts of the case FIR no. 83 dated 21.5.2020 u/s 22 NDPS act PS Mani Majra are that today i.e. 21.05.2020, Asi Varinder Singh along with police party under the close supervision of Insp. Jaswinder kaur, SHO Mani Majra Chd, was on naka duty near Bsnl turn, MHC Mani Majra Chandigarh. At about 11.30 am, they saw that 01 person is coming from kalagram light point carrying a red colour bag on his back towards naka point after seeing the police party at naka point  accused immediately moved back. On this they apprehended that person on the basis of doubt, on interrogation, person is identified as Salim Ansari s/o lt sh Wazir Mohammad r/o h.no.1367 Mori gate Mani Majra age 36 years. During his sudden checking 1600 capsules of tramadol hydrochloride, dicyclomine, hydrochloride and chlorpheniramine maleare probhited drugs  recovered from his possessed bag. the accused salim ansari failed to show any licence or permit to keep the above mentioned capsules in his possession. during course of investigation accused person has been arrested and recovered prohibited drug capsule 1600 were taken into police possession through sealed parcels. further investigation is going on. besides this, accused Salim Ansari is a habitual drug smuggler who was earlier booked in case FIR no. 65 dated 02.03.2016 u/s 22 NDPS act ps Mani Majra, Chandigarh with 240 prohibited drug capsule, which is still under trial in district court, Chandigarh. accused Salim Ansari will be produced in the duty magistrate in due course.

During interrogation it came in light that accused Salim Ansari purchased the probhited   drugs from (Chemist shop owner) in Saharanpur and accused randomly sale these drugs at mobile  locations and earned Rs.1,000/- for 01 trip and besides it he is electrician and earns 10 to 15 thousand Rs. per month. Further interrogation is going on.

सेंट जेवियर्स स्कूल, पेरेंट्स सड़कों पर, ज़बरदस्त प्रोटेस्ट

राकेश शाह, चंडीगढ़, 22 मई :

यूटी एजुकेशन डिपार्टमेंट के आदेश के बाद पेरेंट्स ने स्कूल के मेन गेट के बाहर एकत्र होकर प्रोटेस्ट करना शुरू कर दिया जानकारी के अनुसार एजुकेशन डिपार्टमेंट ने पेरेंट्स को यह फरमान सुनाया है कि उन्हें अप्रैल और मई की फीस एक साथ 31 मई तक जमा करवानी होगी। इसके बाद सेंट जेवियर्स स्कूल सेक्टर-44 ने पेरेंट्स से फीस जमा करवाने के लिए कहा। इस फैसले के खिलाफ शुक्रवार को पेरेंट्स ने स्कूल के मेन गेट के बाहर एकत्र होकर प्रोटेस्ट करना शुरू कर दिया। पेरेंट्स का कहना था कि लॉकडाउन के बाद से लेकर अब तक उन्हें सैलरी नहीं मिली है। वहीं, कुछ पेरेंट्स का यह कहना था कि उनके बिजनेस में काफी नुकसान हुआ है।ऐसे में वे दो महीने की फीस कहां से जमा करवाएंगे। पेरेंट्स का कहना है कि ऑनलाइन क्लास के नाम पर सिर्फ वर्कशीट भेजी जा है और बच्चों को खुद ही उसे साॅल्व करने के लिए कहा गया है। ऐसे में ऑनलाइन क्लास सिर्फ नाम की रह गई है। ऐसे में स्टूडेंट्स काे इससे कोई फायदा नहीं मिल रहा। जब ऑनलाइन क्लास ही नहीं हुई, तो फीस जमा क्यों करवाएं।

स्कूल प्रबंधन की ओर से कंट्रोल रूम में कॉल कर पुलिस बुलाई गई। पेरेंट्स को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला। परेंट्स सुबह 10 बजे स्कूल पहुंचे और अब तक प्रोटेस्ट जारी है।

पेयजल आपूर्ति के कारण कालोनी वासियों ने किया प्रदर्शन

कोशिक खान, छछरौली:

  काजल माजरा कॉलोनी में पिछले 4 दिनों से पेयजल आपूर्ति ठप होने से नाराज कॉलोनी वासियों ने पब्लिक हेल्थ व जिला प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट कर नारेबाजी की। कॉलोनी वासियों का आरोप है कि इस भयंकर गर्मी में कॉलोनी के 30 घर पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं। जबकि पब्लिक हेल्थ के एसडीओ से समस्या की गुहार लगा चुके हैं। उसके बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा।

कॉलोनी वासी राजेश राठी, दीपक शर्मा, स्वर्ण सिंह, गुरजंट सिंह, छज्जा सिंह, कुलवंत सिंह, नीलकंठ शर्मा, राममेहर, विद्या, द्रोपदी, बिट्टू, ममतेश, करण सिंह, मीनू शर्मा, विनोद कुमार, सुरेंद्र राठी व जगदीश सिंह का कहना है कि छछरौली की काजल माजरा कॉलोनी में 30 परिवार रहते हैं। इसके साथ कॉलोनी के साथ ही गवर्नमेंट कॉलेज व महिला आईटीआई भी है। कॉलोनी में पिछले 4 दिनों से पानी की सप्लाई नहीं आ रही है। जिसकी वजह से कॉलोनी वासियों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है। उनका कहना है कि एक तो इस समय भयंकर गर्मी व लू चल रही है। जिसमें पानी की खपत ज्यादा होती है और इन हालातों में भी कॉलोनी वासी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। उनका कहना है कि छछरौली के गनोली गेट पर जो सरकारी ट्यूबवेल लगा है। उससे गनोली गेट माजरी और काजल माजरा कॉलोनी की सप्लाई होती है। ट्यूबवेल ऑपरेटर ट्यूबवेल तो चलाता है पर पानी की सप्लाई गनोली गेट माजरी की तरफ ही देता है। कॉलोनी वासियों का कहना है कि काजल माजरा कॉलोनी में जाने वाली पेयजल की सप्लाई को बंद रखता है। उनका कहना है कि 24 घंटे में सिर्फ 1 घंटे तक बड़ी मुश्किल से खानापूर्ति करने के लिए काजल माजरा कॉलोनी की सप्लाई दी जाती है। जबकि शेड्यूल और टाइमिंग के हिसाब से तीनो टाइम पानी की सप्लाई कॉलोनी में आनी चाहिए। कॉलोनी वासियों का कहना है कि पेयजल की सप्लाई ना होने से परेशान कॉलोनी वासी पब्लिक हेल्थ एसडीओ से भी मिले थे और अपनी परेशानी उनके सामने रखी थी। उन्होंने आश्वासन दिया था कि आपकी समस्या का समाधान कराया जाएगा और तय शेड्यूल के हिसाब से ही पानी की सप्लाई दी जाएगी।

एसडीओ द्वारा दिए गए आश्वासन को भी 2 दिन बीत चुके हैं। उसके बावजूद भी पानी की सप्लाई कॉलोनी में नहीं दी जा रही। जिसकी वजह से कॉलोनी वासी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। तय शेड्यूल के हिसाब से पानी की सप्लाई शुरू कराई जाएगी,,, एसडीओ पब्लिक हेल्थ पब्लिक हेल्थ एसडीओ छछरौली प्रमोद गुप्ता का कहना है कि पानी की सप्लाई की समस्या को लेकर कॉलोनी वासी उनसे मिले थे। कॉलोनी में पानी सप्लाई तय शेड्यूल के हिसाब से शुरू करवा दी गई है। जिसमें तीनों टाइम कॉलोनी वासियों को टाइमिंग के हिसाब से पानी की सप्लाई दी जाएगी। 

‘सती सावित्री’ के पतिव्रत की देन है वट सावित्री व्रत

बरगद का पेड़ चिरायु होता है। अतः इसे दीर्घायु का प्रतीक मानकर परिवार के लिए इसकी पूजा की जाती है। हालांकि लॉकडाउन की वजह से महिलाएं इस बार पारंपरिक तरीके से बरगद के पेड़ के नीचे पूजा नहीं कर पाएंगी। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन ही माता सावित्री ने अपने दृढ़ संकल्प और श्रद्घा से यमराज द्वारा अपने मृत पति सत्यवान के प्राण वापस पाए थे। अतः इस व्रत का महिलाओं के बीच विशेष महत्व बताया जाता है। महिलाएं भी इसी संकल्प के साथ अपने पति की आयु और प्राण रक्षा के लिए व्रत रखकर पूरे विधि विधान से पूजा करती हैं। इस दिन वट (बड़, बरगद) का पूजन होता है। इस व्रत को स्त्रियां अखंड सौभाग्यवती रहने की मंगलकामना से करती हैं।

धर्म/संस्कृति, चंडीगढ़ – 22 मई:

वट सावित्री व्रत एक ऐसा व्रत जिसमें हिंदू धर्म में आस्था रखने वाली स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र और संतान प्राप्ति की कामना करती हैं। उत्तर भारत में तो यह व्रत काफी लोकप्रिय है। इस व्रत की तिथि को लेकर पौराणिक ग्रंथों में भी भिन्न-भिन्न मत मिलते है। दरअसल इस व्रत को ज्येष्ठ माह की अमावस्या और इसी मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। एक और जहां निर्णयामृत के अनुसार वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को किया जाता है तो वहीं स्कंद पुराण एवं भविष्योत्तर पुराण इसे ज्येषठ पूर्णिमा पर करने का निर्देश देते हैं। वट सावित्री पूर्णिमा व्रत दक्षिण भारत में किया जाता है, वहीं वट सावित्री अमावस्या व्रत उत्तर भारत में विशेष रूप से किया जाता है। आइये जानते हैं क्या है वट सावित्रि व्रत की कथा और क्या है इस पर्व का महत्व?

वट सावित्रि व्रत कथा

वट सावित्रि व्रत की यह कथा सत्यवान-सावित्रि के नाम से उत्तर भारत में विशेष रूप से प्रचलित हैं। कथा के अनुसार एक समय की बात है कि मद्रदेश में अश्वपति नाम के धर्मात्मा राजा का राज था। उनकी कोई भी संतान नहीं थी। राजा ने संतान हेतु यज्ञ करवाया। कुछ समय बाद उन्हें एक कन्या की प्राप्ति हुई जिसका नाम उन्होंने सावित्री रखा। विवाह योग्य होने पर सावित्री के लिए द्युमत्सेन के पुत्र सत्यवान को पतिरूप में वरण किया। सत्यवान वैसे तो राजा का पुत्र था लेकिन उनका राज-पाट छिन गया था और अब वह बहुत ही द्ररिद्रता का जीवन जी रहे थे। उसके माता-पिता की भी आंखो की रोशनी चली गई थी। सत्यवान जंगल से लकड़ियां काटकर लाता और उन्हें बेचकर जैसे-तैसे अपना गुजारा कर रहा था। जब सावित्रि और सत्यवान के विवाह की बात चली तो नारद मुनि ने सावित्रि के पिता राजा अश्वपति को बताया कि सत्यवान अल्पायु हैं और विवाह के एक वर्ष बाद ही उनकी मृत्यु हो जाएगी| हालांकि राजा अश्वपति सत्यवान की गरीबी को देखकर पहले ही चिंतित थे और सावित्रि को समझाने की कोशिश में लगे थे। नारद की बात ने उन्हें और चिंता में डाल दिया लेकिन सावित्रि ने एक न सुनी और अपने निर्णय पर अडिग रही| अंततः सावित्री और सत्यवान का विवाह हो गया। सावित्री सास-ससुर और पति की सेवा में लगी रही। नारद मुनि ने सत्यवान की मृत्यु का जो दिन बताया था, उसी दिन सावित्री भी सत्यवान के साथ वन को चली गई। वन में सत्यवान लकड़ी काटने के लिए जैसे ही पेड़ पर चढ़ने लगा, उसके सिर में असहनीय पीड़ा होने लगी और वह सावित्री की गोद में सिर रखकर लेट गया। कुछ देर बाद उनके समक्ष अनेक दूतों के साथ स्वयं यमराज खड़े हुए थे। जब यमराज सत्यवान के जीवात्मा को लेकर दक्षिण दिशा की ओर चलने लगे, पतिव्रता सावित्री भी उनके पीछे चलने लगी। 

आगे जाकर यमराज ने सावित्री से कहा, ‘हे पतिव्रता नारी! जहां तक मनुष्य साथ दे सकता है, तुमने अपने पति का साथ दे दिया। अब तुम लौट जाओ।’ इस पर सावित्री ने कहा, ‘जहां तक मेरे पति जाएंगे, वहां तक मुझे जाना चाहिए। यही सनातन सत्य है।’ यमराज सावित्री की वाणी सुनकर प्रसन्न हुए और उसे वर मांगने को कहा। सावित्री ने कहा, ‘मेरे सास-ससुर अंधे हैं, उन्हें नेत्र-ज्योति दें|’ यमराज ने ‘तथास्तु’ कहकर उसे लौट जाने को कहा और आगे बढ़ने लगे। किंतु सावित्री यम के पीछे ही चलती रही। यमराज ने प्रसन्न होकर पुन: वर मांगने को कहा,सावित्री ने वर मांगा, ‘मेरे ससुर का खोया हुआ राज्य उन्हें वापस मिल जाए।’ यमराज ने ‘तथास्तु’ कहकर पुनः उसे लौट जाने को कहा, परंतु सावित्री अपनी बात पर अटल रही और वापस नहीं गयी। सावित्री की पति भक्ति देखकर यमराज पिघल गए और उन्होंने सावित्री से एक और वर मांगने के लिए कहा, तब सावित्री ने वर मांगा, ‘मैं सत्यवान के सौ पुत्रों की मां बनना चाहती हूं। कृपा कर आप मुझे यह वरदान दें।’ सावित्री की पति-भक्ति से प्रसन्न हो इस अंतिम वरदान को देते हुए यमराज ने सत्यवान की जीवात्मा को पाश से मुक्त कर दिया और अदृश्य हो गए। सावित्री जब उसी वट वृक्ष के पास आई तो उसने पाया कि वट वृक्ष के नीचे पड़े सत्यवान के मृत शरीर में जीव का संचार हो रहा है। कुछ देर में सत्यवान उठकर बैठ गया। उधर सत्यवान के माता-पिता की आंखें भी ठीक हो गईं और उनका खोया हुआ राज्य भी वापस मिल गया।

क्या है वट सावित्रि व्रत का महत्व

जैसा कि इसकी कथा से ही ज्ञात होता है कि यह पर्व हर परिस्थिति में अपने जीवनसाथी का साथ देने का संदेश देता है। इससे ज्ञात होता है कि पतिव्रता स्त्री में इतनी ताकत होती है कि वह यमराज से भी अपने पति के प्राण वापस ला सकती है। वहीं सास-ससुर की सेवा और पत्नी धर्म की सीख भी इस पर्व से मिलती है। मान्यता है कि इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु, स्वास्थ्य और उन्नति और संतान प्राप्ति के लिये यह व्रत रखती हैं।

वट सावित्रि व्रत पूजा विधि

वट सावित्रि व्रत में वट यानि बरगद के वृक्ष के साथ-साथ सत्यवान-सावित्रि और यमराज की पूजा की जाती है। माना जाता है कि वटवृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देव वास करते हैं। अतः वट वृक्ष के समक्ष बैठकर पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन स्त्रियों को प्रातःकाल उठकर स्नान करना चाहिये। इसके बाद रेत से भरी एक बांस की टोकरी लें और उसमें ब्रहमदेव की मूर्ति के साथ सावित्री की मूर्ति स्थापित करें। इसी प्रकार दूसरी टोकरी में सत्यवान और सावित्री की मूर्तियाँ स्थापित करे। दोनों टोकरियों को वट के वृक्ष के नीचे रखे और ब्रहमदेव और सावित्री की मूर्तियों की पूजा करें। तत्पश्चात सत्यवान और सावित्री की मूर्तियों की पूजा करे और वट वृक्ष को जल दे। वट-वृक्ष की पूजा हेतु जल, फूल, रोली-मौली, कच्चा सूत, भीगा चना, गुड़ इत्यादि चढ़ाएं और जलाभिषेक करे। वट वृक्ष के तने के चारों ओर कच्चा धागा लपेट कर तीन बार परिक्रमा करे। इसके बाद स्त्रियों को वट सावित्री व्रत की कथा सुननी चाहिए। कथा सुनने के बाद भीगे हुए चने का बायना निकाले और उसपर कुछ रूपए रखकर अपनी सास को दे| जो स्त्रियाँ अपनी साँसों से दूर रहती है, वे बायना उन्हें भेज दे और उनका आशीर्वाद ले। पूजा समापन के पश्चात ब्राह्मणों को वस्त्र तथा फल आदि दान करें।

2020 में वट सावित्रि व्रत तिथि और मुहूर्त 

वर्ष 2020 में वट सावित्री व्रत 22 मई (अमावस्या) को रखा जायेगा।

वट सावित्रि अमावस्या तिथि – 22 मई 2020, शुक्रवार।

अमावस्या तिथि प्रारम्भ – मई 21, 2020 को रात्रि 09:35 बजे से
अमावस्या तिथि समाप्त – मई 22, 2020 को रात्रि 11:08 बजे तक